Short Questions with Answers
1. प्रजनन से क्या तात्पर्य है?
- प्रजनन वह प्रक्रिया है जिससे जीव अपनी संतति उत्पन्न करते हैं और अपनी प्रजाति की निरंतरता बनाए रखते हैं।
2. अलैंगिक प्रजनन क्या है?
- अलैंगिक प्रजनन में एक ही जनक से नए जीव उत्पन्न होते हैं और इसमें जननांगों की आवश्यकता नहीं होती।
3. मुकुलन (Budding) किसे कहते हैं?
- मुकुलन में जनक जीव के शरीर पर एक उभार विकसित होता है, जो परिपक्व होकर नए जीव के रूप में अलग हो जाता है। हाइड्रा इसका उदाहरण है।
4. द्विखंडन (Binary Fission) क्या है?
- द्विखंडन में एक जीव दो समान भागों में विभाजित होकर नए जीवों का निर्माण करता है, जैसे अमीबा में।
5. लैंगिक प्रजनन कैसे होता है?
- लैंगिक प्रजनन में नर और मादा जननांगों के मेल से नए जीव उत्पन्न होते हैं।
6. आंतरिक निषेचन क्या है?
- जब निषेचन मादा के शरीर के अंदर होता है, तो इसे आंतरिक निषेचन कहते हैं, जैसे मनुष्यों में।
7. बाह्य निषेचन का उदाहरण क्या है?
- बाह्य निषेचन पानी में होता है, जैसे मेढक और मछलियों में।
8. शुक्राणु क्या है?
- शुक्राणु नर युग्मक है, जो निषेचन के लिए अंडाणु से मिलता है।
9. अंडाणु क्या है?
- अंडाणु मादा युग्मक है, जो निषेचन के बाद भ्रूण में विकसित होता है।
10. हाइड़ा किस विधि से प्रजनन करता है?
- हाइड़ा मुकुलन विधि से प्रजनन करता है।
11. परखनली शिशु क्या है?
- कृत्रिम निषेचन से उत्पन्न शिशु को परखनली शिशु कहते हैं, जिसमें निषेचन शरीर के बाहर किया जाता है।
12. लैंगिक प्रजनन में माता-पिता दोनों के लक्षण संतति में कैसे आते हैं?
- संतति में माता और पिता के गुणसूत्रों का मिश्रण होता है, जिससे दोनों के लक्षण नए जीव में आते हैं।
13. गर्भाशय का क्या कार्य है?
- गर्भाशय में निषेचित अंडा विकसित होकर शिशु का रूप लेता है।
14. कृत्रिम निषेचन क्यों किया जाता है?
- कृत्रिम निषेचन उन महिलाओं के लिए किया जाता है, जिनकी अंडवाहिनी अवरुद्ध होती है।
15. जलीय जन्तुओं में प्रजनन कैसे होता है?
- मादा पानी में अंडे देती है और नर उन पर शुक्राणु छोड़ता है, जिससे बाह्य निषेचन होता है।
16. नर और मादा जननांगों के क्या नाम हैं?
- नर में वृषण और शिश्न, जबकि मादा में अंडाशय और गर्भाशय होते हैं।
17. नवजात शिशु में माता-पिता के गुण कैसे आते हैं?
- नवजात शिशु में माता-पिता दोनों के गुणसूत्र मिलते हैं, जिससे वह दोनों के लक्षण अपनाता है।
18. गुणसूत्र किसे कहते हैं?
- गुणसूत्र कोशिका के अंदर पाए जाने वाले संरचनात्मक भाग हैं, जो अनुवांशिक लक्षणों को ले जाते हैं।
19. लिंग निर्धारण किस प्रकार होता है?
- मनुष्यों में पुरुष के शुक्राणु के XY या XX गुणसूत्र से शिशु का लिंग निर्धारित होता है।
20. क्या सभी अंडे निषेचित होते हैं?
- नहीं, सभी अंडे निषेचित नहीं होते क्योंकि सभी तक शुक्राणु नहीं पहुँच पाते।
Medium Questions with Answers
1. अलैंगिक प्रजनन क्या है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर: अलैंगिक प्रजनन वह प्रक्रिया है जिसमें एक ही जनक से संतान उत्पन्न होती है। उदाहरण के लिए, हाइड्रा में मुकुलन द्वारा और अमीबा में द्विखंडन द्वारा अलैंगिक प्रजनन होता है।
2. लैंगिक प्रजनन में किन तत्वों की आवश्यकता होती है?
उत्तर: लैंगिक प्रजनन में नर और मादा जननांगों के संलयन की आवश्यकता होती है। नर युग्मक (शुक्राणु) और मादा युग्मक (अण्डाणु) का मिलन नए जीव की उत्पत्ति करता है।
3. अमीबा में द्विखंडन प्रक्रिया किस प्रकार होती है?
उत्तर: अमीबा के शरीर का विभाजन होता है जिसमें केन्द्रक दो भागों में बँट जाता है। इसके बाद शरीर दो नए अमीबा का निर्माण करता है, और इस प्रकार द्विखंडन से प्रजनन होता है।
4. हाइड्रा में प्रजनन किस विधि से होता है?
उत्तर: हाइड्रा में मुकुलन विधि द्वारा अलैंगिक प्रजनन होता है। इसमें हाइड्रा के शरीर पर एक उभार विकसित होता है, जो धीरे-धीरे नया हाइड्रा बनकर जनक से अलग हो जाता है।
5. कृत्रिम निषेचन क्या है?
उत्तर: कृत्रिम निषेचन वह प्रक्रिया है जिसमें शुक्राणु और अण्डाणु को शरीर के बाहर मिलाया जाता है और बाद में इसे गर्भाशय में रोपित किया जाता है, जिससे शिशु का सामान्य विकास हो सके।
6. आंतरिक निषेचन का क्या अर्थ है?
उत्तर: आंतरिक निषेचन वह प्रक्रिया है जिसमें शुक्राणु और अण्डाणु का संलयन मादा के शरीर के अंदर होता है, जैसे मनुष्यों और अधिकांश स्तनधारियों में होता है।
7. बाह्य निषेचन में अण्डाणु निषेचित कैसे होते हैं?
उत्तर: बाह्य निषेचन में मादा जल में अण्डे देती है, और नर उनके पास शुक्राणु छोड़ता है, जिससे अण्डे निषेचित हो जाते हैं। यह प्रक्रिया मछलियों और मेढकों में होती है।
8. लिंग निर्धारण का क्या अर्थ है?
उत्तर: लिंग निर्धारण वह प्रक्रिया है जिसमें जन्म से पहले ही गुणसूत्रों के आधार पर शिशु का लिंग तय होता है। मनुष्यों में, 23वां गुणसूत्र जोड़ा लिंग निर्धारण के लिए उत्तरदायी होता है।
9. परखनली शिशु क्या है?
उत्तर: परखनली शिशु वह होता है जिसका निषेचन शरीर के बाहर किया गया हो और बाद में गर्भाशय में रोपित कर दिया जाता है। इसका विकास सामान्य शिशु की तरह होता है।
10. जन्तुओं में संतति उत्पत्ति क्यों आवश्यक है?
उत्तर: संतति उत्पत्ति से जीवों की जाति और वंश की निरंतरता बनी रहती है। यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो जीवन की निरंतरता सुनिश्चित करती है।
11. कुत्ते और बिल्ली के बच्चे को क्या कहते हैं?
उत्तर: कुत्ते के बच्चे को पिल्ला और बिल्ली के बच्चे को बच्चा कहते हैं। इन संतानों का जन्म लैंगिक प्रजनन प्रक्रिया से होता है।
12. मनुष्यों में कितने गुणसूत्र होते हैं और उनमें लिंग निर्धारण कौन करता है?
उत्तर: मनुष्यों में 23 जोड़ी (46) गुणसूत्र होते हैं, जिनमें 22 जोड़ी सामान्य होते हैं, जबकि 23वां जोड़ा (X और Y) लिंग निर्धारण करता है।
13. यदि मादा में शुक्राणु अंडाणु से न मिले तो क्या होगा?
उत्तर: यदि शुक्राणु अंडाणु से न मिले, तो निषेचन नहीं होगा और संतान का जन्म नहीं होगा। यह प्रजनन में बाधा डालता है।
14. मेढकों में बाह्य निषेचन कैसे होता है?
उत्तर: मेढक मादा जल में अंडे देती है, और नर उनके पास शुक्राणु छोड़ता है। शुक्राणु तैरकर अंडों से मिलते हैं, जिससे बाह्य निषेचन होता है।
15. पौधों और जन्तुओं में लैंगिक प्रजनन कैसे भिन्न होता है?
उत्तर: पौधों में नर और मादा जननांगों का संलयन बीज बनाता है, जबकि जन्तुओं में नर और मादा युग्मक मिलकर शिशु का निर्माण करते हैं।
Long Questions with Answers
1. जीवों में प्रजनन की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर: जीवों में प्रजनन की प्रक्रिया जाति की निरंतरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इसके बिना, समय के साथ जीवों की संख्या कम हो सकती है और उनकी प्रजाति विलुप्त हो सकती है। प्रजनन से संतति उत्पन्न होती है जो पर्यावरण में विभिन्न जीवों के संतुलन को बनाए रखती है।
2. हाइड्रा में मुकुलन की प्रक्रिया कैसे होती है?
उत्तर: हाइड्रा में मुकुलन के दौरान जनक हाइड्रा के शरीर पर एक छोटा उभार बनता है जिसे मुकुल कहा जाता है। यह मुकुल धीरे-धीरे परिपक्व होकर जनक हाइड्रा से अलग हो जाता है और नए हाइड्रा के रूप में विकसित होता है। इस प्रक्रिया में नर-मादा का योगदान नहीं होता, और यह एक अलैंगिक प्रजनन विधि है।
3. अमीबा का द्विखंडन कैसे होता है और इसका महत्व क्या है?
उत्तर: अमीबा के द्विखंडन में इसका केन्द्रक सबसे पहले विभाजित होता है, जिसके बाद पूरा अमीबा दो भागों में बाँट जाता है। इससे दो नए अमीबा बनते हैं। इस प्रक्रिया से एक ही जनक अमीबा से दो स्वतंत्र अमीबा उत्पन्न होते हैं, जो प्रजाति की वृद्धि में सहायक होते हैं।
4. मानव में निषेचन की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर: मानव में निषेचन के दौरान पुरुष शुक्राणु और स्त्री अंडाणु का संलयन होता है। यह संलयन अंडवाहिनी में होता है, जिससे एक युग्मज बनता है। यह युग्मज भ्रूण में परिवर्तित होकर गर्भाशय में रोपित हो जाता है और धीरे-धीरे नवजात शिशु का निर्माण होता है।
5. लैंगिक प्रजनन में मादा युग्मक (अंडाणु) और नर युग्मक (शुक्राणु) का क्या महत्व है?
उत्तर: लैंगिक प्रजनन में मादा युग्मक (अंडाणु) और नर युग्मक (शुक्राणु) का संलयन होता है, जिससे युग्मज का निर्माण होता है। इस युग्मज में माता और पिता दोनों के गुणसूत्र होते हैं, जो संतति में दोनों के लक्षणों को शामिल करते हैं। इस प्रक्रिया से संतति में विविधता उत्पन्न होती है।
6. बाह्य निषेचन किन-किन जीवों में होता है और यह कैसे कार्य करता है?
उत्तर: बाह्य निषेचन मुख्यतः जलीय जीवों जैसे मछली और मेंढक में होता है। इस प्रक्रिया में मादा जल में अंडे छोड़ती है और नर उन पर शुक्राणु छोड़ता है। बाह्य निषेचन में अंडे और शुक्राणु जल में मिलते हैं और निषेचन संपन्न होता है, जिससे नए जीव का निर्माण होता है।
7. मानव में लिंग निर्धारण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर: मानव में लिंग निर्धारण युग्मज में X और Y गुणसूत्रों पर निर्भर करता है। पुरुषों के शुक्राणुओं में X और Y दोनों गुणसूत्र हो सकते हैं जबकि स्त्रियों के अंडाणु में केवल X गुणसूत्र होता है। X गुणसूत्र वाले शुक्राणु के अंडाणु से मिलने पर लड़की और Y गुणसूत्र मिलने पर लड़का उत्पन्न होता है।
8. कृत्रिम निषेचन से शिशु उत्पन्न करने की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: कृत्रिम निषेचन में पुरुष के शुक्राणु और स्त्री के अंडाणु को शरीर के बाहर उचित माध्यम में मिलाया जाता है। संलयन के बाद युग्मज का कुछ समय तक विकास किया जाता है, और फिर इसे स्त्री के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। यह विधि उन स्त्रियों के लिए उपयोगी है जिनकी अंडवाहिनी अवरुद्ध होती है।
9. जुड़वाँ बच्चे कैसे उत्पन्न होते हैं?
उत्तर: जुड़वाँ बच्चे दो प्रकार के हो सकते हैं: एक जैसे और अलग-अलग। एक जैसे जुड़वाँ तब होते हैं जब एक ही युग्मज विभाजित होकर दो भ्रूण बनाता है। अलग-अलग जुड़वाँ तब उत्पन्न होते हैं जब दो अलग अंडाणुओं का निषेचन अलग-अलग शुक्राणुओं द्वारा होता है, जिससे दोनों भ्रूण एक साथ विकसित होते हैं।
10. क्यों कहा जाता है कि संतान के लिंग के लिए स्त्रियाँ उत्तरदायी नहीं हैं?
उत्तर: संतान के लिंग निर्धारण में स्त्री के अंडाणु का योगदान केवल X गुणसूत्र तक सीमित होता है। संतान के लिंग का निर्धारण पुरुष के शुक्राणु में मौजूद X या Y गुणसूत्र से होता है। इसलिए, यह कहना कि स्त्री संतान के लिंग के लिए उत्तरदायी है, अनुचित और वैज्ञानिक रूप से गलत है।
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