Short Questions (with Answers)
प्रश्न 1 : ‘मानव बनो’ शीर्षक कविता के कवि कौन हैं?
उत्तर: शिव मंगल सिंह ‘सुमन’।
प्रश्न 2 : ‘मानव बनो’ कविता में कवि ने सबसे बड़ी भूल किसे बताया है?
उत्तर: किसी का आसरा लेना।
प्रश्न 3 : कवि किस चीज को थरथराने की बात करता है?
उत्तर: धरा (पृथ्वी)।
प्रश्न 4 : ‘अश्रु’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर: आँसू।
प्रश्न 5 : ‘धरा’ का अर्थ क्या है?
उत्तर: पृथ्वी।
प्रश्न 6 : कवि ने ‘हाथ फैलाना’ किसके प्रतीक के रूप में उपयोग किया है?
उत्तर: कुछ माँगना।
प्रश्न 7 : ‘मानव बनो, मानव जरा’ से कवि का क्या आशय है?
उत्तर: मनुष्य को मानवता और साहस का परिचय देना चाहिए।
प्रश्न 8 : कवि ने आँसुओं का क्या उपयोग सुझाया है?
उत्तर: आँसुओं से विश्व को हरा-भरा करने का।
प्रश्न 9 : ‘अपने हृदय की भस्म से’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: अपनी भावनाओं को धरती को उर्वरा बनाने में उपयोग करना।
प्रश्न 10 : कवि ने किस कार्य को मानव के लिए अशोभनीय बताया है?
उत्तर: उफ, हाय करना।
Medium Questions (with Answers)
प्रश्न 1 : ‘मानव बनो’ कविता में कवि किस प्रकार का मानव बनने का संदेश दे रहे हैं?
उत्तर: कवि साहसी, स्वाभिमानी और करुणामयी मानव बनने का संदेश दे रहे हैं।
प्रश्न 2 : ‘अब अश्रु दिखलाओ नहीं, अब हाथ फैलाओ नहीं’ का भावार्थ समझाइए।
उत्तर: इसका अर्थ है कि मनुष्य को रोने-धोने के बजाय आत्मनिर्भर बनना चाहिए।
प्रश्न 3 : कवि ने मानव को कौन-कौन सी बातें करने से मना किया है?
उत्तर: कवि ने रोने, हाथ फैलाने और हाय-उफ करने से मना किया है।
प्रश्न 4 : ‘हाथ फैलाना’ मुहावरे का अर्थ और इसका प्रयोग कविता में कैसे हुआ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कुछ माँगना, और कविता में इसका उपयोग आत्मनिर्भरता के संदर्भ में किया गया है।
प्रश्न 5 : ‘अब हाथ मत अपने मलो’ पंक्ति का संदेश क्या है?
उत्तर: यह संदेश देता है कि पछताने के बजाय आगे बढ़कर काम करें।
प्रश्न 6 : कवि ने मानव को धरती उर्वरा बनाने के लिए किस चीज का उपयोग करने को कहा है?
उत्तर: अपने हृदय की भस्म का।
प्रश्न 7 : कविता में कवि ने मानवता को किस प्रकार के गुणों से जोड़ा है?
उत्तर: साहस, करुणा, आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान।
प्रश्न 8 : कवि के अनुसार आँसुओं का सही उपयोग क्या है?
उत्तर: आँसुओं का सही उपयोग संसार को हरियाली से सींचने में करना चाहिए।
प्रश्न 9 : ‘मानव बनो, मानव जरा’ का अर्थ क्या है?
उत्तर: मनुष्य को मानवता के गुणों को अपनाना चाहिए और साहसी बनना चाहिए।
प्रश्न 10 : कविता में मानव को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा कैसे दी गई है?
उत्तर: रोने, हाय-उफ करने और दूसरों का सहारा लेने के बजाय, अपने साहस और कर्म से जीवन को सार्थक बनाने की प्रेरणा दी गई है।
Long Questions (with Answers)
प्रश्न 1 : कविता में ‘भूल’ शब्द का क्या महत्त्व है, और कवि इसे कैसे मानते हैं?
उत्तर: ‘भूल’ का अर्थ है गलती करना, लेकिन कवि इसे किसी पर निर्भर रहने की सबसे बड़ी गलती मानते हैं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति को अपने साहस और आत्मनिर्भरता से जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।
प्रश्न 2 : कविता ‘मानव बनो’ के अनुसार सच्चा मानव बनने के लिए किन गुणों की आवश्यकता है?
उत्तर: सच्चा मानव बनने के लिए साहस, आत्मनिर्भरता, करुणा और धैर्य जैसे गुण आवश्यक हैं। कवि चाहते हैं कि मनुष्य हिम्मत से काम ले और जीवन को सार्थक बनाए।
प्रश्न 3 : ‘उफ, हाय कर देना कहीं, शोभा तुम्हें देता नहीं’ पंक्ति का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति में कवि मनुष्य से कहते हैं कि उफ, हाय जैसे नकारात्मक शब्द उसके व्यक्तित्व को शोभा नहीं देते। कवि मानते हैं कि ये कमजोरियों के प्रतीक हैं और मनुष्य को साहसी और सकारात्मक बनना चाहिए।
प्रश्न 4 : ‘मानव बनो, मानव जरा’ पंक्तियों में कवि की मुख्य भावना क्या है?
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि चाहते हैं कि मनुष्य में मानवीय गुणों का विकास हो। वे मनुष्य को साहसिक, सहृदय और कर्मशील बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
प्रश्न 5 : ‘अब हाथ फैलाओ नहीं’ पंक्ति में कवि आत्मनिर्भरता का कौन सा संदेश दे रहे हैं?
उत्तर: कवि इस पंक्ति के माध्यम से मनुष्य को आत्मनिर्भर बनने की शिक्षा दे रहे हैं। उनका मानना है कि किसी पर निर्भर होना सबसे बड़ी भूल है, और मनुष्य को खुद पर भरोसा रखना चाहिए।
प्रश्न 6 : कविता में आँसुओं का उपयोग कैसे बताया गया है, और इससे क्या संदेश मिलता है?
उत्तर: कवि ने आँसुओं को संसार के कण-कण को हरियाली देने का माध्यम बताया है। इसका मतलब है कि दुःख या कठिनाइयों को सकारात्मकता में बदलना चाहिए और अपने आँसुओं से संसार की सेवा करनी चाहिए।
प्रश्न 7 : ‘अपना हृदय जलाकर धरा को उर्वरा करना’ किस प्रकार का प्रतीक है?
उत्तर: यह एक रूपक है जो बताता है कि अपने दुखों और कष्टों से दूसरों के जीवन में सुख और हरियाली लानी चाहिए। यह मनुष्य को त्याग, सेवा और परोपकार की ओर प्रेरित करता है।
प्रश्न 8 : ‘मानव बनने’ की कवि की परिभाषा पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर: कवि के अनुसार, मानव बनने का अर्थ है साहसी, आत्मनिर्भर, और सहृदय बनना। मनुष्य को रोने या किसी पर निर्भर रहने के बजाय अपने कर्म से जीवन को अर्थपूर्ण बनाना चाहिए। यह परिभाषा मानवीय आदर्शों को दर्शाती है, जो हर व्यक्ति के जीवन का उद्देश्य होना चाहिए।
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