वैधुतरसायन
प्रश्न 1: ‘सीमांत मोलर चालकता’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
सीमांत मोलर चालकता (Λm) वह मोलर चालकता है जो एक विलयन की असीम पतलापन (infinite dilution) पर होती है और इसे प्रतीक Λm द्वारा दर्शाया जाता है।
प्रश्न 2: उत्प्रेरक का क्या प्रभाव पड़ता है:
(i) गिब्स ऊर्जा (ΔG) पर और
(ii) अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा पर?
उत्तर:
(i) गिब्स ऊर्जा (ΔG) पर उत्प्रेरक का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
(ii) उत्प्रेरक सक्रियण ऊर्जा को कम करके एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है जिससे अभिक्रिया की गति बढ़ जाती है।
प्रश्न 3: उत्प्रेरक जोड़ने पर क्या प्रभाव पड़ता है:
(a) सक्रियण ऊर्जा (Ea) पर, और
(b) अभिक्रिया की गिब्स ऊर्जा (ΔG) पर?
उत्तर:
(a) अभिक्रिया में उत्प्रेरक जोड़ने पर सक्रियण ऊर्जा घट जाती है और अभिक्रिया की गति बढ़ जाती है।
(b) उत्प्रेरक अभिक्रिया की गिब्स ऊर्जा (ΔG) को नहीं बदलता।
प्रश्न 4: सेल स्थिरांक, सेल में विलयन के प्रतिरोध और विलयन की चालकता के बीच संबंध को व्यक्त करें। मोलर चालकता के साथ विलयन की चालकता का क्या संबंध है?
उत्तर:
\(\frac{1}{R}\) = चालकता (Conductance, C)×सेल स्थिरांक (Cell constant)
मोलर चालकता (Λm):
Λm = \(\frac{K × 1000}{c}\)
प्रश्न 5: धातुओं के मानक इलेक्ट्रोड विभव (E°) निम्नलिखित दिए गए हैं:
इन धातुओं को उनके घटाने वाली शक्ति के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर:
धातुओं के मानक इलेक्ट्रोड विभव का मान जितना अधिक नकारात्मक होता है, घटाने वाली शक्ति उतनी ही अधिक होती है।
प्रश्न 6: एक वैद्युतरसायन सेल की दो अर्ध-प्रतिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं:
दोनों अर्ध-प्रतिक्रियाओं से रेडॉक्स प्रतिक्रिया समीकरण बनाएं और मानक विभवों से सेल विभव की गणना करें और जांचें कि प्रतिक्रिया अभिकारक या उत्पाद के पक्ष में है।
उत्तर:
प्रश्न 7: लोहे के संक्षारण (corrosion) की रसायन विज्ञान मूलतः एक वैद्युतरासायनिक घटना है। वातावरण में लोहे के संक्षारण के दौरान होने वाली प्रतिक्रियाओं को समझाइए।
उत्तर:
संक्षारण की प्रक्रिया को वैद्युतरासायनिक सिद्धांत के आधार पर समझाया जाता है। लोहे के जंग लगने (rusting) के उदाहरण को लेकर, हम लोहे की सतह पर छोटे-छोटे वैद्युतरासायनिक कोशिकाओं के गठन को संदर्भित करते हैं। रेडॉक्स अभिक्रिया में शामिल होते हैं:
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