प्रश्न 1: प्राकृतिक वनस्पति क्या है?
उत्तर: प्राकृतिक वनस्पति से तात्पर्य उन पेड़-पौधों से है, जो बिना मनुष्य की सहायता के प्राकृतिक रूप से उगते और बढ़ते हैं। यह वनस्पति अपने प्राकृतिक वातावरण के अनुकूल होती है, जैसे जंगलों में उगने वाले वृक्ष, जबकि खेती की फसलें इसमें शामिल नहीं होती हैं।
प्रश्न 2: देशज और विदेशज वनस्पति में क्या अंतर है?
उत्तर: देशज वनस्पति उस वनस्पति को कहते हैं, जो किसी देश में प्राकृतिक रूप से उगती है। विदेशज वनस्पति वे पौधे होते हैं, जो अन्य देशों से लाकर उगाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में बबूल देशज है, जबकि यूकेलिप्टस विदेशज है।
प्रश्न 3: भारत में कितनी प्रकार की वनस्पति प्रजातियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर: भारत में लगभग 47,000 प्रकार की वनस्पति प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसमें 6% भाग फूलों वाले पौधों का है, जो वैश्विक फूलों की प्रजातियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
प्रश्न 4: वनों का पर्यावरणीय महत्त्व क्या है?
उत्तर: वनों का पर्यावरणीय महत्त्व अत्यधिक है। वे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को संतुलित करते हैं, वर्षा को आकर्षित करते हैं, मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और जीव-जंतुओं के लिए आवास प्रदान करते हैं। ये हमारे पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने में मदद करते हैं।
प्रश्न 5: वनों की क्षति के प्रमुख कारण क्या हैं?
उत्तर: वनों की क्षति के प्रमुख कारण जनसंख्या वृद्धि, कृषि विस्तार, शहरीकरण, औद्योगिकीकरण, ईंधन की बढ़ती माँग और दावानल हैं। इन कारणों से बड़े पैमाने पर वनों की कटाई होती है, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 6: उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर: उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन पश्चिमी घाट, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, तथा असम के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों में 200 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होती है और यहाँ की वनस्पति सदाबहार होती है।
प्रश्न 7: उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन क्या हैं?
उत्तर: उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन वे वन होते हैं जहाँ वृक्ष अपनी पत्तियाँ एक साथ गिरा देते हैं। यहाँ 50 से 200 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा होती है। इन वनों में सागवान, शीशम और साल जैसे वृक्ष मिलते हैं।
प्रश्न 8: मैंग्रोव वन किस प्रकार की वनस्पति है?
उत्तर: मैंग्रोव वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहाँ समुद्र और मीठे जल के मिलन से दलदल बनता है। यहाँ की वनस्पति में जड़ों का हिस्सा पानी के ऊपर दिखाई देता है। सुंदरवन में पाए जाने वाले सुंदरी वृक्ष इसका उदाहरण हैं।
प्रश्न 9: वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?
उत्तर: भारत में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 में लागू किया गया। इसका उद्देश्य वन्य प्राणियों की लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण और उनकी संख्या में वृद्धि करना है।
प्रश्न 10: भारत में कितने प्रकार के स्तनधारी प्राणी पाए जाते हैं?
उत्तर: भारत में लगभग 410 प्रकार के स्तनधारी प्राणी पाए जाते हैं। इनमें से हाथी, बाघ, शेर और एक सींग वाला गैंडा प्रमुख हैं। इन प्राणियों का संरक्षण करना आवश्यक है।
प्रश्न 11: हिमालय पर्वत का वनस्पति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: हिमालय पर्वत की ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान घटता जाता है, जिससे वनस्पति की किस्में भी बदलती जाती हैं। निचले हिस्सों में उष्णकटिबंधीय वन होते हैं, जबकि ऊँचाई बढ़ने पर शंकुधारी और अल्पाइन वन मिलते हैं।
प्रश्न 12: जैव विविधता का संरक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर: जैव विविधता का संरक्षण पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए आवश्यक है। इससे जीव-जंतुओं और पौधों की प्रजातियों की सुरक्षा होती है और वे पारिस्थितिकीय सेवाएँ प्रदान करते हैं, जैसे परागण, खाद्य सुरक्षा, और जलवायु संतुलन।
प्रश्न 13: उष्णकटिबंधीय कँटीले वन और झाड़ियाँ कहाँ पाई जाती हैं?
उत्तर: उष्णकटिबंधीय कँटीले वन और झाड़ियाँ उन क्षेत्रों में पाई जाती हैं, जहाँ वर्षा 50 सेंटीमीटर से कम होती है। ये वन राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं।
प्रश्न 14: शुष्क पर्णपाती वनों की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: शुष्क पर्णपाती वनों में वृक्षों की सघनता कम होती है और ये उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहाँ 50 से 100 सेंटीमीटर वर्षा होती है। ये वन अधिकतर भारत के प्रायद्वीपीय पठार क्षेत्रों में मिलते हैं।
प्रश्न 15: पारिस्थितिक तंत्र क्या है?
उत्तर: पारिस्थितिक तंत्र एक ऐसा तंत्र है, जिसमें पौधों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों के साथ-साथ भौतिक वातावरण के बीच अंतर्संबंध होते हैं। इसमें सभी जीव एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं, जिससे जीवन-चक्र चलता रहता है।
प्रश्न 16: जैव विविधता में भारत का क्या स्थान है?
उत्तर: भारत जैव विविधता में विश्व में दसवें और एशिया में चौथे स्थान पर है। यहाँ लगभग 47,000 वनस्पति प्रजातियाँ और 89,000 प्राणियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह विविधता यहाँ की भौगोलिक और जलवायु विविधता के कारण है।
प्रश्न 17: पर्वतीय वनों की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: पर्वतीय वनों में वनस्पति की किस्में ऊँचाई के अनुसार बदलती हैं। 1000 मीटर से नीचे उष्णकटिबंधीय वन, 1000 से 2000 मीटर पर शीतोष्ण वन और उससे ऊपर शंकुधारी वन पाए जाते हैं। सबसे ऊँचाई पर अल्पाइन घास के मैदान मिलते हैं।
प्रश्न 18: वन्य जीवों के संरक्षण के लिए भारत में कौन-कौन से प्रयास किए गए हैं?
उत्तर: भारत में 1972 में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम लागू किया गया। इसके तहत 89 नेशनल पार्क, 149 वन्य प्राणी अभयारण्य और कई जैवमंडल निचय बनाए गए हैं। इनमें से सुंदरवन, नीलगिरि और नंदा देवी को विश्व के जीवमंडल निचयों में शामिल किया गया है।
प्रश्न 19: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों में किस प्रकार के जानवर पाए जाते हैं?
उत्तर: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों में मुख्य रूप से लंगूर, बंदर, हाथी और एक सींग वाला गैंडा पाया जाता है। यहाँ की घनी वनस्पति के कारण इन जानवरों को रहने के लिए सुरक्षित वातावरण मिलता है। ये वन पूर्वोत्तर भारत और अंडमान निकोबार में प्रमुख हैं।
प्रश्न 20: शीतोष्ण कटिबंधीय वनों की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: शीतोष्ण कटिबंधीय वन 1000-2000 मीटर की ऊँचाई पर पाए जाते हैं। इनमें चौड़ी पत्तियों वाले वृक्ष जैसे ओक, चेस्टनट और लारेल मिलते हैं। यहाँ की जलवायु ठंडी और आर्द्र होती है, जिससे ये वृक्ष आसानी से बढ़ते हैं।
प्रश्न 21: उष्णकटिबंधीय कँटीले वन में पौधों के क्या विशेष लक्षण होते हैं?
उत्तर: उष्णकटिबंधीय कँटीले वन के पौधों की जड़ें गहरी होती हैं और उनकी पत्तियाँ मोटी, रोएँदार या मोमी होती हैं, ताकि वे कम पानी में भी जीवित रह सकें। ये वन मुख्यतः राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में पाए जाते हैं।
प्रश्न 22: वनस्पति के वितरण पर जलवायु का क्या प्रभाव है?
उत्तर: वनस्पति का वितरण जलवायु पर निर्भर करता है, जिसमें तापमान, वर्षा और सूर्य का प्रकाश मुख्य भूमिका निभाते हैं। जैसे, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सघन वन पाए जाते हैं, जबकि कम वर्षा वाले क्षेत्रों में कँटीले झाड़ियाँ मिलती हैं।
प्रश्न 23: मैंग्रोव वनों का पर्यावरणीय महत्त्व क्या है?
उत्तर: मैंग्रोव वन तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं और वे दलदली मिट्टी को स्थिर रखने में मदद करते हैं। ये वनों की जड़ें पानी के ऊपर होती हैं, जो तटीय क्षेत्रों में मृदा अपरदन को रोकती हैं और समुद्री जीव-जंतुओं के लिए आवास प्रदान करती हैं।
प्रश्न 24: भारत में कितने प्रकार की मछलियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर: भारत में लगभग 2500 प्रकार की मछलियाँ पाई जाती हैं, जो मीठे पानी और समुद्री दोनों क्षेत्रों में निवास करती हैं। ये मछलियाँ भारत की जैव विविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और आर्थिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण हैं।
प्रश्न 25: वनों के अंधाधुंध कटाई से क्या प्रभाव पड़ते हैं?
उत्तर: वनों की अंधाधुंध कटाई से मिट्टी का कटाव बढ़ता है, जलवायु परिवर्तन होता है और वर्षा की मात्रा में कमी आती है। इससे वन्य जीवों का आवास नष्ट हो जाता है और पारिस्थितिक तंत्र का संतुलन बिगड़ जाता है।
प्रश्न 26: भारतीय संस्कृति में वृक्षों का क्या महत्त्व है?
उत्तर: भारतीय संस्कृति में वृक्षों का विशेष महत्त्व है। इन्हें पुत्र तुल्य माना जाता है और कई धर्मग्रंथों में इनकी पूजा की जाती है। वृक्षों का धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक महत्त्व भी है, जैसे पीपल और नीम को पवित्र माना जाता है।
प्रश्न 27: जैवमंडल निचय किसे कहते हैं?
उत्तर: जैवमंडल निचय एक ऐसा आरक्षित क्षेत्र होता है, जहाँ वनस्पति और जीवों का संरक्षण किया जाता है। ये क्षेत्र पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता को बनाए रखने के लिए बनाए जाते हैं। भारत में कुल 14 जैवमंडल निचय हैं।
प्रश्न 28: भारत में उष्णकटिबंधीय कँटीले वन किन क्षेत्रों में पाए जाते हैं?
उत्तर: भारत में उष्णकटिबंधीय कँटीले वन मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं। इन वनों में बबूल, नागफनी और खजूर जैसी वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।
प्रश्न 29: वनों की कमी का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: वनों की कमी से मिट्टी का कटाव बढ़ता है, जल स्रोतों का सूखना शुरू हो जाता है, और जलवायु असंतुलित हो जाती है। इससे कृषि पर बुरा असर पड़ता है, जल संकट उत्पन्न होता है और जीवों की कई प्रजातियाँ लुप्तप्राय हो जाती हैं।
प्रश्न 30: भारत में कितने नेशनल पार्क और वन्यजीव अभयारण्य हैं?
उत्तर: भारत में 89 नेशनल पार्क और 149 वन्यजीव अभयारण्य हैं। ये क्षेत्र वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए हैं, ताकि उनका संरक्षण और संवर्धन किया जा सके।
Leave a Reply