Solutions For All Chapters Sanskrit Class 6
Ans .1: वचनानुसारं रिक्तस्थानानि पूरयत-
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
यथा- | वनम् | वने | वनानि |
जलम् | जले | जलानि | |
बिम्बम् | बिम्बे | बिम्बानि | |
यथा- | वृक्षम् | वृक्षौ | वृक्षान् |
पवनम् | पवनौ | पवनान् | |
जनम् | जनौ | जनान् |
Ans .2: कोष्ठकेषु प्रदत्तशब्देषु उपयुक्ताविभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क) त्वं जलम् पिबसि। (तुम पानी पीते हो।)
(ख) छात्रः दूरदर्शनम् पश्यति। (छात्र टीवी देखता है। )
(ग) वृक्षाः पवनम् पिबन्ति। (वृक्ष हवा को ग्रहण करते हैं।)
(घ) ताः कथाम् लिखन्ति। (वे कथा लिखते हैं।)
(ङ) आवाम् जन्तुशालां गच्छावः। (हम चिड़ियाघर जाते हैं।)
Ans 3. अधोलिखितेषु वाक्येषु कर्तृपदानि चिनुत-
(क) वृक्षाः – वृक्ष (पेड़)
(ख) विहगाः – पक्षी (पंछी)
(ग) वृक्षाः – वृक्ष (पेड़)
(घ) कृषकः – कृषक (किसान)
(ङ) मत्स्याः – मत्स्य (मछलियाँ)
Ans.4: प्रश्नानामुत्तराणि एकपदेन लिखत-
(क) वृक्षाः पादैः पातालं स्पृश्यन्ति। (वृक्ष अपनी जड़ों से भूमिगत तक पहुंचते हैं।)
(ख) वृक्षाः वनम् रचयन्ति। (वृक्ष जंगल (वन) बनाते हैं।)
(ग) विहगाः शाखादोला आसीनाः। (पक्षी शाखाओं पर बैठे हुए होते हैं।)
(घ) कौतुकेन वृक्षाः पयोदर्पणे स्वप्रतिबिम्बम् पश्यन्ति। (आश्चर्यचकित होकर वृक्ष जल के दर्पण में अपना प्रतिबिंब देखते हैं।)
Ans.5: समुचितैः पदैः रिक्तस्थानानि पूरयत-
विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमा | गजः | गजौ | गजाः |
अश्वः | अश्वौ | अश्वाः | |
द्वितीया | सूर्यम् | सूर्यौ | सूर्यान् |
चंद्रम् | चंद्रौ | चन्द्रान् | |
तृतीया | विडालेन | विडालाभ्याम् | विडालैः |
मण्डूकेन | मण्ड़ूकाभ्याम् | मण्डकैः | |
चतुर्थी | सर्पाय | सर्पाभ्याम् | सर्पेभ्यः |
वानराय | वानराभ्याम् | वानरेभ्यः | |
पञ्चमी | मोदकात् | मोदकाभ्याम् | मोदकेभ्यः |
वृक्षात् | वृक्षाभ्याम् | वृक्षेभ्यः | |
षष्ठी | जनस्य | जनयोः | जनानाम् |
शुकस्य | शुकयोः | शुकानाम् | |
सप्तमी | शिक्षके | शिक्षकयोः | शिक्षकेषु |
मयूरे | मयूरयोः | मयूरेषु | |
सम्बोधनम् | हे बालक! | हे बालकौ! | हे बालकाः! |
नर्तक! | हे नर्तकौ! | हे नर्तकाः! |
Ans.6: भिन्नप्रकृतिकं पदं चिनुत- (क) लता (ख) चित्रम् (ग) चटका (घ) मोदकम्
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