BSEB Solutions For All Chapters Vigyan Class 6
प्रश्न 1. (क) किसी भी वस्तु को देखने के लिए आवश्यक है –
(i) प्रकाश
(ii) अंधेरा
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv). इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (i) प्रकाश
(ख) प्रकाश गमन करता है –
(i) सीधी रेखा में
(ii) टेढ़ी रेखा में
(iii) उल्टी रेखा में
(iv) उपर्युक्त सभी में
उत्तर: (i) सीधी रेखा में
(ग) प्रकाश स्रोत से पहला दर्पण पर पड़नेवाली किरण कहलाती है –
(i) परावर्तन किरण
(ii) आपतित किरण
(iii) सीधी रेखा
(iv) उल्टी रेखा
उत्तर: (ii) आपतित किरण
(घ) जब किसी अपारदर्शी वस्तु को प्रकाश में रखते हैं तो वस्तु के दूसरी ओर प्रकाश नहीं जा पाता फलतः वस्तु अपनी तरह की आकृति बनाती है, इसे कहते हैं –
(i) प्रकाश
(ii) छाया
(iii) प्रतिछाया
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ii) छाया
(ङ) छया दिखाई दे सकती है –
(i) दीवार पर
(ii) परदे पर
(iii) जमीन पर
(iv) उपर्युक्त सभी में
उत्तर: (iv) उपर्युक्त सभी में
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –
(क) लकड़ी का टुकड़ा …………….. है (पारदर्शी/अपारदर्शी/ पारभासी)
(ख) काँच का टुकड़ा ……………. है। (पारदर्शी/अपारदर्शी/ पारभासी)
(ग) दर्पण में …………….. बनता है। (बिम्ब/प्रतिबिम्ब)
(घ) प्रकाश ……………. रेखा में गमन करती है। (सीधी/ टेढ़ी)
(ङ) किसी वस्तु को देखते हैं…………….. के कारण (परावर्तन/पारदर्शिता)
उत्तर: (क) अपारदर्शी, (ख) पारदर्शी, (ग) प्रतिबिम्ब, (घ) सीधी, (ङ) परावर्तन
प्रश्न 3. पारदर्शी, अपारदर्शी तथा पारभासी वस्तुओं के तीन-तीन उदाहरण दें।
उत्तर:
पारदर्शी वस्तु – शीशा (ग्लास), जल, हवा।
अपारदर्शी वस्तु – पुस्तक, लकड़ी, पत्थर।
पारभासी वस्तु – घीसा हुआ शीशा, तेल लगा कागज, तेला
प्रश्न 4. क्या अंधेरे कमरे में दर्पण के सामने अपना प्रतिबिम्ब देख सकते हैं? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर: किसी वस्तु के दृश्य होने या उनका प्रतिबिम्ब के बनने के लिए तीन तत्व का होना आवश्यक होता है-प्रकाश, परावर्तक सतह तथा बिम्ब। यहाँ दो तत्व उपस्थित हैं-दर्पण तथा बिम्ब। लेकिन प्रकाश उपस्थित नहीं है। इसलिए हम अपना प्रतिबिम्ब दर्पण में नहीं देख सकते हैं। क्योंकि प्रकाश की किरणों के परावर्तन के कारण ही प्रतिबिम्ब बनता है।
प्रश्न 5. छाया देखकर किन-किन वस्तुओं को पहचान सकते हैं? सूची बनाएँ।
उत्तर: वृक्ष, पत्थर, ईंट, मानव, जानवर, घर आदि।
प्रश्न 6. कैसे बताएंगे कि प्रकाश सीधी रेखा में चलती है? अपने साथियों के बीच प्रयोग करके दिखाएँ।
उत्तर: चार पोस्टकार्ड को समान ऊँचाई तथा समान आकार का छिद्र कर लेते हैं। अब एक जलती मोमबती लेते हैं। चारों को सजा लेते हैं कुछ बीच में कुछ दूरी छोड़ते हुए पोस्टकार्ड के पीछे एक पर्दा लगा लेते हैं तथा सबसे आगे मोमबत्ती जलाकर रखते हैं। अब प्रयोग का अवलोकन करते हैं। तो पता चलता है कि पर्दा पर छिद्र के आकार के बराबर प्रकाशित होता है।
अब एक पोस्टकार्ड में पहले से अलग छिद्र कर इसे पोस्टकार्डों के बीच में डलते हैं। फिर अवलोकन करते हैं तो पता चलता है कि पर्दा पर की किरणें नहीं पहुंच पाती हैं। यानि पर्दा का जो क्षेत्र पहले प्रकाशित था अब कोई भी क्षेत्र प्रकाशित नहीं होता है।
इस प्रकार यह साबित होता है कि बीच में कार्ड डालने से सीधी रेखा में छिद्र न रहकर ऊपर-नीचे हो गया जिसमें प्रकाश गमन नहीं कर पाया। अत: हम कह सकते हैं। “प्रकाश सभी रेखा में गमन करता है।”
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