प्रश्न/उत्तरम् (Question /Answers)
1. अज्ञः कः भवति?
उत्तर: अज्ञः ज्ञानहीनः भवति।
अनुवाद: मूर्ख व्यक्ति ज्ञानहीन होता है।
2. ज्ञानं कः नरं न रञ्जयति?
उत्तर: अल्पं ज्ञानं नरं न रञ्जयति।
अनुवाद: थोड़ा ज्ञान व्यक्ति को प्रसन्न नहीं करता।
3. कः सुखमाराध्यः अस्ति?
उत्तरः: अज्ञः सुखमाराध्यः अस्ति।
अनुवादः: मूर्ख व्यक्ति आसानी से प्रसन्न हो जाता है।
4. येषां न विद्या, न तपः, ते के सन्ति?
उत्तरः: ते मर्त्यलोके मृगाः सन्ति।
अनुवादः: जिनके पास विद्या और तप नहीं है, वे मृग (पशु) के समान होते हैं।
5. सत्संगतिः किं करोति?
उत्तरः: सत्संगतिः धियो जाड्यं हरति।
अनुवादः: सत्संगत (अच्छी संगति) बुद्धि की मूर्खता को दूर करती है।
6. प्रारम्भं कः न परित्यजति?
उत्तरः: उत्तमजनाः प्रारम्भं न परित्यजन्ति।
अनुवादः: श्रेष्ठ लोग आरंभ किए कार्य को नहीं छोड़ते।
7. धीराः कस्य पथः न प्रविचलन्ति?
उत्तरः: धीराः न्यायस्य पथः न प्रविचलन्ति।
अनुवादः: धीर (साहसी) व्यक्ति न्याय के मार्ग से विचलित नहीं होते।
8. सिंहः कदा निपतति?
उत्तरः: सिंहः शिशुरपि निपतति।
अनुवादः: सिंह का बच्चा भी आक्रमण करता है।
9. महात्मनां लक्षणं किम् अस्ति?
उत्तरः: विपदि धैर्यं, अभ्युदये क्षमा, यशसि रुचिः महात्मनां लक्षणम् अस्ति।
अनुवादः: विपत्ति में धैर्य, उन्नति में क्षमा और यश में रुचि महान व्यक्तियों के गुण हैं।
10. सत्त्ववतां प्रकृतिः किदृशी भवति?
उत्तरः: सत्त्ववतां प्रकृतिः तेजस्विनी भवति।
अनुवादः: शक्तिशाली लोगों की प्रकृति तेजस्वी होती है।
11. मित्रता का कदा क्षयम् उपैति?
उत्तरः: खलजनानां मित्रता क्षयम् उपैति।
अनुवादः: दुष्ट लोगों की मित्रता समय के साथ नष्ट हो जाती है।
12. उत्तमजनाः कदा विघ्नं न परित्यजन्ति?
उत्तरः: उत्तमजनाः विघ्नैः पीडिताः अपि प्रारब्धं न परित्यजन्ति।
अनुवादः: श्रेष्ठ लोग बाधाओं से भी ग्रस्त होने पर काम को नहीं छोड़ते।
13. सत्संगतिः किम् प्रसादयति?
उत्तरः: सत्संगतिः चेतः प्रसादयति।
अनुवादः: सत्संगत व्यक्ति के मन को प्रसन्न करती है।
14. सत्त्ववतां तेजः कः न बाधते?
उत्तरः: सत्त्ववतां तेजः वयः न बाधते।
अनुवादः: शक्तिशाली लोगों की ऊर्जा को उम्र बाधित नहीं करती।
15. न्यायात् पथः के न प्रविचलन्ति?
उत्तरः: धीराः न्यायात् पथः न प्रविचलन्ति।
अनुवादः: साहसी व्यक्ति न्याय के मार्ग से विचलित नहीं होते।
Fill in the Blanks (रिक्त स्थान):
1. अज्ञः ___________ सुखतरमाराध्यः भवति।
उत्तरः: सुखमाराध्यः
अनुवादः: मूर्ख व्यक्ति आसानी से प्रसन्न हो जाता है।
2. ब्रह्मापि ___________ नरं न रञ्जयति।
उत्तरः: ज्ञानलवदुर्विदग्धं
अनुवादः: ब्रह्मा भी अल्प ज्ञान वाले अहंकारी व्यक्ति को प्रसन्न नहीं कर सकते।
3. यः पुरुषः न विद्या न तपो न ___________ चापि शीलं तस्य अस्ति।
उत्तरः: दानं
अनुवादः: जिस व्यक्ति के पास न विद्या, न तप और न दान है।
4. सत्संगतिः वाचि ___________ सिञ्चति।
उत्तरः: सत्यं
अनुवादः: सत्संगति व्यक्ति की वाणी में सत्य को प्रवाहित करती है।
5. प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन ___________।
उत्तरः: नीचैः
अनुवादः: नीच लोग विघ्न के भय से कार्य प्रारंभ नहीं करते।
6. विघ्नविहताः ______ विरमन्ति।
उत्तरः: मध्याः
अनुवादः: विघ्नों से पीड़ित होकर मध्यम लोग काम छोड़ देते हैं।
7. धीराः न्यायात् पथः _____ पदं न प्रविचलन्ति।
उत्तरः: एकम्
अनुवादः: धीर पुरुष न्याय के मार्ग से एक कदम भी विचलित नहीं होते।
8. विपदि धैर्यं, अभ्युदये ___________।
उत्तरः: क्षमा
अनुवादः: विपत्ति में धैर्य और समृद्धि में क्षमा होनी चाहिए।
9. सिंहः शिशुरपि _______ गजेषु निपतति।
उत्तरः: मदमलिनकपोलभित्तिषु
अनुवादः: सिंह का बच्चा भी मद से मलिन गजों पर आक्रमण करता है।
10. दिनस्य पूर्वार्धपरार्धभिन्ना _______ खलसज्जनानाम्।
उत्तरः: छायेव
अनुवादः: खल और सज्जनों की मित्रता दिन के पूर्वार्ध और उत्तरार्ध की छाया के समान होती है।
True/False (सत्य/असत्य):
1. अज्ञः व्यक्ति को प्रसन्न करना सरल होता है।
उत्तरः: सत्यम्
अनुवादः: सही, मूर्ख व्यक्ति को प्रसन्न करना सरल होता है।
2. ज्ञानलवदुर्विदग्धं नरं ब्रह्मा रञ्जयति।
उत्तरः: असत्यम्
अनुवादः: गलत, ब्रह्मा भी अल्प ज्ञान वाले अहंकारी व्यक्ति को प्रसन्न नहीं कर सकते।
3. सत्संगति मनुष्यस्य वाचि सत्यं सिञ्चति।
उत्तरः: सत्यम्
अनुवादः: सही, सत्संगति व्यक्ति की वाणी में सत्य को प्रवाहित करती है।
4. नीचैः जनाः कार्यं प्रारभ्य विघ्नभयेन विरमन्ति।
उत्तरः: असत्यम्
अनुवादः: गलत, नीच लोग विघ्न के भय से कार्य प्रारंभ ही नहीं करते।
5. धीराः पुरुषाः न्यायात् पथः एकम् पदं प्रविचलन्ति।
उत्तरः: असत्यम्
अनुवादः: गलत, धीर पुरुष न्याय के मार्ग से एक कदम भी विचलित नहीं होते।
6. सिंहः शिशुरपि गजेषु आक्रमणं न करोति।
उत्तरः: असत्यम्
अनुवादः: गलत, सिंह का बच्चा भी गजों पर आक्रमण करता है।
7. प्रारभ्य विघ्नविहताः उत्तमजना न परित्यजन्ति।
उत्तरः: सत्यम्
अनुवादः: सही, उत्तम व्यक्ति कार्य में विघ्नों के बावजूद उसे नहीं छोड़ते।
8. सत्संगतिः चेतः प्रसादयति, कीर्तिं तनोति।
उत्तरः: सत्यम्
अनुवादः: सही, सत्संगति मन को प्रसन्न करती है और कीर्ति फैलाती है।
9. खलसज्जनानां मैत्री सदा स्थिरा भवति।
उत्तरः: असत्यम्
अनुवादः: गलत, खल और सज्जनों की मित्रता स्थिर नहीं होती, वह बदलती रहती है।
10. विपदि धैर्यम् महात्मनां लक्षणम् अस्ति।
उत्तरः: सत्यम्
अनुवादः: सही, विपत्ति में धैर्य महात्माओं का लक्षण होता है।
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