बाजार श्रृंखला खरीदने और बेचने की कड़ियाँ
Short Questions (with Answers)
1. मखाना उत्पादन में बिहार का योगदान कितना प्रतिशत है?
- 85 प्रतिशत
2. हाबी भौआर गाँव किस जिले में स्थित है?
- दरभंगा
3. सलमा को सहकारी समिति से तालाब क्यों नहीं मिला?
- पूंजी की कमी के कारण
4. मखाना की खेती में साल में कितने महीने मेहनत करनी पड़ती है?
- लगभग चार महीने
5. तालाब का किराया देने के लिए सलमा ने किससे कर्ज लिया?
- अपने रिश्तेदारों से
6. मखाना का ‘लावा’ बनाने के लिए किस वस्तु का उपयोग किया जाता है?
- बालू
7. मखाना का मुख्य खरीदार कौन होता है?
- स्थानीय आढ़तिया
8. दरभंगा और पटना में मखाना किस दर पर मिलता है?
- 400 रुपये प्रति किलो
9. तालाब से मखाना की गुड़ियाँ निकालने का कार्य कौन करता है?
- मछुआरे
10. गुड़ी निकालने का काम साल में कितने दिन मिलता है?
- कुछ ही दिनों के लिए
11. मखाना के उत्पादन में सलमा ने कुल कितने खर्च किए?
- 45,000 रुपये
12. मखाना की खेती से सलमा को कितनी आय हुई?
- 20,000 रुपये
13. किस प्रकार के व्यवसायी मखाना खरीदकर अन्य शहरों में बेचते हैं?
- थोक व्यवसायी
14. मखाना को तैयार करने के बाद उसकी कीमत में वृद्धि होती है या नहीं?
- नहीं
15. गुड़ी से मखाना बनाने के लिए कितनी मात्रा में गुड़ी का उपयोग होता है?
- 2.5 किलो गुड़ी से 1 किलो मखाना
16. किस प्रकार की दुकानों में मखाना उच्च कीमत पर बिकता है?
- बड़े एवं आधुनिक दुकानों में
17. मखाना उत्पादन के बाद किस प्रकार की समस्याओं का सामना किसानों को करना पड़ता है?
- उचित लाभ न मिलना
18. मखाना को खाड़ी देशों में किस अवसर पर निर्यात किया जाता है?
- ईद के अवसर पर
19. मखाना की खेती में मुख्य रूप से किस समुदाय के लोग जुड़े होते हैं?
- मछुआरा समुदाय
20. मखाना की लावा बनाने की प्रक्रिया में क्या-क्या शामिल होता है?
- बालू में भूनना और लकड़ी के हथौड़े से पीटना
Medium Questions (with Answers)
1. मखाना की खेती के लिए सलमा ने तालाब कैसे लिया और क्यों उसे सहकारी समिति का तालाब नहीं मिला?
- सलमा ने राज किशोर का तालाब किराये पर लिया क्योंकि सहकारी समिति का बड़ा तालाब लेने के लिए उसके पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी।
2. मखाना का ‘लावा’ बनाने की प्रक्रिया क्या है?
- बालू में गुड़ियों को भूनने के बाद हथौड़े से पीटा जाता है जिससे मखाना का लावा बनता है।
3. सलमा के मखाना उत्पादन में घाटा होने का क्या मुख्य कारण था?
- उत्पादन की लागत अधिक थी और बाजार में मखाने का मूल्य कम था।
4. मखाना उत्पादन करने वाले किसान अपनी फसल स्वयं क्यों नहीं बेचते?
- उनके पास भंडारण की सुविधा और बाजार में सीधी पहुंच नहीं होती, इसलिए वे आढ़तिया पर निर्भर होते हैं।
5. मखाना की खेती में मजदूरों की भूमिका क्या होती है?
- तालाब से गुड़ियाँ निकालने का कठिन कार्य करते हैं, जिसमें समय और मेहनत लगती है।
6. बड़े आढ़तिया और छोटे किसानों के बीच संबंध कैसा होता है?
- आढ़तिया किसानों से फसल खरीदते हैं और मुनाफा कमाते हैं, जबकि किसान को कम लाभ मिलता है।
7. मखाना की खेती में मछुआरा समुदाय का क्या महत्व है?
- मछुआरा समुदाय मखाना उत्पादन और लावा बनाने में विशेष कुशल होता है, जिसके बिना मखाना उत्पादन कठिन होता है।
8. मखाना का मूल्य बढ़ाने में किस प्रकार की बाधाएँ आती हैं?
- थोक और खुदरा व्यापारी लाभ में हिस्सेदारी करते हैं, जिससे किसानों को कम मूल्य मिलता है।
9. सलमा के लिए मखाना की खेती में आर्थिक संघर्ष का क्या कारण था?
- सलमा को कर्ज चुकाने और तालाब का किराया देने के लिए उचित मूल्य नहीं मिला, जिससे आर्थिक संघर्ष हुआ।
10. मखाना का थोक विक्रेता और खुदरा व्यापारी का लाभ प्रतिशत कितना होता है?
- वे 40 रुपये प्रति किलो का लाभ कमाते हैं।
11. मखाना उत्पादन से सलमा को प्राप्त 5,000 रुपये को उचित मुनाफा क्यों नहीं माना जा सकता?
- लागत और मेहनत के मुकाबले यह बहुत कम था, जिससे यह मुनाफा संतोषजनक नहीं था।
12. मखाना का निर्यात किन देशों में होता है और इसका महत्व क्या है?
- मखाना खाड़ी देशों में निर्यात होता है, खासकर त्योहारों पर इसकी मांग रहती है।
13. मखाना के उत्पादन में आढ़तिया किस तरह लाभ कमाता है?
- वह थोक विक्रेताओं को मखाना बेचकर कमीशन पाता है और किसानों से सस्ते में खरीदता है।
14. मखाना उत्पादन में मछुआरों के पारंपरिक ज्ञान का क्या महत्व है?
- मछुआरे तालाब में गुड़ी निकालने और लावा बनाने में विशेष दक्ष होते हैं, जिससे उत्पादन बेहतर होता है।
15. मखाना का मूल्य निर्धारण कैसे होता है और इसमें कौन-कौन से चरण शामिल हैं?
- मूल्य निर्धारण में आढ़तिया, थोक और खुदरा विक्रेता की भूमिका होती है, जो मुनाफे में हिस्सेदारी करते हैं।
Long Questions (with Answers)
1. मखाना उत्पादन में किसान, आढ़तिया, थोक विक्रेता, और खुदरा विक्रेता की भूमिकाओं का विस्तार से वर्णन करें।
- किसान मखाना का उत्पादन करते हैं, आढ़तिया उनसे मखाना खरीदकर थोक विक्रेता को बेचता है। थोक विक्रेता मखाना को खुदरा विक्रेता तक पहुंचाता है, जो इसे अंततः ग्राहकों को बेचता है।
2. मखाना की लावा बनाने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाएँ और उसमें आने वाली कठिनाइयों का वर्णन करें।
- गुड़ी को बालू में भूनने के बाद पीटकर लावा बनता है। यह कठिन और समय लेने वाला कार्य है, जिसमें कई मजदूरों की आवश्यकता होती है।
3. मखाना उत्पादक किसानों को उचित लाभ क्यों नहीं मिल पाता? इसका उदाहरण देकर समझाएँ।
- बाजार की कड़ियों में व्यापारी लाभ कमा लेते हैं, जबकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल पाता, जैसा कि सलमा के मामले में देखा गया।
4. मखाना की बाजार श्रृंखला में विभिन्न कड़ियों के बीच संबंधों का विश्लेषण करें।
- मखाना उत्पादन में किसान, आढ़तिया, थोक और खुदरा विक्रेता आपस में जुड़े होते हैं, लेकिन लाभ की असमानता रहती है जिसमें किसानों को कम लाभ मिलता है।
5. मखाना उत्पादन में प्राकृतिक और आर्थिक चुनौतियाँ कौन-कौन सी हैं? सलमा के उदाहरण से समझाएँ।
- बाढ़ जैसी प्राकृतिक घटनाएँ उत्पादन को प्रभावित करती हैं, और बाजार में उचित मूल्य न मिलने से आर्थिक चुनौतियाँ बढ़ती हैं।
6. मखाना की खेती में सहकारी समिति का क्या महत्व हो सकता है? विस्तार से बताइए।
- सहकारी समितियाँ छोटे किसानों को बड़े तालाब उपलब्ध करवा सकती हैं, जिससे उनकी निर्भरता कम होती है और वे अधिक लाभ कमा सकते हैं।
7. मखाना उत्पादन से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
- सरकारी समर्थन, सहकारी समितियाँ और बाजार मूल्य में स्थिरता से किसानों की समस्याएँ हल हो सकती हैं।
8. मखाना के निर्यात की संभावनाओं पर विचार करें और इसका भारतीय किसानों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
- निर्यात से मखाना की माँग बढ़ सकती है, जिससे किसानों को अधिक आय मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
9. मखाना उत्पादक किसान और व्यापारियों के बीच आर्थिक असमानता के क्या कारण हैं?
- किसान उत्पादन करते हैं, लेकिन थोक और खुदरा व्यापारी अधिक मुनाफा कमाते हैं, जिससे असमानता बढ़ती है।
10. मखाना उद्योग को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए सरकार और स्थानीय संस्थानों की क्या भूमिका हो सकती है?
- सरकार और संस्थान किसानों को बाजार तक सीधी पहुँच, उचित मूल्य और सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन देकर इसे लाभकारी बना सकते हैं।
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