Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 7
Short Questions (with Answers)
1. कवि ने ‘क्षमा’ को किसके समान बताया है?
उत्तर: कवि ने ‘क्षमा’ को विषधर (साँप) के समान बताया है, जिसके पास विष हो।
2. किसने समुद्र से रास्ता माँगा था?
उत्तर: भगवान राम ने समुद्र से रास्ता माँगा था।
3. ‘क्षमा शोभती उस भुजंग को’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि क्षमा उसी को शोभा देती है जिसमें शक्ति हो, जैसे विषधर साँप में।
4. कवि का नाम क्या है?
उत्तर: कवि का नाम रामधारी सिंह ‘दिनकर’ है।
5. ‘गरल’ का अर्थ क्या है?
उत्तर: ‘गरल’ का अर्थ है विष या जहर।
6. राम को किस बात ने धनुष उठाने पर मजबूर किया?
उत्तर: समुद्र के तीन दिन तक चुप रहने पर राम ने धनुष उठाया।
7. इस कविता में ‘शर’ का अर्थ क्या है?
उत्तर: इस कविता में ‘शर’ का अर्थ है बाण या तीर।
8. किस शब्द का अर्थ ‘दुश्मन’ है?
उत्तर: ‘रिपु’ का अर्थ है दुश्मन।
9. समुद्र ने राम के शर के बाद क्या किया?
उत्तर: समुद्र ने ‘त्राहि-त्राहि’ करते हुए शरण माँगी।
10. समुद्र को किस रूप में दर्शाया गया है?
उत्तर: समुद्र को नम्र और झुके हुए रूप में दर्शाया गया है।
11. ‘शक्ति और क्षमा’ कविता में दुष्ट किसे समझते हैं?
उत्तर: दुष्ट क्षमा करने वाले को कायर समझते हैं।
12. इस कविता के रचयिता कौन हैं?
उत्तर: इस कविता के रचयिता रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।
13. शक्ति और विनय में किसका स्थान पहले है?
उत्तर: शक्ति का स्थान विनय से पहले है।
14. शक्ति का दर्प किसके पीछे चमकता है?
उत्तर: शक्ति का दर्प क्षमा, दया, और सहनशीलता के पीछे चमकता है।
15. ‘रिपु’ शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: ‘रिपु’ शब्द का अर्थ है शत्रु या दुश्मन।
Medium Questions (with Answers)
1. इस कविता के माध्यम से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: कविता सिखाती है कि क्षमा और दया उसी व्यक्ति को शोभा देती है जिसमें शक्ति हो। अगर व्यक्ति के पास शक्ति नहीं है, तो क्षमा और दया का कोई अर्थ नहीं होता। इस प्रकार, हमें शक्तिशाली और सहनशील बनने की आवश्यकता है।
2. ‘क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि क्षमा का गुण केवल शक्तिशाली व्यक्ति को शोभा देता है। जैसे कि एक विषधर सर्प के पास विष होने पर ही उसे क्षमा करना शोभा देता है। बिना शक्ति के क्षमा का कोई महत्व नहीं।
3. समुद्र ने राम के क्रोध का क्या परिणाम देखा?
उत्तर: जब राम का क्रोध बढ़ा और उन्होंने धनुष उठाया, तो समुद्र भयभीत होकर ‘त्राहि-त्राहि’ करता हुआ उनके चरणों में शरण माँगने आ गया और दासता स्वीकार कर ली।
4. ‘संधि-वचन संपूज्य उसी का जिसमें शक्ति विजय की’ – इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि वही व्यक्ति सच्चा संधि करने योग्य है जिसमें शक्ति है। शक्ति के बिना कोई भी संधि या समझौता अधिक देर तक सम्मानजनक नहीं होता।
5. शक्ति और क्षमा के संबंध में कवि का क्या दृष्टिकोण है?
उत्तर: कवि का दृष्टिकोण है कि क्षमा और सहनशीलता का गुण शक्तिशाली व्यक्ति को शोभा देता है। शक्तिहीन व्यक्ति की क्षमा को कायरता समझा जाता है, जबकि शक्तिशाली व्यक्ति की क्षमा से समाज में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है।
6. राम को सागर से उत्तर नहीं मिलने पर कैसा महसूस हुआ?
उत्तर: राम को सागर से उत्तर नहीं मिलने पर क्रोध और अधीरता महसूस हुई, जिसके कारण उन्होंने अपने शरों का सहारा लिया।
7. इस कविता में ‘पौरुष की आग’ से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: ‘पौरुष की आग’ से तात्पर्य राम की शक्ति और साहस से है, जो अधीरता के कारण उत्पन्न हुआ और उन्हें शरों का सहारा लेने पर विवश कर दिया।
8. राम ने तीन दिन तक सागर से क्या माँगा और क्यों?
उत्तर: राम ने तीन दिन तक सागर से रास्ता माँगा ताकि वह लंका जा सकें और रावण से युद्ध कर सकें। लेकिन सागर के उत्तर न देने पर उन्होंने क्रोध में धनुष उठाया।
9. ‘बल का दर्प चमकता उसके पीछे जब जगमग है’ – इस पंक्ति का अर्थ क्या है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि जब व्यक्ति के पास शक्ति होती है, तो उसकी विनम्रता, दया, और क्षमा का महत्व बढ़ जाता है। शक्ति के बिना इन गुणों का कोई मूल्य नहीं होता।
10. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने किस प्रकार ‘क्षमा’ का महत्व बताया है?
उत्तर: दिनकर जी ने बताया है कि क्षमा शक्तिशाली व्यक्ति को ही शोभा देती है। अगर व्यक्ति कमजोर हो, तो उसकी क्षमा को कायरता समझा जाता है, लेकिन शक्ति के साथ क्षमा का महत्व बढ़ जाता है।
Long Questions (with Answers)
1. कवि ने ‘क्षमा’ और ‘शक्ति’ का क्या संबंध बताया है?
उत्तर: कवि के अनुसार, क्षमा का आदर तभी होता है जब उसके पीछे शक्ति हो। क्षमा वही दे सकता है जो शक्तिशाली है, क्योंकि निर्बल व्यक्ति की क्षमा को लोग कायरता समझते हैं। कवि का मानना है कि दुष्टों के सामने ताकत दिखाना आवश्यक है।
2. कवि ने राम को धनुष उठाने पर मजबूर क्यों बताया है?
उत्तर: कवि ने बताया कि भगवान राम ने पहले तीन दिनों तक समुद्र से विनम्रता से रास्ता माँगा, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। अंत में, अपने साहस और शौर्य का प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने धनुष उठाया और समुद्र को झुकने पर मजबूर कर दिया। यह दिखाता है कि शक्ति का प्रदर्शन भी आवश्यक है।
3. ‘क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि क्षमा का गुण उसी को शोभा देता है जिसके पास शक्ति (गरल) हो, जैसे विषधर साँप। कमजोर व्यक्ति की क्षमा को लोग उसकी कमजोरी मानते हैं। कवि कहना चाहते हैं कि शक्ति के बिना क्षमा का कोई महत्व नहीं होता।
4. कवि के अनुसार, समाज किसकी पूजा करता है?
उत्तर: कवि के अनुसार, समाज उसी की पूजा करता है जिसमें शक्ति हो। निर्बल व्यक्ति की न समाज में इज्जत होती है और न उसकी बात सुनी जाती है। इसलिए, कवि का मानना है कि सम्मान और प्रभाव के लिए शक्ति का होना जरूरी है।
5. कवि ने सुयोधन के विषय में क्या कहा है?
उत्तर: कवि ने सुयोधन को ‘नर व्याघ्र’ कहा है, जिसका अर्थ है कि वह एक क्रूर और अहंकारी व्यक्ति था। उसकी दुष्टता के कारण पांडवों ने शांति का मार्ग छोड़कर युद्ध का निर्णय लिया। कवि का यह कहना है कि ऐसे लोगों के सामने शक्ति का प्रदर्शन आवश्यक है।
6. ‘शर में ही वसती है दीप्ति विनय की’ इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि नम्रता और सम्मान उसी में शोभा देते हैं जिसमें शक्ति होती है। केवल कमजोर व्यक्ति का विनम्र होना उसकी कमजोरी मानी जाती है, जबकि शक्तिशाली व्यक्ति की विनम्रता उसकी गरिमा को बढ़ाती है।
7. भगवान राम के चरित्र में कौन-कौन से गुण दिखाई देते हैं?
उत्तर: भगवान राम के चरित्र में क्षमा, विनम्रता और शक्ति का समन्वय दिखाई देता है। उन्होंने पहले शांति से समुद्र से रास्ता माँगा, पर जब कोई उत्तर नहीं मिला, तो अपने शौर्य का प्रदर्शन कर समुद्र को झुकने पर मजबूर किया। उनके व्यक्तित्व में शक्ति और क्षमा का संतुलन था।
8. कवि ने क्षमा और सहनशीलता को पूजनीय कब बताया है?
उत्तर: कवि ने क्षमा और सहनशीलता को तभी पूजनीय बताया है जब इनके पीछे शक्ति हो। कवि का मानना है कि सहनशीलता का सम्मान तभी होता है जब उसमें बल का आधार हो; अन्यथा, लोग इसे कमजोरी मानकर उसका अपमान कर सकते हैं।
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