RBSE Solutions For All Chapters Vigyan Class 7
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
वक्रता केन्द्र से दूर स्थित वस्तु का अवतल दर्पण से प्रतिबिम्ब बनता है
(क) वक्रता केन्द्र पर
(ख) फोकस बिन्दु पर
(ग) अनन्त दूरी पर
(घ) वक्रता केन्द्र व फोकस बिन्दु के मध्य
उत्तर:
(घ) वक्रता केन्द्र व फोकस बिन्दु के मध्य
प्रश्न 2.
वाहनों में पीछे का दृश्य देखने के लिए प्रयोग करते
(क) अवतल दर्पण का
(ख) उत्तल दर्पण का
(ग) समतल दर्पण का
(घ) ये सभी
उत्तर:
(ख) उत्तल दर्पण का
प्रश्न 3.
समतल दर्पण के सामने रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता
(क) वस्तु से दर्पण के मध्य की दूरी के बराबर दूरी पर
(ख) दुगुनी दूरी पर
(ग) आधी दूरी पर
(घ) चार गुना दूरी पर ।
उत्तर:
(क) वस्तु से दर्पण के मध्य की दूरी के बराबर दूरी पर
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. उत्तल दर्पण से सदैव सीधा, छोटा व ……………. प्रतिबिम्ब बनता है।
2. दो समतल दर्पणों के मध्य ………….. डिग्री का कोण होने पर अनन्त प्रतिबिम्ब बनते हैं।
3. अपना प्रतिबिम्ब देखने के लिए ……………. दर्पण का उपयोग करते हैं।
उत्तर:
1. आभासी
2.0°
3. अवतल
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
परावर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
परावर्तन (Reflection)- प्रकाश किरणों को दर्पण या किसी अन्य चमकीली सतह से टकराकर पुनः उसी माध्यम में लौटने की घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
प्रश्न 2.
एक अवतल दर्पण की फोकस दूरी 20 सेन्टीमीटर है, उसकी वक्रता त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
वक्रता त्रिज्या (R) = फोकस दूरी x 2
= 20 x 2 = 40 सेमी
प्रश्न 3.
परावर्तन के नियम लिखिए।
उत्तर:
परावर्तन के नियम (Laws of reflection)- परावर्तन के नियम निम्नवत् हैं
1. प्रथम नियम- आपतन व परावर्तन कोण को मान सदैव बराबर होता है।
आपतन कोण (i) = परावर्तन कोण (r)
2. द्वितीय नियम- आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा अभिलंब तीनों एक ही तल में स्थित होते हैं।
प्रश्न 4.
समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब में वस्तु (बिम्ब) को दायाँ भाग बायाँ दिखाई देने को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब में दायाँ भाग बायाँ दिखाई देता है तथा बायाँ भाग दायाँ दिखाई देता है। इस घटना को पाश्र्व परिवर्तन कहते हैं।
प्रश्न 5.
अवतल और उत्तल दर्पण में बनावट एवं प्रतिबिम्ब की दृष्टि से क्या अन्तर होता है ?
उत्तर:
अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण में अन्तर
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
समतल दर्पण के सामने रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब बनने की प्रक्रिया को सचित्र समझाइए।
उत्तर:
समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब सदैव आभासी, सीधा तथा वस्तु के आकार के बराबर होता है। प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी होती है। समतल दर्पण के सामने रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब बनने की प्रक्रिया को निम्नवत् समझाया जा सकता हैसमतल दर्पण MN के सामने एक बिंदु प्रकाश स्रोत 0 रखा गया है। चित्र के अनुसार बिंदु 0 से चलने वाली दो किरणे OA तथा OC दर्पण पर आपतित हो रही हैं। दर्पण MN के | पृष्ठ के बिन्दुओं A तथा C पर अभिलंब खींचिए।
फिर बिंदुओं A तथा C पर परावर्तित किरणें खींचिए। परावर्तित किरणों को क्रमश: AB तथा CD से निरूपित कीजिए। इन्हें आगे की ओर बढ़ाइए। ये आगे की ओर बढ़ाने पर नहीं मिलती हैं। अब इन्हें पीछे की ओर बढ़ाइए। जिस बिंदु पर ये किरणें मिलती हैं तो उस पर I अंकित कीजिए। बिन्दु I वस्तु 0 का आभासी प्रतिबिंब है। हमें ये परावर्तित किरणें D पर स्थित हमारी आँख को बिन्दु I से आती प्रतीत होंगी। चूँकि परावर्तित किरणें वास्तव में A पर नहीं मिलतीं, बल्कि मिलती हुई प्रतीत होती हैं, इसलिए हम कहते हैं कि यह प्रतिबिंब आभासी है। आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिंबों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिम्ब में अन्तर
प्रश्न 3.
नियमित तथा विसरित परावर्तन को चित्र बनाते हुए समझाइए।
उत्तर:
नियमित तथा विसरित परावर्तन- जब प्रकाश की समान्तर किरणें किसी समतल दर्पण पर आपतित होती हैं, तब परावर्तित किरणें एकदूसरे के समान्तर किसी विशेष दिशा में जाती हैं। इस प्रकार के परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते हैं। समतल दर्पण एवं अन्य चिकने व चमकीले पृष्ठों से नियमित परावर्तन होता है।
किसी खुरदरे धरातल पर आपतित प्रकाश की किरणें समान्तर होने पर भी परावर्तन के पश्चात् समान्तर नहीं होती हैं, अपितु ये भिन्न-भिन्न दिशाओं में परावर्तित होती हैं। इस प्रकार के अनियमित परावर्तन को विसरित परावर्तन कहते हैं। विसरित। परावर्तन परावर्तक धरातल की अनियमित सतह के कारण होता है। अनियमित सतहों; जैसे-पुस्तक, लकड़ी की मेज, आदि से विसरित परावर्तन होता है। विसरित परावर्तन के
कारण ही हमें छायादार पेड़ के नीचे तथा कमरे के अन्दर तक प्रकाश प्राप्त होता है।
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