RBSE Solutions For All Chapters Vigyan Class 7
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
मनुष्य की मुखगुहा में कुल तक दाँतों की संख्या होती
(अ) 2
(ब) 4
(स) 6
(द) 8
उत्तर:
(द) 8
प्रश्न 2.
पचे हुए भोजन का मुख्य रूप से अवशोषण जिस अंग में होता है, वह है
(अ) आमाशय
(ब) क्षुद्रांत्र
(स) बृहद्रांत्र
द) मुख
उत्तर:
(ब) क्षुद्रांत्र
प्रश्न 3.
हमारे शरीर में पाचन की मुख्य क्रिया जिस अंग में पाई। जाती है, वह है
(अ) बृहदांत्र
(ब) मैलाशय
(स) आमाशय
(द) ग्रसिका
उत्तर:
(द) ग्रसिका
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
1. अमीबा………. की सहायता से भोजन पकड़ता है।
2. रूमिनेन्टस में क्षुद्रांत्र एवं बृहदांत्र के बीच ………. पाई जाती है।
3. जीभ पर स्थित …………. द्वारा स्वाद का पता चलता है।
उत्तर:
1. पादाभ,
2. अंधनाल,
3. स्वाद कलिकाओं।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
अन्तर्ग्रहण की क्रिया क्या है ?
उत्तर:
भोजन को मुख द्वारा शरीर के अन्दर लेने की क्रिया को अन्तर्ग्रहण कहते हैं। अमीबा में मुख नहीं होता है।
अतः उसमें इस क्रिया को एण्डोसाइटोसिस कहते हैं।
प्रश्न 2.
यदि जीभ पर स्वाद कलिकाएँ न हों तो कौन-सी क्रिया प्रभावित होगी ?
उत्तर:
जीभ पर स्थित स्वाद कलिकाएँ हमें भोजन के स्वाद का ज्ञान कराती हैं। भोजन के अच्छे स्वाद से भूख बढ़ती है। यदि स्वाद कलिकाएँ नहीं हों तो हम भोजन का स्वाद नहीं ले पायेंगे और इसका भूख पर प्रभाव पड़ेगा।
प्रश्न 3.
रूमिनेन्टस में यदि अंधनाल नहीं होगी तो क्या होगा ?
उत्तर:
रूमिनेन्टस (जुगाली करने वाले जन्तु) की आहार नाल में स्थित अंधनाल में कुछ जीवाणु पाए जाते हैं जो भोजन की सेल्युलोज को पचाने का कार्य करते हैं। यदि इन जन्तुओं में अन्धनाल नहीं होगी तो सेल्युलोज का पाचन नहीं होगा।
प्रश्न 4.
मनुष्य के विभिन्न प्रकार के दाँतों के नाम व कार्य लिखिए।
उत्तर:
मनुष्य के दाँत एवं उनके कार्य
- कृन्तक- भोजन को कुतरने का कार्य करते हैं।
- रदनक- भोजन को चीरने-फोड़ने का कार्य करते हैं।
- अग्र चर्वणक- भोजन को चबाने का कार्य करते हैं।
- चर्वणक- भोजन को चबाने का कार्य करते हैं। |
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आमाशय में भोजन का पाचन कैसे होता है ?
उत्तर:
आमाशय में भोजन का पाचन- आमाशय में भोजन के पहुँचने पर आमाशय की मोटी भित्तियों में पेशीय संकुचन होता है जिससे भोजन मसलता जाता है। आमाशयी ग्रन्थियों में जठर रस तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) का स्रावण होता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल आमाशय के माध्यम को अम्लीय कर देता है तथा भोजन के साथ आए सूक्ष्म | जीवाणुओं को मार देता है। यह आमाशयी रस के स्रावण को भी प्रेरित करता है।
जठर रस या अमाशयी रस में कुछ पाचक एन्जाइम होते हैं जो प्रोटीन को सरल अवयवों में तोड़ देते हैं। ये एन्जाइम आमाशय के अम्लीय माध्यम में कार्य करते हैं। आमाशय में भोजन लुगदी जैसा हो जाता है, जिसे क्षुद्रांत्र में धकेल दिया जाता है।
प्रश्न 2.
अमीबा के भोजन ग्रहण करने व पाचन की विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अमीबा में संभरण एवं पाचन-अमीबा (Amoeba) जलाशयों में पाया जाने वाला एककोशिकीय जीव है। अमीबा की कोशिका को घेरे हुए एककोशिका | झिल्ली होती है। कोशिका में एक गोल, सघन केन्द्र एवं | कोशिका द्रव में बुलबुले के समान अनेक संकुचनशील । रसधानियाँ पायी जाती हैं। अमीबा निरन्तर अपनी आकृति एवं स्थिति बदलता रहता है। यह एक अथवा अधिक अँगुली के समान प्रवर्ध निकालता रहता है, जिन्हें पादाभ | (Pseudopodia) कहते हैं, जो इसे गति करने में एवं भोजन पकड़ने में सहायता करते हैं।
अमीबा कुछ सूक्ष्मजीवों को आहार के रूप में ग्रहण करता है। जब इसे भोजन का आभास होता है तो यह खाद्य कण के चारों ओर पादाभ विकसित करके उसे निगल लेता है। खाद्य पदार्थ उसकी खाद्यधानी में फंस जाते हैं। यह प्रक्रिया एण्डोसाइटोसिस कहलाती है। खाद्यधानी में ही पाचक रस स्रावित होते हैं। ये खाद्य पदार्थ पर क्रिया करके उन्हें सरल पदार्थों में बदल देते हैं। पचा हुआ खाद्य धीरे-धीरे अवशोषित हो जाता है। अवशोषित पदार्थ अमीबा की वृद्धि, रखरखाव एवं गुणन में काम आते हैं। बिना पचा अपशिष्ट पदार्थ खाद्यधानी द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।
प्रश्न 3.
मनुष्य के पाचन तंत्र का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
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