1. भारत कृषि प्रधान देश क्यों कहा जाता है?
उत्तर: भारत की लगभग 64% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। यह अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रोजगार कृषि से मिलता है। शहरी जनसंख्या भी कृषि से प्राप्त उत्पादों पर आश्रित है। उद्योगों को भी कच्चा माल कृषि से मिलता है।
2. बिहार की अर्थव्यवस्था में कृषि का क्या महत्व है?
उत्तर: बिहार की आय का अधिकांश हिस्सा कृषि से आता है। अविभाजित बिहार के बाद मुख्य उद्योग झारखंड में चले गए। अधिकतर ग्रामीण आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि अन्य क्षेत्रों में भी विकास को प्रोत्साहित करती है। राज्य की 80% जनसंख्या आजीविका के लिए कृषि पर आश्रित है।
3. बिहार में कृषि की मुख्य समस्याएँ क्या हैं?
उत्तर: कृषि पर अत्यधिक जनसंख्या भार है। सिंचाई की सुविधाओं की कमी है। कृषि वर्षा और मानसून पर निर्भर है। बाढ़, सूखा और पुराने तरीकों से खेती की समस्या बनी रहती है। उन्नत बीज और खाद की भी कमी है।
4. बिहार में कृषि के पिछड़ेपन को दूर करने के क्या उपाय हैं?
उत्तर: जनसंख्या नियंत्रण आवश्यक है। सिंचाई सुविधाओं को बेहतर करना होगा। कृषि में वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग बढ़ाना चाहिए। बाढ़ और सूखा प्रबंधन की योजनाएँ बनानी होंगी। कृषि के लिए संस्थागत वित्त उपलब्ध कराना जरूरी है।
5. फसलें कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर: फसलें मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं: खाद्य फसल और नकदी फसल। खाद्य फसलों में गेहूँ, धान, मक्का शामिल हैं। नकदी फसलों में गन्ना, तिलहन, आलू और प्याज आती हैं। फसलें भदई, रबी, खरीफ और गरमा मौसम में उगाई जाती हैं।
6. खरीफ फसल क्या है?
उत्तर: खरीफ फसल को शीतकालीन फसल भी कहा जाता है। इसकी बुआई जून में होती है और यह दिसंबर तक पक जाती है। बिहार में अगहनी धान प्रमुख खरीफ फसल है। मानसून पर इसकी निर्भरता होती है। अन्य फसलों में मक्का और जूट भी शामिल हैं।
7. रबी फसल क्या होती है?
उत्तर: रबी फसलें वसंत ऋतु में उगाई जाती हैं। इनकी बुआई अक्टूबर-नवंबर में की जाती है। मार्च तक यह फसलें तैयार हो जाती हैं। गेहूँ, चना, जौ और सरसों प्रमुख रबी फसलें हैं। बिहार में कुल कृषि भूमि के एक-तिहाई हिस्से पर रबी की खेती होती है।
8. बिहार में बाढ़ का कृषि पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: बाढ़ फसलों को भारी नुकसान पहुँचाती है। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो जाती हैं। बाढ़ के कारण मवेशियों और मनुष्यों की भी हानि होती है। इससे कृषि उत्पादन घट जाता है। किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।
9. खाद्यान्न सुरक्षा का क्या महत्व है?
उत्तर: खाद्यान्न सुरक्षा का अर्थ है सभी को पोषक भोजन उपलब्ध कराना। अमर्त्य सेन ने खाद्यान्न तक पहुँच को भी सुरक्षा का हिस्सा बताया। इसका उद्देश्य हर व्यक्ति को पर्याप्त भोजन देना है। प्राकृतिक आपदाओं में खाद्यान्न सुरक्षा अधिक आवश्यक हो जाती है। इससे देश में भूख और गरीबी को दूर करने में मदद मिलती है।
10. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इसका उद्देश्य 2011-12 तक अतिरिक्त 10 मिलियन टन चावल, 8 मिलियन टन गेहूँ और 2 मिलियन टन दालों का उत्पादन करना था। यह मिशन खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चलाया गया। किसान उन्नत बीज और कृषि उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं। सरकार किसानों को वित्तीय सहायता भी देती है। यह मिशन किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है।
11. बफर स्टॉक क्या है?
उत्तर: बफर स्टॉक अनाज का भंडार होता है जो सरकार द्वारा रखा जाता है। इसका उपयोग आपदा और खराब मौसम में किया जाता है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) किसानों से अनाज खरीदकर इसका भंडारण करता है। इससे बाजार में कीमतें स्थिर रहती हैं। बफर स्टॉक सार्वजनिक वितरण प्रणाली का भी हिस्सा है।
12. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) क्या है?
उत्तर: PDS के माध्यम से गरीब वर्गों को अनाज वितरित किया जाता है। राशन दुकानों से लोगों को सस्ती दरों पर अनाज मिलता है। यह प्रणाली गरीबी उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा में मदद करती है। वर्तमान में लगभग 4.6 लाख राशन दुकानें हैं। इसमें चीनी, मिट्टी का तेल और खाद्यान्न उपलब्ध होता है।
13. अंत्योदय अन्न योजना का क्या उद्देश्य है?
उत्तर: यह योजना 2000 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराना है। प्रति परिवार 35 किलोग्राम अनाज प्रदान किया जाता है। यह योजना गरीबों के जीवन-स्तर में सुधार लाने में सहायक है। राज्य सरकारें पात्र परिवारों का चयन करती हैं।
14. अकाल का खाद्य सुरक्षा पर क्या प्रभाव होता है?
उत्तर: अकाल के कारण खाद्य उत्पादन में गिरावट आती है। इससे खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ जाती हैं। गरीब वर्ग महंगे अनाज खरीदने में असमर्थ हो जाता है। लंबी अवधि के अकाल में भुखमरी फैल सकती है। आपदाओं से निपटने के लिए खाद्य भंडारण जरूरी होता है।
15. बिहार में कौन-कौन से नकदी फसलें उगाई जाती हैं?
उत्तर: बिहार में मुख्य नकदी फसलें गन्ना, तिलहन, आलू और प्याज हैं। आम और लीची का भी उत्पादन होता है। नकदी फसलें राज्य को विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद करती हैं। यह राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाती हैं।
16. हरित क्रांति का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: हरित क्रांति ने देश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाया। इससे भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बना। किसानों ने उन्नत बीज और तकनीकों का प्रयोग शुरू किया। सिंचाई और खाद की सुविधाओं में सुधार हुआ। इससे अकाल की स्थिति पर भी नियंत्रण पाया गया।
17. कृषि में उन्नत तकनीकों का क्या महत्व है?
उत्तर: उन्नत तकनीकों से कृषि की उत्पादकता बढ़ती है। वैज्ञानिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग फसल उत्पादन में सुधार करता है। इससे सिंचाई की समस्याएँ कम होती हैं। किसानों की आय में वृद्धि होती है। कृषि का आधुनिकीकरण विकास को बढ़ावा देता है।
18. कृषि में गैर-सरकारी संगठनों की क्या भूमिका है?
उत्तर: गैर-सरकारी संगठन किसानों को सलाह और प्रशिक्षण देते हैं। ये संगठन सहकारी समितियों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा में योगदान करते हैं। किसानों को उन्नत बीज और उपकरण उपलब्ध कराते हैं। यह संगठनों के सहयोग से किसानों का जीवन स्तर सुधरता है।
19. बिहार में कौन-सी फसलें सबसे अधिक उगाई जाती हैं?
उत्तर: बिहार में धान और गेहूँ प्रमुख फसलें हैं। मक्का, जौ और चना भी बड़े पैमाने पर उगाए जाते हैं। धान का उपयोग चावल बनाने में किया जाता है। सब्जियों की खेती में भी राज्य अग्रणी है।
20. खाद्य असुरक्षा से कौन अधिक प्रभावित होता है?
उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन और गरीब परिवार अधिक प्रभावित होते हैं। अनियमित श्रमिक और कम आय वाले लोग खाद्य असुरक्षा का सामना करते हैं। आपदाओं के समय स्थिति और गंभीर हो जाती है। कमजोर वर्गों के लिए सरकारी योजनाएँ आवश्यक हैं।
Leave a Reply