Short Questions (with Answers)
1. कंजूस सेठ के पास क्या था?
उत्तर: अपार धन।
2. कंजूस सेठ को क्या पसंद नहीं था?
उत्तर: धन खर्च करना।
3. चित्रकार ने सेठ का चित्र क्यों बनाया?
उत्तर: उसके मित्रों ने उसे मनाया।
4. कंजूस सेठ चित्रकार को पैसे क्यों नहीं देता था?
उत्तर: वह हर बार अपना चेहरा बदल लेता था।
5. तेनालीराम ने चित्रकार को क्या सुझाव दिया?
उत्तर: आईना लेकर जाने का।
6. कंजूस सेठ ने चित्रकार को कितना पैसा दिया?
उत्तर: एक हजार स्वर्ण मुद्राएँ।
7. तेनालीराम किसके दरबार में थे?
उत्तर: राजा कृष्णदेव राय।
8. कंजूस सेठ कैसा व्यक्ति था?
उत्तर: बहुत चालाक और कंजूस।
9. चित्रकार को अपने चित्रों का मूल्य क्यों नहीं मिला?
उत्तर: सेठ चालाकी करता था।
10. कंजूस सेठ को आखिर में क्यों झुंझलाना पड़ा?
उत्तर: क्योंकि आईना दिखाकर पैसे माँगे गए।
11. चित्रकार ने तेनालीराम से मिलने का निर्णय क्यों लिया?
उत्तर: सेठ की चालाकी से परेशान होकर।
12. कंजूस सेठ हर बार चित्रकार को कैसे बेवकूफ बनाता था?
उत्तर: अपना चेहरा बदलकर चित्रकार को चकमा देता था।
13. चित्रकार ने आईना लेकर सेठ के पास क्यों जाने का निर्णय किया?
उत्तर: तेनालीराम के सुझाव पर।
14. कंजूस सेठ को चित्रकार का चित्र क्यों पसंद नहीं आया?
उत्तर: क्योंकि वह जानबूझकर उसे गलत ठहराता था।
15. तेनालीराम ने चित्रकार को क्या सिखाया?
उत्तर: बुद्धिमानी से समस्या हल करना।
16. कंजूस सेठ ने अंत में पैसे क्यों दिए?
उत्तर: क्योंकि उसकी चालाकी पकड़ी गई।
17. चित्रकार बार-बार नया चित्र क्यों बनाता था?
उत्तर: सेठ को खुश करने के लिए।
18. कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: बुद्धिमत्ता से चालाकी पर विजय पाई जा सकती है।
Long Questions (with Answers)
1. कंजूस सेठ को चित्रकार द्वारा बनाए गए चित्र से समस्या क्यों थी, और उसने हर बार चित्रकार को कैसे चकमा दिया?
उत्तर: कंजूस सेठ पैसे बचाने के लिए चित्रकार के चित्र को गलत बताता था। वह हर बार अपना चेहरा बदलकर चित्रकार को भ्रमित करता था।
2. तेनालीराम ने चित्रकार को आईना लेकर जाने की सलाह क्यों दी, और इसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर: तेनालीराम ने सेठ की चालाकी समझकर आईना दिखाने का सुझाव दिया। इससे सेठ की असलियत उजागर हुई और उसे पैसे देने पड़े।
3. कहानी में चित्रकार की समस्या क्या थी, और उसने इस समस्या का समाधान कैसे निकाला?
उत्तर: चित्रकार बार-बार चित्र बनाने पर भी पैसे नहीं पा रहा था। उसने तेनालीराम की सलाह से सेठ को आईना दिखाकर अपनी मेहनत का पारिश्रमिक लिया।
4. कंजूस सेठ के चरित्र का वर्णन कीजिए। उसने चित्रकार और तेनालीराम से कैसे व्यवहार किया?
उत्तर: कंजूस सेठ धनी लेकिन बेहद चालाक और स्वार्थी था। उसने चित्रकार से बचने के लिए चालाकी दिखाई, लेकिन तेनालीराम की सूझबूझ से हार माननी पड़ी।
5. इस कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है? इसे अपने शब्दों में समझाइए।
उत्तर: यह कहानी सिखाती है कि चालाकी और स्वार्थ से बचकर, बुद्धिमानी और ईमानदारी से काम लेना चाहिए। तेनालीराम की सूझबूझ ने अन्याय को हराया।
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