Important Questions For All Chapters – इतिहास Class 9
1. नाजीवाद का क्या अर्थ है?
उत्तर: नाजीवाद एक राजनीतिक विचारधारा थी जो जर्मनी में एडोल्फ हिटलर के नेतृत्व में विकसित हुई। यह आक्रामक राष्ट्रवाद, तानाशाही, और यहूदी विरोध पर आधारित थी। नाजीवाद में व्यक्तिगत स्वतंत्रता को राज्य के हितों के लिए बलिदान करने और जर्मनी की खोई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करने पर जोर दिया गया। हिटलर ने इसे अपने शासन के माध्यम से फैलाया।
2. वर्साय की संधि जर्मनी के लिए क्यों अपमानजनक थी?
उत्तर: वर्साय की संधि 1919 में प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी पर थोप दी गई थी। इसमें जर्मनी को युद्ध के लिए पूरी तरह दोषी ठहराया गया, उसके कई क्षेत्र छीन लिए गए, और भारी आर्थिक जुर्माना लगाया गया। इससे जर्मन जनता में आक्रोश और असंतोष फैल गया, जिसका फायदा हिटलर ने उठाया।
3. हिटलर का उदय कैसे हुआ?
उत्तर: हिटलर का उदय जर्मनी की आर्थिक बदहाली और राजनीतिक अस्थिरता के समय हुआ। वर्साय संधि, आर्थिक संकट, और वाइमर गणराज्य की असफलता ने जर्मन जनता को निराश किया। हिटलर ने राष्ट्रवाद और यहूदी विरोध का सहारा लेकर लोगों का समर्थन प्राप्त किया और 1933 में सत्ता में आया।
4. वाइमर गणराज्य की असफलता के क्या कारण थे?
उत्तर: वाइमर गणराज्य 1919 में जर्मनी में गणतंत्र की स्थापना के बाद अस्तित्व में आया, लेकिन यह असफल साबित हुआ। यह आर्थिक संकट, बेरोजगारी, और राजनीतिक अस्थिरता को हल करने में विफल रहा। इसके अलावा, जनता ने इसे वर्साय संधि की कठोर शर्तों के लिए दोषी ठहराया। इससे हिटलर को सत्ता में आने का मौका मिला।
5. हिटलर की ‘मीनकाम्फ’ किताब का क्या महत्व है?
उत्तर: ‘मीनकाम्फ’ हिटलर की आत्मकथा और विचारधारा का दस्तावेज़ है, जिसे उसने जेल में लिखा था। इसमें हिटलर ने जर्मनी के पुनर्निर्माण, यहूदियों के प्रति घृणा, और उसकी विदेश नीति की रूपरेखा दी। यह किताब नाजी विचारधारा का मुख्य स्रोत बनी।
6. हिटलर की विदेश नीति क्या थी?
उत्तर: हिटलर की विदेश नीति में वर्साय संधि को तोड़ना, जर्मनी का साम्राज्य विस्तार करना, और साम्यवाद का विरोध करना शामिल था। उसने जर्मन भाषी लोगों को एकजुट करने और जर्मनी को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने का प्रयास किया। इसके चलते उसने आक्रमणकारी नीतियों का अनुसरण किया, जिससे द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू हुआ।
7. नाजी पार्टी का प्रतीक चिह्न क्या था?
उत्तर: नाजी पार्टी का प्रतीक चिह्न ‘स्वस्तिक’ था। हिटलर ने इसे आर्यों की शुद्धता और जर्मनी की महानता का प्रतीक माना। यह नाजी पार्टी की पहचान बन गया और इसके माध्यम से हिटलर ने जर्मनी में उग्र राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया।
8. नाजीवाद का आर्थिक प्रभाव क्या था?
उत्तर: नाजीवाद के अंतर्गत जर्मनी की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से राज्य के नियंत्रण में लाया गया। बड़े उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया गया और आर्थिक गतिविधियों को युद्ध की तैयारी के अनुरूप ढाल दिया गया। इससे जर्मनी की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ, लेकिन इससे युद्ध की संभावनाएँ भी बढ़ गईं।
9. गुप्तचर पुलिस ‘गेस्टापो’ का क्या कार्य था?
उत्तर: गेस्टापो हिटलर की गुप्तचर पुलिस थी, जिसे राजनीतिक विरोधियों का दमन करने और जनता में आतंक फैलाने के लिए बनाया गया था। इसके माध्यम से हिटलर ने अपने विरोधियों को जेल में डाल दिया या उन्हें मौत की सजा दी। यह नाजी शासन का मुख्य हथियार था।
10. नाजीवाद का यहूदियों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: नाजीवाद के अंतर्गत यहूदियों को जर्मनी की सभी समस्याओं का दोषी ठहराया गया। हिटलर ने यहूदियों के खिलाफ नस्लीय कानून बनाए, उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया और अंततः उन्हें ‘होलोकॉस्ट’ में मारा गया। लाखों यहूदियों को यातना शिविरों में भेजकर मौत के घाट उतारा गया।
11. हिटलर ने साम्यवाद का विरोध क्यों किया?
उत्तर: हिटलर साम्यवाद को जर्मनी और यूरोप के लिए एक बड़ा खतरा मानता था। वह साम्यवादी आंदोलनों को कुचलना चाहता था क्योंकि वे उसकी नाजी विचारधारा के खिलाफ थे। उसने पूंजीपतियों और उद्योगपतियों का समर्थन हासिल किया, जो साम्यवाद से डरते थे।
12. हिटलर ने कैसे अपनी सत्ता को मजबूत किया?
उत्तर: हिटलर ने सत्ता में आते ही लोकतांत्रिक संस्थाओं को समाप्त कर दिया और तानाशाही स्थापित की। उसने गेस्टापो और एसएस जैसी संस्थाओं के माध्यम से अपने विरोधियों को समाप्त कर दिया। इसके अलावा, उसने मीडिया और शिक्षा पर नियंत्रण स्थापित किया ताकि उसके विचारों का प्रसार हो सके।
13. रोम-बर्लिन धुरी का क्या महत्व था?
उत्तर: रोम-बर्लिन धुरी 1936 में जर्मनी और इटली के बीच बनी थी। यह धुरी हिटलर और मुसोलिनी के बीच गठबंधन का परिणाम थी, जो साम्यवाद और अन्य पश्चिमी शक्तियों के खिलाफ था। यह द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान धुरी राष्ट्रों का प्रमुख गठबंधन बन गया।
14. हिटलर के तृतीय राइख का क्या अर्थ था?
उत्तर: तृतीय राइख हिटलर के नेतृत्व में जर्मनी का शासन था, जिसमें उसने जर्मनी को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में पुनर्स्थापित करने की योजना बनाई। हिटलर ने इसे जर्मनी का तीसरा साम्राज्य कहा और इसे यूरोप पर प्रभुत्व स्थापित करने का साधन बनाया।
15. 1930 के आर्थिक संकट का जर्मनी पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: 1930 के वैश्विक आर्थिक संकट से जर्मनी सबसे अधिक प्रभावित हुआ। उद्योग बंद हो गए, बेरोजगारी बढ़ गई, और आर्थिक अव्यवस्था फैल गई। इस स्थिति का फायदा हिटलर ने उठाया और नाजी पार्टी को समर्थन मिला, जिससे वह सत्ता में आ सका।
Long Questions
1. हिटलर के उदय के क्या कारण थे?
उत्तर:
- वर्साय संधि (1919): जर्मनी पर थोपे गए कठोर शर्तों ने जर्मन जनता में आक्रोश पैदा किया। जर्मनी को युद्ध के लिए दोषी ठहराया गया और भारी आर्थिक जुर्माना लगाया गया।
- वाइमर गणराज्य की असफलता: 1919 में स्थापित यह गणराज्य आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता को नियंत्रित करने में असफल रहा, जिससे जनता का विश्वास खत्म हुआ।
- आर्थिक संकट: 1929 की आर्थिक मंदी से जर्मनी की स्थिति और बिगड़ी। बेरोजगारी और महंगाई बढ़ने से हिटलर ने जनता को आकर्षित किया।
- राष्ट्रीय गौरव की भावना: हिटलर ने जर्मनी के खोए सम्मान को पुनर्स्थापित करने का वादा किया, जिससे लोगों का समर्थन मिला।
2. वर्साय संधि के प्रमुख प्रावधान और जर्मनी पर उसका प्रभाव क्या था?
उत्तर:
- क्षेत्रीय नुकसान: जर्मनी ने अपनी महत्वपूर्ण भूमि, जैसे आल्सेस-लॉरेन, फ्रांस को दे दी। जर्मनी के उपनिवेश भी छीन लिए गए।
- आर्थिक जुर्माना: जर्मनी पर 6 अरब 10 करोड़ पौंड का हर्जाना लगाया गया, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई।
- सैन्य प्रतिबंध: जर्मनी की सेना को 1 लाख सैनिकों तक सीमित कर दिया गया। वायुसेना और पनडुब्बी रखने पर रोक लगाई गई।
- जनता में असंतोष: इन कठोर शर्तों ने जर्मनी में असंतोष और बदले की भावना को जन्म दिया, जिसका हिटलर ने फायदा उठाया।
3. नाजीवाद के सिद्धांत क्या थे?
उत्तर:
- तानाशाही का समर्थन: नाजीवाद लोकतंत्र और उदारवाद का विरोध करता था। हिटलर ने सत्ता में आते ही विरोधी दलों को समाप्त कर दिया।
- उग्र राष्ट्रवाद: नाजीवाद में राष्ट्रवाद को सर्वोच्च माना गया। जर्मन भाषा-भाषी लोगों को एकजुट करना इसका मुख्य उद्देश्य था।
- सर्वसत्तावादी राज्य: नाजी विचारधारा के अनुसार राज्य के बाहर और उसके खिलाफ कुछ भी स्वीकार्य नहीं था। राज्य को पूर्ण अधिकार दिए गए।
- साम्यवाद विरोध: हिटलर ने साम्यवाद का विरोध किया और पूंजीपतियों तथा उद्योगपतियों का समर्थन प्राप्त किया।
4. हिटलर की विदेश नीति के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
उत्तर:
- वर्साय संधि को तोड़ना: हिटलर ने संधि की शर्तों को खारिज कर दिया और जर्मनी को सैन्य रूप से फिर से मजबूत किया।
- जर्मन एकता: सभी जर्मन भाषी लोगों को एकजुट करना हिटलर का प्रमुख उद्देश्य था। इसके तहत उसने आस्ट्रिया और सुडेटनलैंड को अपने साम्राज्य में शामिल किया।
- साम्राज्य विस्तार: हिटलर ने जर्मनी के भू-भाग और शक्ति का विस्तार करने के लिए आक्रमणकारी नीतियाँ अपनाईं।
- साम्यवाद का विरोध: उसने साम्यवादी राष्ट्रों के खिलाफ कदम उठाए, खासकर सोवियत संघ के खिलाफ।
5. हिटलर के शासन में जर्मनी की आंतरिक नीतियाँ क्या थीं?
उत्तर:
- तानाशाही शासन: हिटलर ने लोकतंत्र को समाप्त कर तानाशाही स्थापित की। सभी राजनीतिक दलों को खत्म कर दिया और नाजी पार्टी को एकमात्र दल बनाया।
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध: प्रेस और मीडिया पर सख्त नियंत्रण लगाया गया, और जनता को नाजी विचारधारा के अनुसार ढाला गया।
- विरोधियों का दमन: गेस्टापो जैसी गुप्तचर पुलिस ने विरोधियों को जेल में डाल दिया या मार दिया।
- शिक्षा और प्रचार: नाजी विचारधारा का प्रचार शिक्षा और मीडिया के माध्यम से किया गया, जिससे जनता को नियंत्रित किया जा सके।
6. हिटलर की तानाशाही के मुख्य उपकरण क्या थे?
उत्तर:
- गेस्टापो (गुप्तचर पुलिस): हिटलर ने गेस्टापो का गठन किया, जो विरोधियों को पकड़कर यातनाएँ देती और उन्हें समाप्त करती थी।
- प्रोपेगेंडा: जोसेफ गोयबल्स ने प्रचार तंत्र को नियंत्रित किया, जिसने नाजी विचारधारा को फैलाने और हिटलर की छवि को महिमामंडित करने का कार्य किया।
- एसएस और एसए: ये संगठन नाजी पार्टी के सैन्य अंग थे, जो हिटलर की शक्ति को बनाए रखने में मदद करते थे और विरोधियों का दमन करते थे।
- यातना शिविर: राजनीतिक विरोधियों और यहूदियों को यातना शिविरों में भेजा गया, जहाँ उन्हें मार दिया गया या अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया।
7. हिटलर के शासन में यहूदियों की स्थिति कैसी थी?
उत्तर:
- नस्लीय कानून: नाजी शासन के तहत यहूदियों के खिलाफ कठोर नस्लीय कानून बनाए गए। उन्हें नागरिक अधिकारों से वंचित किया गया।
- होलोकॉस्ट: हिटलर ने लाखों यहूदियों को यातना शिविरों में भेजकर उन्हें मारने का आदेश दिया। इस घटना को ‘होलोकॉस्ट’ कहा जाता है।
- सामाजिक बहिष्कार: यहूदियों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों से बाहर कर दिया गया। उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया गया।
- नाजी प्रचार: यहूदियों को जर्मनी की समस्याओं के लिए दोषी ठहराया गया, जिससे जनता में यहूदियों के खिलाफ नफरत फैलाई गई।
8. नाजीवाद का आर्थिक दृष्टिकोण क्या था?
उत्तर:
- राज्य का नियंत्रण: नाजीवाद ने अर्थव्यवस्था पर राज्य का पूर्ण नियंत्रण स्थापित किया। उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया गया और निजी संपत्तियों पर राज्य का अधिकार बढ़ा।
- युद्ध की तैयारी: आर्थिक नीतियों को युद्ध की तैयारी के अनुरूप ढाला गया। उद्योगों को युद्ध सामग्री उत्पादन के लिए प्रेरित किया गया।
- बेरोजगारी की समस्या का समाधान: हिटलर ने रोजगार सृजन के कई कार्यक्रम चलाए, जिससे बेरोजगारी की समस्या कुछ हद तक हल हो गई।
- आर्थिक सुधार: राज्य द्वारा नियंत्रित नीतियों से जर्मनी की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ, लेकिन यह सुधार युद्ध पर आधारित था, जो अंततः नुकसानदेह साबित हुआ।
9. हिटलर की विदेश नीति और द्वितीय विश्वयुद्ध के बीच क्या संबंध था?
उत्तर:
- वर्साय संधि का उल्लंघन: हिटलर ने वर्साय संधि की शर्तों को खारिज कर जर्मनी की सेना को फिर से संगठित किया और आक्रामक नीति अपनाई।
- आस्ट्रिया और सुडेटनलैंड का विलय: उसने बिना किसी संघर्ष के इन क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया, जिससे उसकी महत्वाकांक्षाएं बढ़ीं।
- पोलैंड पर आक्रमण: 1939 में हिटलर ने पोलैंड पर आक्रमण किया, जिससे ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू हो गया।
- धुरी राष्ट्रों का गठन: हिटलर ने इटली और जापान के साथ धुरी राष्ट्रों का गठन किया, जो विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगे।
10. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद नाजीवाद का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर:
- नाजीवाद का पतन: द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी की हार के बाद नाजी पार्टी का पतन हो गया और हिटलर ने आत्महत्या कर ली।
- नाजी अपराधों का खुलासा: युद्ध के बाद नूर्नबर्ग ट्रायल्स में नाजी नेताओं को उनके अपराधों के लिए सजा दी गई। होलोकॉस्ट और अन्य अमानवीय कृत्यों का खुलासा हुआ।
- जर्मनी का विभाजन: युद्ध के बाद जर्मनी को पूर्व और पश्चिम जर्मनी में विभाजित कर दिया गया। नाजी शासन की सभी नीतियों को समाप्त कर दिया गया।
11. वर्साय की संधि ने द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि कैसे तैयार की?
उत्तर: वर्साय संधि जर्मनी के लिए अत्यंत अपमानजनक साबित हुई। इसमें जर्मनी को प्रथम विश्वयुद्ध के लिए पूरी तरह दोषी ठहराया गया और उस पर भारी आर्थिक जुर्माना लगाया गया। जर्मनी की कई महत्वपूर्ण भूमि और उपनिवेश छीन लिए गए, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो गई। जर्मन जनता में इस संधि के खिलाफ व्यापक असंतोष था, जिसे हिटलर ने अपने पक्ष में इस्तेमाल किया। वर्साय संधि की कठोर शर्तों ने जर्मनी में बदले की भावना पैदा की, जिसके परिणामस्वरूप हिटलर ने सत्ता में आने के बाद नाजीवाद और विस्तारवादी नीतियों को अपनाया। यह द्वितीय विश्वयुद्ध का मुख्य कारण बना।
12. हिटलर की विदेश नीति जर्मनी के पुनरुत्थान का एक साधन कैसे थी?
उत्तर: हिटलर की विदेश नीति का उद्देश्य जर्मनी की खोई हुई प्रतिष्ठा और शक्ति को पुनः स्थापित करना था। इसमें वर्साय संधि को तोड़ना, जर्मन भाषी लोगों को एकजुट करना और साम्राज्य का विस्तार करना शामिल था। उसने 1933 में जर्मनी को राष्ट्रसंघ से बाहर कर लिया और निःशस्त्रीकरण के सभी शर्तों को खारिज कर दिया। इसके बाद उसने आस्ट्रिया और चेकोस्लोवाकिया का विलय किया, जिससे जर्मनी का क्षेत्र बढ़ा। उसकी विदेश नीति आक्रामक थी और इसने यूरोप में तनाव पैदा किया, जो अंततः द्वितीय विश्वयुद्ध की ओर ले गया।
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