RBSE Solutions For All Chapters Vigyan Class 7
सही विकल्प का चयन कीजिए।
प्रश्न 1.
प्रयोगशाला तापमापी में निम्नलिखित में से किस पदार्थ का उपयोग होता है ?
(अ) सोडियम
(ब) पारा
(स) पिघला ऐल्युमीनियम
(द) चमकीला पानी
उत्तर:
(ब) पारा
प्रश्न 2.
जब पदार्थ के अणु स्वयं चलकर ऊष्मा का एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरण करते हैं तो ऊष्मा . संचरण की यह विधि कहलाती है
(अ) चालन
(ब) संवहन
(स) विकिरण
(द) चालन व विकिरण दोनों
उत्तर:
(ब) संवहन
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. वस्तु के गर्मपन या ठण्डेपन की माप को ………….. कहतेहैं।
2. धातु के चम्मच को आइसक्रीम के प्याले में डुबोकर थोड़ी देर रखते हैं, तो वह …………. हो जायेगी।
3. स्टील की कड़ाही में ताँबे की तली लगाई जाती है, क्योंकि ताँबा ऊष्मा का अच्छा ……………….. है।
4. ऊष्मा का प्रवाह …………….. ताप वाली वस्तु से ताप वाली वस्तु की ओर होता है।
5. वायु तथा जल ऊष्मा के ………… हैं।
उत्तर:
1. ताप
2. ठण्डा
3. चालक
4. अधिक, कम
5. कुचालक
सत्य या असत्य
प्रश्न 1.
35°C के ताप पर एक लीटर जल में 55°C के ताप पर एक लीटर जल में मिला दिया जाए तो मिश्रण का ताप 30°C से कम हो जाएगा।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
खाना पकाने के बर्तन धातुओं से बनाए जाते हैं, क्योंकि धातुएँ ऊष्मा की अच्छी चालक होती हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
घरों की बाहरी दीवारों पर सफेद रंग पोतने से घर गर्मियों में कम गर्म होगा।
उत्तर:
सत्य
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ऊष्मा के चालक एवं कुचालक में उदाहरण देकर अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वे पदार्थ, जिनमें ऊष्मा का चालन आसानी से हो जाता है, उन्हें ऊष्मा के चालक या सुचालक (Good conductors) कहते हैं। उदाहरणार्थ- धातुएँ; जैसेऐल्युमीनियम, लोहा, ताँबा आदि ऊष्मा के चालक हैं। इसके विपरीत वे पदार्थ, जिनमें ऊष्मा का चालन आसानी से नहीं हो पाता है, उन्हें ऊष्मा के कुचालक या ऊष्मारोधी (Insulator) कहते हैं। उदाहरणार्थ-लकड़ी, प्लास्टिक, एबोनाइट, ऊनी कपड़ा आदि ऊष्मा के कुचालक हैं।
प्रश्न 2.
ऊष्मा संचरण की कौन-सी विधियाँ हैं ? इनमें अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मा संचरण की तीन विधियाँ हैं
- चालन (Conduction)
- संवहन (Convection)
- विकिरण (Radiation)
प्रश्न 3.
धूप में समान आकार वाली काली और चमकदार वस्तुएँ रखने पर काली वस्तु अधिक गर्म क्यों हो जाती है ?
उत्तर:
काली वस्तुएँ ऊष्मा की श्रेष्ठ अवशोषक होती हैं। तथा चदार वस्तुएँ ऊष्मा की श्रेष्ठ परावर्तक होती हैं अर्थात् काली वस्तुएँ आपतित अधिकांश ऊष्मीय विकिरणों को अवशोषित कर लेती हैं, जबकि चमकदार वस्तुएँ आपतित ऊष्मीय विकिरणों के अधिकांश भाग को परावर्तित कर देती हैं। अतः धूप में समान आकार वाली काली और चमकदार वस्तुएँ रखने पर काली वस्तुएँ अधिक ऊष्मीय विकिरणों को अवशोषित कर लेने के कारण अधिक गर्म हो जाती हैं।
प्रश्न 4.
समुद्र में गर्म जल की धाराएँ बनने का क्या कारण
उत्तर:
विषुवत रेखा के आसपास ध्रुवों की तुलना में सूर्य की किरणे अपेक्षाकृत सीधी पड़ती हैं। इस कारण महासागरों में ध्रुवों की तुलना में विषुवत् वृत्त का पानी अधिक गर्म हो जाता है। यह जल हल्का होने के कारण ऊपर ही ऊपर तैरता हुआ ध्रुवीय प्रदेशों की ओर बहता है। गर्म जल के इस प्रकार बहने को गर्म जल की धारा कहते हैं।
इसके विपरीत ध्रुवों के आसपास का जल ठण्डा होने के कारण भारी होता है तथा समुद्र के नीचे से ध्रुवों से विषवत् वृत्त की ओर बहता है। ये धाराएँ ठण्डे जल की धाराएँ कहलाती हैं।
प्रश्न 5.
खाना पकाने के बर्तनों में लकड़ी या ऐबोनाइट के हत्थे लगाए जाते हैं क्यों ?
उत्तर:
खाना बनाने के विभिन्न बर्तनों में लकड़ी या ऐबोनाइट के हत्थे इसलिए लगाए जाते हैं कि जब ये बर्तन गर्म हों तो उन्हें आसानी से पकड़ा जा सके। चूँकि लकड़ी या ऐबोनाइट ऊष्मा के कुचालक होते हैं। अत: लकड़ी या ऐबोनाइट के हत्थे गर्म नहीं होते हैं।
प्रश्न 6.
आवश्यक चित्र भी बनाते हुए प्रयोग द्वारा ऊष्मा की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
साइकिल की टूटी हुई तानी या लोहे का सीधा पतला तार लेकर उसके ऊपर समान दूरी पर मोम के छोटे-छोटे टुकड़े चिपकाते हैं। तार के एक सिरे को मेज पर रखकर उसके ऊपर पत्थर या ईंट रखकर चित्रानुसार व्यवस्थित कर देते हैं। छड़ के दूसरे सिरे को गर्म करने पर हम पाते हैं कि मोमबत्ती के सिरे की ओर स्थित मोम का टुकड़ा सबसे पहले नीचे गिरता है तथा अन्य टुकड़े भी पिघलना प्रारम्भ हो जाते हैं। तार के एक सिरे को गर्म करने पर ऊष्मा ठण्डे सिरे की ओर स्थानान्तरित होती है। ऊष्मा संचरण की यह विधि चालन कहलाती है। ठोस वस्तुओं में ऊष्मा का संचरण चालन विधि द्वारा होता है।
प्रश्न 7.
सर्दियों में ऊनी कपड़े पहनने से ठण्ड से बचाव क्यों होता है ? कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वायु ऊष्मा की कुचालक होती है। ऊनी कपड़ों के छोटे-छोटे छिद्रों में वायु भरी होती है। ऊन तथा वायु के ऊष्मा के कुचालक होने के कारण शरीर की ऊष्मा बाहर नहीं जा पाती है और हमारा सर्दी से बचाव हो जाता है।
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