RBSE Solutions For All Chapters Vigyan Class 7
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
यदि भारती के भाई की आयु 10 दिन है। उसकी आयु का मान घंटों में कितना होगा ?
(अ) 120 घंटे
(ब) 100 घंटे
(स) 240 घंटे
(द) 80 घंटे।
उत्तर:
(स) 240 घंटे
प्रश्न 2.
घड़ियों की कार्यविधि किस प्रकार की गति पर आधारित होती है?.
(अ) सरल रेखीय गति
(ब) आवर्त गति
(स) वक्र रेखीय गति
(द) घूर्णन गति
उत्तर:
(ब) आवर्त गति
प्रश्न 3.
मीटर प्रति सेकण्ड किसका अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक है ?
(अ) समय का
(ब) भार का
(स) चाल का
(द) दुरी का।
उत्तर:
(स) चाल का
रिक्त स्थान
1. समय का अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक ……. है।
2. किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में चली गयी दूरी को उस वस्तु की ……………. कहते हैं।
3. कोई वस्तु किसी सरल रेखा के अनुदिश नियत चाल से गति कर रही है तो उसकी गति को …… गति कहते हैं।
उत्तर:
1. सेकण्ड
2. चाल
3. एक समान गति।
निम्नलिखित कथनों में से सही या गलत को पहचान कर चिह्नित कीजिए।
प्रश्न.1
प्रत्येक वस्तु नियत चाल से गति करती है।
उत्तर:
सही
प्रश्न 2.
बस की चाल को मीटर में व्यक्त किया जाता है।
उत्तर:
गलत
प्रश्न 3.
दो शहरों के बीच की दूरी किलोमीटर में मापी जाती
उत्तर:
सही
प्रश्न 4.
किसी दिए गए लोलक का आवर्तकाल नियत नहीं होता।
उत्तर:
गलत
प्रश्न 5.
नियत चाल से गति करने वाली वस्तु का दूरी-समय ग्राफ एक सरल रेखा होता है।
उत्तर:
सही
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कोई सरल लोलक 40 दोलन पूरे करने में 80 सेकण्ड समय लेता है। लोलक का आवर्तकाल कितना है ?
उत्तर:
लोलक का आवर्तकाल सेकण्ड ज्ञात कीजिए।
प्रश्न 3.
एक मोटर साइकिल सवार अपने सफर में 40 km/ h की चाल से 15 घंटे में चलकर अपने गन्तव्य तक पहुँचता है। उसके द्वारा तय की गई दूरी कितनी होगी ?
उत्तर:
मोटर साइकिल की चाल = 40 km/h
लिया गया समय = 1:5 घंटे
तय की गई दूरी = चाल x समय
= 40 x 1:5
= 60.0 किमी
प्रश्न 4.
सौर दिन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
सूर्य प्रतिदिन प्रात:काल में उदय होता है। एक सूर्योदय से अगले सूर्योदय के बीच के समय को एक “सौर-दिन’ कहा जाता है।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी वाहन की गति के लिए समय तथा दूरी के मानों को आगे सारणी में दिया गया है। इनसे समय-दूरी ग्राफ बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
सरल लोलक क्या होता है ? इसके आवर्तकाल को समझाइए।
उत्तर:
सरल लोलक-धातु के एक छोटे गोले अथवा पत्थर के टुकड़े को किसी दृढ़ स्टेण्ड से धागे द्वारा लटका कर दोलन करवाते हैं तो इसे सरल लोलक कहते हैं। धातु का गोला सरल लोलक का गोलक कहलाता है। सरल लोलक का आवर्तकाल-सरल लोलक एक दोलन पूरा करने में जितना समय लगाता है, उसे सरल लोलक का आवर्तकाल कहते हैं।
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