Short Questions with Answers
1. आँखें हमारे शरीर में किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं?
उत्तर: आँखें हमें हमारे आसपास की वस्तुओं को देखने और समझने में मदद करती हैं, जो हमारे दैनिक जीवन में ज्ञान और अनुभव प्रदान करने में सहायक होती हैं।
2. हम दिन में दूर स्थित पेड़-पौधों को देख सकते हैं, परंतु रात में नहीं। इसका क्या कारण है?
उत्तर: दिन में सूर्य का प्रकाश होता है, जिससे वस्तुओं से प्रकाश परावर्तित होकर हमारी आँखों तक पहुँचता है, जबकि रात में अंधकार होने के कारण यह संभव नहीं होता।
3. जब हम किसी वस्तु को देखते हैं तो प्रकाश की क्या भूमिका होती है?
उत्तर: वस्तु से प्रकाश परावर्तित होकर हमारी आँखों तक पहुँचता है, जिससे हम उस वस्तु को देख पाते हैं।
4. छाया के निर्माण के लिए कौन-कौन सी वस्तुएँ आवश्यक होती हैं?
उत्तर: छाया के निर्माण के लिए प्रकाश स्रोत, अपारदर्शक वस्तु, और छाया पड़ने के लिए पर्दा होना आवश्यक है।
5. परावर्तन का अर्थ क्या होता है?
उत्तर: जब प्रकाश की किरणें किसी सतह से टकराकर वापस लौटती हैं, तो इसे परावर्तन कहते हैं।
6. आपतन कोण और परावर्तन कोण में क्या समानता होती है?
उत्तर: आपतन कोण हमेशा परावर्तन कोण के बराबर होता है।
7. किस प्रकार की सतह पर प्रतिबिंब का निर्माण नहीं होता?
उत्तर: खुरदरी सतहों पर प्रतिबिंब नहीं बनता क्योंकि प्रकाश अनियमित रूप से परावर्तित होता है।
8. दर्पण की सहायता से हम अपने चेहरे का प्रतिबिंब क्यों देख सकते हैं?
उत्तर: दर्पण पर प्रकाश की किरणें नियमित रूप से परावर्तित होती हैं, जिससे स्पष्ट प्रतिबिंब बनता है।
9. अंध बिन्दु का क्या अर्थ है?
उत्तर: आँख में दृष्टिपटल का वह स्थान जहाँ तंत्रिका कोशिकाएँ नहीं होतीं, उसे अंध बिन्दु कहते हैं, वहाँ से प्रकाश की सूचना मस्तिष्क तक नहीं पहुँचती।
10. दृष्टि निःशक्त लोगों के लिए ब्रेल पद्धति क्या है?
उत्तर: यह एक बिन्दु आधारित प्रणाली है जो दृष्टि निःशक्त लोगों को पढ़ने और लिखने में सहायक होती है।
11. परावर्तित प्रकाश के पुनः परावर्तन से क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: इससे वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिंब बनता है, जिससे देखने में सहूलियत होती है, जैसे दर्पण का उपयोग।
12. कक्षा में नियमित परावर्तन के लिए किस प्रकार की सतह का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर: किसी चमकदार सतह, जैसे कि दर्पण या स्टील, का उपयोग किया जा सकता है।
13. आँखों का बाहरी आवरण किस प्रकार का होता है और इसे क्या कहते हैं?
उत्तर: आँख का बाहरी आवरण सफेद और कठोर होता है, जिसे स्क्लेहरा कहते हैं।
14. हमारी पुतली का आकार किस पर निर्भर करता है?
उत्तर: पुतली का आकार प्रकाश की मात्रा पर निर्भर करता है और परितारिका इसे नियंत्रित करती है।
15. दृक तंत्रिका का कार्य क्या है?
उत्तर: यह आँख से प्राप्त सूचनाओं को मस्तिष्क तक पहुँचाती है।
16. आपतन बिन्दु पर प्रकाश की दिशा में बदलाव से क्या होता है?
उत्तर: परावर्तन कोण बदल जाता है, और यह आपतन कोण के समान हो जाता है।
17. विटामिन A का आँखों पर क्या प्रभाव होता है?
उत्तर: विटामिन A आँखों की दृष्टि को बनाए रखने में सहायक होता है।
18. दृष्टि निःशक्त लोगों के लिए अप्रकाशिक साधनों का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: ब्रेल लिपि।
19. परावर्तन का प्रयोग किस प्रकार दृष्टि सुधार के लिए किया जाता है?
उत्तर: समतल दर्पण और प्रकाश परावर्तन का उपयोग पनडुब्बी और अन्य उपकरणों में बाहर देखने के लिए किया जाता है।
20. ब्रेल पद्धति किसने और कब विकसित की थी?
उत्तर: लुई ब्रेल ने 1824 में इसे विकसित किया था।
Medium Questions with Answers
1. आँखों की संरचना में परितारिका और पुतली का क्या कार्य है?
उत्तर: परितारिका आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है। इसके केंद्र में स्थित पुतली का आकार बदलता है, जिससे प्रकाश की मात्रा को संतुलित किया जा सके।
2. वस्तुओं को देखने के लिए प्रकाश किस प्रकार कार्य करता है?
उत्तर: जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है, तो वह वस्तु उस प्रकाश को परावर्तित करती है। यह परावर्तित प्रकाश हमारी आँखों में प्रवेश करता है और मस्तिष्क तक पहुंचकर हमें वस्तु का दृश्य प्रदान करता है।
3. आपतन और परावर्तन कोण को कैसे मापा जा सकता है?
उत्तर: एक समतल दर्पण पर एक आपतित किरण डालकर आपतन और परावर्तन कोण को मापा जाता है। दोनों कोण आपतन बिन्दु पर बने अभिलम्ब के सापेक्ष होते हैं।
4. हम चमकदार सतहों पर प्रतिबिंब कैसे देख पाते हैं?
उत्तर: चमकदार सतहें प्रकाश को नियमित रूप से परावर्तित करती हैं, जिससे स्पष्ट प्रतिबिंब बनता है। जैसे कि दर्पण या साफ पानी की सतह पर हम प्रतिबिंब देख सकते हैं।
5. आँखों के अंध बिन्दु का क्या महत्व है?
उत्तर: अंध बिन्दु वह स्थान है जहाँ से कोई दृश्य संवेदना मस्तिष्क तक नहीं पहुँचती। यह हमारी दृष्टि के एक छोटे हिस्से में दृश्यता को बाधित करता है।
6. दृष्टि निःशक्त लोगों की शिक्षा में ब्रेल पद्धति कैसे सहायक है?
उत्तर: ब्रेल पद्धति बिन्दु कोड के माध्यम से दृष्टि निःशक्त लोगों को पढ़ने और लिखने की सुविधा प्रदान करती है, जिससे वे स्पर्श के आधार पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
7. हमारी आँखों में मौजूद लेंस किस प्रकार कार्य करता है?
उत्तर: लेंस परावर्तित प्रकाश को एकत्र कर दृष्टिपटल पर प्रतिबिंब बनाता है, जिससे मस्तिष्क को वस्तु का आकार और रंग की जानकारी मिलती है।
8. छाया और प्रतिबिंब में क्या अंतर होता है?
उत्तर: छाया एक अपारदर्शक वस्तु के कारण प्रकाश का रुकावट बनती है, जबकि प्रतिबिंब एक चमकदार सतह से प्रकाश के परावर्तन के कारण बनता है।
9. बहुमूर्तिदर्शी क्या है और यह कैसे कार्य करता है?
उत्तर: यह एक उपकरण है जिसमें कई दर्पणों का प्रयोग होता है, जिससे एक वस्तु का बहुविध प्रतिबिंब उत्पन्न होता है। यह आकृतियाँ और डिजाइन बनाने में सहायक है।
10. प्रकाश के नियमित और अनियमित परावर्तन में अंतर समझाइए।
उत्तर: नियमित परावर्तन में प्रकाश समानांतर किरणें समानांतर रूप से परावर्तित होती हैं, जबकि अनियमित परावर्तन में प्रकाश विक्षेपित होता है, जिससे स्पष्ट प्रतिबिंब नहीं बनता।
11. आँखों की उचित देखभाल के कुछ महत्वपूर्ण उपाय क्या हैं?
उत्तर: आँखों को रगड़ना नहीं चाहिए, स्वच्छ जल से धोना चाहिए, उचित प्रकाश में पढ़ना चाहिए और विटामिन A युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए।
12. समतल दर्पण के प्रयोग से कैसे पुनः परावर्तन किया जा सकता है?
उत्तर: समतल दर्पणों को इस तरह व्यवस्थित किया जा सकता है कि एक दर्पण से परावर्तित किरणें दूसरे दर्पण पर पहुँचें और पुनः परावर्तित हों।
13. वृत्ताकार बहुमूर्तिदर्शी बनाने के लिए किस प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जाता है?
उत्तर: तीन आयताकार दर्पण पट्टियाँ, बेलनाकार डब्बा, रंगीन कांच के टुकड़े और पारदर्शी प्लास्टिक प्लेट का उपयोग होता है।
14. दृश्य निःशक्त व्यक्तियों के लिए प्रकाशिक और अप्रकाशिक साधनों में क्या अंतर है?
उत्तर: प्रकाशिक साधनों में चश्मा और लेंस आते हैं, जबकि अप्रकाशिक साधनों में ब्रेल लिपि और ब्रेल स्लेट शामिल हैं।
15. नेत्रदान क्या है और इसके क्या लाभ हैं?
उत्तर: नेत्रदान एक परोपकारी कार्य है जिसमें मृत्यु के पश्चात् नेत्र दान किए जाते हैं, जिससे दृष्टिहीन व्यक्ति को दृष्टि प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
Long Questions with Answers
1. आँख की संरचना और कार्य प्रणाली का वर्णन कीजिए।
उत्तर: आँख का बाहरी आवरण कठोर सफेद होता है, जिसे स्क्लेहरा कहते हैं। इसके सामने का पारदर्शी हिस्सा कॉर्निया कहलाता है। कॉर्निया के पीछे परितारिका होती है, जो पुतली के आकार को नियंत्रित करती है। पुतली के पीछे लेंस होता है, जो वस्तु का प्रतिबिंब दृष्टिपटल पर बनाता है। दृष्टिपटल से जुड़े तंत्रिका कोशिकाएँ सूचनाओं को मस्तिष्क तक पहुँचाती हैं, जिससे हम वस्तुओं को देख पाते हैं।
2. प्रतिबिंब बनने की प्रक्रिया को परावर्तन के नियमों की सहायता से समझाइए।
उत्तर: परावर्तन के नियमों के अनुसार आपतित किरण, परावर्तित किरण और अभिलम्ब एक ही तल में होते हैं। जब प्रकाश की किरणें किसी समतल दर्पण पर पड़ती हैं, तो वह समान कोण पर वापस लौटती हैं। आपतन कोण हमेशा परावर्तन कोण के बराबर होता है। इसी प्रकार, किसी दर्पण पर प्रकाश के नियमित परावर्तन से प्रतिबिंब का निर्माण होता है।
3. बहुमूर्तिदर्शी की रचना और कार्यविधि का विस्तार से वर्णन करें।
उत्तर: बहुमूर्तिदर्शी में तीन समतल दर्पण होते हैं, जिन्हें एक प्रिज्म के आकार में गत्ते के बेलनाकार डब्बे में रखा जाता है। डब्बे के एक सिरे पर पारदर्शी काँच और दूसरे पर छिद्र होता है। जब इसमें रंगीन कांच के टुकड़े रखे जाते हैं, तो दर्पणों की सहायता से कई खूबसूरत पैटर्न बनते हैं। देखने पर हर बार अलग-अलग प्रतिबिंब नजर आते हैं।
4. आँखों की देखभाल के प्रमुख तरीके और विटामिन A का इसमें क्या योगदान है?
उत्तर: आँखों की देखभाल के लिए साफ सफाई बनाए रखना और अधिक या कम रोशनी में पढ़ाई से बचना चाहिए। गाजर, पालक, दूध आदि विटामिन A युक्त आहार का सेवन आँखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। आँखों में धूलकण पड़ने पर स्वच्छ पानी से धोना चाहिए और दृष्टि समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
5. ब्रेल लिपि का विकास, इसके उपयोग, और दृष्टि निःशक्त व्यक्तियों के लिए इसके महत्व पर चर्चा करें।
उत्तर: ब्रेल लिपि 1824 में लुई ब्रेल द्वारा विकसित की गई, जो स्वयं दृष्टिहीन थे। यह पद्धति बिंदुओं के संयोजन से अक्षर और संख्याओं को प्रदर्शित करती है, जिसे स्पर्श के माध्यम से पढ़ा जाता है। यह दृष्टिहीन लोगों को पढ़ाई और शिक्षा का अवसर प्रदान करती है। ब्रेल कोड का उपयोग गणित और विज्ञान में भी होता है, जो उनके जीवन में आत्मनिर्भरता लाता है।
6. परावर्तन के नियमों का प्रयोग करके समतल दर्पण में परावर्तित किरणों के आरेख बनाकर समझाइए।
उत्तर: समतल दर्पण पर आपतित किरण जिस बिंदु पर दर्पण से टकराती है, उस बिंदु पर एक अभिलम्ब खींचा जाता है। आपतन कोण और परावर्तन कोण इस अभिलम्ब के सापेक्ष होते हैं। नियम के अनुसार आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है। यह नियम समतल दर्पण पर प्रतिबिंब बनाने में सहायक होता है।
7. दृष्टि निःशक्त व्यक्तियों के लिए उपलब्ध संसाधनों का विश्लेषण करें और उनकी उपयोगिता का वर्णन करें।
उत्तर: दृष्टि निःशक्त लोगों के लिए प्रकाशिक साधनों में चश्मा और लेंस होते हैं, जो उनकी दृष्टि सुधारते हैं। अप्रकाशिक साधनों में ब्रेल स्लेट और ब्रेल लिपि आती है, जो पढ़ने और लिखने में मदद करती है। इन साधनों से दृष्टि निःशक्त लोग आत्मनिर्भर होकर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास और सामाजिक समायोजन बढ़ता है।
8. प्रकाश के नियमित और विसरित परावर्तन के लाभ और उनके उदाहरण दीजिए।
उत्तर: नियमित परावर्तन में प्रकाश समानांतर रूप से परावर्तित होता है, जिससे स्पष्ट प्रतिबिंब बनता है, जैसे कि दर्पण में। वहीं, खुरदरी सतहों से होने वाला विसरित परावर्तन असमान होता है, जिससे प्रतिबिंब नहीं बनता, लेकिन आसपास रोशनी फैल जाती है। इस प्रकार का परावर्तन दीवारों, कागज आदि पर देखा जा सकता है।
9. नेत्रदान की प्रक्रिया, इसकी आवश्यकता और समाज पर इसका प्रभाव विस्तार से समझाइए।
उत्तर: नेत्रदान में व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद आँखें दान करता है, जिससे दृष्टिहीन लोग दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं। नेत्रदान मृत्यु के 4-6 घंटे के भीतर किया जाता है और यह कार्य नेत्र बैंकों के माध्यम से होता है। नेत्रदान से समाज में मानवता और सहयोग की भावना बढ़ती है और दृष्टिहीन लोगों को एक नया जीवन मिलता है।
10. दृक तंत्रिका और दृष्टिपटल की संरचना और कार्य को समझाइए और यह दृष्टि में किस प्रकार सहायक हैं?
उत्तर: दृष्टिपटल तंत्रिका कोशिकाओं का बना होता है, जो आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश का संवेदन करते हैं। दृष्टिपटल से सूचनाएँ दृक तंत्रिका के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुँचती हैं, जहाँ चित्र का विश्लेषण होता है। यह प्रक्रिया हमें वस्तुओं को पहचानने और उनका आकार समझने में मदद करती है।
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