MCQ Class 10 Hindi Chapter 4 पर्वत प्रदेश में पावस Sparsh हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Sparsh Class 10th 1. प्रकृति प्रतिपल अपना रूप क्यों बदल रही है ?क्योंकि यह प्रकृति का नियम है प्रकृति बदलती रहती है बादलों और धूप की आँख मिचौनी के कारण धूप के कारणQuestion 1 of 272. बादलों के छा जाने से क्या होता है ?कुछ दिखाई नहीं देता सब सुन्दर लगता है मौसम अच्छा होता है पर्वत अदृश्य हो जाता हैQuestion 2 of 273. इस कविता का सौन्दर्य किस पर निर्भर करता है ?अनेक शब्दों पर चित्रमयी भाषा पर कविता की संगीतमातकता पर शब्दों परQuestion 3 of 274. ऊँचे वृक्ष आसमाँ की ओर कैसे देखते हैं ?शांति सेचुप चाप हँसते हुए एकटकQuestion 4 of 275. इस कविता में कवि ने कौन से परिवर्तनों की बात की है?खनन से होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों की वर्षा ऋतू की वर्षा ऋतु में होने वाले परिवर्तनों कीQuestion 5 of 276. इस कविता में कवि ने किसका सजीव चित्रण किया है?प्रकृति का बादलो का झरनों का पावस ऋतु काQuestion 6 of 277. इस कविता में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है? उपमाअनुप्रासउपमानमानवीकरण अलंकारQuestion 7 of 278. आकाँक्षाओं को पाने के लिये किसकी आवश्यकता है?शान्त मन और चित की एकाग्रता की एकाग्रता की शान्ति की ईश्वर कीQuestion 8 of 279. शाल के वृक्ष धरती मे क्यों धंस गये ?धरती के हिलने से धरती के घूमने से भयानक रूप से वर्षा के भयानक रूप से डर करQuestion 9 of 2710. पर्वत के हृदय से उठ कर वृक्ष आसमान की ओर क्यों देख रहे हैं ?क्यूंकि वे आसमान को निहार रहे है क्यूंकि उनको ऊपर देखना अच्छा लगता है क्यूंकि वे भी आसमान की तरह ऊंचा उठना चाहते हैं क्यूंकि वे सीधे खड़े हैंQuestion 10 of 2711. कवि ने तलाब को दर्पन जैसा क्यों कहा है ?क्यूंकि दोनों पारदर्शी हैंदोनों में इंसान चेहरा देख सकता है उपमा की तरह कविता की सुन्दरता बढ़ाने के लिये सभीQuestion 11 of 2712. सहस्त्र दृग सुमन ‘ से क्या तात्पर्य है ?हजारो पुष्प हजारो पुष्प रूपी आँखे हजारो आँखे आँखों के लिएQuestion 12 of 2713. मेखलाकार शब्द का क्या अर्थ है ?करघनी के समान गोल गोल सा धरती के समान गोल चाँद के समान गोलQuestion 13 of 2714. निराला जी ने पन्त जी के बारे मे क्या कहा था ?वह बहुत कमाल व्यक्ति हैं उनकी कविता की मधुर ,कोमल ,उपमायुक्त शैली बहुत ही जबरदस्त है कविता बहुत कमाल है उनकी कविता मधुर हैQuestion 14 of 2715. ये कविता किसकी अनुभूति देती है ?सौन्दर्य प्रकृति प्राकृतिक दृश्य प्राकृतिक सौन्दर्यQuestion 15 of 2716. जीविका के क्षेत्र में पंत जी किससे जुड़े ?उदयशंकर संस्कृति केंद्र से संस्कृति से संस्कृति केंद्र से केंद्र सेQuestion 16 of 2717. पन्त की आरम्भिक कविताओ मे क्या झलकता है ?प्रकृति प्रेम और रहस्यवादप्रकृतिसौन्दर्यप्रेमQuestion 17 of 2718. पन्त किसके लिये प्र्मुकः स्तम्ब् रूप माने जाते हैं ?स्तंब्वाद के लिये छायावाद के लिये अपने व्यक्तित्व के लिये रूप सौंदर्य के लिएQuestion 18 of 2719. सुमित्रानन्दन पन्त ने कविता कब लिखनी शुरु की ?बचपन मे विद्यालय मे शहर मे कोई नहींQuestion 19 of 2720. ‘रव शेष रह गए हैं निर्झर’ का क्या अर्थ है?केवल झरना शेष रह गया है झरने ने आवाज करनी बंद कर दी है झरने दिखाई देने बंद हो गए; उनकी आवाज गूंजती शेष रह गई झरनों के अवशेष दिखाई देते हैंQuestion 20 of 2721. ‘उड़ गया अचानक लो, भूधर फड़का अपार पारद के पर’ का आशय स्पष्ट कीजिए।श्वेत और चमकीले बादल आकाश में छा गए अचानक पर्वत उड़ गया काले-काले बादल बरसने लगे पर्वत के टूटने को पर्वत का उड़ना कहा हैQuestion 21 of 2722. ‘धँसकर धरा में सभय शाल’ का आशय स्पष्ट कीजिए।शाल के वृक्ष अत्यधिक बारिश के कारण धरती में धंस गए शाल के वृक्ष टूट गए और धरती पर पड़े हैं शाल के वृक्ष दिखाई नहीं देते क्योंकि आकाश में धूल छा गई है शाल के पेड़ बादलों के झुंड में फँसे ऐसे लगते हैं मानो भयभीत होकर धरा में धंस गए होंQuestion 22 of 2723. ‘दर्पण-सा फैला है विशाल’ में अलंकार हैउपमा अलंकार यमक अलंकार पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकारQuestion 23 of 2724. ‘पल-पल परिवर्तित प्रकृति-वेश’ से क्या तात्पर्य है?वर्षा ऋतु में पर्वत का सौंदर्य क्षण-क्षण में बदलता रहता है वर्षा ऋतु में नदी का सौंदर्य पल-पल बदल रहा है वर्षा ऋतु में फूल मुरझा गए थे इनमें से कोई नहींQuestion 24 of 2725. पहाड़ों की छाती पर झरने कैसे प्रतीत हो रहे हैं?वृक्षों के समान सुंदर प्रतीत हो रहे हैं विशाल नदियों के समान प्रतीत हो रहे हैं मोती की लड़ियों के समान सुंदर प्रतीत हो रहे हैं इनमें से कोई नहींQuestion 25 of 2726. ‘झरने के झर-झर स्वर’ में कवि ने क्या कल्पना की है?मानो ये झरने पर्वत की महानता का गुणगान कर रहे हैं मानो झरने तालियाँ बज रहे हों मानो ये झरने पर्वत को स्नान करा रहे हों इनमें से कोई नहींQuestion 26 of 2727. ‘मद में नस-नस उत्तेजित कर’ से क्या तात्पर्य है?झरने मस्ती में उत्तेजित होकर गा रहे हों झरनों की नस-नस में मस्ती भरी है झरने ऊँची-ऊँची आवाज़ में पर्वत का गुणगान कर रहे हैं झरने के स्वर को सुनकर दर्शकों की नस-नस में उत्तेजना व मस्ती भर जाती है।Question 27 of 27 Loading...
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