प्रश्न 1 : कवि को भोर क्यों भा रही है?
उत्तर: कवि को भोर इसलिए भा रही है क्योंकि यह एक नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आती है। भोर के समय आसमान की लालिमा, सूरज का निकलना और चिड़ियों की चहचहाहट सब मिलकर एक मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करते हैं, जो कवि के मन को बहुत प्रिय लगता है।
प्रश्न 2 : ‘रोली भरी थाली’ का क्या आशय है?
उत्तर: ‘रोली भरी थाली’ का आशय है कि सूरज मानो अपनी किरणों के साथ पूजन सामग्री लेकर आ रहा हो। यह सूरज की लालिमा को रोली से भरी थाली के रूप में दिखाने का सुंदर प्रतीकात्मक चित्रण है।
प्रश्न 3 : कवि को प्रकृति में हो रहे परिवर्तन किस रूप में अर्थपूर्ण जान पड़ते हैं?
उत्तर: कवि को प्रकृति में हो रहे परिवर्तन अत्यंत सुंदर और मनमोहक लगते हैं। सूरज का उगना, चिड़ियों का चहकना, पेड़ों का हरा-भरा होना, और फूलों का खिलना सभी संकेत देते हैं कि कोई विशेष घटना होने वाली है, जो मन को उमंग और उत्साह से भर देती है।
प्रश्न 4 : हवा के कौन-कौन से कार्य-व्यापार कविता में बताए गए हैं?
उत्तर: कविता में हवा के सँभल-सँभल चलने और हर जगह थमने का उल्लेख है। हवा एक ऐसी शक्ति के रूप में दिखती है जो हर जगह महक फैलाने का काम करती है। यह धीरे-धीरे चलती है और वातावरण को सुगंधित बनाती है।
प्रश्न 5 : सुनहली चादरें कहाँ बिछी हुई हैं और क्यों?
उत्तर: कविता में सुनहली चादरें झील, तालाब और नदियों पर बिछी हुई दिखाई गई हैं। यह सूरज की किरणों के पानी पर पड़ने से उत्पन्न सुनहरे प्रतिबिंब का वर्णन है, जो जल के ऊपर बिछी सुनहरी चादरों जैसा प्रतीत होता है।
प्रश्न 6 : प्रकृति स्वर्ग की बराबरी कैसे करती है?
उत्तर: कविता में प्रकृति का सौंदर्य इतना अद्वितीय और भव्य है कि यह स्वर्ग की बराबरी करती है। पेड़-पौधे, फूलों की महक, नदियों की सुनहरी चादरें और हवा की सुगंध, सभी मिलकर ऐसा दृश्य प्रस्तुत करते हैं जो स्वर्ग जैसा लगता है।
प्रश्न 7 : कवि को ऐसा लगता है कि सभी प्राकृतिक व्यापारों के पीछे कोई गूढ़ अभिप्राय है। यह गूढ़ अभिप्राय क्या हो सकता है?
उत्तर: कवि को लगता है कि प्रकृति की सभी हलचलें किसी खास आगमन की ओर संकेत कर रही हैं। यह गूढ़ अभिप्राय हो सकता है कि कोई प्रिय व्यक्ति या कोई शुभ घटना घटने वाली है, जिसका प्रकृति स्वागत कर रही है।
प्रश्न 8 : इस कविता में नवजागरण और स्वतंत्रता संग्राम की आहट किस रूप में है?
उत्तर: इस कविता में प्रकृति के बदलावों को देखकर यह प्रतीत होता है कि एक नया सवेरा आने वाला है। यह नवजागरण और स्वतंत्रता संग्राम की ओर संकेत करता है, जब देश जाग रहा था और एक नए युग का स्वागत करने को तैयार था।
प्रश्न 9 : कवि को किसकी उत्कंठित प्रतीक्षा है?
उत्तर: कवि को किसी विशेष व्यक्ति के आगमन की प्रतीक्षा है। वह इतना अधीर है कि उसकी आँखें उस प्रिय व्यक्ति की राह देखते-देखते थक गई हैं। वह उस प्रिय व्यक्ति का स्वागत करने के लिए पलक पाँवड़े बिछाने को तैयार है।
प्रश्न 10 : ‘हम पलक पाँवड़े बिछाते हैं’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि कवि उस विशेष व्यक्ति के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। पलक पाँवड़े बिछाने का मतलब है कि कवि पूरे सम्मान और प्रेम से उस व्यक्ति के आगमन की प्रतीक्षा कर रहा है।
प्रश्न 11 : कवि ने प्रकृति के किन तत्वों का विशेष रूप से वर्णन किया है?
उत्तर: कवि ने विशेष रूप से सूरज, आसमान की लालिमा, चिड़ियों की चहचहाहट, पेड़ों का हरापन, फूलों की बहार, और हवा की सुगंध का वर्णन किया है। ये सभी तत्व प्रकृति की सुंदरता और उसकी विशेष भूमिका को उजागर करते हैं।
प्रश्न 12 : कविता में ओस की बूँदों का क्या प्रतीकात्मक अर्थ है?
उत्तर: कविता में ओस की बूँदों को मोतियों के रूप में दिखाया गया है, जो पत्तों पर बिखरी होती हैं। यह प्रतीकात्मक रूप से ताजगी, शुद्धता और नवीनता का संकेत देती हैं, जो भोर के समय प्रकृति की सजीवता को दर्शाती हैं।
प्रश्न 13 : ‘लाल नीले सफेद पत्तों में’ का क्या संदर्भ है?
उत्तर: ‘लाल नीले सफेद पत्तों’ का संदर्भ पेड़ों पर लगे फूलों और पत्तियों की विविधता और रंग-बिरंगी सुंदरता से है। यह प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, जो हर दिशा में फैला हुआ है और मन को आनंदित करता है।
प्रश्न 14 : कवि को ‘धूमधाम’ और ‘चहल-पहल’ क्यों दिखलाई दे रही है?
उत्तर: कवि को प्रकृति में धूमधाम और चहल-पहल इसलिए दिखलाई दे रही है क्योंकि यह किसी विशेष अवसर या आगमन का संकेत है। ऐसा लगता है कि पूरी प्रकृति एक बड़े उत्सव की तैयारी कर रही है और हर ओर उत्साह का माहौल है।
प्रश्न 15 : कविता में किस भावना को प्रमुखता दी गई है?
उत्तर: कविता में प्रेम, उल्लास और प्रतीक्षा की भावना को प्रमुखता दी गई है। कवि प्रकृति के सुंदर व्यापारों को देखकर किसी प्रिय व्यक्ति के आगमन की प्रतीक्षा कर रहा है और उसे स्वागत करने के लिए उत्सुक है।
प्रश्न 16 : ‘क्यों खिली आसमान की लाली’ से कवि क्या संकेत देता है?
उत्तर: ‘क्यों खिली आसमान की लाली’ से कवि संकेत देता है कि भोर का समय किसी विशेष घटना का स्वागत कर रहा है। आसमान की लालिमा एक नई शुरुआत और नई ऊर्जा का प्रतीक है, जो किसी महत्त्वपूर्ण आगमन का पूर्वाभास देती है।
प्रश्न 17 : चिड़ियों की चहक कविता में किस भाव का प्रतीक है?
उत्तर: चिड़ियों की चहक कविता में उल्लास और उमंग का प्रतीक है। यह भोर के आगमन के साथ एक नई उमंग का प्रतीक है, जो जीवन में नई शुरुआत और उत्साह को दर्शाती है। उनकी चहक से पूरे वातावरण में खुशहाली का अनुभव होता है।
प्रश्न 18 : ‘ओस आकर तमाम पत्तों पर मोती बिखेर गई है’ का क्या आशय है?
उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि भोर के समय पत्तों पर ओस की बूँदें मोती की तरह चमक रही हैं। यह दृश्य अत्यंत सुंदर और मनमोहक प्रतीत होता है। ओस की बूँदें ताजगी और शुद्धता का प्रतीक हैं, जो प्रकृति को एक नया जीवन देती हैं।
प्रश्न 19 : पेड़ों का हरा-भरा होना किसका प्रतीक है?
उत्तर: पेड़ों का हरा-भरा होना जीवन, समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक है। यह प्रकृति की ताजगी और उसके निरंतर विकास का संकेत देता है। हरे-भरे पेड़ जीवन की शक्ति और प्राकृतिक सौंदर्य को व्यक्त करते हैं।
प्रश्न 20 : फूलों का बहुतायत से खिलना किस बात का संकेत है?
उत्तर: फूलों का बहुतायत से खिलना प्रकृति के सौंदर्य और जीवन के उल्लास का प्रतीक है। यह किसी विशेष आगमन या अवसर की ओर संकेत करता है, जैसे कि प्रकृति पूरी तरह से सज-धज कर किसी महत्वपूर्ण घटना का स्वागत करने के लिए तैयार हो।
प्रश्न 21 : ‘भौंर हैं किस उमंग में भूले’ से कवि क्या व्यक्त करना चाहता है?
उत्तर: इस पंक्ति में कवि यह व्यक्त करना चाहता है कि भौंरे फूलों के आकर्षण में इतने मग्न हैं कि वे अपनी अन्य गतिविधियाँ भूल गए हैं। यह उमंग और आनंद की चरम अवस्था को दर्शाता है, जो भौंरों के व्यवहार में झलक रही है।
प्रश्न 22 : हवा का ‘सँभल-सँभल चलना’ किसका प्रतीक है?
उत्तर: हवा का ‘सँभल-सँभल चलना’ सावधानी और शांति का प्रतीक है। यह हवा की कोमलता और सौम्यता को दिखाता है, जो पूरे वातावरण को सुखद और शांतिपूर्ण बनाती है। यह प्रतीकात्मक रूप से प्रकृति के संतुलन और माधुर्य को दर्शाता है।
प्रश्न 23 : ‘झील तालाब और नदियों में सुनहली चादरें बिछी हैं’ का अर्थ क्या है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि सूरज की सुनहरी किरणें झील, तालाब और नदियों के पानी पर पड़कर उन्हें सुनहरी चादर जैसा बना देती हैं। यह दृश्य अत्यंत सुंदर और मनमोहक है, जो प्रकृति की अलौकिक सुंदरता का परिचायक है।
प्रश्न 24 : कवि ने प्रकृति की सजावट को किससे तुलना की है?
उत्तर: कवि ने प्रकृति की सजावट की तुलना स्वर्ग से की है। कवि को लगता है कि प्रकृति इतनी सुंदर और भव्य हो गई है कि वह स्वर्ग जैसी प्रतीत होती है। हर कोना, हर थल स्वर्ग के समान सजीव और सुंदर दिख रहा है।
प्रश्न 25 : कविता के अंत में ‘हम पलक पाँवड़े बिछाते हैं’ का संदर्भ क्या है?
उत्तर: इस पंक्ति में कवि किसी विशेष व्यक्ति के आगमन के लिए आतुर है और उसका स्वागत करने के लिए प्रतीकात्मक रूप से पलक पाँवड़े बिछा रहा है। यह प्रेम, श्रद्धा और उत्साह से भरी प्रतीक्षा का प्रतीक है, जो प्रिय व्यक्ति के आगमन का संकेत है।
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