1. ‘आ रही रवि की सवारी’ कविता का केंद्रीय भाव क्या है?
उत्तर: इस कविता का केंद्रीय भाव सूर्योदय के समय का सुंदर वर्णन है, जिसमें कवि ने सूर्य की सवारी को एक राजा की सवारी के रूप में प्रस्तुत किया है। यह कविता जीवन में नई आशा और ऊर्जा का प्रतीक है।
2. कवि ने किन-किन प्राकृतिक वस्तुओं का मानवीकरण किया है?
उत्तर: कवि ने सूर्य को राजा, बादलों को अनुचर (सेवक), तारों को फौज और पक्षियों को चारण (स्तुति गायक) के रूप में चित्रित किया है। इस प्रकार प्राकृतिक तत्वों को मानवीय गुण प्रदान किए गए हैं।
3. ‘चाहता उछलूँ विजय कह’ पंक्ति में कवि की कौन-सी भावना व्यक्त होती है?
उत्तर: इस पंक्ति में कवि की उत्साह और विजय प्राप्त करने की आकांक्षा व्यक्त होती है। वह सुबह की सुंदरता को देखकर जोश में आ जाता है और विजय के नारे लगाने की इच्छा प्रकट करता है।
4. ‘रात का राजा खड़ा है राह में बनकर भिखारी’ से कवि का क्या आशय है?
उत्तर: रात के राजा से तात्पर्य चंद्रमा से है, जो सुबह होते ही अपनी शक्ति खो देता है और भिखारी की तरह प्रतीत होता है। इसका अर्थ है कि सूरज की रोशनी के सामने रात की ताकत फीकी पड़ जाती है।
5. ‘छोड़कर मैदान भागी तारकों की फौज सारी’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि सूरज के उदय होते ही रात के तारे मैदान (आकाश) से भाग जाते हैं। यह सुबह के आगमन का प्रतीक है, जिसमें अंधकार समाप्त हो जाता है।
6. ‘रवि की सवारी’ से कवि का क्या आशय है?
उत्तर: ‘रवि की सवारी’ से कवि का आशय सूर्य के उदय से है। इसे कवि ने एक राजसी सवारी के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें सूर्य का रथ बादलों और किरणों से सजा हुआ है।
7. सूर्योदय के समय आकाश का रंग कैसा होता है?
उत्तर: सूर्योदय के समय आकाश का रंग सुनहरी और लालिमा लिए होता है। कवि ने इसे नव-किरणों से सजे हुए रथ के रूप में चित्रित किया है, जो स्वर्णिम आभा बिखेरता है।
8. ‘रात का राजा भिखारी कैसे बन गया?’
उत्तर: रात का राजा, यानी चंद्रमा, सूरज के आगमन पर अपनी शक्ति खो देता है। इसीलिए उसे भिखारी के रूप में चित्रित किया गया है, जो सूरज की रोशनी के सामने कमजोर और प्रभावहीन हो जाता है।
9. ‘विहग बंदी और चारण’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: ‘विहग बंदी और चारण’ का अर्थ है कि पक्षी जैसे बंदी या चारण की तरह सूरज के आगमन पर उसके गुणगान गा रहे हैं। यह सूरज के स्वागत में प्रकृति के योगदान का प्रतीक है।
10. ‘रात का राजा खड़ा है राह में बनकर भिखारी’ का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर: इस पंक्ति में रात का राजा, चंद्रमा, सूरज की शक्ति के सामने हार मानकर भिखारी के रूप में खड़ा है। इसका अर्थ है कि सूरज की रोशनी में रात की ताकत और गरिमा समाप्त हो जाती है।
11. कविता में रवि को राजा के रूप में क्यों चित्रित किया गया है?
उत्तर: कवि ने रवि (सूर्य) को राजा के रूप में इसलिए चित्रित किया है क्योंकि सूरज का उदय एक नए दिन की शुरुआत और नई ऊर्जा का प्रतीक है। सूरज की चमक और उसका प्रभाव राजसी ठाट-बाट जैसा होता है।
12. ‘चाहता उछलूँ विजय कह’ में कवि किस भावना को प्रकट करता है?
उत्तर: कवि इस पंक्ति में अपने भीतर की खुशी और उत्साह को प्रकट करता है। सूरज के उदय को देखकर उसकी मनोदशा उत्साही हो जाती है और वह विजय का आह्वान करना चाहता है।
13. ‘नव-किरण का रथ सजा है’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: इस पंक्ति का तात्पर्य सूरज के उगने से है, जिसकी किरणें रथ की तरह आसमान में फैल जाती हैं। यह सूरज के राजसी आगमन का चित्रण है, जहाँ उसकी किरणें मार्ग को सुशोभित करती हैं।
14. कवि ने तारों की फौज को मैदान छोड़कर भागते हुए क्यों दिखाया है?
उत्तर: सूरज के उगते ही तारे अंधकार के साथ गायब हो जाते हैं। इसलिए कवि ने तारों को मैदान (आकाश) छोड़ते हुए दिखाया है, जो सूरज की रोशनी के सामने हार मानकर भाग जाते हैं।
15. ‘बादलों से अनुचरों ने स्वर्ण की पोशाक धारी’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि बादलों ने सूरज के स्वागत के लिए स्वर्णिम आभा धारण कर ली है। यह सूरज के आगमन की गरिमा और राजसी ठाट-बाट का प्रतीक है।
16. ‘रवि की सवारी’ कविता में सूरज का स्वागत कैसे किया गया है?
उत्तर: सूरज का स्वागत प्रकृति के विभिन्न तत्वों द्वारा किया गया है। बादलों ने स्वर्णिम पोशाक पहनी है, पक्षी उसकी कीर्ति का गायन कर रहे हैं, और तारे उसके सामने हार मानकर मैदान छोड़ रहे हैं।
17. ‘राह में खड़ा भिखारी’ किसे कहा गया है?
उत्तर: ‘राह में खड़ा भिखारी’ चंद्रमा को कहा गया है, जो सूरज के उगने पर अपनी शक्ति खो देता है और एक भिखारी की तरह दिखाई देता है। यह रात के अंत और दिन की शुरुआत का प्रतीक है।
18. सूरज के आगमन पर तारे क्यों भाग जाते हैं?
उत्तर: सूरज के आगमन के साथ तारे अपनी चमक खो देते हैं, इसलिए उन्हें भागते हुए दिखाया गया है। यह दिन के आगमन और रात के समाप्त होने का प्रतीक है।
19. ‘आ रही रवि की सवारी’ कविता में कौन-कौन से अलंकार हैं?
उत्तर: इस कविता में रूपक और मानवीकरण अलंकार का प्रयोग हुआ है। सूरज को राजा के रूप में और बादलों, तारों, पक्षियों को उसके अनुचर, फौज और चारण के रूप में चित्रित किया गया है।
20. कविता में सूरज का आगमन किस नई ऊर्जा का प्रतीक है?
उत्तर: सूरज का आगमन नई आशा, उत्साह, और जीवन की नई शुरुआत का प्रतीक है। यह कविता जीवन में सकारात्मक बदलाव और निराशा के बाद नए अवसरों के आने की प्रेरणा देती है।
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