1. लेखक ने बीमार होने की इच्छा क्यों जताई?
उत्तर: लेखक ने हास्य-व्यंग्य के माध्यम से कहा कि बीमार होने पर उसे ध्यान और विशेष व्यवहार मिलेगा, जैसे बिस्कुट खाना और दोस्त मिलने आएंगे।
2. लेखक ने डॉक्टर की वेशभूषा पर क्या टिप्पणी की?
उत्तर: लेखक ने डॉक्टर की वेशभूषा को अत्यधिक सजी-धजी बताया, जो उनकी सरकारी अस्पताल की पृष्ठभूमि के साथ विरोधाभासी थी।
3. लेखक को बीमार होने के बाद पहली कौन-सी दवा दी गई?
उत्तर: लेखक ने खुद को अमृतधारा दी, जिसे वह रामबाण औषधि मानता था, परंतु इसका कोई असर नहीं हुआ।
4. डॉक्टर ने दर्द के बारे में क्या कहा?
उत्तर: डॉक्टर ने कहा कि दर्द दो खुराक में गायब हो जाएगा, जैसे हिंदुस्तान से सोना गायब हो गया है, जो व्यंग्यपूर्ण टिप्पणी थी।
5. लेखक के अनुसार दवा के बावजूद दर्द क्यों नहीं गया?
उत्तर: दर्द नहीं गया क्योंकि डॉक्टर की बताई दवा बेअसर थी और केवल गरम बोतल से सेंकने से छाले पड़ गए।
6. चिकित्सकों के सुझावों पर लेखक का क्या अनुभव रहा?
उत्तर: लेखक को अनेक चिकित्सकों ने अलग-अलग पद्धतियाँ बताईं, लेकिन किसी का सुझाव पूरी तरह सफल नहीं रहा।
7. लेखक ने हकीम साहब की वेशभूषा पर क्या टिप्पणी की?
उत्तर: हकीम साहब का फैशन और कपड़े बहुत नजाकत भरे थे, लेकिन यह सर्दी के मौसम के हिसाब से अनुपयुक्त थे।
8. लेखक के अनुसार होम्योपैथी का क्या प्रभाव था?
उत्तर: लेखक को होम्योपैथी की नन्हीं गोलियों में जादू नजर आता है, लेकिन वास्तविकता में इसका असर न के बराबर था।
9. लेखक ने आयुर्वेद पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर: आयुर्वेदाचार्य ने जटिल शास्त्रीय भाषा में रोग का विश्लेषण किया, जिसे समझने के लिए लेखक ने कोश मंगवाने की बात कही।
10. लेखक की सबसे तीखी व्यंग्यात्मक टिप्पणी किस पर थी?
उत्तर: सबसे तीखी टिप्पणी आयुर्वेदाचार्य पर थी, जब उन्होंने ग्रहों और शनि की स्थिति का इंतजार करने की बात कही।
11. लेखक ने डॉक्टरों की फीस के बारे में क्या कहा?
उत्तर: लेखक ने व्यंग्य किया कि डॉक्टरों की फीस रात में बढ़ जाती है, जैसे कुछ लोगों का सौंदर्य रात में निखरता है।
12. लेखक ने रसगुल्ले की तुलना किससे की?
उत्तर: लेखक ने व्यंग्यपूर्वक रसगुल्ले की तुलना छायावादी कविताओं से की, जो स्थूल और कठोर थे।
13. लेखक के घर आने वाले मेहमान किस तरह के नुस्खे सुझाते थे?
उत्तर: हर मेहमान अपने-अपने तरह के नुस्खे सुझाता था, जैसे हींग पिलाना या चूना खिलाना, लेकिन किसी का असर नहीं हुआ।
14. लेखक ने किस बीमारी से डर महसूस किया?
उत्तर: डॉक्टर द्वारा दिए गए अपेंडिसाइटिस और अन्य भयानक बीमारियों के नाम सुनकर लेखक डर गया।
15. लेखक की दवा पर कितना खर्च आया?
उत्तर: डॉक्टर की दवा का खर्चा बढ़ता गया, लेखक ने बताया कि रोजाना अठारह आने की दवा ली जाती थी।
16. लेखक ने दंत चिकित्सक के बारे में क्या कहा?
उत्तर: दंत चिकित्सक ने पाइरिया का जिक्र किया, लेकिन दांत तुड़वाने का खर्च सुनकर लेखक और अधिक परेशानी में पड़ गया।
17. लेखक को अंततः कौन सी चिकित्सा सही लगी?
उत्तर: लेखक ने व्यंग्यपूर्वक सभी चिकित्सा पद्धतियों को व्यर्थ पाया और अपनी बीमारी का सही इलाज नहीं हो सका।
18. लेखक को ‘पाइरिया’ के इलाज पर क्या कहना था?
उत्तर: डॉक्टर ने पाइरिया का जिक्र करते हुए दांत उखाड़ने की सलाह दी, लेकिन यह लेखक को अत्यधिक खर्चीला और अनावश्यक लगा।
19. लेखक की पत्नी ने डॉक्टर के सुझाव पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर: पत्नी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर डॉक्टर कहे कि सारे बाल उखड़वा लो तो क्या वह भी मानेंगे?
20. लेखक ने ओझा की बात को कैसे लिया?
उत्तर: लेखक ने ओझा की बातों को अविश्वास से लिया और उसे अंधविश्वास माना, लेकिन पत्नी ने इसे मानने का सुझाव दिया।
21. लेखक की बीमारी की असलियत क्या थी?
उत्तर: लेखक की बीमारी की असलियत कुछ भी नहीं थी, लेकिन उसने विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों की असंगतियों को व्यंग्य के रूप में प्रस्तुत किया।
22. लेखक के घरवालों ने क्या सुझाव दिया?
उत्तर: लेखक के घरवालों ने उसे विभिन्न डॉक्टरों को दिखाने की सलाह दी, परन्तु लेखक ने सब पर कटाक्ष किया।
23. लेखक ने चुड़ैल के फसाद का क्या उत्तर दिया?
उत्तर: लेखक ने मजाक में कहा कि अगर चुड़ैल का प्रभाव डॉक्टरों से भी ज्यादा है तो वह क्या करे?
24. लेखक ने चिकित्सकों के मर्म को कैसे प्रस्तुत किया?
उत्तर: लेखक ने सभी चिकित्सा पद्धतियों के विरोधाभासों को मजाकिया अंदाज में प्रस्तुत किया और दिखाया कि सभी पद्धतियाँ विफल रहीं।
25. चिकित्सा पर लेखक के व्यंग्य का क्या मुख्य उद्देश्य था?
उत्तर: लेखक ने चिकित्सा पद्धतियों पर यह दर्शाने के लिए व्यंग्य किया कि विभिन्न पद्धतियों में भ्रम और अंधविश्वास हावी हैं, जबकि समस्या का सही समाधान नहीं मिलता।
Long Questions
1. डॉक्टर चूहानाथ कातरजी के बारे में लेखक का अनुभव कैसा रहा?
उत्तर: डॉक्टर चूहानाथ कातरजी लंदन से पढ़े थे और उनकी फीस भी बहुत अधिक थी। उन्होंने लेखक को एक सुई लगाई, जिससे कुछ समय के लिए आराम मिला, परंतु उनकी दवा और सेवाएँ महंगी और बेअसर साबित हुईं। लेखक ने इस अनुभव को हास्य के रूप में प्रस्तुत किया, जहाँ डॉक्टर की फीस बढ़ने के बावजूद रोग सही नहीं हुआ।
2. लेखक ने आयुर्वेदाचार्य पर किस प्रकार व्यंग्य किया है?
उत्तर: आयुर्वेदाचार्य ने ग्रहों की स्थिति और शनि की स्थिरता को रोग के उपचार से जोड़ा, जिसे सुनकर लेखक ने कोश मंगवाने की बात कही। यह आयुर्वेद के जटिल शब्दों और अंधविश्वास पर तीखा व्यंग्य है, जहाँ रोग के निदान के बजाय ज्योतिषीय कारण खोजे जा रहे थे।
3. हकीम साहब के फैशन और उपचार के तरीके पर लेखक ने क्या टिप्पणी की?
उत्तर: हकीम साहब का लखनऊ का फैशन और उनकी नजाकत लेखक को अत्यधिक बनावटी लगी। उन्होंने लेखक की नब्ज देखी और ताजा दवाइयों का सुझाव दिया। लेखक ने इस पर कटाक्ष किया कि दवाइयाँ ताजा हों या पुरानी, असर का कोई भरोसा नहीं था।
4. लेखक के अनुसार चिकित्सा पद्धतियों में कौन-कौन सी हास्यास्पद बातें थीं?
उत्तर: एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों के डॉक्टरों के सुझाव हास्यास्पद थे। डॉक्टरों की महंगी फीस, जटिल शब्दावली, ज्योतिषीय निदान, और घरेलू नुस्खों पर लेखक ने तीखा व्यंग्य किया, जहाँ इलाज कम और भ्रम ज्यादा पैदा किया गया।
5. लेखक ने चिकित्सा पद्धतियों की तुलना कैसे की?
उत्तर: लेखक ने हास्यपूर्ण तरीके से विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों की तुलना की, जहाँ एलोपैथी महंगी और बेअसर थी, आयुर्वेद जटिल और पुरानी विधियों पर आधारित थी, और होम्योपैथी में छोटी गोलियों के चमत्कारिक असर की बात कही गई। हर पद्धति में लेखक को असफलता ही मिली।
6. रसगुल्लों की तुलना छायावादी कविताओं से करने का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: लेखक ने रसगुल्लों को छायावादी कविताओं से तुलना की क्योंकि वे दिखने में मोटे और भारी थे, लेकिन अंत में सुखद अनुभव नहीं देते थे। यह साहित्यिक व्यंग्य है, जहाँ छायावादी कविता की सूक्ष्मता और गहराई को रसगुल्ले के स्थूल रूप से जोड़ा गया है।
7. लेखक के बीमार होने पर घर में कैसी स्थिति बनी?
उत्तर: लेखक के बीमार होने पर घर में तरह-तरह के लोग आकर अपने-अपने नुस्खे बताने लगे। किसी ने चूना, किसी ने हींग, तो किसी ने आयुर्वेद और होम्योपैथी की सलाह दी। यह स्थिति हास्यास्पद थी क्योंकि हर किसी का इलाज व्यर्थ साबित हुआ।
8. लेखक ने ओझा और अंधविश्वास पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर: जब लेखक की नानी की मौसी ने चुड़ैल के फसाद का जिक्र किया, तो लेखक ने मजाक में कहा कि अगर चुड़ैल डॉक्टरों से भी ज्यादा ताकतवर है, तो वह क्या कर सकता है। यह टिप्पणी अंधविश्वास और पारंपरिक धारणाओं पर तीखा व्यंग्य है।
9. डॉक्टर की सलाह पर लेखक की पत्नी ने कैसे प्रतिक्रिया दी?
उत्तर: डॉक्टर द्वारा दिए गए महंगे और कठिन उपायों पर लेखक की पत्नी ने कहा कि अगर कल कोई डॉक्टर बाल उखाड़ने या नाक काटने की सलाह देगा तो क्या वह भी मान लेंगे। यह व्यंग्य उन डॉक्टरों पर था जो इलाज के नाम पर असंभव सुझाव देते हैं।
10. पाइरिया और दांत उखाड़ने पर लेखक ने क्या कहा?
उत्तर: डॉक्टर ने लेखक को पाइरिया के इलाज के लिए सारे दांत उखड़वाने की सलाह दी, जो सुनकर लेखक को अधिक परेशानी और सिरदर्द हो गया। इलाज की महंगी कीमत और दर्द को लेकर लेखक ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की।
11. लेखक के अनुसार चिकित्सा पद्धतियों में सबसे अधिक भ्रम क्यों है?
उत्तर: लेखक के अनुसार, चिकित्सा पद्धतियों में भ्रम इसलिए है क्योंकि हर डॉक्टर और वैद्य का इलाज अलग होता है, परंतु किसी का इलाज प्रभावी नहीं होता। अलग-अलग नुस्खों और सलाहों ने लेखक को और भी कन्फ्यूज़ कर दिया।
12. लेखक ने जल-चिकित्सा और होम्योपैथी पर क्या टिप्पणी की?
उत्तर: जल-चिकित्सा और होम्योपैथी को लेखक ने मजाक में लिया, जहाँ एक सज्जन ने गीली मिट्टी से पेट पर लेप करने की सलाह दी। होम्योपैथी की गोलियों को लेखक ने जादू की तरह बताया, जो वास्तव में कोई असर नहीं करती थीं।
13. लेखक ने दंत चिकित्सक की फीस पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर: दंत चिकित्सक द्वारा दांत उखड़वाने और नए दांत लगवाने की महंगी फीस सुनकर लेखक को ऐसा लगा कि पेट के दर्द के साथ अब सिरदर्द भी शुरू हो गया है। इलाज की कीमत ने उसकी परेशानी को और बढ़ा दिया।
14. लेखक ने अंततः बीमारियों और इलाज को लेकर क्या निष्कर्ष निकाला?
उत्तर: लेखक ने व्यंग्यपूर्वक निष्कर्ष निकाला कि सभी चिकित्सा पद्धतियाँ असफल थीं और उन्होंने अपने रोग के कारण और इलाज में कोई विशेष फर्क नहीं देखा। हर पद्धति ने उसे भ्रमित किया और सही समाधान नहीं दिया।
Leave a Reply