Short Questions (with Answers)
1. ध्यानचंद का जन्म कब हुआ?
उत्तर: सन् 1904 में।
2. ध्यानचंद को कौन सा खेल पसंद था?
उत्तर: हॉकी।
3. ध्यानचंद को किस नाम से पुकारा जाता था?
उत्तर: हॉकी का जादूगर।
4. ध्यानचंद ने बर्लिन ओलंपिक में कौन सा पदक जीता?
उत्तर: स्वर्ण पदक।
5. ध्यानचंद किस टीम के कप्तान बने?
उत्तर: बर्लिन ओलंपिक की भारतीय हॉकी टीम के।
6. ध्यानचंद ने बदला किस तरह लिया?
उत्तर: छह गोल करके।
7. ध्यानचंद ने सफलता का राज क्या बताया?
उत्तर: लगन, साधना, और खेल भावना।
8. ध्यानचंद की शुरुआत कहाँ से हुई?
उत्तर: फर्स्ट ब्राह्मण रेजिमेंट से।
9. खेल के दौरान ध्यानचंद को चोट कैसे लगी?
उत्तर: दूसरे खिलाड़ी ने हॉकी से मारा।
10. ध्यानचंद ने बदला लेने के बाद खिलाड़ी से क्या कहा?
उत्तर: खेल में गुस्सा करना ठीक नहीं।
Medium Questions (with Answers)
1. ध्यानचंद ने बर्लिन ओलंपिक में कप्तान रहते हुए क्या किया?
उत्तर: उन्होंने टीम को स्वर्ण पदक दिलाया और अपनी खेल भावना से सबका दिल जीता।
2. ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर क्यों कहा गया?
उत्तर: उनके अद्भुत खेल कौशल और टीम के लिए समर्पण के कारण।
3. ध्यानचंद ने अपने साथी खिलाड़ियों को गोल करने के लिए प्रोत्साहित क्यों किया?
उत्तर: क्योंकि वे टीम भावना को बढ़ावा देना चाहते थे।
4. ध्यानचंद ने हॉकी खेलना कैसे शुरू किया?
उत्तर: सूबेदार मेजर तिवारी के कहने पर।
5. खेल के दौरान गुस्सा करना ध्यानचंद को क्यों गलत लगा?
उत्तर: क्योंकि यह खेल भावना के खिलाफ है और नुकसानदायक हो सकता है।
6. ध्यानचंद ने चोट लगने के बाद क्या किया?
उत्तर: पट्टी बांधकर मैदान में लौटे और छह गोल किए।
7. ध्यानचंद का जीवन हमें क्या सिखाता है?
उत्तर: लगन, मेहनत, और टीम भावना से सफलता मिलती है।
8. ध्यानचंद ने अपने बदले की क्या परिभाषा दी?
उत्तर: गुस्से से नहीं, बल्कि अपने खेल से जवाब दिया।
9. खेल भावना का ध्यानचंद के जीवन में क्या महत्व था?
उत्तर: यह उनकी सफलता का मुख्य आधार थी।
10. ध्यानचंद की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या थी?
उत्तर: बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक दिलाना।
Long Questions (with Answers)
1. ध्यानचंद के जीवन की कहानी से आप क्या सीखते हैं?
उत्तर: ध्यानचंद के जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि लगन और मेहनत से हर मंजिल हासिल की जा सकती है। उनकी टीम भावना और संयम ने उन्हें “हॉकी का जादूगर” बनाया।
2. ध्यानचंद ने अपने खेल जीवन में कौन-कौन सी महत्वपूर्ण बातें अपनाईं?
उत्तर: ध्यानचंद ने मेहनत, लगन, और खेल भावना को अपनाया। वे हमेशा टीम की सफलता को प्राथमिकता देते थे और अपने कौशल से दुनिया का दिल जीता।
3. खेल में गुस्से का क्या प्रभाव पड़ता है, इसे ध्यानचंद की घटना से स्पष्ट करें।
उत्तर: गुस्सा खेल भावना को नष्ट कर देता है। ध्यानचंद ने यह दिखाया कि गुस्से से नहीं, बल्कि खेल कौशल से जीतना सही तरीका है। उन्होंने गुस्से में खेलने वाले खिलाड़ी को छह गोल करके सिखाया।
4. ध्यानचंद को “हॉकी का जादूगर” कहने के पीछे क्या कारण थे?
उत्तर: ध्यानचंद ने हॉकी के खेल में अद्भुत प्रदर्शन किया। उनका हर खेल रणनीतिक होता था, और उन्होंने अपने खेल कौशल से भारत को गौरवान्वित किया।
5. ध्यानचंद के बदले लेने के तरीके से उनकी सोच का कौन सा पहलू सामने आता है?
उत्तर: ध्यानचंद का बदला लेने का तरीका उनकी सकारात्मक सोच और खेल भावना को दिखाता है। उन्होंने यह सिखाया कि बुराई का जवाब खेल में अच्छा प्रदर्शन करके दिया जाना चाहिए।
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