कः रक्षति कः रक्षितः
Solutions For All Chapters Sanskrit Class 8
अभ्यासः
प्रश्न 1.
प्रश्नानामुत्तराणि एकपदेन लिखत-(प्रश्नों के उत्तर एक पद में लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) प्रचण्डोष्मणा
(ख) वृक्षाः
(ग) अवकरभाण्डारम्
(घ) आशिक्षितेव (अशिक्षिताः इव)
(ङ) पर्यावरणस्य
(च) तालुः
Hindi Translation
(क) प्रचंड गर्मी के कारण
(ख) वृक्ष
(ग) कचरा भंडार
(घ) अशिक्षित की तरह
(ङ) पर्यावरण का
(च) तालु
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तराणि लिखत- (पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) परमिन्दर् गृहात् बहिरागत्य सर्वथा अवरुद्ध वायुवेगं पश्यति।
(ख) अस्माभिः यत्र-तत्र बहुभूमिकभवनानां, भूमिगतमार्गाणाम्, विशेषतः मैट्रोमार्गाणां, उपरिगमिसेतूनाम् मोत्यादीनाः निर्माणाय वृक्षाः कर्त्यन्ते।।
(ग) विनयः संगीतामाहूय ‘महोदये! कृपां कुरु मार्गे भ्रमभ्यः’ इति वदति।
(घ) रोजलिन् आगत्य बालैः साकं स्वक्षिप्तमवकरम् मार्गे विकीर्णमन्यदवकरं चापि संगृह्य अवकरकण्डोले प्रातयति।
(ङ) अन्ते जोसेफ: पर्यावरणक्षायै ‘पर्यावरणेन सह पशवः अपि रक्षणीयाः’ इति उपाय: बोधयति।
Hindi Translation
(क) परमिंदर घर से बाहर जाकर पूरी तरह से रोक दिए गए वायु वेग को देखता है।
(ख) हम जहां-तहां बहुभूमिका भवनों, भूमिगत मार्गों, विशेष रूप से मेट्रो मार्गों, और ऊपर जाने वाले सेतु के निर्माण के लिए वृक्ष लगा रहे हैं।
(ग) विनय संगीत को बुलाकर कहता है, ‘महोदय! कृपा कर मार्ग पर भ्रमण से बचें’।
(घ) रोजलिन आकर बच्चों के साथ गिरा हुआ कचरा और अन्य बिखरा हुआ कचरा भी एकत्र करता है।
(ङ) अंत में जोसेफ पर्यावरणीय क्षय के लिए ‘पर्यावरण के साथ पशु भी संरक्षित होने चाहिए’ यह उपाय बताता है।
प्रश्न 3.
रेखांकितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्नों का निर्माण कीजिए-)
उत्तरम्:
(क) कया एवं स्वच्छताऽभियानमपि गति प्राप्स्यति?
(ख) धेनुः कै सह प्लास्टिकस्यूतमपि खादति स्म?
(ग) कः सर्वथाऽवरुद्धः आसीत्?
(घ) सर्वे अवकरं संगृह्य कस्मिन् पातयन्ति?
(ङ) अधुना प्लास्टिकनिर्मितानि कानि प्रायः प्राप्यन्ते?
(च) सर्वे कुत्र/कम् प्राप्ताः मसन्नाः भवन्ति?
Hindi Translation
(क) किस प्रकार और स्वच्छता अभियान को गति प्राप्त होगी?
(ख) गाय ने किसके साथ प्लास्टिक का थैला खा लिया था?
(ग) कौन पूरी तरह से रोक दिया गया था?
(घ) सभी कचरे को इकट्ठा करके किसमें फेंकते हैं?
(ङ) अब प्लास्टिक से बनी कौन सी चीजें आमतौर पर मिलती हैं?
(च) सभी कहां/किससे प्राप्त होते हैं?
प्रश्न 4.
सन्धिविच्छेदं पूरयत-(सन्धिविच्छेद कीजिए-)
उत्तरम्:
(क) ग्रीष्म
(ख) आगत्य
(ग) काम्
घ) तत्
(ङ) कलम + इत्यादीनि
(च) अतीव + आनन्दप्रदः + अयम्
प्रश्न 5.
विशेषणपदैः सह विशेष्यदानि योजयत- (विशेषण पदों को विशेष्य के साथ मिलाइए-)
उत्तरम्:
प्रश्न 6.
शुद्धकथनानां समक्षम ‘आम्’ अशुद्धकथनानां समक्षं च ‘न’ इति लिखत-(शुद्ध कथन के सामने ‘आम’ और अशुद्ध कथन के सामने ‘न’ लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) आम्
(ख) आम्
(ग) आम्
(घ) आम्
(ङ) न
(च) आम्
(छ) आम्
(ज) आम्
प्रश्न 7.
घटनाक्रमानुसारं लिखत-(घटनाक्रम के अनुसार लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) गृहे प्रचण्डोष्मणा पीडितानि मित्राणि एकैकं कृत्वा गृहात् बहिरागच्छन्ति।
(ख) वृक्षाणां निरन्तरं कर्तनेन, ऊष्मावर्धनेन च दु:खिताः बालाः नदीतीरं गन्तुं प्रवृत्ताः भवन्ति।
(ग) मार्गे यत्र-तत्र विकीर्णमवकरं दृष्ट्वा पर्यावरणविषये चिन्तिा: वालाः पपरस्परं विचारयन्ति।
(घ) उपरितः अवकरं क्षेप्तुम् उद्यातां रोजलिन् बालाः प्रवोधयन्ति।
(ङ) बालैः सह रोजलिन् अपि मार्गे विकीर्णमवकरं यथास्थानं प्रक्षिपति।
(च) शाकफलानामावरणैः सह प्लास्टिकस्यूतमपि खादन्तीं धेनुं बालकाः कदलीफलानि भोजयन्ति।
(छ) प्लास्टिकस्य विविधापक्षान् विचारयितुं पर्यावरणसंरक्षणन पशूनेत्यादीन् रक्षितुं बालाः कृतनिश्चयाः भवन्ति।
(ज) अन्ते बालाः जलविहारं कृत्वा प्रसीदन्ति।
Hindi Translation
(क) घर में प्रचंड गर्मी से पीड़ित मित्र एक-एक करके घर से बाहर निकलते हैं।
(ख) वृक्षों की निरंतरता से, गर्मी बढ़ने से दुखी बच्चे नदी के किनारे जाने के लिए प्रेरित होते हैं।
(ग) रास्ते में जहां-तहां बिखरे हुए कचरे को देखकर पर्यावरण विषय पर चिंतित बच्चे आपस में चर्चा करते हैं।
(घ) ऊपर की ओर कचरा फेंकने की कोशिश कर रहे बच्चे रोजलिन को जगाते हैं।
(ङ) बच्चों के साथ रोजलिन भी रास्ते में बिखरे हुए कचरे को अपने स्थान पर डालते हैं।
(च) सब्जियों और फलों के कवर के साथ प्लास्टिक के थैले को खा रही गाय को बच्चे केले के फल देते हैं।
(छ) प्लास्टिक के विभिन्न पक्षों पर विचार करने के लिए और पर्यावरण संरक्षण के लिए पशुओं आदि की रक्षा के लिए बच्चे दृढ़ निश्चय करते हैं।
(ज) अंत में बच्चे जलविहार करके प्रसन्न होते हैं।
अतिरिक्त-अभ्यासः
प्रश्न 1.
निम्न संवादं पठित्वा तदाधारितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-(निम्न संवाद को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-)
(क) (ग्रीष्मर्ती सायंकाले विद्युदभावे प्रचण्डोष्मणा पीडितः वैभवः गृहात् निष्क्रामति)
वैभवः – अरे परमिन्दर्! अपि त्वमपि विद्युदभावेन पीडितः बहिरागतः?
परमिन्दर् – आम् मित्र! एकतः प्रचण्डातपकालः अन्यतश्च विद्युदभावः परं बहिरागत्यापि पश्यामि यत् वायुवेगः तु सर्वथाऽवरुद्धः। सत्यमेवोक्तम् ।
प्राणिति पवनेन जगत् सकलं, सृष्टिर्निखिला चैतन्यमयी।
क्षणमपि न जीव्यतेऽनेन विना, सर्वातिशायिमूल्यः पवनः॥
विनयः – अरे मित्र! शरीरात् न केवलं स्वेदबिन्दवः अपितु स्वेदधाराः इव प्रस्रवन्ति स्मृतिपथमायाति शुक्लमहोदयैः रचितः श्लोकः।
तप्तैर्वाताघातैरवितुं लोकान् नभसि मेघाः,
आरक्षिविभागजना इव समये नैव दृश्यनते॥
Hindi Translation – (क) (ग्रीष्म में सायंकाल विद्युत के जाने पर प्रचंड गर्मी से पीड़ित वैभव घर से बाहर निकलता है)
वैभव – अरे परमिंदर! क्या तुम भी विद्युत के जाने से पीड़ित होकर बाहर आए हो?
परमिंदर – हां मित्र! एक तरफ प्रचंड गर्मी है दूसरी तरफ विद्युत का जाना, पर बाहर जाकर भी मैं देखता हूं कि वायु का वेग तो पूरी तरह से रुक गया है। सत्य ही कहा गया है।
प्राणि पवन से ही जीवित रहता है, सृष्टि पूरी चैतन्यमयी है।
क्षण भर भी इसके बिना जीवित नहीं रह सकता, पवन का तो अत्यधिक मूल्य है।
विनय – अरे मित्र! शरीर से केवल पसीने की बूँदें ही नहीं, बल्कि पसीने की धाराएं भी बहती हैं। यह श्लोक शुक्लमहोदय द्वारा रचित है।
तप्ति वायु के प्रहार से लोकों का रक्षा करना नकाश में बादलों से संभव है,
आरक्षिविभाग के लोग भी समय पर नहीं देख पाते।
I. एकपदेन उत्तरत-(एक पद में उत्तर दीजिए-)
1. स्वेदधाराः इव के प्रस्रवन्ति?
2. वैभवः केन पीड़ितः गृहात् निष्क्रामति?
Hindi Translation
- स्वेदधाराएँ किस तरह प्रवाहित होती हैं?
- स्वेदबिंदु।
- वैभव किसके द्वारा पीड़ित होकर घर से बाहर निकलता है?
- प्रचंड गर्मी से।
II. पूर्णवाक्येन उत्तरत-(पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)
1. परमिन्दर् बहिः आगत्य किं पश्चति?
2. सकलं जगत् केन प्राणिति?
Hindi Translation
- परमिंदर बाहर आकर क्या देखता है?
- परमिंदर बाहर आकर देखता है कि वायुवेग हर तरफ अवरुद्ध है।
- संपूर्ण जगत किसके द्वारा प्राणित होता है?
- संपूर्ण जगत पवन के द्वारा प्राणित होता है।
III. भाषिककार्यम्-(भाषा-कार्य)
प्रश्न 1.
श्लोके ‘दृश्यन्ते’ इति क्रियायाः कर्तृपदं किम्?
(क) लोकान्
(ख) तप्तैः
(ग) मेघाः
(घ) आरक्षि विभागजनाः
प्रश्न 2.
‘रचितः श्लोकः’ अनयोः विशेषणपदं किम्?
(क) श्लोकः
(ख) रचितः
(ग) रचित
(घ) श्लोक
प्रश्न 3.
‘अन्तः’ इति पदस्य संवादे विपर्ययपदं किम् आगताम्?
(क) बहिः
(ख) अपितु
(ग) सकलं
(घ) परम्
प्रश्न 4.
संवादे ‘दुःखितः’ पदस्य कः पर्यायः लिखितः?
(क) अन्यत:
(ख) वैभवः
(ग) प्रभावः
(घ) पीडितः
उत्तरम्:
I.
1. स्वेदबिन्दवः
2. प्रचण्डोष्मणा
II.
1. परमिन्दर् बहिः आगत्य पश्यति यत् वायुवेगः तु सर्वथाऽवरुद्धः अस्ति।
2. सकलं जगत् पवनेन प्राणिति।
III.
1. (ग) मेघा
2. (ख) रचित:
3. (क) बहिः
4. (घ) पीडितः
Hindi Translation
प्रश्न 1. श्लोक में ‘दृश्यन्ते’ क्रियापद का कर्ता कौन है?
(क) लोक
(ख) तप्त
(ग) मेघ
(घ) आरक्षी विभाग के लोग
- उत्तर: (ग) मेघ
प्रश्न 2. ‘रचित श्लोक’ का विशेषण पद क्या है?
(क) श्लोक
(ख) रचित
(ग) रचित
(घ) श्लोक
- उत्तर: (ख) रचित
प्रश्न 3. ‘अन्तः’ शब्द का संवाद में विपरीत शब्द क्या है?
(क) बाहर
(ख) बल्कि
(ग) संपूर्ण
(घ) परम्
- उत्तर: (क) बाहर
प्रश्न 4. संवाद में ‘दुःखित’ शब्द का पर्यायवाची कौन है?
(क) अन्यतम
(ख) वैभव
(ग) प्रभाव
(घ) पीड़ित
- उत्तर: (घ) पीड़ित
(ख) (नदीतीरं गन्तुकामाः बालाः यत्र-तत्र अवकरभाण्डारं दृष्ट्वा वार्तालापं कुर्वन्ति)
जोसेफः – पश्यन्तु मित्राणि यत्र-तत्र प्लास्टिकस्यूतानि अन्यत् चावकरं प्रक्षिप्तमस्ति। कथ्यते यत् स्वच्छता स्वास्थ्यकरी परं वयं तु शिक्षिताः अपि अशिक्षित इवाचरामः अनेन प्रकारेण…
वैभवः – गृहाणि तु अस्माभिः नित्यं स्वच्छानि क्रियन्ते परं किमर्थं स्वपर्यावरणस्य स्वच्छतां प्रति ध्यानं न दीयते।
विनयः – पश्य-पश्य उपरितः इदानीमपि अवकरः मार्गे क्षिप्यते।
(आहूय) महोदये! कृपा करु मार्गे भ्रमभ्यः एतत् तु सर्वथा अशोभनं कृत्यम्।
अस्मसदृशेभ्यः बालेभ्यः भवतीसदृशैः एवं संस्कारा देयाः।
रोजलिन् – आम् पुत्र! सर्वथा सत्यं वदसि! क्षम्यन्ताम्। इदानीमेवागच्छामि।
Hindi Translation
जोसेफ – देखो मित्रों, हर जगह प्लास्टिक के थैले और अन्य कचरा बिखरा हुआ है। कहा जाता है कि स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए अच्छी है, लेकिन हम पढ़े-लिखे होते हुए भी अशिक्षितों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। इस प्रकार…
वैभव – हम अपने घरों को तो रोज साफ करते हैं, लेकिन अपने पर्यावरण की स्वच्छता पर ध्यान क्यों नहीं देते?
विनय – देखो, देखो! अभी भी ऊपर से कचरा सड़क पर फेंका जा रहा है।
(आवाज लगाते हुए) महोदया! कृपया सड़क पर कचरा फेंकना बंद करें, यह बिल्कुल अनुचित है।
हम बच्चों को आप जैसे लोगों से ऐसे संस्कार मिलते हैं।
रोजलिन – हां बेटा! तुम बिल्कुल सही कह रहे हो। माफ करना। मैं अभी इसे साफ करती हूं।
I. एकपदेन उत्तरत-(एक पद में उत्तर दीजिए-)
1. शिक्षिताः वयं कीदृशम् इव आचराम:?
2. बालाः यत्र-तत्र किं दृष्ट्वा वार्तालापं कुर्वन्ति?
उत्तरम्:
1. अशिक्षितम्
2. अवकरभाण्डारम्
Hindi Translation
I. एक शब्द में उत्तर दीजिए:
- शिक्षित हम किस प्रकार का आचरण करते हैं?
- अशिक्षितों जैसा।
- बच्चे क्या देखकर वार्तालाप कर रहे हैं?
- कचरा देखकर।
II. पूर्णवाक्येन उत्तरत-(पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)
1. अस्माभिः कानि नित्यं क्रियन्ते?
2. अस्माभिः कां प्रतिध्यानं न दीयते?
उत्तरम्:
1. अस्माभिः गृहाणि स्वच्छानि नित्यं क्रियन्ते।
2. अस्माभिः स्वपर्यावरणस्य स्वच्छतां प्रति ध्यानं न दीयते।
Hindi Translation
II. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए:
- हम क्या रोज साफ करते हैं?
- हम रोज अपने घरों को साफ करते हैं।
- हम किस पर ध्यान नहीं देते हैं?
- हम अपने पर्यावरण की स्वच्छता पर ध्यान नहीं देते हैं।
III. भाषिककार्यम्-(भाषा-कार्य)
प्रश्न 1.
संवादे ‘अशिक्षिताः’ इत्यस्य पदस्य कः विपर्ययः प्रयुक्तः?
(क) शिक्षिताः
(ख) शिक्षितः
(ग) देयाः
(घ) अवकरः
प्रश्न 2.
गृहाणि तु अस्माभिः नित्यं स्वच्छानि क्रियन्ते।’ अत्र कर्तृपदं किम्?
(क) गृहाणि
(ख) नित्यं
(ग) अस्माभिः
(घ) स्वच्छानि
प्रश्न 3.
‘एतत् तु सर्वथा अशोभनं कृत्यम्।’ अत्र अव्ययपदं किम्?
(क) एतत्
(ख) सर्वथा
(ग) कृत्यम्
(घ) अशोभनम्
प्रश्न 4.
‘नदीतीरं गन्तुकामाः बाला: ……………………… ।’ अत्र ‘बालाः’ इति कर्तृपदस्य क्रियापदं किमस्ति?
(क) दृष्ट्वा
(ख) कुर्वन्ति
(ग) वार्तालापं
(घ) यत्र-तत्र
उत्तरम्:
1. (क) शिक्षिताः
2. (ग) अस्माभिः
3. (ख) सर्वथा
4. (ख) कुर्वन्ति
Hindi Translation
III. भाषा-कार्य:
- संवाद में ‘अशिक्षित’ का विपरीत शब्द क्या है?
- (क) शिक्षित।
- वाक्य “गृहाणि तु अस्माभिः नित्यं स्वच्छानि क्रियन्ते।” में कर्ता क्या है?
- (ग) अस्माभिः।
- वाक्य “एतत् तु सर्वथा अशोभनं कृत्यम्।” में अव्यय (अव्यक्त शब्द) कौन सा है?
- (ख) सर्वथा।
- वाक्य “नदीतीरं गन्तुकामाः बालाः…” में “बालाः” के लिए क्रियापद कौन सा है?
- (ख) कुर्वन्ति।
प्रश्न 2.
निम्न श्लोकानि पठित्वा तेषाम् अन्वय लेखनं मञ्जूषायाः सहायतया कुरुत- (निम्न श्लोकों को पढ़कर उनका अन्वय मंजूषा की सहायता से लिखिए-)
(क) प्राणिति पवनेन जगत् सकलं, सृष्टिर्निखिला चैतन्यमयी।
क्षणमपि न जीव्यतेऽनेन विना, सर्वातिशायिमूल्यः पवनः॥
अन्वय : पवनेन सकलं (i) …………………….. प्राणिति, निखिला (ii) …………………….. चैतन्यमयी (अस्ति)। सर्वा (iii)…………………….. पवनः अनेन विना (iv) …………………….. अपि न जीव्यते।
मजूषा-क्षणम्, जगत्, सृष्टिः, अतिशायिमूल्यः
उत्तरम्:
(i) जगत्
(ii) सृष्टिः
(iii) अतिशायिमूल्यः
(iii) क्षणम्
Hindi Translation
(क)
अनुवाद: समस्त संसार वायु से जीवन पाता है, सम्पूर्ण सृष्टि चेतनामयी है। इसके बिना एक क्षण भी जीवन संभव नहीं, वायु की अत्यधिक मूल्यवानता है।
अन्वय: वायु से समस्त (i) जगत् जीवन पाता है, सम्पूर्ण (ii) सृष्टि चेतनामयी है। वायु की अत्यधिक (iii) मूल्यवानता है, इसके बिना एक (iv) क्षण भी जीवन संभव नहीं।
(ख) तप्तैर्वाताघातैरवितुं लोकान् नभसि मेघाः,
आरक्षिविभागजना इवे समये नैव दृश्यन्ते॥
अन्वय : तप्तैः (i) …………………….. अवितुं लोकान् (ii) …………………….. मेधाः, आरक्षिविभाग …………………….. इव (iv) …………………….. न एव दृश्यन्ते।
मञ्जूषा-नभसि, वाताघातैः, समये, जनाः
उत्तरम्:
(i) वाताघातैः
(ii) नभसि
(iii) जनाः
(iii) समये
Hindi Translation
(ख)
अनुवाद: तप्त वायु के झोंकों से दुनिया की रक्षा के लिए बादल आकाश में नहीं दिखाई देते, जैसे समय पर पुलिस विभाग के लोग नहीं दिखते।
अन्वय: तप्त (i) वायु के झोंकों से दुनिया की रक्षा के लिए (ii) बादल, पुलिस विभाग के लोग (iii) समय पर (iv) नहीं दिखते।
(ग) निदाघतापतप्तस्य, याति तालु हि शुष्कताम्।
पुंसो भयार्दितस्येव, स्वेदवन्जायते वपुः॥
अन्वय : – निदाघताप (i) …………………….. हि तालु (ii) …………………….. याति, भयार्दितस्य इव (iii) …………………….. वपुः (iv) …………………….. वप. (v) …………………….. जायते।।
मञ्जूषा- शुष्कनाम्, स्वेदवत्, तप्तस्य, पुंसः
उत्तरम्:
(i) तप्तस्य
(ii) शुष्कनाम्
(iii) पुंसः
(iv) स्वेदवत्
Hindi Translation
(ग)
अनुवाद: अत्यधिक गर्मी से पीड़ित व्यक्ति का तालु सूख जाता है, और भय से पीड़ित व्यक्ति का शरीर पसीने से तरबतर हो जाता है।
अन्वय: अत्यधिक गर्मी से पीड़ित (i) व्यक्ति का तालु (ii) सूख जाता है, भय से पीड़ित (iii) व्यक्ति का शरीर (iv) पसीने से (v) तरबतर हो जाता है।
(घ) एकेन शुष्कवृक्षेण दह्यमानेन वनिना।
दह्यते तद्वनं सर्वं कुपुत्रेण कुलं यथा॥
अन्वय : – एकेन (i) …………………….. वनिना (ii) …………………….. तत् (iii) …………………….. वनं (तया) दह्यते यथा (iv) …………………….. कुलं (दह्यते)।
मजूषा-कुपुत्रेण, सर्वं, शुष्कवृक्षेण, ह्यमानेन
उत्तरम्:
(i) शुष्कवृक्षेण
(ii) ह्यमानेन
(iii) सर्वं
(iv) कुपुत्रेण
Hindi Translation
(घ)
अनुवाद: जैसे एक सूखा पेड़ जलने से पूरा वन जल जाता है, वैसे ही एक कुपुत्र से पूरा कुल नष्ट हो जाता है।
अन्वय: एक (i) सूखा पेड़ जलने से (ii) पूरा (iii) वन जल जाता है, जैसे एक (iv) कुपुत्र से पूरा कुल नष्ट हो जाता है।
(ङ) सुपर्यावरणेनास्ति जगतः
सुस्थितिः सखे।
जगति जायमानानां सम्भवः
सम्भवो भुवि॥
अन्वय : – सखे! सुपर्यावरणेन (i) …………………….. सुस्थितिः (ii) ……………………..। (यत:) (iii) …………………….. जायमानानां सम्भवः (एव) (iv) …………………….. सम्भवः (वर्तते)।।
मञ्जूषा-भुवि, जगतः, अस्ति, जगति
उत्तरम्:
(i) जगतः
(ii) अस्ति
(iii) जगति
(iv) भुवि
Hindi Translation
(ङ)
अनुवाद: हे मित्र! उत्तम पर्यावरण से ही संसार की स्थिरता है। इस पृथ्वी पर जन्म लेने वालों का विकास भी पर्यावरण के कारण ही होता है।
अन्वय: हे मित्र! उत्तम पर्यावरण से (i) संसार की स्थिरता (ii) होती है। क्योंकि (iii) संसार में जन्म लेने वालों का विकास (iv) पृथ्वी पर होता है।
प्रश्न 3.
निम्न श्लोकानि पठित्वा मञ्जूषायाः सहायतया तेषां भावार्थं लिखत-(निम्न श्लोकों को पढ़कर मंजूषा की सहायता से उनके भावार्थ लिखिए-)
1. प्राणिति पवनेन जगत् सकलं, सृष्टिर्निखिला चैतन्यमयी।
क्षणमपि न जीव्यतेऽनेन विना, सर्वातिशायिमूल्यः पवनः॥
भावार्थ:- अस्य श्लोकस्य भावोऽस्ति यत् (i) …………………….. एव सम्पूर्ण जगत् प्राणयति सम्पूर्णा च सृष्टिः (ii) …………………….. भवति। संसारे पवनः अतीव मूल्यवान् वियते तं विना (iii) …………………….. अपि (iv) …………………….. न शक्यते।
मञ्जूषा-चैतन्ययुक्ता, पवनः, क्षणम्जी, वितु
उत्तरम्:
(i) पवनः
(ii) चैतन्ययुक्ताः
(iii) क्षणम्
(iv) जीवितु
Hindi Translation
भावार्थ: इस श्लोक का भावार्थ यह है कि (i) पवन ही सम्पूर्ण संसार को जीवन प्रदान करता है और सम्पूर्ण सृष्टि (ii) चैतन्ययुक्ता होती है। संसार में पवन अति मूल्यवान है क्योंकि इसके बिना (iii) क्षण भी (iv) जीवितु नहीं किया जा सकता।
2. तप्तैर्वाताधातैरवितुं लोकान् नभसि मेघाः,
आरक्षिविभागजना इवे समये नैव दृश्यनते॥
भावार्थ : – अस्य भावोऽस्ति यत् ग्रीष्म-ऋतौ जनाः (i) …………………….. वायुराघातैः रक्षार्थं आकाशे (ii) …………………….. परं ते मेघाः आरक्षि विभागस्य (iii) …………………….. इव जनान् उचिते (iv) …………………….. कदापि न दृश्यन्ते।
मजूषा- तप्यमानैः, जनाः, पश्यन्ति, समये
उत्तरम्:
(i) तप्यमानैः
(ii) पश्यन्ति
(iii) जनाः
(iv) समये
Hindi Translation
भावार्थ: इस श्लोक का भावार्थ यह है कि गर्मी के मौसम में तप्त (i) वायु के झोंकों से लोगों की रक्षा के लिए आकाश में (ii) बादल होते हैं, परन्तु वे आरक्षि विभाग के (iii) लोगों के समान (iv) समय पर कभी नहीं दिखते।
3. निदाघतापतप्तस्य, याति तालु हि शुष्कताम्।
पुंसो भयार्दितस्येव, स्वेदवज्जायते वपुः॥
भावार्थः – अस्य श्लोकस्य भवोऽस्ति यत् अस्मिन् निदाघतापेन (i) …………………….. जनस्य तालुः हि (ii) …………………….. प्राप्नोति। एवमेव (iii) …………………….. आर्तस्य जनस्य इव (iv) …………………….. शरीरः स्वेदयुक्त जातः।
मजूषा- सम्पूर्णः, शुष्कताम्, तप्तस्य, भयात्
उत्तरम्:
(i) तप्तस्य
(ii) शुष्कताम्
(iii) भयात्
(iv) सम्पूर्णः
Hindi Translation
भावार्थ: इस श्लोक का भावार्थ यह है कि अत्यधिक गर्मी से पीड़ित (i) व्यक्ति का तालु (ii) सूख जाता है, और भय से पीड़ित (iii) व्यक्ति का शरीर (iv) पसीने से पूर्ण रूप से ढक जाता है।
4. एकेन शुष्कवृक्षेण ह्यमानेन वनिना।
दह्यते तद्वनं सर्वं कुपुत्रेण कुलं यथा॥
भावार्थः – अर्थात् यथा वह्निना एकेन (i) …………………….. दाह्यमानेन (ii) …………………….. तत् सर्वं वनं ज्वलति तथा (iii) …………………….. कुपुत्रेण सर्वं (iv) …………………….. अपि ज्वलति (नाशयति)।
मञ्जूषा- एव, शुष्कवृक्षेण, एकेन, कुलम्
उत्तरम्:
(i) शुष्कवृक्षेण
(ii) एव
(iii) एकेन
(iv) कुलम्
भावार्थ: अर्थात, जैसे एक (i) सूखे पेड़ के जलने से (ii) पूरा वन जल जाता है, उसी प्रकार एक (iii) कुपुत्र से पूरा (iv) कुल नष्ट हो जाता है।
5. सुपर्यावरणे नास्ति जगतः
सुस्थितिः सखे।
जगति जायमानानां सम्भवं
सम्भवो भुवि॥
भावार्थः – अस्य भावोऽस्ति यत् हे मित्र उत्तमेन …………………….. (i) एव संसारस्य …………………….. (ii) स्थितिः भवति यतः …………………….. (iii) प्राणीनां सुनिवासम् एव …………………….. (iv) वास्तविकं निवासं वर्तते।
मञ्जूषा- धरायां, संसारे, पर्यावरणेन, उत्तमा
उत्तरम्:
(i) पर्यावरणेन
(ii) उत्तमा
(iii) संसारे
(iv) धरायां
भावार्थ: इस श्लोक का भावार्थ यह है कि हे मित्र! उत्तम (i) पर्यावरण के कारण ही संसार की (ii) उत्तम स्थिति होती है। क्योंकि (iii) संसार में जन्म लेने वालों का वास्तविक (iv) पृथ्वी पर विकास संभव है।
प्रश्न 4.
रेखाङकित पदानां स्थानेषु प्रश्ननिर्माणं कृत्वा लिखत-(रेखांकित पदों के स्थान पर प्रश्ननिर्माण करके लिखिए-)
1. प्रचण्डोष्मणा पीडित: वैभव: गृहात् निष्क्रामति। (प्रचंड गर्मी से पीड़ित होकर वैभव घर से बाहर निकलता है।)
2. निखिला सृष्टि: चैतन्यमयी अस्ति। (पूरी सृष्टि चेतनामयी है।)
3. शरीरात् स्वेदधाराः प्रस्रवन्ति। (शरीर से पसीने की धाराएं बहती हैं।)
4. शुक्लमहोदयैः रचितः श्लोकः स्मृतिपथम् आयाति। (शुक्ल महोदय द्वारा रचित श्लोक स्मृतिपथ पर आता है।)
5. आरक्षिविभागजनाः समये नैव दृश्यन्ते। (पुलिस विभाग के लोग समय पर कभी दिखाई नहीं देते।)
6. याति तालुः हि शुष्कताम्। (तालु सूख जाता है।)
7. मार्ग इत्यादीनां निर्माणाय वृक्षाः कर्त्यन्ते। (सड़क आदि के निर्माण के लिए पेड़ काटे जाते हैं।)
8. आगच्छन्तु नदीतीरं गच्छामः। (आओ, नदी के किनारे चलते हैं।)
9. बालाः यत्र-तत्र अवकरभाण्डारं दृष्ट्वा वार्तालापं कुर्वन्ति। (बच्चे यहां-वहां कचरे के ढेर देखकर बातचीत करते हैं।)
10. अन्यत् च अवकरं प्रक्षिप्तम् अस्ति। (अन्य कचरा भी फेंका गया है।)
11. वयं तु शिक्षिताः अपि अशिक्षित इवाचरामः। (हम शिक्षित होते हुए भी अशिक्षितों की तरह व्यवहार करते हैं।)
12. एतत् तु सर्वथा अशोभनम्। (यह बिल्कुल भी उचित नहीं है।)
13. धेनुः शाकफलानाम् आवरणैः सह प्लास्टिकस्यूतम् अपि खादति। (गाय फल और सब्जियों के छिलकों के साथ प्लास्टिक की थैली भी खा जाती है।)
14. बालाः कदलीफलानि क्रित्वा धेनुम् आवयन्ति। (बच्चे केले खरीदकर गाय को खिलाते हैं।)
15. पर्यावरणेन सह पशवः अपि रक्षणीयाः। (पर्यावरण के साथ-साथ पशुओं की भी रक्षा होनी चाहिए।)
उत्तरम्:
1. प्रचण्डोष्मणा पीडितः कः गृहात् निष्क्रामति? (प्रचंड गर्मी से पीड़ित कौन घर से बाहर निकलता है?)
2. निखिला सृष्टिः कीदृशी अस्ति? (पूरी सृष्टि कैसी है?)
3. शरीरात् काः प्रस्रवन्ति? (शरीर से क्या बहती हैं?)
4. कै रचित्: श्लोकः स्मृतिपथम् आयाति? (शुक्ल महोदय द्वारा रचित क्या स्मृतिपथ पर आता है?)
5. के समये नैव दृश्यन्ते? (समय पर कौन लोग दिखाई नहीं देते?)
6. याति तालुः हि काम्? (क्या सूख जाता है?)
7. मार्ग इत्यादीनां निर्माणाय के कर्त्यन्ते? (सड़क आदि के निर्माण के लिए क्या काटे जाते हैं?)
8. आगच्छन्तु कुत्र गच्छामः? (आओ, हम कहां चलें?)
9. बालाः यत्र-तत्र कम्/किम् दृष्टवा वार्तालाप कुर्वन्ति? (बच्चे यहां-वहां क्या देखकर बातचीत करते हैं?)
10. अन्यत च किम् प्रक्षिप्तम् अस्ति? (और क्या फेंका गया है?)
11. वयं तु कीदृशाः अपि अशिक्षित इवाचराम:? (हम किस तरह से व्यवहार करते हैं, जबकि हम शिक्षित हैं?)
12. एतत् तु सर्वथा कीदृशम्? (यह किस प्रकार का है?)
13. का शाकफलानाम् आवरणैः सह प्लास्टिकस्यूर्तम् अपि खादति? (कौन फल और सब्जियों के छिलकों के साथ प्लास्टिक की थैली भी खा जाती है?)
14. बालाः कानि क्रित्वा धेतुम् आह्वयन्ति? (बच्चे क्या खरीदकर गाय को खिलाते हैं?)
15. पर्यावरणेन सह के अपि रक्षणीया:? (पर्यावरण के साथ किसकी भी रक्षा होनी चाहिए?)
प्रश्न 5.
निम्न वाक्यानि पठित्वा कथाक्रमानुसारं तानि लिखत-(निम्नलिखित वाक्यों को पढ़कर उन्हें घटनाक्रमानुसार लिखिए-)
(क)
1. रोजलिन् उपरितः अवकरं मार्गे क्षिपति।
2. उत्तमेन पर्यावरणेन जगतः उत्तमा स्थितिः अस्ति।
3. बालाः मार्गे कदलीफलानि क्रीत्वा धेनुं भोजयन्ति।
4. छात्रा: नदीजले निमज्जिताः भूत्वा गायन्ति।
5. ते छात्राः शिक्षकाणां सहयोगेन प्लास्टिक विषये चिन्तयितुम् इच्छन्ति।
6. सा रोजलिन् नीचैः आगत्य अवकरं संगृह्य अवकर कण्डोले क्षिपति।
7. वैभवः प्रचण्डग्रीष्मेण पीडितः भूत्वा गृहात् बहिः निर्गच्छति।
8. विनयः अपि स्वेदधारा विषये परमिन्दरं कथयति।
उत्तरम्:
(क)
1. वैभवः प्रचण्डग्रीष्मेण पीडितः भूत्वा गृहात् बहिः निर्गच्छति।
2. विनयः अपि स्वेदधारा विषये परमिन्दरं कथयति।
3. रोजलिन् उपरितः अवकरं मार्गे क्षिपति।
4. सा रोजलिन् नीचैः आगत्य अवकरं संगृह्य अवकर कण्डोले क्षिपति।
5. बालाः मार्गे कदलीफलानि क्रीत्वा धेनुं भोजयन्ति।
6. ते छात्राः शिक्षकाणां सहयोगेन प्लास्टिक विषये चिन्तयितुम् इच्छन्ति।
7. छात्रा: नदीजले निमज्जिताः भूत्वा गायन्ति।
8. उत्तमेन पर्यावरणेन जगतः उत्तमा स्थितिः अस्ति।
Hindi Translation
- वैभव तेज़ गर्मी से पीड़ित होकर घर से बाहर निकलता है।
- विनय भी पसीने की धाराओं के बारे में परमिंदर से बात करता है।
- रोजलिन कचरा सड़क पर फेंक देती है।
- फिर रोजलिन नीचे आकर कचरा इकट्ठा करती है और उसे कचरे के डिब्बे में डाल देती है।
- बच्चे सड़क पर केले खरीदकर गाय को खिलाते हैं।
- वे छात्र अपने शिक्षकों की सहायता से प्लास्टिक के बारे में विचार करना चाहते हैं।
- छात्र नदी के पानी में डूबकर गाते हैं।
- अच्छे पर्यावरण से दुनिया में अच्छी स्थिति होती है।
(ख)
1. बालाः मार्गे शाकफलानामावरणैः सह प्लास्टिकस्यूतं खादन्तीं धेनुं पश्यन्ति।
2. विनयस्य स्मृतौ शुक्लमहोदयस्य एकं श्लोकम् आगच्छति।
3. जलविहारः सर्वेभ्यः रोचते।
4. अधुना विविध निर्माणकार्यार्थं वृक्षाः कर्त्यन्ते।
5. छात्रा: कदलीफलानि क्रीत्वा गाम् आहूय प्लास्टिकात् दूरं नयन्ति फलानि च खादयन्ति।
6. ते सर्वे धेनुं प्लास्टिक खादनात् रोद्धं विचारयन्ति।
7. वैभव: प्रचण्ड उष्मणा पीडित: गृहात् बहिः आगच्छत्।
8. परमिन्दरः शान्तिं प्राप्तुं नदीतीरे गन्तुं मित्राणि वदति।
उत्तरम्:
(ख)
1. वैभव: प्रचण्ड उष्मणा पीडित: गृहात् बहिः आगच्छत्।
2. विनयस्य स्मृतौ शुक्लमहोदयस्य एकं श्लोकम् आगच्छति।
3. अधुना विविध निर्माणकार्यार्थं वृक्षाः कर्त्यन्ते।
4. परमिन्दरः शान्तिं प्राप्तुं नदीतीरे गन्तुं मित्राणि वदति।
5. बालाः मार्गे शाकफलानामावरणैः सह प्लास्टिकस्यूतं खादन्तीं धेनुं पश्यन्ति।
6. ते सर्वे धेनुं प्लास्टिक खादनात् रोद्धं विचारयन्ति।
7. छात्राः कदलीफलानि क्रीत्वा गाम् आहूय प्लास्टिकात् दूरं नयन्ति फलानि च खादयन्ति।
8. जलविहारः सर्वेभ्यः रोचते।
Hindi Translation
- वैभव तेज़ गर्मी से पीड़ित होकर घर से बाहर आता है।
- विनय को शुक्ल महोदय का एक श्लोक याद आता है।
- अब विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं।
- परमिंदर शांति पाने के लिए नदी के किनारे जाने की बात अपने दोस्तों से कहता है।
- बच्चे सड़क पर फल और सब्जियों के छिलकों के साथ प्लास्टिक खाते हुए गाय को देखते हैं।
- वे सभी गाय को प्लास्टिक खाने से रोकने का विचार करते हैं।
- छात्र केले खरीदकर गाय को बुलाते हैं और प्लास्टिक से दूर ले जाकर उसे केले खिलाते हैं।
- जलक्रीड़ा सभी को पसंद आती है।
प्रश्न 6.
निम्न पदानां पर्यायाः चीयन्ताम्-(निम्न पदों के पर्यायवाची चुनिए-)
उत्तरम्:
1. ग्रीष्मेण (गर्मी द्वारा)
2. कुपुत्रेण (बुरे पुत्र द्वारा)
3. धेनुः (गाय)
4. शिक्षिताः (शिक्षित)
5. दुःखितः (दुखी)
6. क्षतिः (हानि)
7. देहः (शरीर)
8. भोजयन्ति (खिलाते हैं)
9. सृष्टिः (सृष्टि)
10. कृत्यम् (कार्य)
11. देयाः (दिए जाने योग्य)
12. शरीरात् (शरीर से)
13. प्राप्ताः (प्राप्त)
14. नभसि (आकाश में)
15. कण्डोले (कंदोले (कचरे का ढेर))
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