Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 9
1. टॉल्सटाय ने अपनी अमर कृतियों की रचना कहाँ की थी?
उत्तर: टॉल्सटाय ने अपनी अमर कृतियों की रचना यासनाया पोलयाना नामक स्थान पर की थी, जो मॉस्को के पास एक गाँव है। यहीं उन्होंने अपने प्रसिद्ध उपन्यासों “आना करीनिना” और “युद्ध और शांति” की रचना की। यह स्थान टॉल्सटाय के लिए अत्यंत प्रिय था, जहाँ वह प्रकृति के बीच बैठकर लेखन और चिंतन करते थे। उनके इस घर को अब संग्रहालय में बदल दिया गया है, जहाँ उनके व्यक्तिगत सामान और रचनात्मक कार्यों से जुड़े अनेक यादगार वस्तुएं संरक्षित हैं।
2. यासनाया पोलयाना की यात्रा के दौरान लेखक के मन में कैसा भय था और क्यों?
उत्तर: लेखक को यासनाया पोलयाना जाते समय एक प्रकार का भय था कि वह इस महान स्थान और उसकी ऐतिहासिकता के साथ अपने आप को कैसे समन्वित करेगा। वह भयभीत था कि टॉल्सटाय के उस परिवेश को देखने और समझने की उसकी क्षमता क्या उतनी गहन हो पाएगी, जितनी वह महसूस कर रहा था। उसे यह भी संदेह था कि वह उस अद्भुत वातावरण को पूरी तरह से महसूस कर पाएगा, जहाँ टॉल्सटाय ने अपनी महान कृतियों का सृजन किया था।
3. टॉल्सटाय के परिवार में चित्रकारी का शौक किन्हें था?
उत्तर: टॉल्सटाय की पत्नी और उनकी पुत्री को चित्रकारी का शौक था। उनके द्वारा बनाए गए चित्र टॉल्सटाय के घर की दीवारों पर टंगे थे। टॉल्सटाय के परिवार में यह कला प्रेम स्पष्ट दिखाई देता है और उनकी पत्नी और पुत्री के चित्रों में उनकी भावनाएँ झलकती हैं।
4. रामकुमार के अनुसार, टॉल्सटाय के मकान का सबसे महत्वपूर्ण भाग कौन था?
उत्तर: रामकुमार के अनुसार, टॉल्सटाय के मकान का सबसे महत्वपूर्ण भाग उनका पढ़ने-लिखने का कमरा था। यह कमरा सादगी से भरा हुआ था, जिसमें एक छोटी-सी मेज, तिपाई, कलम और दवात रखी थी। इसी कमरे में बैठकर टॉल्सटाय ने अपनी प्रसिद्ध कृतियाँ जैसे “आना करीनिना” और “युद्ध और शांति” लिखी थीं। इस कमरे की सादगी देखकर लेखक का हृदय प्रभावित हो गया क्योंकि यह दिखाता था कि इतनी बड़ी रचनाएँ एक साधारण से स्थान में कैसे संभव हो सकीं।
5. टॉल्सटाय रूसी के अलावा कौन-कौन सी भाषाएँ पढ़ लेते थे?
उत्तर: टॉल्सटाय रूसी के अलावा जर्मन, फ्रांसीसी, और अंग्रेजी भाषाएँ पढ़ लेते थे। उनकी बहुभाषी क्षमता ने उनके साहित्यिक और दार्शनिक दृष्टिकोण को व्यापक बनाने में मदद की, जिससे वे विश्व साहित्य से भी गहरे रूप से जुड़ सके।
6. टॉल्सटाय ने अंतिम बार जब घर छोड़ा, तो उनके साथ कौन गया था?
उत्तर: जब टॉल्सटाय ने अपना घर अंतिम बार छोड़ा, तो उनके साथ केवल उनका डॉक्टर गया था। डॉक्टर उनके साथ अंत तक रहे। टॉल्सटाय ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में अपना घर छोड़ने का निर्णय किया था और वह अपने डॉक्टर के साथ ही यात्रा पर निकले थे।
7. टॉल्सटाय ने अपने निजी कमरे का चित्रण किस उपन्यास के किस पात्र के कमरे के रूप में किया है? कमरे की कुछ विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: टॉल्सटाय ने अपने निजी कमरे का चित्रण अपने उपन्यास “आना करीनिना” में लेविन के कमरे के रूप में किया है। इस कमरे में एक खिड़की थी, जिसमें से दूर तक फैले हुए खेतों और गाँव की छतें दिखती थीं। यह कमरा सादगी से भरा हुआ था—एक चारपाई, पानी भरने का बर्तन और अन्य साधारण वस्तुएँ इस कमरे की विशेषताएँ थीं। टॉल्सटाय ने इस कमरे को शोरगुल से दूर रखने के कारण पसंद किया और यहाँ उन्हें शांति मिलती थी।
8. टॉल्सटाय ने अपनी समाधि के विषय में क्या कहा था?
उत्तर: टॉल्सटाय ने अपनी समाधि के विषय में कहा था कि उनकी समाधि बिलकुल साधारण होनी चाहिए, जैसे निर्धन से निर्धन व्यक्ति की होती है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया था कि उनकी मृत्यु पर कोई भाषण न दिया जाए और समाधि का स्थान भी उन्होंने स्वयं ही चुना था। उनकी यह विनम्रता उनके जीवन की सादगी और आदर्शों को दर्शाती है।
9. लेखक ने अपनी इस यात्रा को तीर्थयात्रा क्यों कहा है?
उत्तर: लेखक ने टॉल्सटाय के घर की यात्रा को तीर्थयात्रा इसलिए कहा है क्योंकि यह यात्रा उनके लिए महज एक यात्रा नहीं थी, बल्कि आत्मिक और मानसिक प्रेरणा प्राप्त करने का एक अनुभव था। टॉल्सटाय के जीवन और उनके कार्यों से लेखक को गहरा भावनात्मक संबंध महसूस हुआ। लेखक को यह यात्रा आध्यात्मिक प्रेरणा देती है, जिसे वह किसी पवित्र तीर्थस्थल की यात्रा के समान समझते हैं।
10. टॉल्सटाय के लेखन का मानवता पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: टॉल्सटाय के लेखन ने मानवता पर गहरा प्रभाव छोड़ा। उनके उपन्यासों में सामाजिक असमानता, युद्ध की विभीषिका, और मानवीय संबंधों के गंभीर पहलुओं को उजागर किया गया है। “युद्ध और शांति” और “आना करीनिना” जैसी रचनाएँ मानवता की गहराइयों को छूने वाली थीं, जो आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।
11. लेखक ने टॉल्सटाय के घर को संग्रहालय की तरह क्यों देखा?
उत्तर: लेखक ने टॉल्सटाय के घर को संग्रहालय की तरह देखा क्योंकि वह घर अब एक ऐतिहासिक स्थल बन चुका था, जहाँ टॉल्सटाय की जीवन शैली और रचनाओं से जुड़ी वस्तुएँ संरक्षित थीं। यह संग्रहालय उनके जीवन के हर महत्वपूर्ण पहलू को दर्शाता है, जैसे उनके लेखन का कमरा, उनके कपड़े, उनकी पुस्तकों का संग्रह आदि।
12. यासनाया पोलयाना का वातावरण टॉल्सटाय के लेखन के लिए कैसे अनुकूल था?
उत्तर: यासनाया पोलयाना का शांत और प्राकृतिक वातावरण टॉल्सटाय के लेखन के लिए अत्यंत अनुकूल था। यहाँ के हरे-भरे बाग और खेतों के बीच उन्हें लेखन और चिंतन के लिए शांति मिलती थी। प्रकृति से गहरा जुड़ाव उनके लेखन में भी दिखाई देता है, जहाँ उनके पात्रों के साथ भी यह प्राकृतिक समरसता उभरती है।
13. टॉल्सटाय और महात्मा गांधी के विचारों में क्या समानताएँ थीं?
उत्तर: टॉल्सटाय और महात्मा गांधी दोनों अहिंसा और सत्याग्रह के समर्थक थे। टॉल्सटाय के विचारों का महात्मा गांधी पर गहरा प्रभाव था। टॉल्सटाय का “द किंगडम ऑफ गॉड इज़ विदिन यू” गांधीजी के जीवन में अहिंसा के सिद्धांत को अपनाने में सहायक बना। दोनों ही अपने जीवन में सादगी और सत्य के मार्ग पर चले।
14. टॉल्सटाय के जीवन की कौन सी घटना ने उन्हें साधारण जीवन की ओर प्रेरित किया?
उत्तर: टॉल्सटाय की आत्मिक खोज और धार्मिक चिंतन ने उन्हें साधारण जीवन की ओर प्रेरित किया। जीवन के उत्तरार्ध में उन्होंने अपने पारिवारिक संपत्ति और सुख-सुविधाओं को त्याग दिया और एक साधारण और नैतिक जीवन जीने का संकल्प लिया। यह परिवर्तन उनके लेखन और व्यक्तिगत जीवन में गहरा प्रभाव डालता है।
15. यासनाया पोलयाना के टॉल्सटाय के जीवन में क्या महत्व था?
उत्तर: यासनाया पोलयाना टॉल्सटाय के जीवन का केंद्र था। यहाँ उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय बिताया और अपने महत्वपूर्ण उपन्यासों की रचना की। यह स्थान उनके लिए शांति और आत्मिक संतुष्टि का स्रोत था। यहीं पर उन्होंने अपना साहित्यिक कार्य किया और अपनी जीवनदर्शन की धारा को विकसित किया।
16. टॉल्सटाय की रचनाओं में प्राकृतिक सौंदर्य का किस प्रकार से वर्णन किया गया है?
उत्तर: टॉल्सटाय की रचनाओं में प्राकृतिक सौंदर्य का विशेष स्थान है। उनके उपन्यासों में प्रकृति का जीवंत चित्रण किया गया है, जहाँ पेड़, पौधे, खेत, और ऋतुओं का विस्तार से वर्णन होता है। यह उनकी जीवनशैली का भी एक हिस्सा था, जहाँ वह प्रकृति के बीच आत्मिक शांति और सृजनात्मक ऊर्जा पाते थे।
17. टॉल्सटाय ने जीवन के अंत में क्यों साधारण और एकांत जीवन जीने का निर्णय लिया?
उत्तर: जीवन के अंत में टॉल्सटाय ने साधारण और एकांत जीवन इसलिए चुना क्योंकि वह भौतिकता और समाज की नैतिक गिरावट से असंतुष्ट हो गए थे। उन्होंने व्यक्तिगत और आध्यात्मिक उत्थान के लिए अपने सभी भौतिक सुखों को त्याग दिया और साधारण जीवन को अपनाया, जिसमें वह आत्म
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