क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः
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अभ्यासः
प्रश्न 1.
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-(प्रश्नों के उत्तर एक पद में लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) शस्यैः (अनाज से)
(ख) क्षितौ (पृथ्वी पर)
(ग) अणूनाम् (परमाणुओं की)
(घ) प्रबन्धे (व्यवस्था में)
(ङ) खाद्यान्नभाण्डम् (अनाज भंडार)
प्रश्न 2.
समानार्थकपदानि पाठात् चित्वा लिखत- (समानार्थक पद पाठ से चुनकर लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) क्षितौ (पृथ्वी)
(ख) भाति (चमकती है)
(ग) विपश्चिज्जनानाम् (बुद्धिमान लोगों की)
(घ) शिखीनाम् (मोरों की)
(ङ) बहूनाम् (कई लोगों की)
प्रश्न 3.
श्लोकांशमेलनं कृत्वा लिखत- (श्लोकांशों का मिलान करके लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) अणूनां महाशक्तिभिः पूरितेयम्।
(यह पृथ्वी परमाणुओं की महान शक्तियों से भरी हुई है।)
(ख) क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः।
(पृथ्वी पर भारत की स्वर्ण भूमि शोभायमान है।)
(ग) तटीनामियं वर्तते भूधराणाम्।
(यहां पर्वतों के किनारे हैं।)
(घ) नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्।
(नदियों का जल अमृत के समान है।)
(ङ) जगद्वन्दनीया च भूः देवगेया।
(यह भूमि दुनिया के द्वारा पूजनीय और देवताओं की गायन योग्य है।)
प्रश्न 4.
चित्रं दृष्ट्वा ( पाठात् ) उपयुक्तपदानि गृहीत्वा वाक्यपूर्ति कुरुत-(चित्र देखकर उपयुक्त पदों से वाक्य की पूर्ति कीजिए-)
उत्तरम्:
(क) नदी
(ख) पर्वतात्
(ग) शुद्धम्
(घ) नदीजलेन
(ङ) स्वर्णभूमिः
प्रश्न 5.
चित्राणि दृष्ट्वा (मञ्जूषातः) उपयुक्तपदानि गृहीत्वा वाक्यपूर्ति कुरुत- (चित्र देखकर मंजूषा से उपयुक्त पद चुनकर वाक्य की पूर्ति कीजिए-)
उत्तरम्:
(क) अस्त्राणि (अस्त्र)
(ख) प्रयोगः (प्रयोग)
(ग) अस्त्राणाम् (अस्त्रों का)
(घ) भवति (होता है)
(ङ) सैनिकाः (सैनिक)
(च) उपग्रहाणां (उपग्रहों का)
प्रश्न 6.
(अ) चित्रं दृष्ट्वा संस्कृते पञ्चवाक्यानि लिखत-(चित्र देखकर संस्कृत में पाँच वाक्य लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) इदं चित्रं दीपावलि पर्वस्य अस्ति।
(ख) अत्र महिले पुरुषौच दीपान् प्रज्वलयन्ति।
(ग) तत्र अनेके दीपकाः प्रज्वलन्ति।
(घ) पिता पुत्रं च दीपान् दृष्ट्वा प्रसीदतः।
(ङ) महिले श्रृंगारं अकुरुताम्।
Hindi Translation
(क) यह चित्र दीपावली पर्व का है।
(ख) यहाँ महिलाएं और पुरुष दीप जलाते हैं।
(ग) वहाँ कई दीपक जल रहे हैं।
(घ) पिता और पुत्र दीप देखकर खुश हैं।
(ङ) महिलाएं श्रृंगार कर रही हैं।
(आ) चित्रं दृष्ट्वा संस्कृते पञ्चवाक्यानि लिखत-(चित्र देखकर संस्कृत में पाँच वाक्य लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) इदं चित्रं रक्षाबन्धन पर्वस्य अस्ति।
(ख) अत्र भगिनी भ्रातरं रक्षा सूत्रं बध्नाति।
(ग) भ्राता प्रसन्नः भवति।।
(घ) सः भगिन्यै उपहारं यच्छति।।
(ङ) सः भगिन्याः रक्षार्थं वचनानि अपि यच्छति।
Hindi Translation
(क) यह चित्र रक्षाबंधन पर्व का है।
(ख) यहाँ बहन भाई को रक्षा सूत्र बांध रही है।
(ग) भाई प्रसन्न होता है।
(घ) वह बहन को उपहार देता है।
(ङ) वह बहन की रक्षा का वचन भी देता है।
प्रश्न 7.
अत्र चित्रं दृष्ट्वा संस्कृतभाषया पञ्चवाक्येषु प्रकृतेः वर्णनं कुरुत-(यह चित्र देखकर संस्कृत भाषा में पाँच वाक्यों में प्रकृति का वर्णन कीजिए-)
उत्तरम्:
(क) इदं चित्रं वनस्य अस्ति।
(ख) अत्र अनेके वन्यजीवाः सन्ति।
(ग) मयूरः इतस्ततः भ्रमति।
(घ) मृगः तत्र उपविशति।
(ङ) वने अनेके वृक्षाः सन्ति।
Hindi Translation
(क) यह चित्र वन का है।
(ख) यहाँ कई वन्यजीव हैं।
(ग) मोर इधर-उधर घूम रहा है।
(घ) हिरण वहाँ बैठा है।
(ङ) वन में कई पेड़ हैं।
अतिरिक्त-अभ्यासः
प्रश्न 1.
निम्नलिखितं श्लोकं पठित्वा तदाधारिताम् प्रश्नान् उत्तरत-(निम्न श्लोक को पढ़कर उस आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-)
(क) सुपूर्ण सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्डे
नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्।
इयं स्वर्णवद् भाति शस्यैर्धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
Hindi Translation – जिस देश में हमेशा अन्न के भंडार भरे रहते हैं, जहाँ नदियों का जल अमृत के समान है, और जिसकी धरती स्वर्ण के समान धान्य से शोभायमान होती है, वह भारतवर्ष की स्वर्णभूमि पृथ्वी पर हमेशा चमकती रहती है।
I. एकपदेन उत्तरत-(एक पद में उत्तर दीजिए-)
1. सदैव भारतस्य किं सुपूर्णमस्ति?
2. भारतस्य नदीनां जलं कीदृशमस्ति?
उत्तरम्:
1. खाद्यान्नभाण्डम्।
2. पीयूषतुल्यम्।
Hindi Translation
सदैव भारत में क्या भरा हुआ रहता है?
उत्तर: अन्न भंडार।
भारत की नदियों का जल कैसा होता है?
उत्तर: अमृत के समान।
II. पूर्णवाक्येन उत्तरत-(पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)
1. इयं भारतस्य धरा शस्यैः कीदृशी भाति?
2. का क्षितौ राजते?
उत्तरम्:
1. इयं भारतस्य धरा शस्यैः स्वर्णवद् भाति।
2. भारतस्वर्णभूमिः क्षितौ राजते।
Hindi Translation
भारत की यह धरती धान्य से कैसी दिखती है?
उत्तर: भारत की यह धरती धान्य से स्वर्ण के समान चमकती है।
पृथ्वी पर कौन चमकता है?
उत्तर: भारत की स्वर्णभूमि पृथ्वी पर चमकती है।
III. निर्देशानुसारम् उत्तरत-(निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए-)
प्रश्न 1.
श्लोके ‘अमृत’ इत्यस्य पदस्य कः पर्यायः आगतः?
(क) जलम्
(ख) पीयूष
(ग) सुपूर्णम्
(घ) तुल्यम्
प्रश्न 2.
‘राजते’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं श्लोके किम् आगतम्?
(क) भारतम्
(ख) स्वर्णभूमिः
(ग) भारतस्वर्णभूमिः
(घ) क्षितौ
उत्तरम्:
1. (ख) पीयूष
2. (ग) भारतस्वर्णभूमिः
Hindi Translation
(ख) इयं वीरभोग्या तथा कर्मसेव्या
जगद्वन्दनीया च भूः देवगेया।
सदा पर्वणामुत्सवानां धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
Hindi Translation – यह भूमि वीरों के भोग और कर्म की सेवा करने योग्य है। इसे दुनिया द्वारा पूजा जाता है और देवताओं द्वारा गाया जाता है। यह पर्व और उत्सवों की धरती है, और यह भारत की स्वर्णभूमि पृथ्वी पर चमकती रहती है।
I. एकपदेन उत्तरत-(एक पद में उत्तर दीजिए-)
1. इयं भूः कीदृशी अस्ति?
2. भारत भू: कैः गेया वर्तते?
उत्तरम्:
1. वीरभोग्या।
2. देवैः।
Hindi Translation –
यह भूमि कैसी है?
उत्तर: वीरों की भोग्य।
भारत भूमि को कौन गाता है?
उत्तर: देवता।
II. पूर्णवाक्येन उत्तरत-(पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)
1. भारतस्य इयं धरा सदा केषाम् अस्ति? (भारत की यह धरती हमेशा किसकी होती है?)
उत्तरम्:
भारतस्य इंय धरा सदा पर्वणाम् उत्सवानाम् च अस्ति। (यह धरती पर्वों और उत्सवों की होती है।)
III. भाषिक कार्यम्-(भाषा-कार्य-)
प्रश्न 1.
इयं वीर भोग्या’ इति कस्य विशेषणस्त:?
(क) ‘भू’ इति पदस्य ।
(ख) जगद्वदनीया’ इति पदस्य
(ग) “देवगेया’ इति पदस्य
(घ) “उत्सवानाम्’ इति पदस्य
प्रश्न 2.
‘सदा पर्वणामुत्सवानां धरेयं’ अत्र अव्यय पदं किम्?
(क) धरा
(ख) इयम्
(ग) पर्वणाम्
(घ) सदा
उत्तरम्:
1. (क) ‘भूः’ इति पदस्य।
2. (घ) सदा
प्रश्न 2.
अधोलिखितानां श्लोकानाम् मञ्जूषायाः पदानां सहायतया अन्वयपूर्ति कुरुत-(निम्नलिखित श्लोकों की मंजूषा के पदों की सहायता से अन्वय-पूर्ति कीजिए)
(क) सुपूर्ण सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्डे ,
नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्।
इयं स्वर्णवद् भाति शस्यैर्धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वय : यत्र (i) ………………… सदैव सुपूर्णम् अस्ति, (ii) ………………… जलं (यत्र) पीयुषतुल्यम्। (अस्ति)। शस्यैः इयं (iii) ………………… स्वर्णवत् भाति, इयं (iv) ………………… क्षितौ राजते।
मञ्जूषा-धरा, भारतस्वर्णभूमिः, खाद्यान्नभाण्डे, नदीनां
उत्तरम्:
(i) खाद्यान्नभाण्डे,
(ii) नदीनां,
(iii) धरा,
(iv) भारतस्वर्णभूमि
Hindi Translation
श्लोक:
सदैव सुपूर्ण होता है खाद्यान्न भंडार,
जहां नदियों का जल अमृत के समान है।
यह स्वर्णवत् लगता है अनाजों से भरी हुई धरती,
पृथ्वी पर भारत की स्वर्णभूमि शोभायमान है।
अन्वय:
(i) खाद्यान्न भंडार में सदैव सुपूर्ण रहता है।
(ii) नदियों का जल पीयुष के समान है।
(iii) यह धरती अनाजों से स्वर्णवत् दिखती है।
(iv) यह भारत की स्वर्णभूमि पृथ्वी पर शोभा देती है।
उत्तर:
(i) खाद्यान्न भांडें,
(ii) नदियों,
(iii) धरा,
(iv) भारतस्वर्णभूमि
(ख) त्रिशूलाग्निनागैः पृथिव्यस्त्रघोरैः।
अणूनां महाशक्तिभिः पूरितेयम्।
सदा राष्टुरक्षारतानां धरेयम् ।
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वय : इयं (i) ………………….. पृथिवी अस्त्रघोरैः (ii) ………………… महाशक्तिभिः पूरिता। इयं (iii) ………………… राष्ट्ररक्षारतानां धरा (अस्ति), (अतः) भारतस्वर्ण भूमिः (iv) ………………… राजते।
मजूषा- क्षितौ, त्रिशूलाग्निनागैः, सदा, अणूनाम्।
उत्तरम्:
(i) त्रिशूलाग्निनागैः,
(ii) अणूनाम्,
(iii) सदा,
(iv) क्षितौ
Hindi Translation
श्लोक:
यह पृथ्वी त्रिशूल और अग्नि के भयानक अस्त्रों से भरी हुई है।
यह सदैव राष्ट्र की रक्षा करने वाली धरती है।
पृथ्वी पर भारत की स्वर्णभूमि शोभायमान है।
अन्वय:
(i) यह पृथ्वी भयानक अस्त्रों से भरी हुई है।
(ii) यह सदैव राष्ट्र की रक्षा करने वाली धरती है।
(अतः) भारत की स्वर्णभूमि पृथ्वी पर शोभा देती है।
(ग) इयं वीरभोग्या तथा कर्मसेव्या
जगद्वन्दनीया च भूः देवगेया।
सदा पर्वणामुत्सवानां धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वय : इयं (i) ………………… तथा कर्मसेव्या जगद् (ii) ………………… देवगेया च भूः (अस्ति), इयं सदा (iii) ………………… उत्सवानां (च) (iv) ………………… (वर्तते), (अत: इयं) भारतस्वर्णभूमिः क्षितौ राजते।
मञ्जूषा- पर्वाणाम्, वीरभोग्या, धरा, वन्दनीया।।
उत्तरम्:
(i) वीरभोग्या,
(ii) वन्दनीया,
(iii) पर्वाणाम्,
(iv) धरा
Hindi Translation
श्लोक:
यह भूमि वीरों के लिए भोग्य है और कर्म सेवा के लिए।
यह जगत द्वारा पूजनीय और देवताओं द्वारा गाई जाने वाली है।
यह सदैव पर्वों के उत्सवों की धरती है।
पृथ्वी पर भारत की स्वर्णभूमि शोभायमान है।
अन्वय:
(i) यह वीरों के लिए भोग्य और कर्म सेवा के लिए है।
(ii) यह जगत द्वारा पूजनीय और देवताओं द्वारा गाई जाने वाली है।
(iii) यह सदैव पर्वों के उत्सवों की धरती है।
(अतः) यह भारत की स्वर्णभूमि पृथ्वी पर शोभा देती है।
(घ) इयं ज्ञानिनां चैव वैज्ञानिकानां
विपश्चिज्जनानामियं संस्कृतनाम्।
बहूनां मतानां जनानां धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वय : इयं ज्ञानिनां (i) ………………… चैव इयं विपश्चित (ii) ………………… संस्कृतानां बहूनां (च) (iii) ………………… जनानाम् इयं (iv) ………………… भारतस्वर्णभूमिः क्षितौ राजते।
मजूषा- धरा, वैज्ञानिकानाम्, गतानाम्, जनानाम्।
उत्तरम्:
(i) वैज्ञानिकानाम्,
(ii) जनानाम्,
(iii) गतानाम्,
(iv) धरा
Hindi Translation
श्लोक:
यह ज्ञानियों और वैज्ञानिकों की भूमि है।
यह बुद्धिमान लोगों की संस्कृतियों से भरी हुई है।
यह अनेक मतों और जनताओं की धरती है।
पृथ्वी पर भारत की स्वर्णभूमि शोभायमान है।
अन्वय:
(i) यह ज्ञानियों की भूमि है।
(ii) यह बुद्धिमान लोगों की संस्कृतियों से भरी हुई है।
(iii) यह अनेक मतों और जनताओं की धरती है।
(अतः) यह भारत की स्वर्णभूमि पृथ्वी पर शोभा देती है।
(ङ) इयं शिल्पिनां यन्त्रविद्याधराणां
भिषक्शास्त्रिणां भूः प्रबन्धे युतानाम्।
नटानां नटीनां कवीनां धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वये : इयं ( भारतभूमि:) (i) ………………… यन्त्रविद्याधराणां भिषक् (ii) ………………… भूः प्रबन्धे (iii) ………………… (जनानाम्) नटानाम् नटीनाम् (iv) ………………… (च) धरा (अस्ति)। (अतः) भारत स्वर्णभूमिः क्षितौ राजते।
मञ्जूषा- युतानाम्, शिल्पिनाम्, कवीनाम्, शास्त्रिणां।
उत्तरम्:
(i) शिल्पिनाम्,
(ii) शास्त्रिणां,
(iii) युतानाम्,
(iv) कवीनाम्
Hindi Translation
श्लोक:
यह भूमि शिल्पियों और यन्त्रविद्याधरों की है।
यह वैद्यकीय विज्ञानियों की प्रबंधित भूमि है।
यह नटों और नटियों की धरती है।
पृथ्वी पर भारत की स्वर्णभूमि शोभायमान है।
अन्वय:
(i) यह भूमि शिल्पियों की है।
(ii) यह वैद्यकीय विज्ञानियों द्वारा प्रबंधित है।
(iii) यह नटों और नटियों की धरती है।
(अतः) यह भारत की स्वर्णभूमि पृथ्वी पर शोभा देती है।
(च) वने दिग्गजानां तथा केशरीणां
तटीनामियं वर्तते भूधराणाम्।
शिखीनां शुकानां पिकानां धरेयं।
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वय : इयं वने (i) ………………… तथा केशरीणाम्, तटीनाम् (ii) ………………… वर्तते। इयं (iii) …………………। शुकानाम् पिकानां (iv) ………………… (अस्ति)। अत: भारतस्वर्णभूमिः क्षितौ राजते।
मजूषा- धरा, दिग्गजानां, शिखीनाम्, भूधराणाम्।।
उत्तरम्:
(i) दिग्गजाना,
(ii) भूधराणाम्,
(iii) शिखीनाम्,
(iv) धरा
Hindi Translation
श्लोक:
यह भूमि दिग्गजों और सिंहों की है।
यह नदी किनारों की धरती है।
यह शिखरों, तोतों और कोयलों की धरती है।
पृथ्वी पर भारत की स्वर्णभूमि शोभायमान है।
अन्वय:
(i) यह भूमि दिग्गजों और सिंहों की है।
(ii) यह नदी किनारों की धरती है।
(iii) यह शिखरों, तोतों और कोयलों की धरती है।
(अतः) यह भारत की स्वर्णभूमि पृथ्वी पर शोभा देती है।
प्रश्न 3.
मञ्जूषायाः पदसहायतया निम्नलिखितानां श्लोकानां भावार्थं लिखत-(मंजूषा के पदों की सहायता से निम्नलिखित श्लोकों के भावार्थ लिखिए-)
(क) सुपुर्णं सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्डे
नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्।
इयं स्वर्णवद् भाति शस्यैर्धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
भावार्थ : अस्य श्लोकस्य भावोऽस्ति यत् यस्मिन् देशे (i) ………………… भण्डारा: सदैव भरिता: भवन्ति, यत्र च नदीनां जलं (ii) ………………… इव सरसं भवति। यस्य च धरा शस्यैः (iii) ………………… इव शोभते, तस्य एव भारतस्य स्वर्णरूपा भूमिः (iv)……………. निरन्तरं शोभते।
मञ्जूषा- धरायाम्, अमृतम्, अन्नानां, स्वर्णम्।।
उत्तरम्:
(i) अन्नानां,
(ii) अमृतम्,
(iii) स्वर्णम्,
(iv) धरायाम्।
Hindi Translation
इस श्लोक का भाव यह है कि जिस देश में (i) अनाज भंडारे सदैव भरे रहते हैं, जहाँ नदियों का जल (ii) अमृत की तरह होता है। जिसकी धरती (iii) स्वर्ण की तरह शोभित है, वही भारत की स्वर्णभूमि (iv) निरंतर शोभा पाती है।
(ख) त्रिशूलाग्निनागैः पृथिव्यस्त्रघोरैः
अणूनां महाशक्तिभिः पूरितेयम्।
सदा राष्ट्ररक्षारतानां धरेयम्
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
भावार्थ : अर्थात् इयं भारतस्य भूमिः इदानीं (i) ………………… अग्नि नागैः पृथिवी अस्त्रघोरैः (ii) ………………… महाशक्तिभिः पूरीता वर्तते। एवम् इयं सदा देशस्य (iii) ………………… रतानां वीराणां धरती अस्ति। अत: इयं (iv) ………………… स्वर्ण इव चमत्कारिणी भूमिः पृथिव्यां सदैव शोभां प्राप्नोति।
मञ्जूषा- रक्षायाम्, अणून, भारतस्य, त्रिशूल।
उत्तरम्:
(i) त्रिशूल,
(ii) अणूनां,
(iii) रक्षायाम्,
(iv) भारतस्य
Hindi Translation
अर्थात्, यह भारत की भूमि (i) त्रिशूल और अग्नि नागों से भरी हुई है। पृथ्वी (ii) भयानक अस्त्रों की महाशक्तियों से पूर्ण है। इस प्रकार, यह सदा देश की (iii) रक्षा करने वाले वीरों की धरती है। अतः यह (iv) भारत की स्वर्णभूमि चमत्कारिक रूप से पृथ्वी पर सदा शोभित रहती है।
(ग) इयं वीरभोग्या तथा कर्मसेव्या
जगद्वन्दनीया च भूः देवगेया।
सदा पर्वणामुत्सवानां धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
भावार्थ : अस्य भावोऽस्ति यत् इयं भारतस्य (i) ………………… सदैव वीरैः भोग्या कर्मभिश्च सेव्या जगति (ii) ………………… देवश्च (iii) ………………… अस्ति। इयं सदैव पर्वाणाम् (iv) ………………… च भूमिः वर्तते अत: इयं भारतस्य स्वर्णम् इव मूल्यवती धरा सदा पृथिव्यां राजते एव।
मजूषा- वन्दनीया, उत्सवानाम्, भूमिः, गेया।।
उत्तरम्:
(i) भूमिः,
(ii) वन्दनीया,
(iii) गेया,
(iv) उत्सवानाम्
Hindi Translation
इसका भाव यह है कि यह भारत की (i) भूमि सदा वीरों द्वारा भोगी और कार्य सेवित होती है। यह जगत में (ii) देवों के द्वारा वन्दनीय है और (iii) सदैव पर्वों के (iv) उत्सवों की भूमि है। इसलिए, यह भारत की स्वर्णभूमि मूल्यवान और शोभित है।
(घ) इयं ज्ञानिनां चैव वैज्ञानिकानां
विपश्चिज्जनानामियं संस्कृतनाम्।
बहूनां मतानां जनानां धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
भावार्थ : अस्य श्लोकस्य भावोऽस्ति यत् इयं ( भारतभूमि:) ज्ञानवतां (i) ………………… यंत्रविद्याविताम् (ii) ………………… च जनानां धरा वर्तते। सदैव इयं धरा (iii) ………………… सम्प्रदायानां (विचाराणाम्) अनुगामिनां चास्ति। अनेक कारणेन इयं (iv) ………………… स्वर्णभूमिः पृथिव्यां शोभते।
मञ्जूषा- भारतस्य, बहूनां, वैज्ञानिकानां, सुसंस्कारिताना।]
उत्तरम्:
(i) वैज्ञानिकानां,
(ii) सुसंस्कारिताना,
(iii) बहूनां,
(iv) भारतस्य
Hindi Translation
इस श्लोक का भाव यह है कि यह (भारतभूमि) ज्ञानियों (i) और वैज्ञानिकों (ii) की धरती है। यह सदा (iii) विचारों और मतों का अनुसरण करने वाले लोगों की धरती है। अनेक कारणों से, यह (iv) भारत की स्वर्णभूमि पृथ्वी पर शोभित रहती है।
(ङ) इयं शिल्पिनां यन्त्रविद्याधराणां
भिषक्शास्त्रिणां भूः प्रबन्धे युतानाम्।
नटानां नटीनां कवीनां धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
भावार्थ : अस्य श्लोकस्य भावो विद्यते यत् इयं भारतभूमिः (i) ………………… अभियन्नृणां वैद्यानां (ii) ………………… प्रबन्ध कार्येषु संयुक्तानां जनानां धरा अस्ति। इयं च (iii) ………………… अभिनेत्रीणां (iv) ………………… अपि धरा वर्तते। अत: इयं भारतस्य स्वर्णम् इव अमूल्या धरा पृथिव्यां सदैव शोभते।
मञ्जूषा- शिल्पिनाम्, कवीनाम्, शास्त्राज्ञानीनां, अभिनेतृणाम्।
उत्तरम्:
(i) शिल्पिनाम्,
(ii) शास्त्रज्ञानीनाम्,
(iii) अभिनेतृणाम्,
(iv) कवीनाम्
Hindi Translation
इस श्लोक का भाव यह है कि यह भारत की भूमि (i) शिल्पियों और यंत्रविद्याधरों की है। यह (ii) चिकित्सकों के कार्यों में संयुक्त लोगों की धरती है। यह (iii) नटियों और (iv) कवियों की भी धरती है। अतः यह भारत की स्वर्णभूमि अमूल्य और शोभित है।
(च) वने दिग्गजानां तथा केशरीणां
तटीनामियं वर्तते भूधराणाम्।
शिखीनां शुकानां पिकानां धरेय।
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
भावार्थ : भारतविषये कविः कथयति यत् इयं (i) ………………… वनस्य हस्तीनां (ii) ………………… नदीनाम् पर्वतानाञ्च (iii) ………………… अस्ति। ईदृशमेव इयं मयूराणां शुकानां (iv) ………………… च भूमिः अपि विद्यते। अतः धरायाम् इयं भारतस्य स्वर्ण इव भूमिः शोभते।
मञ्जूषा- कोकिलानाम्, धरा, सिंहानाम्, भारतभूमिः।।
उत्तरम्:
(i) भारतभूमिः,
(ii) सिंहानाम्,
(iii) धरा,
(iv) कोकिलानाम्
Hindi Translation
भारत के विषय में कवि कहते हैं कि यह (i) हाथियों की भूमि है, जो जंगल में हैं। यह (ii) सिंहों, नदियों और पर्वतों की भी धरती है। इसी प्रकार, यह मोरों और (iii) शुकों की (iv) भी भूमि है। इस प्रकार, यह भारत की स्वर्णभूमि शोभित रहती है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखितेषु वाक्येषु रेखाकितानां पदानां स्थानेषु प्रश्ननिर्माणं कृत्वा लिखत।-(नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित पदों के स्थान पर प्रश्न निर्माण करके लिखिए-)
प्रश्न 1.
अत्र नदीनां जलं पीयूषतुल्यम् अस्ति।।
(क) केषाम्
(ख) कासाम्
(ग) काम्
(घ) काः
प्रश्न 2.
अस्याः खाद्यान्नभाण्डे सदैव सुपूर्णम् अस्ति।
(क) कम्
(ख) काम्
(ग) किम्
(घ) कः
प्रश्न 3.
भारतस्वर्णभूमिः सदा क्षितौ राजते।
(क) का
(ख) कः
(ग) किम्
(घ) काः
प्रश्न 4.
इयं अणूनां महाशक्तिभिः पूरिता अस्ति।
(क) कैः
(ख) के
(ग) केभिः
(घ) काभिः
प्रश्न 5.
इयं धरा सदा राष्ट्ररक्षारतानाम् अस्ति।
(क) कासाम्
(ख) केषाम्
(ग) काम्
(घ) कान्।
प्रश्न 6.
भारतस्य स्वर्णभूमिः क्षितौ राजते।
(क) को
(ख) के
(ग) कुत्र
(घ) कस्मिन्
प्रश्न 7.
इयं भूः वीरभोग्या अस्ति।
(क) काः
(ख) किम्
(ग) कः
(घ) का
प्रश्न 8.
इयं भारतस्य भू: जगद्वन्दनीया अस्ति।
(क) कथम्
(ख) का
(ग) कीदृशी
(घ) का:
प्रश्न 9.
इयं धरा उत्सवानाम् भूः अस्ति।
(क) का
(ख) काः
(ग) किम्
(घ) काम्
प्रश्न 10.
भारतस्य धरा ज्ञानिनाम् अस्ति।
(क) कासाम्
(ख) कस्य
(ग) केषाम्
(घ) काम्
प्रश्न 11.
इयं बहूनां मतानां जनानां धरा अस्ति।
(क) कति
(ख) कः
(ग) किम्
(घ) कैः
प्रश्न 12.
भारतस्य भूमिः विपश्चितां जनानां धरा अस्ति।
(क) केषाम्
(ख) कीदृशाणाम्
(ग) का
(घ) कुत्र
प्रश्न 13.
इयं नठानाम् नटीनाम् च धरा वर्तते।
(क) कासाम्
(ख) का
(ग) केषाम्
(घ) काभिः
प्रश्न 14.
इयं धरा प्रबन्धे युतानाम् अस्ति।
(क) कस्मिन्
(ख) काम
(ग) काः
(घ) किम्
प्रश्न 15.
क्षितौ भारतस्य स्वर्णभूमिः राजते।
(क) केषाम्
(ख) कस्य
(ग) को
(घ) कः
प्रश्न 16.
वने दिग्गज: वसन्ति।
(क) के
(ख) कथम्
(ग) काम्
(घ) कम्
प्रश्न 17.
इयं धरा तटीनाम् अस्ति।
(क) कीदृशाणाम्
(ख) कासाम्
(ग) क:
(घ) के
प्रश्न 18.
शिखीनाम् शुकानां च इयं धरा वर्तते।
(क) केषाम्
(ख) किम्
(ग) कथम्
(घ) का
प्रश्न 19.
भू धराणां धरा भारतं वर्तते।
(क) को
(ख) के
(ग) क:/किम्
(घ) कै
प्रश्न 20.
भारतस्य भूमिः कर्मशीलैः सेव्या वर्तते।
(क) कैः
(ख) केभिः
(ग) काः
(घ) का
उत्तरम्:
1. अत्र कासाम् जलं पीयूषतुल्यम् अस्ति? (यहाँ किसका जल अमृत के समान है?)
2. अस्याः किम् सदैव सुपूर्णम् अस्ति? (इसका क्या सदैव पूर्ण रहता है?)
3. का सदा क्षितौ राजते? (कौन सदा पृथ्वी पर चमकता है?)
4. इयं अणूनां काभिः पूरिता अस्ति? (कौन सदा पृथ्वी पर चमकता है?)
5. इयं धरा सदा केषाम् अस्ति? (यह धरती हमेशा किसकी है?)
6. भारतस्य स्वर्णभूमिः कुत्र राजते? (भारत की स्वर्णभूमि कहाँ चमकती है?)
7. इयं भारतस्य भूः कीदृशी अस्ति? (यह भारत की भूमि किस तरह की है?)
8. इयं भारतस्य भूः कीदृशी अस्ति? (यह भारत की भूमि कैसी है?)
9. का उत्सवानाम् भूः अस्ति? (कौन उत्सवों की भूमि है?)
10. भारतस्य धरा केषाम् अस्ति? (भारत की धरती किसकी है?)
11. इयं कति मतानां जनानां धरा अस्ति? (यह कितने विचारों वाले लोगों की धरती है?)
12. भारतस्य भूमिः कीदृशाणाम् जनानां धरा अस्ति? (भारत की भूमि किस प्रकार के लोगों की है?)
13. इयं केषाम् च धरा वर्तते? (यह किसकी धरती है?)
14. इयं धरा कस्मिन् युतानाम् अस्ति? (यह धरती किससे युक्त है?)
15. क्षितौ कस्य स्वर्णभूमिः राजते? (पृथ्वी पर किसकी स्वर्णभूमि चमकती है?)
16. वने के वसन्ति? (जंगल में कौन निवास करता है?)
17. इयं धरा कासाम् अस्ति? (यह धरती किसकी है?)
18. केषाम् शुकानां च इयं धरा वर्तते? (यह धरती किस-किस मोर की है?)
19. भूधराणां धरा कः/किम् वर्तते? (पहाड़ों की धरती कौन/क्या है?)
20. भारतस्य भूमिः कै: सेव्या वर्तते? (भारत की भूमि किससे सेवा की जाती है?)
प्रश्न 5.
‘क’ भागे दत्तैः भागैः ‘ख’ भागे दत्ताम् श्लोकांशान् मेलयत-
(‘क’ भाग में दिए गए भागों के साथ ‘ख’ भाग में दिए गए श्लोकांशों को मिलाइए-)
उत्तरम्:
1. शस्यैः धरेयम्, (अनाज से धारण करने योग्य।)
2. भारत स्वर्णभूमिः, (भारत की स्वर्ण भूमि।)
3. पृथिव्यस्त्रघोरैः, (पृथ्वी पर भयानक अस्त्रों के द्वारा।)
4. तथा कर्मसेव्या, (और कार्य के लिए सेवा की जाने वाली।)
5. प्रबन्धे युतानाम्, (व्यवस्था में जुड़े हुए।)
6. चैव वैज्ञानिकानाम्, (और वैज्ञानिकों के।)
7. यन्त्रविद्याधराणाम्, (यांत्रिकी के विद्या में निपुण लोगों के।)
8. कवीनां धरेयम्, (कवियों के द्वारा धारण करने योग्य।)
9. वर्तते भूधराणाम्, (यहाँ पर्वतों के धरातल पर।)
10. जनानां धरेयं। (लोगों के द्वारा धारण करने योग्य।)
प्रश्न 6.
पर्यायपदानि योजयत-(निम्न पर्यायपदों को जोड़िए-)
उत्तरम्:
1. पीयूष, (अमृत)
2. क्षितौ, (पृथ्वी पर)
3. राजते, (शोभा देता है)
4. भयानकास्त्रैः, (भयानक हथियारों से)
5. धरा, (धरती)
6. वन्दनीया, (पूजनीय)
7. वैज्ञानिकानाम्, (वैज्ञानिकों का)
8. जनानाम्, (लोगों का)
9. शिल्पिनाम्, (कारीगरों का)
10. पुतानाम्, (पुत्रों का)
11. नटानाम्, (कलाकारों का)
12. दिग्गजानाम्, (महान हाथियों का (या वरिष्ठ लोगों का))
13. तटीनाम्, (तटों का)
14. केशरीणाम्, (शेरों का)
15. पिकानाम्, (कोयलों का)
16. शिखीनाम्। (मोरों का)
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