भारतजनताऽहम्
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अभ्यासः
प्रश्न 2.
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-(प्रश्नों का उत्तर एक पद में लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) कुटुम्बम् (परिवार)
(ख) मैत्री (मित्रता)
(ग) कुलिशात् (वज्र से)
(घ) संसारम् (संसार)
प्रश्न 3.
प्रश्नानाम् उत्तराणि पूर्णवाक्येन लिखत-(प्रश्नों का उत्तर पूर्ण वाक्य में लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) भारतजनताऽहम् अध्यात्मसुधा-तटिनी-स्नानैः परिपूता अस्ति।
(ख) समं जगत् गीतैः, नृत्यैः काव्यैश्च मुग्धमस्ति।
(ग) अहं प्रेयः श्रेयश्च उभयं चिनोमि।
(घ) अहं विश्वस्मिन् जगति सदा दृश्ये।
(ङ) समं जगत् गीतैः नृत्यैः काव्यैश्च मुग्धम् अस्ति।
Hindi Translate
(क) भारत की जनता आध्यात्मिक अमृत की धारा में स्नान करके पवित्र हो चुकी है।
(ख) समस्त संसार गीत, नृत्य और काव्य से मोहित है।
(ग) मैं प्रिय और श्रेष्ठ दोनों को चुनता हूँ।
(घ) मैं इस संसार में हमेशा दिखता हूँ।
(ङ) समस्त संसार गीत, नृत्य और काव्य से मोहित है।
प्रश्न 4.
सन्धिविच्छेदं पूरयत-(सन्धि विच्छेद पूरा कीजिए)
उत्तरम्:
(ख) कुसुमात् + अपि
(ग) उभयम्
(घ) नृत्यैः
(ङ) अस्ति
(च) आसक्ता
प्रश्न 5.
विशेषण-विशेष्य पदानि मेलयत-(विशेषण-विशेष्य पदों को मिलाइए-)
उत्तरम्:
प्रश्न 6.
समानार्थकानि पदानि मेलयत-(समान अर्थ वाले पदों को मिलाइए-)
उत्तरम्:
प्रश्न 7.
उचितकथानां समक्षम् (आम्) अनुचितकथनानां समक्षं च (न) इति लिखत-(उचित कथन के सामने ‘आम्’ और अनुचित कथन के सामने ‘न’ लिखिए)
उत्तरम्:
(क) आम्
(ख) आम्
(ग) न
(घ) न
(ङ) आम्
अतिरिक्त-अभ्यासः
प्रश्न 1.
निम्न श्लोकं पठित्वा तदाधारितान् प्रश्नान् उत्तरत- (निम्नलिखित श्लोक को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-)
(क) निवसामि समस्ते संसारे, मन्ये च कुटुम्बं वसुन्धराम्।। (निवास करता हूँ सम्पूर्ण संसार में और सम्पूर्ण धरती को परिवार मानता हूँ।)
प्रेयः श्रेयः च चिनोम्युभ्यं, सुविवेका भारतजनताऽहम्॥ (प्रिय और श्रेष्ठ दोनों को मैं विवेकपूर्वक चुनता हूँ, क्योंकि मैं भारत की जनता हूँ।)
I. एकपदेन उत्तरत-(एक में उत्तर दीजिए)
(i) भारतस्य जगता कुत्र निवसति? (भारत की जनता कहाँ निवास करती है?)
(ii) भारतजनता कीदृशी अस्ति? (भारत की जनता कैसी है?)
उत्तरम्:
(i) संसारे
(ii) सुकुमारा। (विवेकशील)
II. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(i) भारतस्य जनता कां कुटुम्ब मन्यते?
(ii) सा किं चिनोति?
उत्तरम्:
(i) भारतस्य जनता वसुन्धराम् कुटुम्ब मन्यते।
(ii) सा प्रेयः श्रेयः च उभयं चिनोति।
Hindi Translate
(i) भारत की जनता किसे परिवार मानती है?
उत्तर: भारत की जनता सम्पूर्ण धरती को परिवार मानती है।
(ii) वह क्या चुनती है?
उत्तर: वह प्रिय और श्रेष्ठ दोनों को चुनती है।
III. भाषिक कार्यम्-(भाषा-सम्बन्धी कार्य-)
(i) श्लोके ‘निवसामि’ इति क्रियायाः कर्तृपदं किम्?
(क) भारतजनता
(ख) अहम्
(ग) भारतजनताऽहम्
(घ) सुविवेका
(ii) समस्ते संसारे’ अनयोः पद्यो: विशेष्यपदं किमस्ति?
(क) संसारे
(ख) समस्ते
(ग) समस्तः
(घ) संसारः
(iii) श्लोके ‘श्रेयः’ पदस्य कः विपर्ययः आगतः?
(क) च
(ख) कुटुम्बम्
(ग) प्रेयः
(घ) उभयम्
(iv) ‘परिवारम्/परिवारः’ इत्यस्य पदस्य कः पर्यायः श्लोके आगतो वर्तते?
(क) सुविवेको
(ख) श्रेयः
(ग) प्रेयः
(घ) कुटुम्बम्
उत्तरम्:
(i) (ख) अहम्
(ii) (क) संसारे
(iii) (ग) प्रेयः
(iv) (घ) कुटुम्बम्
Hindi Translate
(i) श्लोक में ‘निवसामि’ क्रिया का कर्ता क्या है?
उत्तर: (ख) मैं
(ii) ‘समस्ते संसारे’ इन दो शब्दों में विशेष्य क्या है?
उत्तर: (क) संसार
(iii) ‘श्रेयः’ का विपरीत शब्द क्या है?
उत्तर: (ग) प्रिय
(iv) ‘परिवार’ का श्लोक में प्रयुक्त पर्यायवाची शब्द क्या है?
उत्तर: (घ) कुटुम्ब
(ख) उत्सवप्रियाऽहं श्रमप्रिया, पदयात्रा-देशाटन-प्रिया।
लोकक्रीडासक्ता वर्धेऽतिथिदेवा, भारतजनताऽहम्॥
Hindi Translate – मैं उत्सवों की प्रेमी, श्रम की प्रेमी, पदयात्रा और देशाटन की प्रेमी हूँ।
मैं खेलों में रुचि रखने वाली हूँ और अतिथियों को देवता मानने वाली हूँ। मैं भारत की जनता हूँ।
I. एकपदेन उत्तरत- (एक पद में उत्तर दीजिए-)
(i) भारत जनता कस्याम् आसक्ता वर्तते?
(ii) सा कान् देवाः मन्यते?
उत्तरम्:
(i) लोकक्रीडायाम्
(ii) अतिथीन्
II. पूर्णवाक्येन उत्तरत-(पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(i) भारतस्य जनता केषां प्रिया अस्ति?
(ii) का लोकक्रीडायाम् आसक्ता वर्तते?
उत्तरम्:
(i) भारतस्य जनता उत्सव-श्रम-पदयात्रा-देशाटनानां प्रिया अस्ति।
(ii) भारतस्य जनता लोकक्रीडायाम् आसक्ता वर्तते।
III. भाषिक कार्यम्-(भाषा-सम्बन्धी कार्य-)
(i) ‘उत्सवप्रियाऽहं’ अत्र ‘अहम्’ पदं कस्मै आगतम्?
(क) भारताय
(ख) जनतायै
(ग) भारतजनतायै
(घ) जनेभ्यः
(ii) श्लोके ‘अप्रिया’ पदस्य कः विपर्ययः लिखितः?
(क) प्रिया
(ख) देवा
(ग) अतिथिः
(घ) वर्धे
(iii) ‘अनुरक्ता’ इत्यस्य पदस्य कः पर्याय: अत्र श्लोके आगतः?
(क) वर्धे
(ख) आसक्ता
(ग) देवा।
(घ) प्रिया
(iv) श्लोके ‘अहम्’ इत्यस्य कर्तृपदस्य क्रियापदं किम् अस्ति?
(क) वर्धे
(ख) अतिथिदेवा
(ग) प्रिया
(घ) आसक्ता
उत्तरम्:
(i) (ग) भारतजनतायै
(ii) (क) प्रिया
(iii) (ख) आसक्ता
(iv) (क) वर्धे
Hindi Translate
I. एक शब्द में उत्तर दीजिए:
(i) भारत की जनता किसमें रुचि रखती है?
उत्तर: लोकक्रीड़ाओं में (लोकक्रीडायाम्)
(ii) वह किन्हें देवता मानती है?
उत्तर: अतिथियों को (अतिथीन्)
II. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए:
(i) भारत की जनता किसकी प्रेमी है?
उत्तर: भारत की जनता उत्सव, श्रम, पदयात्रा और देशाटन की प्रेमी है।
(ii) कौन लोकक्रीड़ाओं में रुचि रखती है?
उत्तर: भारत की जनता लोकक्रीड़ाओं में रुचि रखती है।
III. भाषिक कार्य:
(i) ‘उत्सवप्रियाऽहं’ में ‘अहम्’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर: (ग) भारतजनतायै
(ii) श्लोक में ‘अप्रिया’ का विपरीत शब्द क्या है?
उत्तर: (क) प्रिया
(iii) ‘अनुरक्ता’ का पर्यायवाची शब्द क्या है?
उत्तर: (ख) आसक्ता
(iv) श्लोक में ‘अहम्’ का क्रियापद क्या है?
उत्तर: (क) वर्धे
(ग) मैत्री मे सहजा प्रकृतिरस्ति, नो दुर्बलतायाः पर्यायः।
मित्रस्य चक्षुषा संसार, पश्यन्ती भारतजनताऽहम्॥
Hindi Translate – मेरे लिए मित्रता स्वाभाविक स्वभाव है, यह दुर्बलता का पर्याय नहीं है।
मैं अपने मित्र की आँखों से संसार को देखती हूँ, क्योंकि मैं भारत की जनता हूँ।
I. एकपदेन उत्तररत-(एक पद में उत्तर दीजिए)
(i) मैत्री कस्याः सहजा प्रकृतिः अस्ति?
(ii) भारतजनतायाः दुर्बलता का नास्ति?
उत्तरम्:
(i) भारतजनतायाः
(ii) मैत्री
Hindi Translate
I. एक शब्द में उत्तर दीजिए:
(i) मित्रता किसकी स्वाभाविक प्रकृति है?
उत्तर: भारत की जनता की (भारतजनतायाः)
(ii) भारत की जनता की दुर्बलता क्या नहीं है?
उत्तर: मैत्री (मित्रता)
II. पूर्णवाक्येन उत्तरत-(पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए)
(i) का मित्रस्य चक्षुषा संसारं पश्यति?
(ii) भारतस्य जनतायाः सहजा प्रकृतिः का वर्तते?
उत्तरम्:
(i) भारतजनता मित्रस्य चक्षुषा संसारं पश्यति।
(ii) भारतस्य जनतायाः सहजा प्रकृतिः मैत्री वर्तते।
Hindi Translate
II. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए:
(i) कौन मित्र की आँखों से संसार देखती है?
उत्तर: भारत की जनता मित्र की आँखों से संसार देखती है।
(ii) भारत की जनता की स्वाभाविक प्रकृति क्या है?
उत्तर: भारत की जनता की स्वाभाविक प्रकृति मैत्री है।
III. भाषिक कार्यम्-(भाषा–कार्य)
(i) श्लोके ‘मित्रता’ पदस्य कः पर्यायः आगतः?
(क) सहजा
(ख) मे
(ग) मैत्री
(घ) प्रकृतिः
(ii) अत्र श्लोके ‘पश्यन्ती’ इत्यस्य विशेषणस्य विशेष्यः कः?
(क) भारतजनता
(ख) अहम्
(ग) भारतजनताऽहम्
(घ) चक्षुषा
(iii) ‘सबलतायाः’ इत्यस्य पदस्य कः विपर्ययः अत्र श्लाके प्रदत्तः?
(क) दुर्बलतायाः
(ख) दुर्बलता
(ग) सहजी
(घ) प्रकृतिः
(iv) श्लोके ‘अस्ति’ इत्यस्याः क्रियायाः कर्तृपदं किमस्ति?
(क) मैत्री
(ख) प्रकृतिः
(ग) में
(घ) सहजा
उत्तरम् –
(i) (ग) मैत्री
(ii) (ग) भारतजनताऽहम्
(iii) (क) दुर्बलतायाः’
(iv) (ख) प्रकृतिः
Hindi Translate
III. भाषिक कार्य:
(i) श्लोक में ‘मित्रता’ का पर्यायवाची शब्द क्या है?
उत्तर: (ग) मैत्री
(ii) श्लोक में ‘पश्यन्ती’ का विशेष्य क्या है?
उत्तर: (क) भारतजनता
(iii) ‘सबलतायाः’ का विपरीत शब्द क्या है?
उत्तर: (क) दुर्बलतायाः
(iv) श्लोक में ‘अस्ति’ का कर्तृपद क्या है?
उत्तर: (ख) प्रकृति
प्रश्न 2.
निम्न श्लोकानाम् अन्वयं लिखतं (निम्न श्लोकों के अन्वय लिखिए-)
(1) अभिमानधना विनयोपेता, शालीना भारतजनताऽहम्।
कुलिशादपि कठिना कुसुमादपि, सुकुमारा भारतजनताऽहम्॥
अन्वयः अभिमानधना (i) …………………… शालीना अहम् (ii) …………………… (अस्मि), कुलिशात् (iii) …………………… कठिना, कुसुमाद अपि (iv) …………………… अहम् भारत जनता (अस्मि )।
मञ्जूषा- सुकुमारा, विनयोपेता, भारतजनता, अपि
उत्तरम्:
(i) विनयोपेता
(ii) भारतजनता
(iii) अपि
(iv) सुकुमारा
Hindi Translation
मैं अभिमान से धन्य, विनय में समर्पित, शालीन भारत की जनता हूँ।
कुलिश से भी कठोर, कुसुम से भी कोमल, सुकुमारी भारत की जनता हूँ।
अन्वय:
अभिमानधना (i) विनयोपेता (शालीना) अहम् (ii) भारतजनता, कुलिशात् (iii) अपि कठिना, कुसुमाद अपि (iv) सुकुमारा अहम् भारत जनता (अस्मि)।
(2) निवसामि समस्ते संसारे, मन्ये च कुटुम्बं वसुन्धराम्।
प्रेयः श्रेयः च चिगोम्युभ्यं, सुविवेका भारतजनताऽहम्॥ अन्वयः समस्ते (i) …………………… निवा सामि, वसुन्धराम् च (ii) …………………… मन्ये। श्रेयः प्रेयः च (iii) …………………… चिनोमि अहं (iv) …………………… भारतजनता (अस्मि )।
मजूषा- कुटुम्बम्, सुविवेका, संसारे, उभयं
उत्तरम्:
(i) संसारे
(ii) कुटुम्बम्
(iii) उभयं
(iv) सुविवेका
Hindi Translation
मैं संपूर्ण संसार में निवास करता हूँ, और इसे अपना कुटुम्ब मानता हूँ।
प्रेम और कल्याण का चयन करता हूँ, विवेकशील भारत की जनता हूँ।
अन्वय:
समस्ते (i) संसारे निवासामि, वसुन्धराम् च (ii) कुटुम्बं मन्ये। श्रेयः प्रेयः च (iii) उभयं चिनोमि अहं (iv) सुविवेका भारत जनता (अस्मि)।
(3) विज्ञानधनाऽहं ज्ञानधना, साहित्यकला-सङ्गीतपरा।
अध्यात्मसुधातटिनी-स्नानैः, परिपूता भारतजनताऽहम्॥
अन्वयः अहं (i) …………………… ज्ञानधना (अस्मि) (अहं) साहित्य कला (ii) …………………… (चास्मि), अध्यात्मसुधा (iii)……………………
स्नानैः अहम् भारत जनता (iv) …………………… (अस्मि )।
मञ्जूषा- तटिनी, विज्ञानधना, परिपूता, सङ्गीतपरा
उत्तरम्:
(i) विज्ञानधना
(ii) सङ्गीतपरा
(iii) तटिनी
(iv) परिपूता
Hindi Translation
मैं विज्ञान का धन, ज्ञान का धन हूँ, साहित्य, कला और संगीत में पारंगत हूँ।
आध्यात्मिक अमृत की धाराओं से स्नान करता हूँ, परिपूर्ण भारत की जनता हूँ।
अन्वय:
अहम् (i) विज्ञानधना (अस्मि) (अहम्) साहित्य कला (ii) सङ्गीतपरा (चास्मि), अध्यात्मसुधा (iii) तटिनी स्नानैः अहम् भारत जनता (iv) परिपूता (अस्मि)।
(4) मम गीतैर्मुग्धं समं जगत्, मम नृत्यैर्मुग्धं समं जगत्।
मम काव्यैर्मुग्धं समं जगत्, रसभरिता भारतजनताऽहम्॥
अन्वयः मम गीतै: (i) …………………… जगत् मुग्धम् (अस्ति), मम (ii) …………………… समं जगत् मुग्धम् (वर्तते )। मम काव्यैः समं (iii) …………………… मुग्धम् (अस्ति), अहं (i……………………••• भारत जनता (अस्मि )।।
मञ्जूषा- जगत्, रसभरिता, नृत्यैः, समम् ।
उत्तरम्:
(i) समम्
(ii) नृत्यैः
(ii) जगत्
(iv) रसभरिता
Hindi Translation
मेरे गीतों से जगत मोहित है,
मेरे नृत्य से जगत आनंदित है।
मेरी कविताओं से जगत सम्मोहित है, रस से भरी भारत की जनता हूँ।
अन्वय:
मम गीतैः (i) समम् जगत् मुग्धम् (अस्ति), मम (ii) नृत्यैः समं जगत् मुग्धम् (वर्तते)। मम काव्यैः समं (iii) जगत् मुग्धम् (अस्ति), अहम् (iv) रसभरिता भारत जनता (अस्मि)।
(5) उत्सवप्रियाऽहं श्रमप्रिया, पदयात्रा-देशाटन-प्रिया।
लोकक्रीडासक्ता वर्धेऽतिथिदेवा, भारतजनताऽहम्॥
अन्वयः अहम् (i) …………………… श्रमप्रिया पदयात्रा (ii) …………………… प्रिया (चास्मि )। अहम् । लोक क्रीडा (iii) …………………… अतिथि देवा वर्धे (iv) …………………… (अस्मि)।
मजूषा- आसक्ता, उत्सवप्रिया, भारतजनता, देशाटन
उत्तरम्:
(i) उत्सवप्रिया
(ii) देशाटन
(iii) आसक्ता
(iv) भारतजनता
Hindi Translation
मैं उत्सवप्रिय, श्रमप्रिय, पदयात्रा और देशाटन की प्रिय हूँ।
लोक खेलों में आसक्त, अतिथि देवता का स्वागत करती हूँ, भारत की जनता हूँ।
अन्वय:
अहम् (i) उत्सवप्रिया श्रमप्रिय पदयात्रा (ii) देशाटन प्रिया (चास्मि)। अहम् लोक क्रीडा (iii) आसक्ता अतिथि देवां वर्धे (iv) भारत जनता (अस्मि)।
(6) मैत्री मे सहजा प्रकृतिरस्ति, नो दुर्बलतायाः पर्यायः।
मित्रस्य चक्षुषा संसारं, पश्यन्ती भारतजनताऽहम्॥
अन्वयः मैत्री मे (i) …………………… प्रकृतिः अस्ति (इयं) (ii) …………………… नः पर्यायः (नास्ति)। अहं संसार (iii)…………………… चक्षुषा (iv) …………………… भारतजनता (अस्मि)।।
मञ्जूषा- मित्रस्य, पश्यन्ती, सहजा, दुर्बलतायाः
उत्तरम्:
(i) सहजा
(ii) दुर्बलतायाः
(iii) मित्रस्य
(iv) पश्यन्ती
Hindi Translation
मित्रता मेरी स्वाभाविक प्रकृति है, न कोई दुर्बलता का पर्याय।
मित्र की दृष्टि से संसार को देखती हूँ, भारत की जनता हूँ।
अन्वय:
मैत्री मे (i) सहजा प्रकृतिः अस्ति (इयं) (ii) दुर्बलतायाः नः पर्यायः (नास्ति)। अहम् संसार (iii) मित्रस्य चक्षुषा (iv) पश्यन्ती भारत जनता (अस्मि)।
(7) विश्वस्मिन् जगति गताहमस्मि, विश्वस्मिन् जगति सदा दृश्ते।
विश्वस्मिन् जगाति करोमि कर्म, कर्मण्या भारतजनताऽहम्॥
अन्वयः अहम् (i) …………………… जगति गता अस्मि, (अहम्) सदा विश्वस्मिन् (ii) …………………… दृश्ये। (अहम्) विश्वस्मिन् जगति (iii) …………………… करोमि, अहम् (iv) …………………… भारतजनता (अस्मि )
मञ्जूषा- कर्म, विश्वस्मिन्, कर्मण्या, जगति
उत्तरम्:
(i) विश्वस्मिन्
(ii) जगति
(iii) कर्म
(iv) कर्मण्या
Hindi Translation
मैं इस विश्व में हूँ, मैं इस विश्व में सदा दृष्टित हूँ।
मैं इस विश्व में कर्म करता हूँ, कर्मण्य भारत की जनता हूँ।
अन्वय:
अहम् (i) विश्वस्मिन् जगति गता अस्मि, (अहम्) सदा विश्वस्मिन् (ii) जगति दृश्ये। (अहम्) विश्वस्मिन् जगति (iii) कर्म करोमि, अहम् (iv) कर्मण्य भारत जनता (अस्मि)।
प्रश्न 3.
निम्न श्लोकानां मञ्जूषायाः पदानां सहायतया भावं सम्पूरयत-(निम्न श्लोकों की मंजूषा की सहायता से भाव-पूर्ति कीजिए)
(1) अभिमानधना विनयोपेता, शालीना भारतजनताऽहम्।
कुलिशादपि कठिना कुसुमादपि, सुकुमारा भारतजनताऽहम्॥
भावार्थः भारतीय जनता सदैव स्वाभिमान रूप धनेन युक्ता (i) …………………… पूर्णा, श्रेष्ठ (ii) …………………… युक्ता भवित। सा सदैव दुष्टेभ्यः वज्रादपि (iii) …………………… पुष्पेभ्य:अपि (iv) …………………… वर्तते। अतः सः सज्जनान् रक्षति दुष्टेभ्यश्च दण्डयति अपि।
मञ्जूषा- कठोरा, गुणेभ्यः, सुकोमला, विनम्रतया
उत्तरम्:
(i) विनम्रतया
(ii) गुणेभ्यः,
(iii) कठोरा
(iv) सुकोमला।
Hindi Translation
“मैं भारतीय जनता हूँ, जो अभिमान से युक्त, विनम्रता में पवित्र और शालीन है।
कुलिश (बज्र) से भी कठोर और पुष्प (फूल) से भी सुकोमल।”
भावार्थ:
भारतीय जनता सदैव स्वाभिमान रूप धन से युक्त होती है।
यह पूर्ण और श्रेष्ठ गुणों से युक्त होती है।
यह सदैव दुष्टों से वज्र से भी कठोर और पुष्पों से भी सुकोमल रहती है।
अतः यह सज्जनों की रक्षा करती है और दुष्टों को दंड देती है।
उत्तर:
(i) विनम्रता में
(ii) गुणों से
(iii) कठोर
(iv) सुकोमल
(2) निवसामि समस्ते संसारे, मन्ये च कुटुम्बं वसुन्धराम्।
प्रेयः श्रेयः च चिगोम्युभ्यं, सुविवेका भारतजनताऽहम्॥
भावार्थ : भारतस्य जनाः (i) …………………… संसारे सम्पूर्णी धरां (ii)…………………… मत्वा निवसन्ति। ते भौतिकं कल्याण करम् (iii) …………………… च उभयंपथं चिन्वन्ति। अनेन प्रकारेण भारतस्य (iv) ……………………दैव बुद्धिशालिनी तिष्ठति।।
मञ्जूषा- स्वपरिवार, सम्पूर्णे, प्रजा, आध्यात्मिकं
उत्तरम्:
(i) सम्पूर्णे
(ii) स्वपरिवार
(iii) आध्यात्मिकं
(iv) प्रजा
Hindi Translation
“मैं संपूर्ण संसार में निवास करता हूँ और इसे अपना कुटुम्ब मानता हूँ।
प्रेय और श्रेय (कल्याण) दोनों का चुनाव करता हूँ, मैं भारतीय जनता हूँ।”
भावार्थ:
भारत के लोग संपूर्ण संसार को सम्पूर्ण परिवार मानकर निवास करते हैं।
वे भौतिक कल्याण और आध्यात्मिक कल्याण दोनों का चुनाव करते हैं।
इस प्रकार भारत की जनता बुद्धिमानी और विवेक के साथ विद्यमान रहती है।
उत्तर:
(i) सम्पूर्ण
(ii) स्वपरिवार
(iii) आध्यात्मिक
(iv) प्रजा
प्रश्न 4.
श्लोकानां ‘क’ भागस्य ‘ख’ भागेन सह मेलनं कुरुत-(श्लोकों का ‘क’ भाग के साथ ‘ख’ भाग का मेल कीजिए-)
उत्तरम्:
(i) (ग) नो दुर्बलतायाः पर्यायः।
(ii) (घ) कर्मण्या भारतंजनताऽहम्।
(iii) (क) मम नृत्यैः मुग्धं समं जगत्।
(iv) (ख) मन्ये च कुटुम्बं वसुन्धराम्।
(v) (ज) साहित्यकला-सङ्गीतपरा।
(vi) (ङ) शालीना भारतजनताऽहम्।
(vii) (च) रसभरिता भारतजनताऽहम्।
(viii) (छ) विवेका भारत जनताऽहम्।
Hindi Translation
(i) (ग) यह दुर्बलता का पर्याय नहीं है।
(ii) (घ) कर्मण्यता में मैं भारतीय हूं।
(iii) (क) मेरे नृत्य से जगत मुग्ध है।
(iv) (ख) मैं समझती हूँ कि परिवार समृद्धि है।
(v) (ज) साहित्य कला-संगीत में परिपूर्ण है।
(vi) (ङ) मैं शालीनता में भारतीय हूँ।
(vii) (च) यह रस से भरी भारतीयता है।
(viii) (छ) विवेक से मैं भारतीय हूँ।
प्रश्न 5.
रेखाकितानां पदानां स्थानेषु प्रश्नवाचकं पदं चित्वा लिखत–(रेखांकित पदों के स्थानों पर प्रश्नवाचक पदों को चुनकर लिखिए-)
(i) अहम् भारतजनता शालीना अस्मि।
(क) का
(ख) कीदृशी
(ग) कः
(घ) कीदृशा
(ii) अहम् कुलिशात् अपि कठिना अस्मि।
(क) कस्मात्
(ख) कुतः
(ग) कीदृशात्
(घ) कस्याः
(iii) अहं समस्ते संसारे निवसामि।।
(क) कः
(ख) के
(ग) किम्
(घ) का
(iv) अहं वसुन्धरां कुटुम्बं मन्ये।
(क) का
(ख) कम्
(ग) काम्
(घ) किम्
(v) अहं श्रेयः प्रेयः च उभयं चिनोमि।
(क) किम्
(ख) कम्।
(ग) कः
(घ) का
(vi) अहम् अध्यात्म सुधा तटिनी स्नानैः परिपूता अस्मि।
(क) कः
(ख) के
(ग) कथम्
(घ) कीदृशी
(vii) मम नृत्यैः मुग्धं समं जगत्।
(क) कस्य
(ख) कस्याः
(ग) कस्मात्
(घ) कस्मै
(viii) मैत्री मे सहजा प्रकृतिः अस्ति।
(क) का
(ख) किम्
(ग) कः
(घ) काः
(ix) विश्वस्मिन् जगति अहं गतास्मि।
(क) कीदृशम्
(ख) कीदृशः
(ग) कीदृशे
(घ) कीदृशी
(x) अहं मित्रस्य चक्षुषा संसारं पश्यन्ती अस्मि।
(क) कया
(ख) का
(ग) काः
(घ) केन
उत्तरम्:
(i) (ख) कीदृशी
(ii) (क) कस्मात्
(iii) (घ) का
(iv) (ग) काम्
(v) (क) किम्
(vi) (ग) कथम्
(vii) (ख) कस्याः
(viii) (क) का
(ix) (ग) कीदृशे
(x) (घ) केन
Hindi Translation
(i) मैं भारत की शालिनी जनता हूँ।
(क) कौन
(ख) कैसी
(ग) कौन
(घ) कैसी
(ii) मैं कुलिश से भी कठोर हूँ।
(क) क्यों
(ख) क्यों
(ग) कैसी से
(घ) किसकी
(iii) मैं सम्पूर्ण संसार में निवास करती हूँ।
(क) कौन
(ख) किसके
(ग) क्या
(घ) कौन
(iv) मैं पृथ्वी को परिवार मानती हूँ।
(क) कौन
(ख) किसे
(ग) किस
(घ) क्या
(v) मैं श्रेय और प्रेय दोनों को जानती हूँ।
(क) क्या
(ख) किसे
(ग) कौन
(घ) कौन
(vi) मैं आत्मा की अमृत सरिता में स्नान करने से परिपूर्ण हूँ।
(क) कौन
(ख) किसके
(ग) कैसे
(घ) कैसी
(vii) मेरे नृत्य से जगत मुग्ध है।
(क) किसका
(ख) किसकी
(ग) क्यों
(घ) किसके
(viii) मित्रता मेरी स्वाभाविक प्रकृति है।
(क) कौन
(ख) क्या
(ग) कौन
(घ) कौन
(ix) इस विश्व में मैं चली गई हूँ।
(क) कैसी
(ख) कौन सा
(ग) किस प्रकार
(घ) कैसी
(x) मैं मित्र की आँखों से संसार देख रही हूँ।
(क) किसके द्वारा
(ख) कौन
(ग) कौन से
(घ) किसने
उत्तर:
(i) (ख) कैसी
(ii) (क) क्यों
(iii) (घ) कौन
(iv) (ग) किस
(v) (क) क्या
(vi) (ग) कैसे
(vii) (ख) किसकी
(viii) (क) कौन
(ix) (ग) किस प्रकार
(x) (घ) किसने
प्रश्न 6.
पर्याय पदानि मेलयत-(पर्यायवाची पदों को मिलाइए-)
उत्तरम्:
(i) शालीना – शालीन
(ii) परिपूता – परिपूर्ण
(iii) सहजा – सहज
(iv) प्रकृतिः – प्रकृति
(v) चक्षुषा – आंख से
(vi) मैत्री – मित्रता
(vii) देशाटनम् – यात्रा
(viii) समम् – समान
(ix) संसारे – संसार में
(x) कुटुम्बम् – परिवार
(xi) कुलिशात् – कुलिश से (कुलिश एक विशेष प्रकार का हथियार है)
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