1. सुदामा कौन थे, और उनका जीवन कैसा था?
उत्तर: सुदामा अति दीन और गरीब व्यक्ति थे। वह भिक्षा माँगकर जीवन यापन करते थे और हरि-भजन में लीन रहते थे।
2. सुदामा की पत्नी ने उन्हें कहाँ जाने के लिए प्रेरित किया?
उत्तर: सुदामा की पत्नी ने उन्हें अपनी दरिद्रता दूर करने के लिए अपने बचपन के मित्र श्रीकृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका जाने को कहा।
3. श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता कैसी थी?
उत्तर: श्रीकृष्ण और सुदामा बचपन के सखा थे। उनकी मित्रता आदर्श और प्रेमपूर्ण थी, जो बिना किसी स्वार्थ के निभाई गई।
4. सुदामा का पहनावा कैसा था?
उत्तर: सुदामा फटी धोती पहने हुए थे, और उनके पैरों में जूते भी नहीं थे। उनकी दीन अवस्था से उनके गहरे गरीबी का पता चलता है।
5. द्वारपाल ने सुदामा का नाम सुनकर क्या किया?
उत्तर: द्वारपाल ने सुदामा का नाम सुनते ही श्रीकृष्ण को सूचित किया और तुरंत राजकाज छोड़कर सुदामा को बुलाया गया।
6. श्रीकृष्ण ने सुदामा का स्वागत कैसे किया?
उत्तर: श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा को देखते ही गले लगाया, उनके पैर धोए और अपने प्रेम और स्नेह से उन्हें सम्मानित किया।
7. श्रीकृष्ण ने सुदामा से उनकी विपदा के बारे में क्या पूछा?
उत्तर: श्रीकृष्ण ने सुदामा से उनकी कठिनाइयों और विपदाओं के बारे में पूछते हुए उनकी आँखों में आंसू भर दिए और उनकी स्थिति को समझा।
8. श्रीकृष्ण ने सुदामा को क्या याद दिलाया?
उत्तर: श्रीकृष्ण ने सुदामा को गुरु के यहाँ चुराए हुए चनों की याद दिलाई, जिसे सुनकर दोनों मित्र हंस पड़े।
9. सुदामा द्वारिका से लौटते समय क्या सोच रहे थे?
उत्तर: सुदामा सोच रहे थे कि उन्होंने अपने मित्र से कुछ भी नहीं मांगा और अपने दरिद्रता की हालत में लौट रहे हैं।
10. सुदामा का गाँव लौटने पर क्या परिवर्तन हुआ था?
उत्तर: जब सुदामा अपने गाँव लौटे, तो उनका टूटा-फूटा घर अब एक सुंदर महल में बदल चुका था, और उन्हें यह देखकर अचरज हुआ।
11. श्रीकृष्ण ने सुदामा को कैसे धनवान बनाया?
उत्तर: श्रीकृष्ण ने बिना किसी स्वार्थ के सुदामा की पत्नी के लिए अपार धन और वैभव का प्रबंध कर दिया, जिससे उनका जीवन सुखमय हो गया।
12. सुदामा की पत्नी के मन में किस बात का दुख था?
उत्तर: सुदामा की पत्नी को अपनी दरिद्रता का दुख था और इसीलिए उन्होंने सुदामा को श्रीकृष्ण से सहायता लेने को प्रेरित किया।
13. द्वारपाल की मनोदशा क्या थी जब सुदामा द्वारिका पहुँचे?
उत्तर: द्वारपाल ने सुदामा की दीन अवस्था देखकर हैरानी जताई, लेकिन उनका नाम सुनकर उन्हें तत्काल अंदर जाने दिया।
14. श्रीकृष्ण ने सुदामा को देख क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर: श्रीकृष्ण अपने पुराने मित्र सुदामा को देखकर भाव-विह्वल हो गए और उन्हें अपने गले से लगाकर उनका स्वागत किया।
15. सुदामा के पास कृष्ण के लिए क्या उपहार था?
उत्तर: सुदामा ने अपने साथ भाभी द्वारा दिए गए तंदुल (चावल) लेकर आए थे, जिसे श्रीकृष्ण ने प्रेमपूर्वक स्वीकार किया।
16. श्रीकृष्ण ने सुदामा के तंदुल कैसे प्राप्त किए?
उत्तर: श्रीकृष्ण ने हंसी-मजाक में कहा कि सुदामा ने उन्हें चुराए चनों की तरह छुपाया है, फिर प्रेम से वह तंदुल प्राप्त किए।
17. सुदामा की यात्रा से उन्हें क्या प्राप्त हुआ?
उत्तर: सुदामा ने बिना कुछ मांगे ही श्रीकृष्ण से अपने जीवन के हर दुःख का अंत पाया और उन्हें अद्वितीय वैभव प्राप्त हुआ।
18. श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता को आदर्श क्यों माना जाता है?
उत्तर: श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता बिना किसी स्वार्थ के थी। श्रीकृष्ण ने सुदामा की दरिद्रता का आदरपूर्वक अंत किया।
19. सुदामा को वापस आने पर भ्रम क्यों हुआ?
उत्तर: सुदामा को अपने घर के स्थान पर सुंदर महल देखकर भ्रम हुआ कि यह उनके गाँव का ही घर है या नहीं।
20. सुदामा की कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: सुदामा की कहानी में मित्रता, प्रेम, और उदारता का संदेश है, जिसमें श्रीकृष्ण ने अपने मित्र की दरिद्रता को बिना मांगे ही दूर कर दिया।
Long Questions
1. सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता को किस प्रकार आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया गया है?
उत्तर: सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता बचपन की थी, जो पूरी तरह से निश्छल और स्वार्थरहित थी। जब सुदामा दरिद्रता में अपने मित्र श्रीकृष्ण से मिलने आए, तो श्रीकृष्ण ने बिना किसी भेदभाव के उनका स्वागत किया। यह मित्रता इसलिए आदर्श मानी जाती है क्योंकि दोनों का संबंध समानता और प्रेम पर आधारित था, न कि धन या सामाजिक स्थिति पर।
2. सुदामा की पत्नी ने उन्हें श्रीकृष्ण से मिलने के लिए क्यों प्रेरित किया?
उत्तर: सुदामा की पत्नी उनकी दरिद्रता से दुखी थीं। उन्हें अपने जीवन की कठिनाइयों का समाधान चाहिए था और उन्हें विश्वास था कि श्रीकृष्ण, जो अब द्वारिका के राजा थे, सुदामा की सहायता कर सकते हैं। इसलिए, उन्होंने सुदामा को द्वारिका जाकर श्रीकृष्ण से मिलने और सहायता माँगने के लिए प्रेरित किया।
3. सुदामा की दीन अवस्था और श्रीकृष्ण की प्रतिक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर: सुदामा की अवस्था अत्यंत दीन थी। वह फटी धोती और बिना जूते के द्वारिका पहुंचे। जब श्रीकृष्ण ने अपने बचपन के मित्र को देखा, तो वह भावुक हो गए। श्रीकृष्ण ने सुदामा को गले लगाया, उनके पैर धोए और अपने स्नेह से उनकी गरीबी को नजरअंदाज कर दिया। यह घटना श्रीकृष्ण की उदारता और मित्रता का अद्वितीय उदाहरण है।
4. श्रीकृष्ण ने सुदामा से तंदुल लेते समय किस प्रकार की विनोदपूर्ण बात की?
उत्तर: श्रीकृष्ण ने सुदामा से मजाकिया अंदाज में कहा कि जैसे गुरु के समय उन्होंने चने छुपाए थे, वैसे ही अब तंदुल छुपाए हैं। उन्होंने सुदामा से यह तंदुल प्रेमपूर्वक लिए और उनकी दरिद्रता को इस विनोदपूर्ण माहौल में समाप्त कर दिया। यह घटना श्रीकृष्ण की मित्रता और स्नेह की गहराई को दर्शाती है।
5. सुदामा को घर लौटने पर किस प्रकार का भ्रम हुआ, और इसका क्या कारण था?
उत्तर: जब सुदामा द्वारिका से लौटे, तो उन्हें अपने घर की जगह एक सुंदर महल मिला। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि यह वही स्थान है जहाँ पहले उनका टूटा-फूटा घर हुआ करता था। यह भ्रम इसलिए हुआ क्योंकि श्रीकृष्ण ने उनकी अनुपस्थिति में उनके घर को एक महल में बदल दिया था, जिससे उनकी दरिद्रता समाप्त हो गई।
6. सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता में प्रेम और उदारता का क्या महत्व है?
उत्तर: सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता में प्रेम और उदारता का विशेष स्थान है। श्रीकृष्ण ने अपने मित्र की दरिद्रता को देखकर उसकी मदद की, लेकिन इस मदद में कोई दिखावा या स्वार्थ नहीं था। उन्होंने सुदामा की पत्नी को धन-वैभव से संपन्न कर दिया, जबकि सुदामा ने कुछ भी नहीं मांगा था। यह उनकी मित्रता की विशुद्धता को दर्शाता है।
7. श्रीकृष्ण ने सुदामा को याद दिलाई गुरु के समय की कौन-सी घटना?
उत्तर: श्रीकृष्ण ने सुदामा को गुरु के समय की वह घटना याद दिलाई, जब उन्होंने चने चुराए थे और फिर मिल-बांटकर खाए थे। इस घटना को याद करते हुए दोनों मित्र हंस पड़े। यह घटना उनके बचपन के सरल और मासूम संबंध को दर्शाती है।
8. सुदामा के गाँव लौटने पर उनके जीवन में आए परिवर्तन का वर्णन कीजिए।
उत्तर: द्वारिका से लौटने पर सुदामा का जीवन पूरी तरह से बदल गया था। उनका पुराना, टूटा-फूटा घर अब एक सुंदर महल में बदल चुका था, और उनकी दरिद्रता समाप्त हो चुकी थी। यह परिवर्तन श्रीकृष्ण की कृपा से हुआ, जिन्होंने बिना किसी दिखावे के अपने मित्र को जीवन का सबसे बड़ा उपहार दिया।
9. सुदामा की दरिद्रता और श्रीकृष्ण की उदारता को किस प्रकार से दिखाया गया है?
उत्तर: सुदामा की दरिद्रता उनके फटे कपड़ों, पैरों में जूते न होने और गरीब अवस्था से प्रकट होती है। दूसरी ओर, श्रीकृष्ण की उदारता इस बात में दिखाई देती है कि उन्होंने सुदामा की गरीबी को दरकिनार करते हुए, उन्हें न केवल अपने महल में आदरपूर्वक स्थान दिया, बल्कि उन्हें बिना मांगे ही धन और सुख-वैभव से संपन्न कर दिया।
10. सुदामा चरित से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: सुदामा चरित से हमें सच्ची मित्रता, प्रेम, और उदारता की शिक्षा मिलती है। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि सच्चा मित्र वही है जो बिना किसी स्वार्थ के आपकी सहायता करता है। श्रीकृष्ण ने सुदामा की मदद बिना उनसे कुछ मांगे की, और उनकी मित्रता का यह उदाहरण आज भी प्रेरणादायक है।
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