1. कवि बच्चों को रुकने की सलाह क्यों देता है?
उत्तर: कवि बच्चों को रुकने की सलाह इसलिए देता है क्योंकि सड़क पर गाड़ियाँ बहुत तेज़ी से चल रही हैं। कवि चाहता है कि बच्चे संभलकर सोच-समझकर सड़क पार करें, ताकि वे तेज़ रफ्तार गाड़ियों के कारण किसी दुर्घटना का शिकार न हों।
2. कविता की पहली दो पंक्तियों से आपके मन में क्या चित्र उभरता है?
उत्तर: पहली दो पंक्तियों से ऐसा चित्र उभरता है जैसे बच्चे सड़क पार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कवि उन्हें अचानक रुकने के लिए कहता है। यह चित्र उनकी सुरक्षा और सावधानी के महत्व को दर्शाता है।
3. कवि के अनुसार, अफसर को कहीं पहुँचने की जल्दी क्यों नहीं है?
उत्तर: कवि कहता है कि अफसर को कहीं पहुँचने की कोई जल्दी नहीं है क्योंकि वह अपने विभाग में समय पर नहीं पहुँचता और उसकी टेबल पर रखी फाइलें वर्षों तक बिना काम के पड़ी रहती हैं। यह सरकारी तंत्र की धीमी कार्यप्रणाली पर कटाक्ष है।
4. न्याय-व्यवस्था पर कवि की क्या टिप्पणी है?
उत्तर: कवि न्याय-व्यवस्था की धीमी गति पर टिप्पणी करता है। वह कहता है कि न्यायाधीश की तेज गाड़ी के बावजूद, अदालतों में वर्षों तक मुकदमे लंबित रहते हैं, और न्याय में देरी होती है, जो न्याय की अवहेलना है।
5. ‘तेज चाल से चलना’ किसके प्रशिक्षण का हिस्सा है और क्यों?
उत्तर: कवि कहता है कि पुलिस अफसर का तेज चाल से चलना उसके प्रशिक्षण का हिस्सा है। हालांकि, व्यंग्यात्मक रूप से वह यह भी बताता है कि पुलिस घटना स्थल पर सबसे बाद में पहुँचती है, जिससे उसकी तेज चाल का कोई फायदा नहीं होता।
6. मंत्री की कार के आगे साइरन क्यों बजाया जाता है?
उत्तर: मंत्री की कार के आगे साइरन बजाने का कारण सुरक्षा का डर है। कवि बताता है कि मंत्री को कहीं पहुँचने की कोई जल्दी नहीं होती, लेकिन उसकी गाड़ी अंधी रफ्तार से चलती है, केवल उसकी सुरक्षा के नाम पर।
7. ‘सुरक्षा को एक अंधी रफ्तार की दरकार है’ का क्या आशय है?
उत्तर: इस पंक्ति में कवि व्यंग्य करता है कि हमारे देश के नेताओं की सुरक्षा के नाम पर गाड़ियों को अंधी रफ्तार से चलाया जाता है। वास्तव में, यह सुरक्षा के नाम पर एक दिखावा है, क्योंकि नेताओं को खुद कहीं पहुँचने की कोई जल्दी नहीं होती।
8. ‘कई बार तो पेशी दर पेशी चक्कर पर चक्कर काटते’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि लोग अदालतों के चक्कर काटते रहते हैं और पेशियाँ बार-बार स्थगित होती रहती हैं। वर्षों तक इंसाफ के लिए इंतजार करने के बावजूद, न्यायालय का निर्णय समय पर नहीं होता।
9. कवि तेज रफ्तार से जाने वालों पर क्या टिप्पणी करता है?
उत्तर: कवि कहता है कि जो लोग तेज रफ्तार से गाड़ियाँ चलाते हैं, उन्हें कहीं पहुँचने की कोई जल्दी नहीं होती। वे केवल दिखावे के लिए तेज चलाते हैं, जबकि असल में उनके काम और जिम्मेदारी में कोई गंभीरता नहीं होती।
10. कविता में बच्चों को किस बात की सीख दी गई है और क्यों?
उत्तर: कविता में बच्चों को यह सीख दी गई है कि वे बिना सोचे-समझे तेज़ रफ्तार में आगे न बढ़ें। कवि उन्हें बताता है कि दुनिया में बहुत लोग अंधी दौड़ में शामिल हैं, लेकिन बच्चों को सोच-समझकर और सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ना चाहिए।
11. ‘उस न्यायाधीश की कार को निकल जाने दो’ का आशय क्या है?
उत्तर: कवि इस पंक्ति में न्यायाधीश की कार के तेज गति से चलने का जिक्र करता है, लेकिन व्यंग्य करता है कि उसके तेज चलने के बावजूद, अदालतों में न्याय धीमी गति से मिलता है। यह व्यवस्था पर गहरा कटाक्ष है।
12. अफसर की धीमी कार्यप्रणाली को कवि कैसे दर्शाता है?
उत्तर: कवि बताता है कि अफसर समय पर दफ्तर नहीं पहुँचता और उसकी टेबल पर फाइलें बरसों तक बिना निपटाए पड़ी रहती हैं। यह सरकारी विभागों की सुस्ती और काम में ढिलाई की ओर इशारा करता है।
13. ‘नहीं नहीं उसे कहीं पहुँचने की कोई जल्दी नहीं’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि मंत्री को वास्तव में कहीं पहुँचने की जल्दी नहीं है, लेकिन फिर भी उसकी गाड़ी सुरक्षा के नाम पर तेज़ रफ्तार से चलती है। यह हमारे नेताओं की बेपरवाही और दिखावे की सुरक्षा व्यवस्था पर व्यंग्य है।
14. कविता में न्याय-व्यवस्था की देरी पर कवि की क्या प्रतिक्रिया है?
उत्तर: कवि न्याय-व्यवस्था की देरी पर गहरा असंतोष प्रकट करता है। वह बताता है कि न्याय का नारा केवल सेमिनारों और भाषणों तक सीमित है, जबकि वास्तविकता में न्याय मिलने में वर्षों लग जाते हैं।
15. घटनास्थल पर पुलिस अफसर सबसे बाद में क्यों पहुँचता है?
उत्तर: कवि व्यंग्यात्मक रूप से कहता है कि पुलिस अफसर की तेज चाल होने के बावजूद, वह घटनास्थल पर सबसे बाद में पहुँचता है। यह पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया और उसकी अप्रभावी कार्यप्रणाली को दर्शाता है।
16. कवि ने मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर क्या टिप्पणी की है?
उत्तर: कवि ने मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि उनकी गाड़ियाँ अंधी रफ्तार से चलती हैं, लेकिन उन्हें वास्तव में कहीं पहुँचने की कोई जल्दी नहीं होती। यह सुरक्षा केवल एक दिखावा है।
17. बच्चों को सड़क पार करने से पहले रुकने की सलाह क्यों दी गई है?
उत्तर: बच्चों को सड़क पार करने से पहले रुकने की सलाह इसलिए दी गई है क्योंकि सड़क पर तेज़ी से चलने वाली गाड़ियाँ उनके लिए खतरा बन सकती हैं। कवि उन्हें सुरक्षित तरीके से, सोच-समझकर आगे बढ़ने की सीख देता है।
18. कविता के अनुसार, अफसरों की कार्यशैली कैसी है?
उत्तर: कविता में बताया गया है कि अफसरों की कार्यशैली बेहद धीमी और सुस्त है। वे समय पर दफ्तर नहीं पहुँचते और उनके काम में गंभीरता की कमी होती है। यह व्यवस्था की लचरता को दर्शाता है।
19. कवि ने न्याय में देरी को किस रूप में देखा है?
उत्तर: कवि ने न्याय में देरी को न्याय की अवहेलना के रूप में देखा है। वह कहता है कि न्याय का नारा केवल भाषणों और सेमिनारों में सुनने को मिलता है, लेकिन वास्तविक जीवन में लोगों को न्याय के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता है।
20. ‘रुको बच्चो, रुको’ में कवि किस संदेश को प्रकट करना चाहता है?
उत्तर: ‘रुको बच्चो, रुको’ में कवि यह संदेश देना चाहता है कि बच्चों को अंधी रफ्तार से चलने वाले समाज का हिस्सा बनने से बचना चाहिए। उन्हें सोच-समझकर, संयम के साथ जीवन की राह पर आगे बढ़ना चाहिए
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