Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 8
1. खेमा कसारा के होटल पर क्यों काम करता था?
उत्तर: खेमा के माता-पिता ने गरीबी के कारण उसे कसारा के होटल में काम करने भेज दिया था। उन्होंने अपने बेटे के भरण-पोषण की जिम्मेदारी से मुक्त होने के लिए यह निर्णय लिया।
2. खेमा की उम्र क्या थी और वह कैसा दिखता था?
उत्तर: खेमा लगभग आठ-नौ साल का था, उसका रंग गेहुँआ था और वह साढ़े तीन फुट का था। वह फटे-पुराने कपड़े पहने रहता था।
3. कसारा ने खेमा को चप्पल क्यों नहीं दी?
उत्तर: जब खेमा ने कसारा से चप्पल की माँग की, तो कसारा ने उसे फटकारते हुए उसकी माँग को ठुकरा दिया। कसारा को अपने कर्मचारी की कोई परवाह नहीं थी।
4. खेमा को पैरों पर पानी डालने से तसल्ली क्यों मिलती थी?
उत्तर: नंगे पैर काम करने के कारण गर्मी से खेमा के पैर जलते थे। पैरों पर पानी डालने से उसे कुछ क्षण के लिए राहत मिलती थी।
5. खेमा का काम क्या था?
उत्तर: खेमा गिलास धोता, ग्राहकों को चाय और पानी देता, और उनके आदेश पर बीड़ी-सिगरेट लाने का काम करता था। उसे कसारा के ताने और मार भी झेलनी पड़ती थी।
6. खेमा के चेहरे पर उतार क्यों आता था?
उत्तर: कसारा की बेरुखी और ग्राहकों की गालियों के कारण खेमा हमेशा डरा और सहमा हुआ रहता था। उसकी मुस्कान भी अक्सर छिप जाती थी।
7. खेमा के पिता ने उसे क्यों बेचा था?
उत्तर: गरीबी और बच्चों की भरण-पोषण की जिम्मेदारी से मुक्त होने के लिए खेमा के पिता ने उसे बेच दिया था। वे बेहद गरीब थे और अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर पा रहे थे।
8. खेमा का जीवन कैसा था?
उत्तर: खेमा का जीवन कठिनाई और शोषण से भरा था। उसे बचपन में ही मजदूरी करनी पड़ी और अपने मासूम सपनों को त्यागना पड़ा।
9. लेखक ने खेमा को अपने साथ क्यों ले जाने का फैसला किया?
उत्तर: लेखक ने खेमा की दुर्दशा देखी और उसे बेहतर जीवन देने के लिए अपने साथ ले जाने का निर्णय लिया। उन्होंने खेमा को पढ़ाने और एक अच्छा इंसान बनाने का संकल्प लिया।
10. खेमा के पिता की आँखें क्यों भर आईं जब लेखक ने उसे पढ़ाने की बात कही?
उत्तर: खेमा के पिता अपने बेटे के प्रति प्रेम और उसकी बेहतरी की आशा में भावुक हो गए। गरीबी के कारण उन्हें उसे बेचने का निर्णय लेना पड़ा था।
11. खेमा की मासूमियत कैसे व्यक्त होती है?
उत्तर: खेमा का सवाल, “क्या काम करना पड़ेगा?” उसकी मासूमियत को दर्शाता है। वह बच्चा होते हुए भी जीवन के कठोर संघर्षों से परिचित हो चुका था।
12. खेमा का स्वास्थ्य कैसे प्रभावित हो रहा था?
उत्तर: होटल में काम करते समय खेमा बीमार ग्राहकों के संपर्क में आता था। इससे उसे बीमारियों का खतरा था, लेकिन वह इस सब से बेखबर अपने काम में लगा रहता था।
13. कसारा का खेमा के प्रति व्यवहार कैसा था?
उत्तर: कसारा खेमा के प्रति क्रूर और बेरहम था। वह उसे ताने मारता, फटकारता और कभी-कभी पिटाई भी करता था।
14. लेखक ने खेमा को कैसे बचाया?
उत्तर: लेखक ने खेमा के पिता से बात की और कसारा को पैसे चुकाकर खेमा को अपने साथ ले आया। उन्होंने उसे स्कूल में दाखिल कराने का वादा किया।
15. खेमा को होटल में क्या-क्या काम करना पड़ता था?
उत्तर: खेमा गिलास धोता, चाय परोसता, बीड़ी-सिगरेट लाता और होटल के अन्य काम करता था। उसे बिना किसी आराम के लगातार काम करना पड़ता था।
16. खेमा का सपना क्या था?
उत्तर: खेमा की पढ़ने की इच्छा थी, लेकिन गरीबी और परिस्थिति के कारण वह स्कूल नहीं जा सका। उसके पिता ने उसे मजदूरी के लिए भेज दिया था।
17. लेखक ने खेमा के भविष्य के बारे में क्या सोचा?
उत्तर: लेखक ने सोचा कि अगर खेमा पढ़-लिखकर कुछ बन जाएगा, तो उसे खुशी होगी। लेकिन उन्होंने यह भी सोचा कि देश में ऐसे कितने ही बालक हैं जो शोषण का शिकार हो रहे हैं।
18. खेमा की मासूमियत किन स्थितियों में दिखती है?
उत्तर: जब लेखक ने उसे अपने साथ चलने को कहा, तो खेमा ने मासूमियत से पूछा, “क्या काम करना पड़ेगा?” इससे उसकी मानसिक स्थिति का पता चलता है।
19. कसारा का व्यवहार खेलते बच्चों जैसा क्यों नहीं था?
उत्तर: कसारा ने खेमा को कभी भी खेलने या आराम करने का मौका नहीं दिया। वह उसे लगातार काम में लगाए रखता और उसकी इच्छाओं की उपेक्षा करता था।
20. लेखक ने खेमा के प्रति क्या स्नेह दिखाया?
उत्तर: लेखक ने खेमा को अपनाया, उसकी देखभाल की, और उसे पढ़ाने का निर्णय लिया। उन्होंने उसे बाल मजदूरी के बंधन से मुक्त किया और एक बेहतर भविष्य का रास्ता दिखाया।
Long Questions
1. खेमा बाल मजदूरी क्यों कर रहा था और इसके पीछे क्या कारण थे?
उत्तर: खेमा बाल मजदूरी कर रहा था क्योंकि उसके माता-पिता बहुत गरीब थे और अपने बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे। खेमा भाइयों में सबसे छोटा था और उसे अपने माता-पिता द्वारा मजदूरी के लिए बेचा गया था। यह कहानी बाल मजदूरी की नृशंसता और गरीबी की मार्मिकता को दर्शाती है, जो हजारों बच्चों के जीवन को प्रभावित करती है।
2. कसारा का खेमा के प्रति व्यवहार कैसा था और उसका असर खेमा पर क्या पड़ा?
उत्तर: कसारा ने खेमा के साथ बेहद क्रूर और शोषणकारी व्यवहार किया। वह उसे ताने मारता, काम के दौरान उसे फटकारता और कभी-कभी मार भी देता था। यह शारीरिक और मानसिक शोषण खेमा को भीतर से तोड़ रहा था, लेकिन अपनी मजबूरी और गरीबी के कारण खेमा सब सहता रहा। उसके जीवन में कोई खुशी या राहत नहीं थी, बस काम और कठिनाइयाँ थीं।
3. बाल मजदूरी के कारण खेमा की मासूमियत कैसे खो रही थी?
उत्तर: बाल मजदूरी के कारण खेमा का बचपन छिन गया था। उसकी मासूमियत जीवन की कठिनाइयों में खो गई थी, और उसने बचपन के खेल-कूद या पढ़ाई की जगह जिम्मेदारियों का बोझ उठा लिया था। होटल में काम करते हुए, खेमा बीमारियों के खतरे और शारीरिक थकावट से जूझता रहा। उसकी मासूमियत तब उजागर होती है जब वह लेखक से पूछता है, “क्या काम करना पड़ेगा?” यह दर्शाता है कि वह अपनी उम्र से पहले ही जीवन के संघर्षों में फंस चुका था।
4. लेखक ने खेमा को क्यों बचाने का निर्णय लिया और इसके पीछे उनका क्या उद्देश्य था?
उत्तर: लेखक ने खेमा की कठिनाइयाँ और शोषण देखकर उसे बचाने का निर्णय लिया। उनका उद्देश्य खेमा को एक बेहतर जीवन और शिक्षा देना था ताकि वह अपना भविष्य सुधार सके। लेखक ने सोचा कि अगर खेमा पढ़-लिखकर कुछ बन जाएगा, तो उसे अपने जीवन में सफलता मिल सकती है। यह निर्णय लेखक के सेवा-भाव और बच्चों के प्रति करुणा को दर्शाता है।
5. खेमा के पिता ने उसे बेचा क्यों और उनके मन में क्या भावनाएँ थीं?
उत्तर: खेमा के पिता गरीबी और मजबूरी के कारण अपने बच्चों को बेचने पर मजबूर हो गए थे। जब लेखक ने खेमा को पढ़ाने की बात कही, तो पिता की आँखों में आँसू आ गए। उनके भीतर अपने बेटे के प्रति प्रेम और उसकी भलाई की भावना जाग उठी। लेकिन गरीबी की बेड़ियाँ उन्हें मजबूर कर देती थीं कि वे अपने बच्चों को मजदूरी के लिए भेजें।
6. कसारा के होटल में खेमा का जीवन कैसा था?
उत्तर: कसारा के होटल में खेमा का जीवन कठिन और शोषण से भरा था। उसे दिन-रात काम करना पड़ता था, ग्राहकों की सेवा करनी पड़ती थी और वह कभी-कभी मार भी खाता था। कसारा की बेरहमी और ग्राहकों की गालियों ने उसके मासूम बचपन को छीन लिया था। खेमा के लिए कोई खेल, शिक्षा या आराम नहीं था, बस काम ही उसकी जिंदगी बन गई थी।
7. बाल मजदूरी से बच्चों के जीवन पर क्या असर पड़ता है?
उत्तर: बाल मजदूरी बच्चों से उनका बचपन छीन लेती है। वे खेल-कूद और शिक्षा से वंचित रहते हैं और कम उम्र में ही शारीरिक और मानसिक शोषण का सामना करते हैं। बाल मजदूरी के कारण बच्चे अपनी मासूमियत खो देते हैं और बड़े होते ही समाज में असमानता और गरीबी का चक्र जारी रखते हैं। यह एक गंभीर सामाजिक समस्या है जिसे खत्म करने की जरूरत है।
8. लेखक ने खेमा के भविष्य के बारे में क्या सोचा?
उत्तर: लेखक ने सोचा कि अगर खेमा को शिक्षा मिले और वह पढ़-लिख सके, तो उसका भविष्य उज्जवल हो सकता है। लेखक ने उसकी मासूमियत और कड़ी मेहनत को देखते हुए उसे एक अच्छा इंसान बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने यह भी महसूस किया कि खेमा जैसे अनेक बच्चे बाल मजदूरी का शिकार हो रहे हैं, और उन्हें भी मदद की जरूरत है।
9. कसारा और लेखक के बीच की तुलना कैसे की जा सकती है?
उत्तर: कसारा ने खेमा को सिर्फ एक मजदूर के रूप में देखा और उसके साथ क्रूरता से पेश आया, जबकि लेखक ने उसमें एक इंसान देखा। लेखक ने खेमा की शिक्षा और भलाई की परवाह की, जबकि कसारा केवल उससे काम निकलवाना चाहता था। लेखक ने खेमा के प्रति संवेदनशीलता दिखाई और उसे बाल मजदूरी से बचाने का फैसला किया, जबकि कसारा ने उसे शोषण का शिकार बनाया।
10. बाल मजदूरी की समस्या को खत्म करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
उत्तर: बाल मजदूरी की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार और समाज दोनों को मिलकर काम करना होगा। शिक्षा को अनिवार्य और सुलभ बनाना, गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता देना, और कानूनों को सख्ती से लागू करना जरूरी है। इसके अलावा, लोगों को जागरूक करना और बच्चों के अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाना भी जरूरी है ताकि कोई भी बच्चा अपने बचपन से वंचित न रहे।
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