Short Questions (with Answers)
1. हुएनत्सांग भारत क्यों आना चाहते थे?
- बुद्ध की जन्मभूमि की तीर्थ यात्रा के लिए।
2. हुएनत्सांग के सपने में कौन-सा पर्वत आया?
- सुमेरु पर्वत।
3. हुएनत्सांग किस देश के थे?
- चीन।
4. हुएनत्सांग का यात्रा में मुख्य उद्देश्य क्या था?
- बौद्ध धर्म का अध्ययन।
5. चीन छोड़ने के लिए कौन हुएनत्सांग की मदद करता है?
- एक भिक्षु और उसके दो शिष्य।
6. हुएनत्सांग दिन में क्या करते थे?
- छिपे रहते थे।
7. भारत आने के लिए हुएनत्सांग ने कौन सा मार्ग चुना?
- पश्चिमी मार्ग।
8. नालंदा के मठ में कितने बड़े कक्ष थे?
- आठ बड़े कक्ष।
9. हुएनत्सांग ने नालंदा में कितने वर्षों तक अध्ययन किया?
- कई वर्षों तक।
10. नालंदा के मठ का राजा क्या सम्मान करता था?
- पुजारियों का।
11. हुएनत्सांग किसके साथ नालंदा में अध्ययन करना चाहते थे?
- शीलभद्र के साथ।
12. नालंदा मठ की सुंदरता का वर्णन कैसे किया गया है?
- बहुत रमणीय।
13. नालंदा में हुएनत्सांग ने किस-किस का अध्ययन किया?
- बौद्ध और ब्राह्मण ग्रंथों का।
14. हुएनत्सांग को नालंदा में कौन सी भाषा सिखाई गई?
- संस्कृत भाषा।
15. नालंदा मठ का वातावरण कैसा था?
- शांत और अध्ययनशील।
Medium Questions (with Answers)
1. हुएनत्सांग के सपने का विवरण दीजिए।
- सपने में हुएनत्सांग ने सुमेरु पर्वत को देखा जो सोना, चांदी, और रत्नों से बना था। उन्हें कमल पर चलते हुए उस पर्वत पर पहुंचने का अनुभव हुआ, जो उन्होंने शुभ शगुन माना।
2. हुएनत्सांग की यात्रा में आने वाली कठिनाइयाँ क्या थीं?
- उन्हें नदियों, रेगिस्तान, और सिग्नल टावरों के पहरेदारों की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। रास्ते में पानी और भोजन की कमी भी एक बड़ी समस्या थी।
3. हुएनत्सांग ने भारत जाने का दृढ़ निश्चय कैसे किया?
- बुद्ध की भूमि के प्रति गहरी आस्था के कारण उन्होंने शपथ ली कि वे किसी भी कठिनाई के बावजूद चीन वापस नहीं लौटेंगे।
4. नालंदा मठ की विशेषताएँ क्या थीं?
- नालंदा मठ में आठ बड़े कक्ष, चार मंजिले भवन और सुंदर तालाब थे। चारों ओर पेड़-पौधे और खुबसूरत इमारतें थीं, जिनकी रचना अत्यंत कलात्मक थी।
5. हुएनत्सांग की नालंदा में क्या इच्छा थी?
- वे शीलभद्र से योगशास्त्र की शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे और बौद्ध धर्म की गहराई को समझना चाहते थे।
6. हुएनत्सांग के नालंदा मठ में प्रवेश के नियम क्या थे?
- प्रवेश से पहले द्वारपाल उनसे कई प्रश्न पूछते थे और केवल योग्य विद्यार्थियों को ही प्रवेश मिलता था।
7. हुएनत्सांग ने नालंदा में क्या-क्या सीखा?
- उन्होंने संस्कृत भाषा, बौद्ध ग्रंथ और दर्शन का गहन अध्ययन किया। उन्होंने विद्वानों के साथ शास्त्रार्थ भी किया।
8. हुएनत्सांग को शीलभद्र ने क्या भविष्यवाणी बताई?
- शीलभद्र ने कहा कि देवों ने उन्हें बताया था कि चीन से एक भिक्षु आएगा जो उनका शिष्य बनेगा और इसलिए उन्हें जीवित रहना चाहिए।
9. नालंदा मठ के विद्यार्थियों का दिनचर्या कैसी थी?
- विद्यार्थी सुबह से शाम तक पढ़ाई और अध्यापन करते थे। वहाँ का नियम बहुत कठोर था और हर कोई उसे मानता था।
10. हुएनत्सांग के सपने ने उनकी यात्रा को कैसे प्रभावित किया?
- सुमेरु पर्वत का सपना उनके लिए शुभ संकेत बना, जिससे उन्हें भारत यात्रा की प्रेरणा मिली।
Long Questions (with Answers)
1. हुएनत्सांग की भारत यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था और इसके लिए उन्होंने कौन सी तैयारियाँ कीं?
- हुएनत्सांग का मुख्य उद्देश्य बौद्ध धर्म का गहन अध्ययन करना और बुद्ध की जन्मभूमि की तीर्थ यात्रा करना था। उन्होंने यात्रा में मदद के लिए एक भिक्षु के शिष्यों की सहायता ली और दिन में छिपकर रात में यात्रा करने का संकल्प किया।
2. हुएनत्सांग की यात्रा में आने वाली चुनौतियों का वर्णन कीजिए।
- उनकी यात्रा में नदियाँ, रेगिस्तान, सिग्नल टावर, और पहरेदारों की चुनौतियाँ थीं। अनाज और पानी की कमी के साथ रेतीले तूफानों का भी खतरा था, लेकिन फिर भी वे दृढ़ संकल्पित थे।
3. हुएनत्सांग और शीलभद्र का मिलन किस प्रकार हुआ?
- नालंदा के भिक्षुओं ने हुएनत्सांग की यात्रा के बारे में सुनकर उन्हें बुलाया। शीलभद्र से मिले समय हुएनत्सांग ने विनम्रता से घुटनों पर बैठकर उनके चरण स्पर्श किए और शिष्य बनने की प्रार्थना की।
4. हुएनत्सांग ने नालंदा मठ का वर्णन किस प्रकार किया है?
- उन्होंने नालंदा मठ को चारों ओर से सुंदर दीवारों से घिरा और कलात्मक कक्षों से सुसज्जित बताया। तालाबों में नीलकमल और कनेर के फूल खिले थे और आम की भीनी-भीनी खुशबू वातावरण को और भी रमणीय बनाती थी।
5. हुएनत्सांग के अनुसार नालंदा के अध्ययन नियम कैसे थे?
- नालंदा में सभी भिक्षु अध्ययन-अध्यापन में व्यस्त रहते थे। नियमों का पालन सख्ती से होता था और प्रवेश के लिए कई प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य था। बिना योग्यता के किसी को प्रवेश नहीं मिलता था।
6. हुएनत्सांग ने नालंदा में अध्ययन के दौरान कौन-कौन से ग्रंथों का अध्ययन किया?
- उन्होंने बौद्ध और ब्राह्मण ग्रंथों का अध्ययन किया। इसके साथ ही उन्होंने संस्कृत भाषा, योगशास्त्र, और दर्शन का भी गहन अध्ययन किया और विद्वानों से वार्तालाप किया।
7. हुएनत्सांग ने भारत में धार्मिक जीवन को कैसे देखा?
- उन्होंने भारत के धार्मिक जीवन को श्रद्धा और आस्था से भरा पाया। लोगों की भक्ति और ब्राह्मण परिवारों के प्रति सम्मान देखकर वे बहुत प्रभावित हुए।
8. हुएनत्सांग ने बौद्ध धर्म के प्रति नालंदा के योगदान को कैसे वर्णित किया?
- उन्होंने लिखा कि नालंदा के भिक्षु विद्वान और कुशल थे। वहाँ अध्ययन का माहौल था और सभी धर्मग्रंथों का अध्ययन किया जाता था। नालंदा ने बौद्ध धर्म के सिद्धांतों और दर्शन को समृद्ध बनाने में योगदान दिया।
9. हुएनत्सांग का सपनों में देखे गए पर्वत और उनकी यात्रा का क्या संबंध था?
- सपने में देखे गए सुमेरु पर्वत को हुएनत्सांग ने शुभ संकेत माना। यह उनके मन में भारत यात्रा की प्रेरणा का कारण बना और बुद्ध की जन्मभूमि के प्रति उनके संकल्प को मजबूत किया।
10. हुएनत्सांग की यात्रा और नालंदा में बिताए समय से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
- हमें उनकी यात्रा से दृढ़ संकल्प, विद्या के प्रति समर्पण, और धार्मिक आस्था का महत्व समझ में आता है। उनकी लगन और नालंदा के विद्वानों के अनुशासन से हम शिक्षा के प्रति उनकी निष्ठा को देख सकते हैं।
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