प्रश्न 1 : संजू कैसी लड़की थी और उसे किस चीज़ का शौक था?
उत्तर: संजू हँसमुख और समझदार लड़की थी। उसे किताबें पढ़ने का शौक था, खासकर कहानी, कविता और कॉमिक्स पढ़ना। उसका घर एक छोटे पुस्तकालय जैसा बन गया था।
प्रश्न 2 : संजू को डायरी लिखने की प्रेरणा किससे मिली?
उत्तर: संजू को डायरी लिखने की प्रेरणा महात्मा गाँधी की पुस्तक “सत्य के प्रयोग” पढ़ने से मिली। इसके बाद उसकी माँ और दीदी ने उसे डायरी लिखने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रश्न 3: संजू ने अपनी दीदी से डायरी के बारे में क्या सीखा?
उत्तर: संजू की दीदी ने उसे बताया कि डायरी लिखना मुश्किल नहीं है। बस, दिनभर की घटनाओं को रात में याद करके वैसा ही लिखना होता है और इसे रोज़ाना जारी रखना ज़रूरी है।
प्रश्न 4 : संजू की दीदी की डायरी में 1 जनवरी का उल्लेख क्या था?
उत्तर: 1 जनवरी की डायरी में दीदी ने कॉलेज के कारीगरों का जिक्र किया, जो पत्थरों पर फूल-पत्तियाँ उकेर रहे थे। उन्हें छोटी छेनी से पत्थरों पर बारीक नक्काशी करते देखा।
प्रश्न 5 : संजू की दीदी ने 2 जनवरी की डायरी में क्या मजेदार बात लिखी?
उत्तर: 2 जनवरी की डायरी में दीदी ने एक चुटकुले का जिक्र किया, जिसमें भैंस का एक आँख से अंधा होने के बावजूद उसके ऊँचे दाम की बात हुई थी। इस चुटकुले ने दीदी को खूब हँसाया।
प्रश्न 6 : 3 जनवरी की पिकनिक का वर्णन संजू की दीदी ने कैसे किया?
उत्तर: 3 जनवरी की पिकनिक में दीदी ने दोस्तों के साथ हरे-भरे सरोवर और झूलों का आनंद लिया। बाद में उन्होंने जादू के खेल दिखाए और सबने गाने और नृत्य का मज़ा लिया।
प्रश्न 7 : दीदी को कौन सी पुस्तक बेहद पसंद आई?
उत्तर: दीदी को “तोतो-चान” नाम की जापानी लड़की की कहानी बहुत पसंद आई, जिसमें एक अनोखे स्कूल का वर्णन था जो रेल के डिब्बों में चलता था। इस किताब ने दीदी को पढ़ने की आज़ादी के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया।
प्रश्न 8 : दीदी ने 5 जनवरी की डायरी में नीलू के बारे में क्या लिखा?
उत्तर: दीदी ने 5 जनवरी की डायरी में लिखा कि उसकी सहेली नीलू पढ़ाई छोड़ने वाली है क्योंकि उसके घरवाले उसकी शादी करवा रहे हैं। नीलू बहुत दुखी थी क्योंकि वह पढ़ाई जारी रखना चाहती थी।
प्रश्न 9 : 6 जनवरी की डायरी में दीदी ने किस बात से डर महसूस किया?
उत्तर: 6 जनवरी की डायरी में दीदी ने एक अपशकुन का ज़िक्र किया। उसने सोचा कि स्कूल न जाए क्योंकि उसे रास्ते में छींक सुनाई दी थी, लेकिन उसने हिम्मत की और अंत में पुरस्कार भी जीता।
प्रश्न 10 : दीदी ने 7 जनवरी को क्या अनुभव किया?
उत्तर: 7 जनवरी की डायरी में दीदी ने लिखा कि उसे किसी काम में मन नहीं लगा। वह सोचती रही कि लड़कियों को ही हमेशा क्यों डाँटा जाता है और ऐसा भेदभाव क्यों होता है।
प्रश्न 11 : दीदी के अनुसार, डायरी लिखने का क्या महत्त्व है?
उत्तर: दीदी के अनुसार, डायरी लिखना दिनभर की घटनाओं को संजोने का एक तरीका है। यह हमारे विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का जरिया है और आत्म-विश्लेषण में मदद करता है।
प्रश्न 12 : संजू को गाँधीजी के ‘सत्य के प्रयोग’ क्यों पसंद आए?
उत्तर: संजू को गाँधीजी के ‘सत्य के प्रयोग’ पसंद आए क्योंकि उनमें गाँधीजी के सच्चाई से जुड़े अनुभव और प्रयोग थे। इनसे प्रेरित होकर संजू ने भी डायरी लिखने का निश्चय किया।
प्रश्न 13 : संजू की माँ को कौन सी बीमारी हुई थी और किसने खाना बनाया?
उत्तर: संजू की माँ को मलेरिया हो गया था, इसलिए उसके भाई ने खाना बनाया। हालाँकि, सब्जी में नमक नहीं था, लेकिन संजू ने माँ से कहा कि सब्जी बहुत स्वादिष्ट बनी है।
प्रश्न 14 : दीदी ने नीलू के साथ हो रही अन्यायपूर्ण स्थिति के बारे में क्या सोचा?
उत्तर: दीदी को नीलू की शादी के फैसले पर गुस्सा आया क्योंकि नीलू पढ़ना चाहती थी, लेकिन उसके घरवाले उसकी बात नहीं सुनते थे। दीदी ने सोचा कि लड़कियों को भी पढ़ने का पूरा अवसर मिलना चाहिए।
प्रश्न 15 : दीदी ने अपने जादू के खेल में कौन सी तरकीब दिखाई?
उत्तर: पिकनिक में दीदी ने जादू का खेल दिखाया जिसमें उसने लोगों को उनकी पसंद की फल या मिठाई की खुशबू सुँघाई और चखाई। इस खेल ने सभी को बहुत आनंद दिया।
Long Questions
प्रश्न 1 : संजू ने अपनी दीदी की डायरी से क्या प्रेरणा ली, और उसकी शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर: संजू को गाँधीजी की ‘सत्य के प्रयोग’ से प्रेरणा मिली और उसने भी डायरी लिखने का निश्चय किया। उसकी माँ और दीदी ने उसे प्रोत्साहित किया। दीदी ने उसे बताया कि डायरी लिखना आसान है, बस रोज़ की घटनाओं को ध्यान में रखकर लिखना होता है। संजू ने दीदी की डायरी के कुछ पृष्ठ पढ़कर डायरी लेखन शुरू किया।
प्रश्न 2 : दीदी की 3 जनवरी की पिकनिक का अनुभव कैसा था?
उत्तर: दीदी ने 3 जनवरी को पिकनिक का वर्णन किया, जहाँ वह अपनी दोस्तों के साथ गई थी। उन्होंने झूले झूले, मछलियाँ देखीं, और बाद में मैदान में बैठकर गाने और नाचने का आनंद लिया। दीदी ने जादू के खेल दिखाए और सबको अपनी जादू की तरकीबों से मंत्रमुग्ध कर दिया। यह दिन उसके लिए यादगार बन गया।
प्रश्न 3 : नीलू के जीवन में क्या बदलाव आने वाला था, और दीदी इस पर क्या सोचती थी?
उत्तर: दीदी की सहेली नीलू, जो पढ़ाई में बहुत अच्छी थी, उसकी शादी होने वाली थी और उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी। नीलू का गाँव भी जल्द ही छूटने वाला था। दीदी ने सोचा कि यह अन्याय है कि लड़कियों को उनकी शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। वह सोचती थी कि हर लड़की को पढ़ने का पूरा अवसर मिलना चाहिए।
प्रश्न 4 : दीदी ने 6 जनवरी को स्कूल जाने से पहले अपशकुन को कैसे टाल दिया?
उत्तर: 6 जनवरी को दीदी को रास्ते में छींक सुनाई दी और उसकी दादी ने इसे अपशकुन बताया। दीदी थोड़ी घबराई लेकिन उसे याद आया कि उसे कक्षा में अभिनय करना था। उसने हिम्मत करके स्कूल जाने का निश्चय किया और वहाँ उसकी प्रस्तुति की खूब सराहना हुई। उसने आगे से अपशकुनों पर ध्यान न देने का फैसला किया।
प्रश्न 5 : दीदी को ‘तोतो-चान’ नामक पुस्तक क्यों पसंद आई?
उत्तर: दीदी को ‘तोतो-चान’ नामक पुस्तक बहुत पसंद आई क्योंकि यह एक अनोखी जापानी लड़की की कहानी थी, जो एक रेलगाड़ी के डिब्बों में बने स्कूल में पढ़ती थी। वहाँ के नियम बहुत अलग थे, जहाँ बच्चों को अपनी मर्जी से पढ़ने की आज़ादी थी। दीदी ने सोचा कि काश हमारे स्कूल भी ऐसे होते।
प्रश्न 6 : दीदी ने नीलू की शादी और उसकी शिक्षा के प्रति क्या भावनाएँ व्यक्त कीं?
उत्तर: दीदी ने नीलू की शादी को अन्यायपूर्ण बताया क्योंकि नीलू पढ़ाई में बहुत होशियार थी और पढ़ाई जारी रखना चाहती थी। दीदी को गुस्सा आता था कि समाज में लड़कियों की इच्छाओं का गला घोंटा जा रहा है। वह सोचती थी कि लड़कियों को भी शिक्षा के अवसर दिए जाने चाहिए।
प्रश्न 7 : दीदी ने अपशकुनों और शगुन-अपशगुनों पर अपनी सोच कैसे बदल ली?
उत्तर: दीदी ने 6 जनवरी को स्कूल जाते समय अपशकुन को लेकर चिंता की, लेकिन अंत में जब उसका अभिनय अच्छा हुआ और उसे पुरस्कार मिला, तो उसकी सोच बदल गई। उसने निश्चय किया कि वह भविष्य में ऐसे शगुन-अपशगुनों पर ध्यान नहीं देगी और अपने काम पर विश्वास रखेगी।
प्रश्न 8 : दीदी की 5 जनवरी की डायरी में नीलू के जीवन में क्या संघर्ष था?
उत्तर: 5 जनवरी की डायरी में दीदी ने नीलू के संघर्ष को दर्शाया, जो अपनी शादी के कारण पढ़ाई छोड़ रही थी। नीलू पढ़ना चाहती थी, लेकिन उसकी इच्छा की कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। दीदी को इस पर बहुत दुख हुआ और उसने सोचा कि लड़कियों को पढ़ाई के अवसर से वंचित करना गलत है।
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