त्वम्आपणं गच (तुम दुकान पर जाओ)
माँ – राकेश! कहाँ हो? यहाँ आओ।
राकेश – हाँ माँ! बताओ, क्या काम करूँ?
माँ – आज तुम्हारे पिता ऑफिस से देर से आएंगे। तुम बाजार जाओ और सामान लाओ। सामान की सूची भी यहाँ है।
राकेश – ठीक है। बैग दीजिए। मैं सामान की सूची ले लेता हूँ।
माँ – इसे ले लो। पैसे भी साथ ले जाओ।
राकेश – माँ! क्या मैं एक और चीज़ ले सकता हूँ?
माँ – तुम्हें चॉकलेट चाहिए न, बेटे? जान लो कि ज्यादा चॉकलेट खाना सेहत के लिए हानिकारक है।
राकेश – बस आज के लिए ही ले रहा हूँ।
माँ – ठीक है। रास्ते में गाड़ियों की गति देखकर सावधानी से सड़क पार करना।
राकेश – हाँ, मैं जा रहा हूँ।
राकेश – महोदय! कृपया इस सूची को देखिए और सामान दीजिए।
दुकानदार – देख रहा हूँ।
मूँग – आधा किलो
चीनी – एक किलो
गुड़ – एक किलो
दाल – एक किलो
सरसों – एक चौथाई किलो
सब कुछ तैयार है। बैग दीजिए, उसमें रख देता हूँ।
राकेश – ठीक है, कितने रुपये देने हैं?
दुकानदार – चार सौ साठ (460) रुपये दीजिए।
राकेश – महोदय! क्या नीले रंग की पेन है?
दुकानदार – हाँ, है।
राकेश – एक चॉकलेट और एक पेन दीजिए। उसका दाम भी जोड़ दीजिए।
दुकानदार – ठीक है। पेन के बीस रुपये और चॉकलेट के दस रुपये जोड़ रहा हूँ। कुल मिलाकर चार सौ नब्बे (490) रुपये दीजिए।
राकेश – हाँ, मेरे पास पाँच सौ (500) रुपये हैं। इन्हें लीजिए, बाकी बचे हुए रुपये दे दीजिए।
दुकानदार – सब सामान बैग में रख दिया है। दस (10) रुपये बाकी हैं, ले लीजिए।
राकेश – ठीक है। धन्यवाद।
दुकानदार – फिर आइएगा।
Leave a Reply