Short Questions (with Answers)
1. मोहन के पेट में किस तरह का दर्द हो रहा था?
- मोहन को ‘ऐसे-ऐसे’ जैसा अजीब दर्द हो रहा था, जिसे वह ठीक से समझा नहीं पा रहा था।
2. मोहन के माता-पिता उसके दर्द के बारे में क्या सोचते हैं?
- माता-पिता चिंतित थे और उसे राहत देने के लिए घरेलू उपाय कर रहे थे।
3. मोहन के पिता ने डॉक्टर से फोन पर क्या बात की?
- पिता ने डॉक्टर को बताया कि मोहन के पेट में अजीब तरह का ‘ऐसे-ऐसे’ दर्द हो रहा है।
4. मोहन के दर्द की असली वजह क्या थी?
- मोहन ने स्कूल का काम पूरा नहीं किया था और इस चिंता में उसे पेट में दर्द महसूस हो रहा था।
5. मास्टर जी ने मोहन के दर्द के बारे में क्या अनुमान लगाया?
- मास्टर जी ने समझा कि मोहन ने पढ़ाई से बचने के लिए दर्द का बहाना बनाया है।
6. डॉक्टर ने मोहन के दर्द का कारण क्या बताया?
- डॉक्टर ने बदहजमी और कब्ज का कारण बताया।
7. वैद्य जी ने मोहन को कैसी दवा देने की बात कही?
- वैद्य जी ने गरम पानी के साथ दवा लेने की सलाह दी ताकि मोहन का पेट साफ हो सके।
8. मोहन का मास्टर जी से क्या रिश्ता था?
- मास्टर जी मोहन के शिक्षक थे, जो उसकी चालाकी को समझ गए थे।
9. मोहन की माँ ने दर्द के लिए कौन-कौन से उपाय किए?
- हींग, चूरन, और पिपरमेंट जैसे घरेलू उपाय किए।
10. मोहन की बीमारी को देखकर पड़ोसिन ने क्या प्रतिक्रिया दी?
- पड़ोसिन ने कहा कि यह भी कोई नई बीमारी हो सकती है।
11. डॉक्टर और वैद्य जी के आने से पहले मोहन की हालत कैसी थी?
- मोहन बार-बार कराह रहा था और उसके माता-पिता चिंतित थे।
12. मोहन की तबीयत के बारे में सुनकर मास्टर जी ने क्या कहा?
- मास्टर जी ने अनुमान लगाया कि मोहन स्कूल के काम से बचने के लिए दर्द का बहाना बना रहा है।
13. वैद्य जी ने मोहन के दर्द का कारण क्या बताया?
- वैद्य जी ने कहा कि मोहन को कब्ज है और इसलिए वायु बढ़ गई है।
14. मोहन के पिता ने डॉक्टर को क्या जानकारी दी?
- पिता ने बताया कि मोहन ने ज्यादा कुछ नहीं खाया और अजीब दर्द की शिकायत कर रहा है।
15. मोहन के दर्द के कारण माँ ने क्या सोचा?
- माँ ने सोचा कि शायद मोहन ने कुछ गलत खा लिया होगा जिससे उसे दर्द हो रहा है।
16. डॉक्टर और वैद्य जी ने मोहन के दर्द को किस तरह से अलग-अलग बताया?
- डॉक्टर ने बदहजमी बताई और वैद्य जी ने वात का प्रकोप बताया।
17. मोहन के माता-पिता ने उसके दर्द को कैसे समझा?
- माता-पिता ने इसे असामान्य दर्द समझा और तुरंत डॉक्टर और वैद्य को बुलाया।
18. डॉक्टर के आने से पहले मोहन की हालत कैसी थी?
- मोहन बार-बार ‘ऐसे-ऐसे’ कहकर दर्द की शिकायत कर रहा था।
19. मास्टर जी ने मोहन की बीमारी का कारण क्या समझा?
- मास्टर जी ने समझा कि मोहन ने स्कूल का काम नहीं किया, इसलिए उसे दर्द का बहाना बनाना पड़ा।
20. मोहन का ‘ऐसे-ऐसे’ कहने का मतलब क्या था?
- ‘ऐसे-ऐसे’ कहना उसकी दर्द को समझाने का अनोखा तरीका था जिसे वह पूरी तरह नहीं समझा पा रहा था।
Medium Questions (with Answers)
1. मोहन की बीमारी का कारण समझने के लिए उसके माता-पिता ने कौन-कौन से उपाय किए?
- माता-पिता ने डॉक्टर और वैद्य जी को बुलाने के साथ-साथ हींग, चूरन और गरम पानी के सेंक का भी प्रयोग किया ताकि मोहन के पेट का दर्द ठीक हो सके।
2. वैद्य जी ने मोहन के दर्द का कारण क्या बताया, और इसे ठीक करने के लिए क्या उपाय सुझाए?
- वैद्य जी ने कहा कि मोहन को कब्ज है और पेट में वायु बढ़ गई है। उन्होंने गरम पानी के साथ दवा देने का सुझाव दिया ताकि पेट साफ हो सके।
3. डॉक्टर ने मोहन के दर्द का इलाज किस तरह किया और किस कारण का अनुमान लगाया?
- डॉक्टर ने पेट दबाकर और जीभ देखकर कहा कि मोहन को बदहजमी है और कब्ज है। उन्होंने दवा देने को कहा ताकि मोहन का दर्द कम हो जाए।
4. मास्टर जी ने मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ कहने पर किस प्रकार का निष्कर्ष निकाला?
- मास्टर जी ने समझा कि मोहन ने स्कूल का काम अधूरा छोड़ दिया है, इसलिए डर के कारण उसे ‘ऐसे-ऐसे’ का दर्द महसूस हो रहा है।
5. मोहन की बीमारी के बारे में डॉक्टर और वैद्य जी के विचार कैसे अलग थे?
- डॉक्टर ने इसे बदहजमी का मामला बताया, जबकि वैद्य जी ने वात का प्रकोप और कब्ज को कारण बताया। दोनों ने अलग-अलग तरीके से मोहन का इलाज सुझाया।
6. मास्टर जी ने मोहन के दर्द को समझाने के लिए क्या उपाय बताया?
- मास्टर जी ने कहा कि स्कूल का काम न करने का डर ही असली वजह है और अगर मोहन दो दिन में काम पूरा कर लेगा तो यह ‘ऐसे-ऐसे’ दर्द खत्म हो जाएगा।
7. मोहन की माँ ने दर्द के लिए डॉक्टर को क्या-क्या बातें बताईं?
- माँ ने डॉक्टर को बताया कि मोहन ने कुछ गलत नहीं खाया, और अचानक ही ‘ऐसे-ऐसे’ का दर्द महसूस होने लगा, जिससे वह परेशान है।
8. मोहन की बीमारी के कारण उसकी माँ ने किन-किन बातों पर चिंता जताई?
- माँ ने सोचा कि शायद मोहन ने कुछ गलत खा लिया है, और डॉक्टर और वैद्य दोनों से सलाह लेने की कोशिश की ताकि वह ठीक हो सके।
9. डॉक्टर और वैद्य जी के आने से मोहन को कैसी मदद मिली?
- दोनों ने मोहन को कब्ज और बदहजमी की दवा दी, जिससे उसकी हालत में सुधार आया और ‘ऐसे-ऐसे’ दर्द का कारण भी समझ में आया।
10. मास्टर जी ने मोहन के दर्द को स्कूल के काम से कैसे जोड़ा?
- मास्टर जी ने अंदाजा लगाया कि मोहन का काम अधूरा होने के कारण वह डर के मारे पेट दर्द का बहाना बना रहा है।
Long Questions (with Answers)
1. मोहन के दर्द के पीछे छिपे कारण को मास्टर जी ने कैसे समझा और उन्होंने मोहन को क्या सलाह दी?
- मास्टर जी ने तुरंत समझ लिया कि मोहन ने स्कूल का काम पूरा नहीं किया था, और डर के मारे पेट में दर्द का बहाना बना रहा था। उन्होंने मोहन को दो दिन की छुट्टी दी ताकि वह काम पूरा कर सके और ‘ऐसे-ऐसे’ दर्द का बहाना बंद कर दे।
2. मोहन की बीमारी के इलाज में डॉक्टर और वैद्य जी की क्या भूमिका रही, और दोनों के विचार कैसे भिन्न थे?
- डॉक्टर ने कहा कि मोहन को बदहजमी है और पेट साफ न होने से दर्द हो रहा है, जबकि वैद्य जी ने इसे वात का प्रकोप बताया। दोनों ने अपने-अपने तरीकों से मोहन का इलाज सुझाया, लेकिन असली वजह स्कूल का काम अधूरा होना था, जो मास्टर जी ने समझा।
3. मास्टर जी ने मोहन के दर्द की असली वजह कैसे जानी, और उन्होंने इसे किस तरह हल किया?
- मास्टर जी ने समझा कि मोहन का पेट दर्द स्कूल के काम न करने का बहाना है। उन्होंने उसे दो दिन की छुट्टी देकर काम पूरा करने को कहा ताकि वह डर से बाहर आ सके और दर्द ठीक हो जाए।
4. मोहन की बीमारी की स्थिति में उसके परिवार के सदस्यों ने कौन-कौन सी सावधानियाँ बरतीं?
- मोहन के माता-पिता ने तुरंत डॉक्टर और वैद्य को बुलाया, उसके लिए घरेलू उपचार किए, और पूरी कोशिश की कि मोहन आराम महसूस करे। अंततः मास्टर जी ने आकर मोहन की असली समस्या को समझा और उसे दूर करने की सलाह दी।
5. पड़ोसिन और मास्टर जी की उपस्थिति ने मोहन की बीमारी को किस तरह से समझने में मदद की?
- पड़ोसिन ने मोहन की माँ को आश्वासन दिया, जबकि मास्टर जी ने मोहन की बीमारी का असली कारण समझकर उसे डर से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया।
6. मोहन के माता-पिता की चिंताओं का वर्णन कीजिए, जब उन्हें मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ दर्द का पता चला।
- मोहन के माता-पिता बहुत चिंतित थे और सोच रहे थे कि शायद मोहन ने कुछ गलत खा लिया होगा। उन्होंने डॉक्टर और वैद्य जी से तुरंत संपर्क किया और हर मुमकिन इलाज करवाने की कोशिश की।
7. मोहन की बीमारी की असली वजह का पता चलने पर उसके माता-पिता और मास्टर जी की प्रतिक्रिया क्या थी?
- जब मास्टर जी ने बताया कि मोहन का दर्द स्कूल के काम न करने का बहाना है, तो माता-पिता चौंक गए। अंत में सभी हँसने लगे कि मोहन ने स्कूल के काम से बचने के लिए ऐसा बहाना बनाया।
8. मोहन का मास्टर जी से बातचीत का क्या प्रभाव पड़ा?
- मास्टर जी ने मोहन की बीमारी को समझते हुए उसे स्कूल का काम पूरा करने की सलाह दी। इससे मोहन की असली परेशानी का हल निकला और उसके ‘ऐसे-ऐसे’ दर्द का बहाना भी सामने आ गया।
9. पाठ के अंत में मोहन का ‘ऐसे-ऐसे’ कहने का क्या निष्कर्ष निकला?
- मास्टर जी ने मोहन की चालाकी को समझते हुए उसकी परेशानी को हल कर दिया और सभी ने समझ लिया कि मोहन ने केवल स्कूल के काम से बचने के लिए यह बहाना बनाया था।
10. मास्टर जी के आने के बाद मोहन की समस्या का हल कैसे हुआ?
- मास्टर जी ने समझाया कि मोहन को स्कूल का काम न करने की वजह से डर था, जिससे वह बहाना बना रहा था। उन्होंने मोहन को दो दिन की छुट्टी देकर काम पूरा करने को कहा, जिससे उसकी असली समस्या का हल हो गया।
Leave a Reply