MCQ आत्मत्राण Chapter 7 Hinidi Class 10 Sparsh हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Sparsh Class 10th 1. रवीन्द्र संगीत किसको कहा जाता है ?गीतो को कविताओ को रवीन्द्र के गीतो को किसी को नहींQuestion 1 of 252. कवि को कौन सा पुरस्कार पहले भारतीय के रूप मे मिला ?नोबेल पुरस्कार पदमपदम विभूषन कोई नहींQuestion 2 of 253. सुख के दिनो मे कवि क्या करना चाहता है ?भजन दूसरों को कोसना ईश्वर को स्मरण कामQuestion 3 of 254. कवि ईश्वर से क्या नही चाहता है ?दुखसुखसांत्वनादुःख सुखQuestion 4 of 255. रवीन्द्र नाथ की कविता की शेली कैसी है ?भावात्मक और आत्म कथात्मक कठोरहास्यात्मककोई नहींQuestion 5 of 256. अपनी इच्छाओ की पूर्ति के लिये प्रार्थना के अलावा हम और क्या करते हैं ?मेहनत करते हैं दूसरो से प्रेरणा लेते हैं आत्म विश्वास पर भरोसा करते हैं सभीQuestion 6 of 257. इस कविता मे किस रस की प्रधानता है ?वीर रस शृङ्गार रस शान्त रस हास्य रसQuestion 7 of 258. कवि किसे वहन करना चाहता है ? सुखो को तानो को रिश्तेदारो को दुखो कोQuestion 8 of 259. कवि संकटो का सामना किसकी मदद से करना चाहता है ?ईश्वर की कृपा से दोस्तो की मदद से स्वयंकिसी की मदद से नहींQuestion 9 of 2510. कवि ने किसके न हिलने की प्रार्थना की है ?हिमालय के चान्द् के तारो के आत्मिक बल केQuestion 10 of 2511. कवि किस पर विजय पाना चाहता है ?स्वयं पर दुश्मन पर दुखो पर दोस्तों परQuestion 11 of 2512. कवि क्या है ?नास्तिक शाक्तआस्तिकपाखंडीQuestion 12 of 2513. कवि ईश्वर से प्रार्थना कर क्या कहता है ?उसे मुसीबतों से बचाया जाये उस पर कोई मुसीबत न आये सभी संकटो से लडने की शक्ति सभीQuestion 13 of 2514. रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविताओ मे किस भाव की अभिव्यक्ति हुई ?राष्ट्र प्रेम मानव प्रेम अध्यात्म प्रेम सभीQuestion 14 of 2515. ये कविता मूल रूप मे किस भाषा मे लिखी गयी थी ?उर्दु मे फ़ारसीबांग्ला भाषा मे उर्दू फ़ारसीQuestion 15 of 2516. सुख के दिनों में कवि क्या चाहता है?ईश्वर से उसका भरोसा उठ जाए विनम्र होकर ईश्वर का हर पल आसपास अनुभव करे ईश्वर के मुख को देखता रहे ईश्वर को भूलकर मौज-मस्ती से रहेQuestion 16 of 2517. दुखों से घिर जाने और लोगों से ठगे जाने परकवि का ईश्वर पर विश्वास डगमगा जाता है कवि ईश्वर पर संदेह नहीं करना चाहता कवि ईश्वर की करुणा चाहता है कवि ‘अनामय’ रहना चाहता हैQuestion 17 of 2518. निखिल मही द्वारा वंचना करने का आशय स्पष्ट कीजिए।सारी पृथ्वी के लोगों द्वारा दुख में कवि का साथ देना सारी धरती के लोगों द्वारा सुख में कवि को धोखा देना सारी धरती के लोगों द्वारा सुख में कवि का साथ देना सारी धरती के लोगों द्वारा दुख में साथ छोड़ कर उसे धोखा देनाQuestion 18 of 2519. ‘नत शिर होकर सुख के दिन में’- से क्या आशय है?सुख के दिनों में उसके मन में विनय का भाव बना रहे सुख के दिनों में कवि की गर्दन अकड़ जाए सुख के दिनों में कवि के मन में अहम् भाव आ जाए उपर्युक्त सभीQuestion 19 of 2520. कवि परमात्मा से सांत्वना क्यों नहीं चाहता?क्योंकि कवि को परमात्मा पर विश्वास नहीं है क्योंकि कवि दया की भीख नहीं माँगना चाहता क्योंकि कवि के अनुसार सांत्वना से दुख कम नहीं होते क्योंकि कवि दुख को महसूस करना चाहता हैQuestion 20 of 2521. कवि परमात्मा से क्या प्रार्थना करता है?कवि चाहता है कि परमात्मा उसे सांत्वना के दो शब्द कहे कवि परमात्मा से प्रार्थना करता है कि उसके दुखों को कम कर दे कवि परमात्मा से दुखों पर विजय प्राप्त करने की शक्ति के लिए प्रार्थना करता है उपरोक्त सभीQuestion 21 of 2522. ‘तो भी मन में ना मानूँ क्षय’ कवि किस स्थिति में भी क्षय नहीं मानना चाहता?दुख पड़ने पर भी पुरस्कार न मिलने पर कार्य हानि होने पर ईश्वर की प्राप्ति न होने परQuestion 22 of 2523. ‘अनामय’ का अर्थ हैस्वस्थहिम्मतीसहायकबीमारQuestion 23 of 2524. कविता का केंद्रीय स्वर है:प्रार्थना और अनुनय दीनता और याचना दया और करुणा स्वाभिमान और आत्मविश्वासQuestion 24 of 2525. विपत्ति पड़ने पर कवि चाहता हैईश्वर द्वारा कृपा सुखविपदाओं से बचना विपत्ति से न डरनाQuestion 25 of 25 Loading...
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