Short Questions with Answers
1. अंग्रेजी राज के पहले भारतीय गाँवों की जीवनशैली कैसी थी?
उत्तर: अंग्रेजी राज से पहले, भारतीय गाँवों में कृषि पर आधारित जीवनशैली थी, जहाँ लोग स्वयं उत्पादन करते थे और आपसी सहयोग से समस्याओं का समाधान करते थे।
2. गाँवों में कर संग्रहण का प्रमुख स्रोत क्या था?
उत्तर: कर संग्रहण का प्रमुख स्रोत कृषि उत्पादन था, जिसमें राजा या उसके प्रतिनिधि किसानों से कृषि पर कर वसूलते थे।
3. ब्रिटिश शासन के दौरान ‘डायरेक्ट टैक्स’ का क्या अर्थ था?
उत्तर: डायरेक्ट टैक्स का मतलब किसानों से सीधा कर वसूलना था, जिससे किसानों पर अधिक आर्थिक दबाव पड़ा।
4. अंग्रेजों द्वारा अपनाई गई ‘डिवाइड एंड रूल’ नीति का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: अंग्रेजों का उद्देश्य भारतीय राज्यों को बाँटकर उन पर शासन करना था ताकि उनके बीच एकता न बन पाए और अंग्रेजों का शासन बना रहे।
5. अंग्रेजों द्वारा भू-राजस्व प्रणाली में किए गए बदलाव का प्रभाव क्या था?
उत्तर: अंग्रेजों ने भू-राजस्व प्रणाली में बदलाव कर करों को बढ़ाया, जिससे किसानों पर भारी आर्थिक दबाव पड़ा।
6. किसानों के लिए ‘लगान’ का क्या महत्व था?
उत्तर: किसानों के लिए लगान खेती का एक कर था जिसे उन्हें निश्चित समय पर अपने उत्पाद पर देना पड़ता था।
7. जमींदारी प्रथा में जमींदार की भूमिका क्या थी?
उत्तर: जमींदार भूमि का स्वामी होता था और किसानों से कर वसूलता था, जिसे सरकार तक पहुँचाना उसकी जिम्मेदारी होती थी।
8. उद्योगों के लिए भारतीय कच्चे माल का क्या महत्व था?
उत्तर: भारतीय कच्चा माल ब्रिटिश उद्योगों के लिए सस्ता और अनिवार्य था, जिससे उन्हें बड़ा आर्थिक लाभ हुआ।
9. अंग्रेजों ने खेती के लिए किस प्रकार के कर लगाए?
उत्तर: अंग्रेजों ने किसानों पर कृषि उत्पादन के आधार पर सीधे कर लगाए, जिससे उनका काफी बोझ बढ़ गया।
10. अंग्रेजों के आने से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था किस पर निर्भर थी?
उत्तर: भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि, स्थानीय व्यापार और हस्तशिल्प पर निर्भर थी, जिससे ग्रामीण क्षेत्र आत्मनिर्भर था।
11. अंग्रेजों ने भू-राजस्व प्रणाली में कब परिवर्तन किया?
उत्तर: अंग्रेजों ने 1793 में भू-राजस्व प्रणाली में बदलाव कर स्थायी बंदोबस्त लागू किया।
12. स्थायी बंदोबस्त प्रणाली का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: स्थायी बंदोबस्त का उद्देश्य जमींदारों से निश्चित कर संग्रह करना था ताकि अंग्रेजों को स्थायी आय मिल सके।
13. अंग्रेजों की भू-राजस्व नीति का किसानों पर क्या असर पड़ा?
उत्तर: भू-राजस्व नीति ने किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया, जिससे वे अधिक कर्जदार हो गए।
14. जमींदारों के साथ अंग्रेजों का संबंध कैसा था?
उत्तर: अंग्रेजों ने जमींदारों से कर संग्रह के लिए एक संधि बनाई थी, जिसमें जमींदार किसानों से कर वसूलकर अंग्रेजों तक पहुँचाते थे।
15. अंग्रेजी शासन में गाँवों का क्या स्थान था?
उत्तर: अंग्रेजी शासन में गाँवों को कर देने का साधन माना गया, जहाँ से सीधे कर वसूले जाते थे।
Medium Questions with Answers
1. अंग्रेजी शासन से पहले गाँवों में किस प्रकार की सामाजिक संरचना थी?
उत्तर: गाँवों में आपसी सहयोग, आर्थिक आत्मनिर्भरता और कृषि-आधारित संरचना थी। लोग आवश्यक चीजें स्वयं बनाते और आपसी सहायता से जीवन यापन करते थे।
2. स्थायी बंदोबस्त प्रणाली के तहत कर निर्धारण कैसे किया गया?
उत्तर: स्थायी बंदोबस्त में कर की राशि स्थायी रूप से निर्धारित की गई, जिसमें जमींदारों से निश्चित कर लिया गया। इस प्रणाली का उद्देश्य अंग्रेजों के लिए स्थिर आय सुनिश्चित करना था।
3. अंग्रेजी शासन ने गाँवों की आर्थिक स्थिति को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: अंग्रेजों ने अधिक कर वसूली के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया, जिससे कृषि पर निर्भर किसानों की आय घट गई और उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा।
4. लगान वसूली के लिए अंग्रेजों ने क्या उपाय किए?
उत्तर: अंग्रेजों ने किसानों से सीधे कर वसूली की नीति अपनाई, जिससे जमींदारों को किसानों पर दबाव डालना पड़ा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई।
5. जमींदारी प्रणाली का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: जमींदारी प्रणाली ने किसानों को जमींदारों के अधीन बना दिया, जिससे किसानों की स्थिति कमजोर हो गई और वे जमींदारों पर निर्भर हो गए।
6. महालवाड़ी व्यवस्था क्या थी और इसका उद्देश्य क्या था?
उत्तर: महालवाड़ी व्यवस्था में गाँव के मुखिया कर वसूलते थे। इसका उद्देश्य भूमि का कर गाँव के स्तर पर निर्धारित करना था ताकि अंग्रेजों को स्थिर राजस्व मिल सके।
7. जमींदारों और किसानों के बीच संघर्ष का मुख्य कारण क्या था?
उत्तर: जमींदारों द्वारा अधिक कर वसूलने के कारण किसानों पर आर्थिक दबाव बढ़ा, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हुई और संघर्ष की स्थिति पैदा हुई।
8. 1793 में लागू स्थायी बंदोबस्त की विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: स्थायी बंदोबस्त में कर की राशि स्थिर रखी गई थी। जमींदारों को नियमित कर देने का आदेश था, जिससे अंग्रेजों को स्थिर आय मिलती रही।
9. स्थायी बंदोबस्त के लागू होने से किसानों की स्थिति कैसे बदली?
उत्तर: किसानों पर कर का बोझ बढ़ गया और उनकी स्थिति कमजोर हो गई, जिससे वे ऋण के जाल में फँसते चले गए और आर्थिक रूप से असुरक्षित हो गए।
10. लगान वसूली की प्रणाली में जमींदार की क्या भूमिका थी?
उत्तर: जमींदार किसानों से कर वसूलते थे और सरकार को भुगतान करते थे। वे भूमि के मालिक के रूप में काम करते थे और अंग्रेजों के लिए एक माध्यम बने।
11. अंग्रेजों ने कृषि उत्पादन को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: अंग्रेजों ने कर बढ़ाकर किसानों को कर्ज में डुबा दिया, जिससे वे अच्छी फसल नहीं कर पाते थे और उत्पादन घटने लगा।
12. अंग्रेजों ने भू-राजस्व नीति में समय-समय पर बदलाव क्यों किए?
उत्तर: अंग्रेजों ने अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त करने के लिए समय-समय पर भू-राजस्व नीति में बदलाव किए ताकि उनकी आय सुनिश्चित रहे।
13. जमींदारी व्यवस्था ने ग्रामीण समाज पर क्या प्रभाव डाला?
उत्तर: जमींदारी व्यवस्था से ग्रामीण समाज में असमानता और शोषण बढ़ गया। किसान आर्थिक संकट में आ गए और उनका जीवन कठिन हो गया।
14. जमींदारों के साथ अंग्रेजों का कर-संग्रहण समझौता क्या था?
उत्तर: अंग्रेजों ने जमींदारों से कर वसूलने के लिए एक समझौता किया, जिसमें जमींदार किसानों से कर एकत्रित कर अंग्रेजी सरकार को सौंपते थे।
15. अंग्रेजों की भू-राजस्व प्रणाली के खिलाफ किसानों की प्रतिक्रिया क्या थी?
उत्तर: अंग्रेजों की भू-राजस्व प्रणाली के कारण किसानों पर अधिक कर का बोझ बढ़ा, जिससे किसानों ने विद्रोह भी किया और कई जगहों पर संघर्ष हुआ।
Long Questions with Answers
1. अंग्रेजों ने भारतीय गाँवों के पारंपरिक जीवन पर क्या प्रभाव डाला?
उत्तर: अंग्रेजी शासन के आगमन से पहले भारतीय गाँव आत्मनिर्भर थे, पर अंग्रेजों के कर संग्रहण और व्यापारिक नीतियों से ग्रामीण जीवन में भारी बदलाव आया। उन्होंने जमीन पर कराधान की नई व्यवस्था लागू की, जिससे किसानों पर भारी बोझ बढ़ गया और कई गाँव अपनी पारंपरिक कृषि व्यवस्था खो बैठे।
2. ब्रिटिश शासन में ‘डायरेक्ट टैक्स’ व्यवस्था ने ग्रामीण समाज को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: डायरेक्ट टैक्स व्यवस्था में अंग्रेजों ने सीधे किसानों से कर वसूलना शुरू किया। इस कारण किसानों को अधिक कर देना पड़ता था, जिससे उनका जीवन कठिन हो गया और उन्हें अपने उत्पादों का एक बड़ा हिस्सा कर के रूप में देना पड़ता था। यह व्यवस्था किसानों को ऋणग्रस्त और गरीब बना गई।
3. ब्रिटिश शासन ने भारतीय कृषि व्यवस्था में कौन-कौन से बदलाव किए?
उत्तर: ब्रिटिश शासन के दौरान, कृषि उत्पादन में किसानों को विशेष फसलों जैसे नील, कपास, और चाय की खेती करने के लिए बाध्य किया गया। इन फसलों का उत्पादन अधिक मुनाफा कमाने के लिए था, परन्तु इसने खाद्य फसलों के उत्पादन को घटा दिया, जिससे देश में खाद्य संकट की स्थिति भी उत्पन्न हुई।
4. ब्रिटिश कंपनी की ‘डिवाइड एंड रूल’ नीति का भारत के राजनीतिक ढांचे पर क्या असर हुआ?
उत्तर: ‘डिवाइड एंड रूल’ नीति ने भारतीय रियासतों के बीच फूट डाल दी, जिससे वे एक-दूसरे से लड़ने लगे और एकता समाप्त हो गई। अंग्रेजों ने इस स्थिति का लाभ उठाकर धीरे-धीरे भारतीय रियासतों को अपने अधीन कर लिया, जिससे भारतीय राजनीतिक ढांचा पूरी तरह से टूट गया और अंग्रेजों का शासन मजबूत हुआ।
5. गाँवों में ब्रिटिश सरकार द्वारा लागू नई कर व्यवस्था का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर: नई कर व्यवस्था में किसानों से अधिक कर वसूला गया, जिससे कई किसान अपने खेत खो बैठे और कर्जदार बन गए। खेती से होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा कर के रूप में लिया जाता था, जिससे किसान आर्थिक संकट में आ गए और कृषि उत्पादकता में भी कमी आई।
6. जमीन पर ब्रिटिश अधिकार की नीति का भारतीय किसानों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: अंग्रेजों ने जमीन के स्वामित्व पर अधिकार जमा लिया और किसानों को किराएदार बना दिया। इससे किसान अपने ही खेत में श्रमिक बन गए और उन्हें अत्यधिक किराया देना पड़ता था। इस नीति ने किसानों की स्वतंत्रता को छीन लिया और उन्हें गरीब बना दिया।
7. ‘लगान व्यवस्था’ के तहत ब्रिटिश सरकार द्वारा किसान और जमीनदारों के बीच क्या संबंध थे?
उत्तर: ब्रिटिश लगान व्यवस्था में जमीनदारों को कर वसूली का अधिकार दिया गया, जबकि किसान किराएदार बन गए। जमीनदारों को अपनी जमीन का लगान चुकाना पड़ता था और बदले में वे किसानों से कर वसूलते थे। इससे किसानों पर दोहरा दबाव पड़ा—उन्हें खेती भी करनी पड़ती थी और अधिक कर भी देना पड़ता था।
8. ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय कृषि का आर्थिक शोषण कैसे किया गया?
उत्तर: ब्रिटिश सरकार ने भारतीय कृषि को विदेशी उद्योगों के लिए कच्चा माल उत्पादन का केंद्र बना दिया। उन्होंने किसानों को विशेष फसलें उगाने के लिए मजबूर किया और उन्हें कम दाम पर खरीदा। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर हुई और किसानों की स्थिति बदतर होती गई।
9. ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय किसानों द्वारा किए गए विद्रोहों का क्या महत्व था?
उत्तर: अत्यधिक कर और कठिन परिस्थितियों के खिलाफ भारतीय किसानों ने विद्रोह किए। ये विद्रोह ब्रिटिश शासन के खिलाफ किसानों की असंतोष की भावना को दर्शाते थे और उन्होंने अंग्रेजों की अन्यायपूर्ण नीतियों के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा की। इन विद्रोहों ने स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठभूमि भी तैयार की।
10. अंग्रेजी शासन के कारण भारत में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को क्या नुकसान हुआ?
उत्तर: अंग्रेजी शासन में कृषि उत्पादनों पर कराधान बढ़ा, जिससे किसानों को लाभ की जगह घाटा होने लगा। कंपनी ने भारतीय कृषि को सिर्फ कच्चा माल उत्पादन तक सीमित कर दिया, जिससे खाद्य फसलों का उत्पादन घट गया। इसके परिणामस्वरूप देश में बार-बार अकाल पड़े और अर्थव्यवस्था कमजोर होती गई।
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