प्रश्न/उत्तरम् (Question /Answers)
प्रश्न 1 : पर्यावरणस्य स्वरूपं किम् अस्ति?
उत्तर: पर्यावरणं साम्यं स्वस्थत्वं च अस्ति।
अनुवाद: पर्यावरण संतुलन और स्वच्छता है।
प्रश्न 2 : संस्कृतसाहित्ये पर्यावरणस्य चर्चा कदा भवति?
उत्तर: संस्कृतसाहित्ये सदा पर्यावरणस्य चर्चा अस्ति।
अनुवाद: संस्कृत साहित्य में हमेशा पर्यावरण की चर्चा होती है।
प्रश्न 3 : पर्जन्यः किम् करोति?
उत्तर: पर्जन्यः पृथिवीं रेतसावति।
अनुवाद: वर्षा धरती को सींचती है।
प्रश्न 4 : वृक्षाः किम् कुर्वन्ति?
उत्तर: वृक्षाः फलानि ददति।
अनुवाद: वृक्ष फल देते हैं।
प्रश्न 5 : कः पृथिवीं जलेन रक्षति?
उत्तर: मेघः पृथिवीं जलेन रक्षति।
अनुवाद: बादल पृथ्वी को जल से सुरक्षित करते हैं।
प्रश्न 6 : नद्यः किं ददन्ति?
उत्तरः: नद्यः वारीणि ददन्ति।
अनुवादः नदियाँ पानी देती हैं।
प्रश्न 7 : फलवन्तः वृक्षाः के कथ्यन्ते?
उत्तरः: फलवन्तः वृक्षाः परोपकारिणः कथ्यन्ते।
अनुवादः: फल वाले वृक्ष परोपकारी कहे जाते हैं।
प्रश्न 8 : वृक्षाः केन तर्प्यन्ते?
उत्तरः: वृक्षाः जलेन तर्प्यन्ते।
अनुवादः: वृक्ष जल से तृप्त होते हैं।
प्रश्न 9 : शाकुन्तले नाटके किं वर्ण्यते?
उत्तरः: शाकुन्तले नाटके वृक्षतर्पणं वर्ण्यते।
अनुवादः: शाकुंतल नाटक में वृक्षों का तर्पण वर्णित है।
प्रश्न 10. : पर्यावरणस्य रक्षणं किम् आवश्यकम्?
उत्तरः: पर्यावरणस्य संतुलनं रक्षणं आवश्यकम्।
अनुवादः: पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
प्रश्न 11 : कः पापं दूरीकरोति?
उत्तरः: ओषधयः पापं दूरीकरोन्ति।
अनुवादः: औषधियाँ पापों को दूर करती हैं।
प्रश्न 12 : वृक्षारोपणं किम्?
उत्तरः: वृक्षारोपणं पुण्यं अस्ति।
अनुवादः: वृक्षारोपण पुण्य है।
प्रश्न 13 : मेघः किम् करोति?
उत्तरः: मेघः जलं वर्षति।
अनुवादः: बादल पानी बरसाते हैं।
प्रश्न 14 : कः जीवनं कल्याणमयं करोति?
उत्तरः: शुद्धं जलं वायुं च जीवनं कल्याणमयं करोति।
अनुवादः: शुद्ध जल और वायु जीवन को कल्याणमय बनाते हैं।
प्रश्न15 : संस्कृतसाहित्ये कस्य वर्णनं अस्ति?
उत्तरः: संस्कृतसाहित्ये प्रकृतेः वर्णनं अस्ति।
अनुवादः: संस्कृत साहित्य में प्रकृति का वर्णन
Fill in the Blanks (पूरक रिक्त स्थान):
1. भूमिर्जलं नभो वायुरन्तरिक्षं पशुस्तृणम्, साम्यं स्वस्थत्वम् ____ पर्यावरणसंज्ञकम्।
- Answer: एतेषां
- Hindi: भूमि, जल, आकाश, वायु, अंतरिक्ष, पशु और तृण का साम्य पर्यावरण कहलाता है।
2. पर्जन्यो वेदे स्तूयते – इरा विश्वस्मै ____ जायते।
- Answer: भुवनाय
- Hindi: पर्जन्य (बादल) सभी प्राणियों के लिए भुवन में जीवन उत्पन्न करता है।
3. संस्कृतकाव्येषु ____ वर्णनं आवश्यकम्।
- Answer: प्रकृतेः
- Hindi: संस्कृत काव्यों में प्रकृति का वर्णन आवश्यक है।
4. फलवन्तो ____ परोपकारिणः।
- Answer: वृक्षाः
- Hindi: फलवाले वृक्ष परोपकार करते हैं।
5. संस्कृतसाहित्ये ____ चर्चा अस्ति।
- Answer: पर्यावरणस्य
- Hindi: संस्कृत साहित्य में पर्यावरण की चर्चा है।
6. मेघः पृथिवीं ____ रक्षति।
- Answer: जलेन
- Hindi: बादल पृथ्वी को जल द्वारा सुरक्षित रखते हैं।
7. ज्येष्ठमासस्य ____ बाणभट्टेन वर्णितः।
- Answer: मध्याह्नः
- Hindi: ज्येष्ठ मास का दोपहर बाणभट्ट द्वारा वर्णित है।
8. वृक्षारोपणं ____ प्रतिपादितम्।
- Answer: पुण्यम्
- Hindi: वृक्षारोपण को पुण्य माना गया है।
9. कालिदासमते वसन्ते सर्वं ____ भवति।
- Answer: शोभनतरं
- Hindi: कालिदास के अनुसार वसंत में सब कुछ और अधिक सुंदर हो जाता है।
10. पर्जन्यः पृथिवीं ____ रेतसावति।
- Answer: जल
- Hindi: पर्जन्य पृथ्वी पर जल वर्षा करता है।
True/False (सत्य/असत्य):
- संस्कृत साहित्य में पर्यावरण की चर्चा नहीं होती है।
- Answer: False
- Hindi: संस्कृत साहित्य में पर्यावरण की चर्चा होती है।
- पर्जन्य बादल पृथ्वी को जल से सुरक्षित रखते हैं।
- Answer: True
- Hindi: पर्जन्य बादल पृथ्वी को जल से सुरक्षित रखते हैं।
- फलवाले वृक्ष परोपकार करते हैं।
- Answer: True
- Hindi: फलवाले वृक्ष परोपकार करते हैं।
- कालिदास के अनुसार वसंत ऋतु में पेड़ सूख जाते हैं।
- Answer: False
- Hindi: कालिदास के अनुसार वसंत ऋतु में पेड़ सुंदर हो जाते हैं।
- संस्कृत साहित्य में ज्येष्ठ मास का वर्णन नहीं मिलता।
- Answer: False
- Hindi: संस्कृत साहित्य में ज्येष्ठ मास का वर्णन मिलता है।
- वृक्षारोपण को पुण्य कार्य नहीं माना गया है।
- Answer: False
- Hindi: वृक्षारोपण को पुण्य कार्य माना गया है।
- संस्कृत काव्यों में नदियों का वर्णन आवश्यक माना गया है।
- Answer: True
- Hindi: संस्कृत काव्यों में नदियों का वर्णन आवश्यक माना गया है।
- तुलसी का वृक्ष वायुप्रदूषण को कम नहीं करता है।
- Answer: False
- Hindi: तुलसी का वृक्ष वायुप्रदूषण को कम करता है।
- बाणभट्ट ने ज्येष्ठ मास का दोपहर का वर्णन किया है।
- Answer: True
- Hindi: बाणभट्ट ने ज्येष्ठ मास के दोपहर का वर्णन किया है।
- संस्कृत साहित्य में प्रकृति का वर्णन केवल फूलों और पौधों तक सीमित है।
- Answer: False
- Hindi: संस्कृत साहित्य में प्रकृति का वर्णन व्यापक रूप से किया गया है।
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