समतल और ठोस आकृतियाँ
- समतल आकृतियाँ: दो मापों (लंबाई और चौड़ाई) से बनती हैं, जैसे त्रिभुज, चतुर्भुज, वृत्त।
- ठोस आकृतियाँ: तीन मापों (लंबाई, चौड़ाई, ऊँचाई) से बनती हैं, जैसे घन, बेलन, शंकु। इन्हें त्रिविमीय आकृतियाँ भी कहते हैं।
त्रिविमीय आकृतियों के विभिन्न दृष्टिकोण
- ठोस आकृतियाँ विभिन्न दृष्टियों (सामने, ऊपर, पार्श्व) से अलग-अलग दिखती हैं। उदाहरण:
- ईंट, गिलास, कार, और झोंपड़ी के अलग-अलग दृश्यों को विभिन्न कोणों से देखा जा सकता है।
- यह समझने के लिए माचिस के डिब्बे का उदाहरण दिया गया है, जो अलग-अलग सतहों पर अलग-अलग आकार में दिखता है।
अलग-अलग दृष्टियों के उदाहरण
- किसी वस्तु का सामने, ऊपर, और पार्श्व दृश्य बनाकर यह समझ सकते हैं कि ठोस आकृतियाँ किस तरह से विभिन्न दिशाओं से दिखाई देंगी।
- उदाहरण के लिए, ईंट, गिलास, और घन के विभिन्न दृष्टि से चित्र दिखाए गए हैं।
छुटकी की यात्रा और नक्शे का परिचय
- एक कहानी के माध्यम से नक्शे के उपयोग का परिचय दिया गया है। छुटकी की यात्रा से समझाया गया कि कैसे दिशा निर्देशों के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान का रास्ता तय किया जाता है।
- नक्शे में विभिन्न स्थानों को संक्षेप में दर्शाने के लिए संकेतों का उपयोग किया गया है, जैसे पेड़, तालाब, और नदी को विभिन्न चिह्नों द्वारा दर्शाना।
पैमाना और नक्शा
- नक्शा एक बड़े क्षेत्र का लघु चित्रण है, जिसमें पैमाने का उपयोग करके वास्तविक आकार का अनुपात दर्शाया जाता है।
- उदाहरण: गीता ने अपने स्कूल का नक्शा बनाने में माचिस की तीलियों का उपयोग किया, जहाँ एक तीली = तीन कदम का पैमाना चुना गया।
नक्शा और चित्र का अंतर
- चित्र में देखने वाले के अनुसार वस्तु का रूप बदल सकता है, जबकि नक्शा पैमाने के आधार पर एक समान होता है और वस्तु की सटीक जानकारी देता है।
- नक्शा बनाते समय पैमाने, संकेतों और सही दिशा का ध्यान रखना आवश्यक है।
ठोस आकृतियों के फलक, किनारे और शीर्ष
- त्रिविमीय आकृतियों में विभिन्न तत्व होते हैं:
- फलक: ठोस आकृति का सपाट भाग।
- किनारा: दो फलकों के मिलने की रेखा।
- शीर्ष: जहाँ किनारे मिलते हैं।
- उदाहरण: घन, पिरामिड, बेलन आदि में फलक, किनारे और शीर्ष को पहचानना।
प्रिज्म और पिरामिड
- प्रिज्म: आधार और ऊपरी सिरा समान आकार के बहुभुज होते हैं, और पार्श्व फलक समांतर चतुर्भुज होते हैं।
- पिरामिड: इसका आधार एक बहुभुज होता है, और सभी पार्श्व फलक त्रिभुज के आकार में एक शीर्ष पर मिलते हैं।
ऑयलर सूत्र
- ठोस आकृतियों के लिए ऑयलर सूत्र:
(जहाँ V= शीर्षों की संख्या, E= किनारों की संख्या, F= फलकों की संख्या)
- यह सूत्र सभी बहुफलकों के लिए सत्य है और ठोस आकृतियों की गणना में सहायक होता है।
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