Short Questions (with Answers)
1. यह पत्र किसने लिखा है?
उत्तर: मोहनदास करमचंद गांधी ने।
2. यह पत्र किसे लिखा गया है?
उत्तर: गांधीजी ने अपने पुत्र मणिलाल को लिखा है।
3. पत्र कब लिखा गया था?
उत्तर: 25 मार्च, 1909 को।
4. गांधीजी ने पत्र कहां से लिखा था?
उत्तर: प्रिटोरिया जेल से।
5. गांधीजी के पुत्र को किस नाम से पुकारा गया है?
उत्तर: मणिलाल।
6. ‘बा’ किसका उपनाम है?
उत्तर: गांधीजी की पत्नी, कस्तूरबा का।
7. गांधीजी ने अपने पुत्र से कौन से विषय पर ध्यान देने को कहा?
उत्तर: गणित और संस्कृत पर।
8. गांधीजी ने गरीब जीवन को किसके समान माना?
उत्तर: सुखी जीवन के समान।
9. गांधीजी ने किस चीज़ को सच्ची शिक्षा कहा?
उत्तर: चरित्र-निर्माण और कर्त्तव्य का बोध।
10. गांधीजी के अनुसार व्यक्ति को किसका ज्ञान होना चाहिए?
उत्तर: आत्मा, अपने आप और ईश्वर का।
11. गांधीजी ने अपने पुत्र से क्या एकत्र करने को कहा?
उत्तर: भजनों और कविताओं का संग्रह।
12. गांधीजी ने पत्र में किस गुण को महत्वपूर्ण बताया है?
उत्तर: सत्य और अहिंसा।
13. गांधीजी ने किस प्रकार की सेवा को शिक्षा का हिस्सा बताया?
उत्तर: बीमार माँ की सेवा को।
14. गांधीजी ने किस उम्र में बच्चों को जिम्मेदारी का एहसास होने की बात कही?
उत्तर: बारह वर्ष की उम्र में।
15. गांधीजी के अनुसार प्रार्थना कब करनी चाहिए?
उत्तर: सूर्योदय से पहले।
Long Questions (with Answers)
1. गांधीजी ने अपने पुत्र को किस प्रकार की शिक्षा दी है?
उत्तर: गांधीजी ने अपने पुत्र को चरित्र-निर्माण, सत्य, अहिंसा, और कर्त्तव्य का बोध करने वाली शिक्षा दी है, जिसे उन्होंने सच्ची शिक्षा कहा है।
2. गांधीजी ने अक्षर-ज्ञान के बारे में क्या विचार प्रकट किया?
उत्तर: अक्षर-ज्ञान को महत्वपूर्ण बताते हुए गांधीजी ने कहा कि यह ज्ञान दूसरों को सहायता देने के लिए होना चाहिए।
3. गांधीजी ने गणित और संस्कृत पर क्यों ध्यान देने की सलाह दी?
उत्तर: क्योंकि ये विषय जीवन में उपयोगी और अन्य विषयों की समझ को आसान बनाते हैं।
4. गांधीजी के अनुसार आमोद-प्रमोद कब तक उचित है?
उत्तर: बारह वर्ष की उम्र तक, उसके बाद कर्तव्य और जिम्मेदारी को महत्व देना चाहिए।
5. पत्र में गांधीजी ने अपने पुत्र को किस प्रकार के जीवन का सुझाव दिया?
उत्तर: साधारण, गरीब और ईमानदार जीवन जीने का।
6. गांधीजी ने अपने पुत्र से पत्र का जवाब कैसे लिखने को कहा है?
उत्तर: अच्छी तरह से समझकर और विस्तार से।
7. गांधीजी ने प्रार्थना के महत्व को किस प्रकार समझाया है?
उत्तर: नियमित प्रार्थना से जीवन में शांति, अनुशासन और सकारात्मकता आती है।
8. गांधीजी ने पत्र में किस चीज़ को महत्वपूर्ण बताया है?
उत्तर: आत्मा, अपने आप और ईश्वर का ज्ञान।
9. गांधीजी ने अपने पुत्र को जिम्मेदारी किस प्रकार निभाने को कहा है?
उत्तर: आनंद और समर्पण के साथ।
10. गांधीजी ने गरीब जीवन को सुखी क्यों माना?
उत्तर: उनका मानना था कि गरीबी में ईमानदारी और साधारण जीवन का सुख होता है जो अमीरों के दिखावटी जीवन से अलग है।
11. गांधीजी ने आमोद-प्रमोद को किस प्रकार सीमित करने को कहा है?
उत्तर: गांधीजी ने बारह साल की उम्र के बाद आमोद-प्रमोद को छोड़कर बच्चों को जिम्मेदारी निभाने पर ध्यान देने को कहा है।
12. गांधीजी ने सत्य और अहिंसा को अपने पुत्र के जीवन में कैसे उपयोगी बताया?
उत्तर: गांधीजी ने सत्य और अहिंसा को जीवन के आचरण में शामिल करने का आग्रह किया ताकि उसका चरित्र मजबूत बने।
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