आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः
वयम् अभ्यासं कुर्मः
१. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् एकपदेन उत्तराणि यच्छन्तु। (निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखें।)
(क) भिक्षुकः किं करोति स्म ? (भिक्षुक क्या कर रहा था?)
उत्तरम्: भिक्षाटनं (भिक्षाटन)
(ख) कदाचित् तेन मार्गेण कः आगच्छति ? (कभी-कभी उस मार्ग से कौन आता है?)
उत्तरम्: धनिकः (धनवान)
(ग) भिक्षुकः धनिकात् किम् इच्छति ? (भिक्षुक धनवान से क्या चाहता है?)
उत्तरम्: प्रभूतं धनं (बहुत सारा धन)
(घ) धनिकः भिक्षुकात् किं याचितवान् ? (धनवान ने भिक्षुक से क्या मांगा?)
उत्तरम्: पादौ / हस्तौ / शरीराङ्गानि (पैर / हाथ / शरीर के अंग)
(ङ) सौभाग्येन वयं किं प्राप्तवन्त: ? (सौभाग्य से हमें क्या प्राप्त हुआ?)
उत्तरम्: मानवजन्म (मानव जन्म)
२. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि ‘आम्’ अथवा ‘न’ इति पदेन लिखन्तु । (निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ‘हाँ’ या ‘ ना ’ में दें।)
यथा – ग्रामे कश्चन भिक्षुकः आसीत् । (गाँव में कोई भिक्षुक था।)
आम्
(क) भिक्षुकः उन्नतः दृढकाय: च आसीत् । (भिक्षुक बलवान और मजबूत था।)
उत्तरम्: आम्
(ख) जनाः तस्मै दण्डं यच्छन्ति । (लोग उसे दंड देते हैं।)
उत्तरम्: न
(ग) भिक्षुकः प्रभूतं धनम् इच्छति । (भिक्षुक बहुत सारा धन चाहता है।)
उत्तरम्: आम्
(घ) भिक्षुकः धनिकाय पादौ ददाति । (भिक्षुक धनवान को पैर देता है।)
उत्तरम्: न
(ङ) भिक्षुकः भिक्षाटनं त्यजति । (भिक्षुक भीख माँगना छोड़ देता है।)
उत्तरम्: आम्।
३. अधोलिखितेषु वाक्येषु द्वितीयाविभक्तेः शब्दानां द्विवचने परिवर्तनं कृत्वा वाक्यानि लिखन्तु ।
यथा – चन्द्रशेखरः लेखं लिखति । (चंद्रशेखर लेख लिख रहा है।)
उत्तरम्: चन्द्रशेखरः लेख लिखति । (चंद्रशेखर दो लेख लिख रहा है।)
(क) आपणिकः अड्कनीं ददाति । (दुकानदार पेन दे रहा है।)
उत्तरम्: आपणिक: अकन्यौ ददाति । (दुकानदार दो पेन दे रहा है।)
(ख) मातामही कथां श्रावयति । (दादी कहानी सुनाती है।)
उत्तरम्: मातामही कथे श्रावयति । (दादी दो कहानियाँ सुनाती है।)
(ग) सैनिक: मां रक्षति । (सैनिक मुझे बचा रहा है।)
उत्तरम्: सैनिक : आवाम् रक्षति । (सैनिक हम दोनों को बचा रहा है।)
(घ) कृष्णः कन्दुके गृह्णाति । (कृष्ण गेंद पकड़ रहा है।)
उत्तरम्: कृष्णः कन्दुकं गृह्णाति । (कृष्ण दो गेंद पकड़ रहा है।)
(ङ) छात्रः श्लोकं पठति । (छात्र श्लोक पढ़ता है।)
उत्तरम्: छात्रः श्लोकौ पठति । (छात्र दो श्लोक पढ़ता है।)
५. चित्रं दृष्ट्वा द्वितीयाविभक्तेः वाक्यानि रचयन्तु । (चित्र देखकर द्वितीया विभक्ति के वाक्य बनाएं।)
(i) बालिकाः ………… गच्छन्ति । (बालिकाएँ ………… जा रही हैं।)
उत्तरम्: बालिकाः विद्यालयं गच्छन्ति । (बालिकाएँ विद्यालय जा रही हैं।)
(ii) पक्षिणः …….. खादन्ति । (पक्षी ……… खा रहे हैं।)
उत्तरम्: पक्षिणः फलानि खादन्ति । (पक्षी फल खा रहे हैं।)
(iii) शिक्षक: ……… पाठयति । (शिक्षक ……… पढ़ा रहा है।)
उत्तरम्: शिक्षक पाठं पाठयति । (शिक्षक पाठ पढ़ा रहा है।)
(iv) नर्तकी …… धरति । (नर्तकी ……… धारण कर रही है।)
उत्तरम्: नर्तकी मालाम् धरति । (नर्तकी माला धारण कर रही है।)
(v) अहं ……… स्वीकरोमि । (मैं ……… स्वीकार कर रहा हूँ।)
उत्तरम्: अहम् लेखनी/कलमम् स्वीकरोमि । (मैं कलम स्वीकार कर रहा हूँ।)
५. कोष्ठके विद्यमानानां शब्दानां द्वितीयाविभक्तेः एकवचनरूपेण सह वाक्यानि लिखन्तु ।
(दिए गए शब्दों को द्वितीया विभक्ति (संबंध कारक) के एकवचन रूप में वाक्य में लिखें।)
यथा – भक्त: (देव) नमति ।
भक्तः देवं नमति ।
(क) छात्रा : (ग्रन्थ) पठन्ति । (छात्रा (ग्रन्थ) पढ़ती है।)
उत्तरम्: छात्रः ग्रन्थं पठति । (छात्रा ग्रन्थ को पढ़ती है।)
(ख) बालकाः (कथा) लिखन्ति । (बालक (कथा) लिखते हैं।)
उत्तरम्: बालकः कथाम् लिखति । (बालक कथा को लिखते हैं।)
(ग) रमा (लेखनी) क्रीणाति । (रमा (लेखनी) खरीदती है।)
उत्तरम्: रमा लेखनीं क्रीणाति । (रमा लेखनी को खरीदती है।)
(घ) शिक्षक (अस्मद्) पाठयति । (शिक्षक (अस्मद्) पढ़ाता है।)
उत्तरम्: शिक्षकः माम् पाठयति । (शिक्षक मुझे पढ़ाता है।)
(ङ) अर्जुन : (नदी) पश्यति । (अर्जुन (नदी) देखता है।)
उत्तरम्: अर्जुनः नदीं पश्यति । (अर्जुन नदी को देखता है।)
(च) पितामही (रजनी) आह्वयति । (दादी (रात) बुलाती है।)
उत्तरम्: पितामही रजनीं आह्वयति । (दादी रात को बुलाती है।)
(छ) अहं (युष्मद्) नमस्करोमि । (मैं (युष्मद्) नमस्कार करता हूँ।)
उत्तरम्: अहं त्वाम् नमस्करोमि । (मैं तुम्हें नमस्कार करता हूँ।)
(ज) कृषकः (क्षेत्र) कर्षति । (किसान (खेत) जोतता है।)
उत्तरम्: कृषकः क्षेत्रं कर्षति । (किसान खेत को जोतता है।)
(झ) पर्यटक : (कन्याकुमारी ) गच्छति । (पर्यटक (कन्याकुमारी) जाता है।)
उत्तरम्: पर्यटक: कन्याकुमारीं गच्छति । (पर्यटक कन्याकुमारी को जाता है।)
(ञ) चित्रकार: (चित्र) रचयति । (चित्रकार (चित्र) बनाता है।)
उत्तरम्: चित्रकार: चित्रं रचयति । (चित्रकार चित्र को बनाता है।)
६. द्वितीयाविभक्तेः एकवचनशब्दानां बहुवचने परिवर्तनं कृत्वा वाक्यानि रचयन्तु ।
(द्वितीया विभक्ति के एकवचन शब्दों को बहुवचन में बदलकर वाक्य बनाएं।)
यथा- वयं सुभाषितं वदामः ।
वयं सुभाषितानि वदामः ।
(क) अरुणः दूरवाणीं नयति ।
उत्तरम्: अरुणः दूरवाणी: नयति ।
(ख) पिता लेखनीम् आनयति ।
उत्तरम्: पिता लेखनीः आनयति ।
(ग) जननी पाकं पचति ।
उत्तरम्: जननी पाकानि पचति ।
(घ) मातामहः मां बोधयति ।
उत्तरम्: मातामहः अस्मान् बोधयति ।
(ङ) अग्रजा त्वाम् आह्वयति ।
उत्तरम्: अग्रजा युष्मान् आह्वयति ।
७. अधः प्रदत्तं चित्रं दृष्ट्वा द्वितीयाविभक्तेः प्रयोगं कृत्वा दश वाक्यानि रचयन्तु ।
उत्तरम्:
(1) शिक्षक: छात्रान् योगासनं शिक्षयति । (शिक्षक छात्रों को योगासन सिखा रहे हैं।)
(2) छात्राः योगासनम् कुर्वन्ति । (छात्र योगासन कर रहे हैं।)
(3) छात्रे भोजनं खादतः । (छात्र खाना खा रहे हैं।)
(4) एका छात्रा जलं यच्छति । (एक छात्रा पानी दे रही है।)
(5) ते मिलित्वा भोजनं खादतः । (वे सभी मिलकर खाना खा रहे हैं।)
(6) एक: बालक: कन्दुकम् क्षिपति । (एक बालक गेंद फेंक रहा है।)
(7) बालकाः कन्दुकक्रीडाम् क्रीडन्ति । (बालक गेंद का खेल खेल रहे हैं।)
(8) बालक: संगणकं पश्यति । (बालक कंप्यूटर देख रहा है।)
(9) विद्यालये विशालं क्रीडाक्षेत्रं अस्ति । (विद्यालय में बड़ा खेल मैदान है।)
(10) विद्यालये उन्नताः वृक्षाः सन्ति । (विद्यालय में ऊंचे पेड़ हैं।)
Leave a Reply