गृहं शून्यं सुतां विना
Solutions For All Chapters Sanskrit Class 8
अभ्यासः
प्रश्न 1.
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृत भाषयां लिखत- (निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) दिष्ट्या शालिनी समागता।
(ख) राकेशस्य कार्यालये एका महत्त्वपूर्ण गोष्ठी निश्चिता।
(ग) राकेशः शालिनी चिकित्सिकां प्रति गन्तुं कथयति।
(घ) सायंकाले भ्राता कार्यालयात् आगत्य हस्तपादादिकं प्रक्षाल्य वस्त्राणि च परिवर्त्य पूजागृहं गत्वा दीप प्रज्वालयति भवानीस्तुतिं चापि करोति।
(ङ) राकेशः सृष्टेः उत्पादिन्याः शक्त्याः तिरस्कारं करोति।
(च) शालिनी भ्रातरम् कन्यायाः रक्षणो तस्याश्च पाठने दत्तचित्तं भवितुं प्रतिज्ञा कर्तुं कथयति।
(छ) यत्र नार्यः न पूज्यनते तत्र सर्वाः क्रिया: अफलाः भवन्ति
Hindi Translation
(क) सौभाग्य से शालिनी आ गई।
(ख) राकेश के कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक तय की गई है।
(ग) राकेश शालिनी से डॉक्टर के पास जाने के लिए कहता है।
(घ) शाम को भाई कार्यालय से आकर हाथ-पैर धोकर और कपड़े बदलकर पूजा घर में जाकर दीप जलाता है और भवानी की स्तुति करता है।
(ङ) राकेश सृष्टि की उत्पादक शक्ति का अपमान करता है।
(च) शालिनी भाई से कन्या की रक्षा और उसकी पढ़ाई में ध्यान देने का वचन देने के लिए कहती है।
(छ) जहाँ महिलाओं का सम्मान नहीं होता, वहाँ सभी कार्य व्यर्थ हो जाते हैं।
प्रश्न 2.
अधोलिखितपदानां संस्कृतरूपं (तत्सम रूपं) लिखत-(निम्नलिखित पदों के संस्कृत रूप (तत्सम रूप) लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) कुक्षि
(ख) सह
(ग) क्रोडम्
(घ) भ्राता
(ङ) कूपः
(च) दुग्धम्
Hindi Translation
(क) पेट
(ख) साथ
(ग) गोद
(घ) भाई
(ङ) कुआँ
(च) दूध
प्रश्न 3.
उदाहरणमनुसृत्य कोष्ठकप्रदत्तेषु पदेषु तृतीयाविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत- (उदाहरण के अनुसार कोष्ठक में दिए गए पदों के तृतीय, विभक्ति का प्रयोग कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-) ।
उत्तरम्:
(क) मात्रा – माँ द्वारा
(ख) परिश्रमेण – परिश्रम से
(ग) लेखन्या – कलम से
(घ) नेत्राभ्याम् – आँखों से
(ङ) मित्रेण – मित्र से
प्रश्न 4.
‘क’ स्तम्भे विशेषणपदं दत्तम् ‘ख’ स्तम्भे च विशेष्यपदम्। तयोर्मेलनम् कुरुत
(‘क’ स्तम्भ में विशेषण पद और ‘ख’ स्तम्भ में विशेष्य पद दिया गया है। इनका मेल कीजिए-)
उत्तरम्:
(1) (घ) मनोदशा – मानसिक स्थिति
(2) (ङ) गोष्ठी – बैठक
(3) (क) कृत्यम् – कार्य
(4) (ख) पुत्री – बेटी
(5) (ग) वृत्तिः – आजीविका / पेशा
प्रश्न 5.
अधोलिखितानां पदानां विलोमपदं पाठात् चित्वा लिखत-(निम्नलिखित पदों के विलोम पद पाठ से चुनकर लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) अद्य
(ख) चिन्तिता
(ग) कनिष्ठा
(घ) निघृणम्
(ङ) अन्धकारः
(च) अफलाः
(छ) सार्थकः
Hindi Translation
(क) आज – अद्य
(ख) चिंतित – चिन्तिता
(ग) कनिष्ठ – कनिष्ठा
(घ) क्रूर – निघृणम्
(ङ) अंधकार – अन्धकारः
(च) निष्फल – अफलाः
(छ) सार्थक – सार्थकः
प्रश्न 6.
रेखांकितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-(रेखांकित पद के आधार पर प्रश्न निर्माण कीजिए-)
उत्तरम्:
(क) कस्याः विषयोऽयम्?
(ख) कस्य घोषणा अस्ति?
(ग) अहम् किम्/कम् स्वीकरोमि?
(घ) कस्मात् पूर्वम् आया सं करोषि?
(ङ) अम्बिका कुत्र उपविशति?
Hindi Translation
(क) यह किस विषय का है?
(ख) किसकी घोषणा है?
(ग) मैं क्या स्वीकार करता हूँ?
(घ) तुम पहले कहाँ गए थे?
(ङ) अंबिका कहाँ बैठी है?
प्रश्न 7.
अधोलिखिते सन्धिविच्छेदे रिक्त स्थानानि पूरयत- (निम्नलिखित सन्धि विच्छेदों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-)
उत्तरम्:
एव, परामर्श, वध, एव, अपि
अतिरिक्तः अभ्यासः
प्रश्न 1.
अधोलिखितान् गद्यांशान् पठित्वा तदाधारितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत- (नीचे लिखे गद्यांशों को पढ़कर उनपर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-)
(क) “शालिनी ग्रीष्मावकाशे पितृगृहम् आगच्छति। सर्वे प्रसन्नमनसा तस्याः स्वागतं कुर्वन्ति परं तस्याः भ्रातृजाया उदासीना इव दृश्यते”
शालिनी-भ्रातृजाये! चिन्तिता इव प्रतीयसे, सर्वं कुशलं खलु?
माला-आम् शालिनि। कुशलिनी अहम्। त्वदर्थम् किं आनयानि, शीतलपेयं चायं वा?
शालिनी-अधुना तु किमपि न वाञ्छामि। रात्रौ सर्वैः सह भोजनमेव करिष्यामि।
Hindi Translation
“शालिनी ग्रीष्मावकाश में पितृगृह आती है। सभी प्रसन्न मन से उसका स्वागत करते हैं, परंतु उसकी भ्रातृजाया उदासीन सी लगती है।” शालिनी-भाई, तुम चिंतित लगती हो, सब ठीक है न? माला-हाँ, शालिनी। मैं ठीक हूँ। तुम्हारे लिए क्या लाया हूँ, ठंडा पेय या चाय? शालिनी-हालांकि, मुझे कुछ नहीं चाहिए। रात को सभी के साथ ही भोजन करूँगी।
I. एकपदेन उत्तरत-(एक पद में उत्तर दीजिए-)
(i) शालिनी कदा पितृगृहे आगच्छति? (शालिनी कब पितृगृह आती है?)
(ii) शालिन्याः भ्रातृजाया का आसीत्? (शालिनी की भ्रातृजाया कौन थी?)
उत्तरम्:
(i) ग्रीष्मावकाशे
(ii) माला
II. पूर्णवाक्येन उत्तरत-(पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(i) शालिन्याः भ्रातृजाया कीदृशी प्रतीयते? (शालिनी की भ्रातृजाया किस प्रकार की लगती है?)
(ii) कदा सर्वैः सह शालिनी भोजनं करिष्यति? (कब शालिनी सभी के साथ भोजन करेगी?)
उत्तरम्:
(i) शालिन्याः भ्रातृजाया स्वस्था न प्रति भाति दूति प्रतीयते। (शालिनी की भ्रातृजाया स्वस्थ नहीं लगती।)
(ii) रात्रौ सर्वैः सह शालिनी भोजनं करिष्यति। (रात को शालिनी सभी के साथ भोजन करेगी।)
III. भाषिक कार्यम्-(भाषा सम्बन्धी कार्य-)
(i) ‘स्वागतं कुर्वन्ति’ इति क्रियायाः कर्तृपदं किमस्ति?
(क) तस्याः
(ख) प्रसन्नमनसा
(ग) सर्वे
(घ) मनसा
(ii) ‘आम् शालिनि। कुशलिनी अहम्।’ अत्र ‘अहम्’ पदं कस्मै आगतम्?
(क) भ्रात्रे
(ख) मालायै
(ग) शालिन्यै
(घ) कस्मैचिदपि न
(iii) अनुच्छेदे ‘अपमानम्’ इति पदस्य कः विपर्ययः आगत:?
(क) स्वागतम्
(ख) कुशलिनी
(ग) पितृगृहम्
(घ) शीतलपेयम्
(iv) ‘कुशलः’ इत्यस्य पदस्य स्त्रीलिंगे किं पदं पाठे आगतम्?
(क) चिन्तिता
(ख) कुशलिनी
(ग) प्रसन्नमनसा
(घ) उदासीना
उत्तरम्:
(i) (ग) सर्वे
(ii) (ख) मालायै
(iii) (क) स्वागतम्
(iv) (ख) कुशलिनी
Hindi Translation
(i) ‘स्वागत करते हैं’ में क्रियापद का कर्ता कौन है?
(क) उसकी
(ख) प्रसन्न मन से
(ग) सभी
(घ) मन से
(ii) ‘हाँ शालिनी। मैं ठीक हूँ।’ में ‘मैं’ शब्द किसके लिए आया है?
(क) भाई के लिए
(ख) माला के लिए
(ग) शालिनी के लिए
(घ) किसी के लिए नहीं
(iii) अनुच्छेद में ‘अपमान’ शब्द का विपरीत क्या है?
(क) स्वागत
(ख) स्वस्थ
(ग) पितृगृह
(घ) ठंडा पेय
(iv) ‘स्वस्थ’ के स्त्रीलिंग रूप में क्या है?
(क) चिंतित
(ख) स्वस्थ
(ग) प्रसन्न मन से
(घ) उदासीन
उत्तर:
(i) (ग) सभी
(ii) (ख) माला के लिए
(iii) (क) स्वागत
(iv) (ख) स्वस्थ
(ख) शालिनी-भ्रातः। त्वम् किम् ज्ञातुमिच्छसि? तस्याः कुक्षि पुत्रः अस्ति पुत्री वा? किमर्थम्? षण्मासानन्तरं सर्वं स्पष्टं भविष्यति, समयात् पूर्वं किमर्थम् अयम् आयासः? राकेशः-भगिनि, त्वं तु जानासि एव अस्माकं गृहे अम्बिका पुत्रीरूपेण अस्त्येव अधुना एकस्य पुत्रस्य आवश्यकताऽस्ति तर्हि……
शालिनी-तर्हि कुक्षि पुत्री अस्ति चेत् हन्तव्या? (तीव्रस्वरेण ) हत्यायाः पापं कर्तुं प्रवृत्तोऽसि त्वम्।
राकेशः–न, हत्या तु न………..
शालिनी-तर्हि किमस्ति निघृणं कृत्यमिदम्? सर्वथा विस्मृतवान् अस्माकं जनकः कदापि पुत्रीपुत्रमयः विभेदं न कृतवान्? सः सर्वदैव मनुस्मृतेः पंक्तिमिमाम् उद्धरति स्म “आत्मा वै जायते पुत्रः पुत्रेण दुहिता समा”। त्वमपि सायं प्रातः देवीस्तुतिं करोषि? किमर्थं सृष्टेः उत्पादिन्याः शक्त्याः तिरस्कारं करोषि? तव मनसि इयती कुत्सिता वृत्तिः आगता, इदम् चिन्तयित्वैव अहम् कुण्ठिताऽस्मि।
तव शिक्षा वृथा…..
Hindi Translation
(ख) शालिनी-भाई! तुम क्या जानना चाहती हो? उसकी गर्भ में पुत्र है या पुत्री? क्यों? छह महीने बाद सब स्पष्ट हो जाएगा, पहले इस प्रयास का क्या मतलब?
राकेश-बहन, तुम तो जानती हो कि हमारे घर में अम्बिका पुत्री के रूप में है, वर्तमान में एक पुत्र की आवश्यकता है, तो…
शालिनी-तो क्या गर्भ में पुत्री होने पर उसे मारना होगा? (तीव्र स्वर में) हत्या का पाप करने जा रहे हो तुम।
राकेश-नहीं, हत्या नहीं…
शालिनी-तो क्या यह अत्याचार नहीं है? क्या हमारे पिता ने कभी पुत्री और पुत्र में भेद नहीं किया? उन्होंने हमेशा कहा है, “आत्मा वै जाति पुत्रः, पुत्रेण दुहिता समा।” क्या तुम भी सुबह-शाम देवी की स्तुति करते हो? क्यों सृष्टि की उत्पन्न शक्तियों का अपमान करते हो? तुम्हारे मन में ऐसी घृणित सोच आ गई है, यह सोचते ही मैं कुंठित हूँ।
तुम्हारी शिक्षा बेकार है…
I. एकपदेन उत्तरत-(एक पद में उत्तर दीजिए-)
(i) यदि कुक्षि का अस्ति चेत् हन्तव्या?
(ii) केन समा दुहिता वर्तते?
उत्तरम्:
(i) पुत्री
(ii) पुत्रेण
II. पूर्णवाक्येन उत्तरत-(पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(i) कस्य मनसि कुत्सिता वृत्तिः आगता?
(ii) शालिनीराकेशयोः जनकः कदापि किं न कृतवान्?
उत्तरम्:
(i) राकेशस्य मनसि कुत्सिता वृत्तिः आगता।
(ii) शालिनीराकेशयोः जनकः कदापि पुत्रीपुत्रमयः भेदं न कृतवान्।
III. निर्देशानुसारमेव उत्तरत-(निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए-)
(i) अनुच्छेदे ‘दुहिता’ पदस्य पुल्लिङ्गे किं पदम् आगतम्?
(क) पुत्रेण
(ख) पुत्रः
(ग) पुत्री
(घ) वृत्तिः
(ii) “कुत्सिता वृत्ति:” अनयो: पदयोः विशेषणपदं किम्?
(क) वृत्तिः
(ख) कुत्सिता
(ग) कुत्सित
(घ) कुत्सितः
(iii) ‘उद्धरति स्म’ अस्याः क्रियायाः अनुच्छेदे कर्तृपदं किम्?
(क) मनुस्मृतेः
(ख) पंक्तिम्
(ग) इमाम्
(घ) सः
(iv) ‘तव शिक्षा वृथा’ अत्र ‘तव’ पदं कस्मै आगतम्?
(क) राकेशाय
(ख) शालिन्यै
(ग) मालायै
(घ) भ्रात्रे
उत्तरम्:
(i) (ख) पुत्रः
(ii) (ख) कुत्सिता
(iii) (घ) सः
(iv) (क) राकेशाय
प्रश्न 2.
‘क’ पंक्तिभिः सह ‘ख’ पंक्तीन् योजयेत-(‘क’ पंक्तियों के साथ ‘ख’ पंक्तियों को जोड़िए-)
उत्तरम्:
(i) (ग) उदासीना इव दृश्यते।
(ii) (ङ) परं तव भ्राता वार्ताम् एव न शृणोति।
(iii) (क) समयात् पूर्वं किमर्थम् अयम् आयासः?
(iv) (ख) रमन्ते तत्र देवताः।
(v) (घ) सबला सर्वैः सदोत्साह्यताम्।
Hindi Translate
(i) वह उदासीन सी लगती है।
(ii) परंतु तुम्हारा भाई बात भी नहीं सुनता।
(iii) समय से पहले यह प्रयास क्यों?
(iv) वहाँ देवता आनंदित होते हैं।
(v) सभी को उत्साहित करने वाली शक्तिशाली है।
प्रश्न 3.
निम्न रेखाकितानां पदानां स्थानेषु प्रश्ननिर्माणं कृत्वा लिखत-(निम्न रेखांकित पदों के स्थान पर प्रश्ननिर्माण करके लिखिए)-
(i) शालिनी ग्रीष्मावकाशे पितृगृहम् आगच्छति।
(क) का
(ख) कः
(ग) किम्
(घ) कुत्र
(ii) तस्याः भ्रातृजाया उदासीना इव दृश्यते।।
(क) के
(ख) का
(ग) कः
(घ) कदा
(iii) रात्रौ सर्वैः सह भोजनं करिष्यामि।
(क) कुत्र
(ख) कौ
(ग) कदा
(घ) के
(iv) मालायाः मनोदशा स्वस्था न प्रतीयते।
(क) काः
(ख) का
(ग) किम्
(घ) कः
(v) चिन्तायाः विषयः नास्ति।
(क) कस्याः
(ख) काः
(ग) कया
(घ) का
(vi) तस्याः कुक्षि पुत्रः अस्ति।
(क) का
(ख) किम्
(ग) कः
(घ) के
(vii) अधुना एवं गृहम् चल।
(क) किम्
(ख) कुत्र
(ग) कः
(घ) कदा
(viii) सः सर्वदैव मनुस्मृतेः पंक्तिम् इमाम् उद्धरति स्म।
(क) के
(ख) कैः
(ग) कस्याः
(घ) कस्य
(ix) कनिष्ठा अपि त्वं मम गुरुः असि।
(क) कः
(ख) का
(ग) किम्
(घ) कोः
(x) वयं सर्वे मिलित्वा यथार्थ चिन्तनम् इदम् करिष्यामः।
(क) कः
(ख) कौ
(ग) काति
(घ) के
उत्तरम्:
(i) (घ) कुत्र
(ii) (ख) का
(iii) (ग) कदा
(iv) (ख) का
(v) (क) कस्याः
(vi) (ग) कः
(vii) (ख) कुत्र
(viii) (ग) कस्याः
(ix) (क) कः
(x) (घ) के
Hindi Translate
(i) शालिनी ग्रीष्मावकाश में पितृगृह आती है।
(क) कौन
(ख) कौन
(ग) क्या
(घ) कहाँ
(ii) उसकी भ्रातृजाया उदासीन सी लगती है।
(क) किसकी
(ख) कौन
(ग) कौन
(घ) कब
(iii) रात को सभी के साथ भोजन करूंगी।
(क) कहाँ
(ख) किसके
(ग) कब
(घ) किसके
(iv) माला की मनोदशा स्वस्थ नहीं लगती।
(क) कौन
(ख) कौन
(ग) क्या
(घ) कौन
(v) चिंता का विषय नहीं है।
(क) किसका
(ख) कौन
(ग) किससे
(घ) कौन
(vi) उसकी गर्भ में पुत्र है।
(क) कौन
(ख) क्या
(ग) कौन
(घ) किसके
(vii) अब इस घर में चलो।
(क) क्या
(ख) कहाँ
(ग) कौन
(घ) कब
(viii) वह हमेशा मनुस्मृति की इस पंक्ति को उद्धृत करता था।
(क) किसके
(ख) किसके द्वारा
(ग) किसका
(घ) किसका
(ix) कनिष्ठा भी तुम मेरे गुरु हो।
(क) कौन
(ख) कौन
(ग) क्या
(घ) कौन
(x) हम सभी मिलकर यथार्थ चिंतन करेंगे।
(क) कौन
(ख) किसके
(ग) कितने
(घ) किसके
उत्तर:
(i) (घ) कहाँ
(ii) (ख) कौन
(iii) (ग) कब
(iv) (ख) कौन
(v) (क) किसका
(vi) (ग) कौन
(vii) (ख) कहाँ
(viii) (ग) किसका
(ix) (क) कौन
(x) (घ) किसके
प्रश्न 4.
निम्नपदानां पाठात् चित्त्वा पर्यायं लिखत-(निम्न पदों के पाठ से चुनकर पर्यायवाची लिखिए-)
पदानि – पर्यायाः
(i) पुत्री – ………………………..
(ii) फलहीनाः – ………………………..
(iii) आकाशम् – ………………………..
(iv) द्रौपदी – ………………………..
(v) सायंकाले – ………………………..
(vi) दीपकम्। – ………………………..
(vii) कुशला – ………………………..
(viii) कालः – ………………………..
(ix) वधस्य योग्या – ………………………..
(x) दिष्ट्या – ………………………..
उत्तरम्:
(i) दुहिता – पुत्री
(ii) अफलाः – अवरुद्ध
(iii) गगनम् – आकाश
(iv) पाञ्चालिका – पाञ्चालिका (एक प्रकार का बर्तन)
(v) संध्याकाले – संध्या के समय
(vi) दीपम् – दीपक
(vii) कुशलिनी – कुशल
(viii) समयः – समय
(ix) वधार्हा – वध का योग्य
(x) सौभाग्येन – सौभाग्य से
प्रश्न 5.
निम्न वाक्यानि कथाक्रमानुसार पुनलिखित- (निम्न वाक्यों को कथा क्रमानुसार फिर से लिखिए-)
(i) शालिनी भ्रातृजायां मालां चिकित्सिकायाः समीपं नयति।
(ii) माला तां तस्याः भ्रातुः विचारं कन्याभ्रूणहत्या विषये वदति।
(iii) राकेशः क्षमायाचनां करोति, कन्यापालनस्य च वचनं ददाति।
(iv) शालिनी ग्रीष्मावकाशे पितृगृहम् आगच्छति।
(v) शालिनी क्रोधिता भूत्वा तां गृहं प्रत्यावर्तयति।
(vi) मार्गे तयोः महिलयोः वार्तालापं भवति।
(vii) शालिनी भ्रातरं राकेशं क्रोधेन सह वार्तयति।
(viii) तत्र तस्याः स्वागतं सर्वे जनाः कुर्वन्ति।
उत्तरम्:
(i) शालिनी ग्रीष्मावकाशे पितृगृहम् आगच्छति।
(ii) तत्र तस्याः स्वागतं सर्वे जनाः कुर्वन्ति।
(iii) शालिनी भ्रातृजायां मालां चिकित्सिकायाः समीपं नयति।
(iv) मार्गे तयोः महिलयोः वार्तालापं भवति।
(v) माला तां तस्याः भ्रातुः विचारं कन्याभ्रूणहत्या विषये वदति।
(vi) शालिनी क्रोधिता भूत्वा तां गृहं प्रत्यावर्तयति।
(vii) शालिनी भ्रातरं राकेशं क्रोधेन सह वार्तयति।
(viii) राकेशः क्षमायाचनां करोति, कन्यापालनस्य च वचनं ददाति।
Hindi Translate
(i) शालिनी ग्रीष्म की छुट्टियों में पितृगृह आती है।
(ii) वहां सभी लोग उसका स्वागत करते हैं।
(iii) शालिनी अपनी भ्रातृजाया माला को चिकित्सक के पास ले जाती है।
(iv) मार्ग में उन दोनों महिलाओं के बीच वार्तालाप होता है।
(v) माला अपनी भ्राता के विचारों को कन्या भ्रूण हत्या के विषय में बताती है।
(vi) शालिनी क्रोधित होकर उसे घर वापस भेज देती है।
(vii) शालिनी अपने भाई राकेश से क्रोध में बातचीत करती है।
(viii) राकेश क्षमा मांगता है और कन्या पालन का वचन देता है।
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