Short Questions (with Answers)
1. चार प्रमुख दिशाओं के नाम क्या हैं?
उत्तर: पूरब, पश्चिम, उत्तर, और दक्षिण।
2. भारत के उत्तर में कौन सा प्रमुख पर्वत है?
उत्तर: हिमालय पर्वत।
3. जब आप पूरब की ओर मुँह करते हैं, तो आपके बाएँ हाथ की दिशा क्या होगी?
उत्तर: उत्तर।
4. भारत के दक्षिण में कौन सा महासागर है?
उत्तर: हिन्द महासागर।
5. जब हम दिशाओं को समझते हैं, तो “जेनिथ” किसे कहते हैं?
उत्तर: हमारे सिर के ठीक ऊपर की दिशा।
6. अगर पूरब दिशा आपके सामने है, तो आपके पीछे कौन सी दिशा होगी?
उत्तर: पश्चिम।
7. कुल कितनी दिशाएँ होती हैं, जब हम बीच की दिशाओं को भी शामिल करते हैं?
उत्तर: आठ।
8. भारत के पूरब में कौन सा सागर है?
उत्तर: बंगाल की खाड़ी।
9. दिशा मापने के लिए किस यंत्र का उपयोग होता है?
उत्तर: कंपास या दिशासूचक यंत्र।
10. उत्तर और पूरब के बीच की दिशा को क्या कहते हैं?
उत्तर: उत्तर-पूर्व।
11. दक्षिण और पश्चिम के बीच की दिशा को क्या कहते हैं?
उत्तर: दक्षिण-पश्चिम।
12. हमारे बाएँ हाथ की दिशा कौन सी होगी जब हम पश्चिम की ओर मुँह करते हैं?
उत्तर: दक्षिण।
13. दिशा को समझने के लिए सबसे पहले किसका सामना किया जाता है?
उत्तर: पूरब दिशा (सूरज उगने की दिशा)।
14. मानचित्र में नीचे की दिशा कौन सी होती है?
उत्तर: दक्षिण।
15. अगर आपकी पीठ उत्तर दिशा में है, तो सामने कौन सी दिशा होगी?
उत्तर: दक्षिण।
Medium Questions (with Answers)
1. अगर हम अपने गाँव का मानचित्र बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले किन दिशाओं की जानकारी होनी चाहिए?
उत्तर: पूरब, पश्चिम, उत्तर, और दक्षिण की जानकारी होनी चाहिए, ताकि हम हर जगह का स्थान सही से दर्शा सकें।
2. भारत के चारों दिशाओं में स्थित प्रमुख स्थान कौन-कौन से हैं?
उत्तर: उत्तर में हिमालय पर्वत, दक्षिण में हिन्द महासागर, पूरब में बंगाल की खाड़ी, और पश्चिम में अरब सागर।
3. सामुदायिक भवन अगर दक्षिण-पश्चिम दिशा में है, तो इसका अर्थ क्या होगा?
उत्तर: इसका अर्थ है कि सामुदायिक भवन दक्षिण और पश्चिम के बीच की दिशा में स्थित है।
4. दिशाओं को पहचानने के लिए उगते सूर्य का सामना क्यों किया जाता है?
उत्तर: क्योंकि उगता सूर्य हमेशा पूरब दिशा में होता है, इससे अन्य दिशाओं की पहचान करना आसान हो जाता है।
5. किस प्रकार का चित्र हमें दिशाओं को समझने में मदद करता है?
उत्तर: मानचित्र और रेखा-चित्र हमें दिशाओं को पहचानने में मदद करते हैं।
6. कक्षा में दिशाओं को समझने के लिए गुरुजी ने बच्चों को कैसे खड़ा किया?
उत्तर: उन्होंने बच्चों को पूरब दिशा की ओर मुँह कर खड़ा किया और उनसे उनकी पीठ, बाएँ और दाएँ हाथ की दिशाओं के बारे में पूछा।
7. जब आप किसी स्थान पर खड़े होते हैं, तो आपके सिर के ऊपर और पैर के नीचे की दिशा क्या कहलाती है?
उत्तर: सिर के ऊपर की दिशा जेनिथ और पैर के नीचे की दिशा नादिर कहलाती है।
8. कंपास का उपयोग कैसे किया जाता है?
उत्तर: कंपास में एक सुई होती है जो हमेशा उत्तर दिशा की ओर संकेत करती है, जिससे हम अन्य दिशाओं को पहचान सकते हैं।
9. भारत का कौन सा भाग अधिकतर पहाड़ी क्षेत्र में आता है?
उत्तर: उत्तर दिशा में, जहाँ हिमालय पर्वत स्थित है।
10. हम अपने घर से अपने विद्यालय तक की दिशा कैसे जान सकते हैं?
उत्तर: हम दिशाओं के ज्ञान, मानचित्र या रेखा-चित्र का उपयोग करके अपने घर से विद्यालय तक का रास्ता समझ सकते हैं।
Long Questions (with Answers)
1. गुरुजी ने बच्चों को दिशाओं की जानकारी देने के लिए क्या गतिविधि करवाई?
उत्तर: गुरुजी ने बच्चों को पूरब दिशा की ओर मुँह करके एक पंक्ति में खड़ा किया। इसके बाद उन्होंने बच्चों से पूछकर उनकी पीठ, बाएँ और दाएँ हाथ की दिशाओं के बारे में समझाया, जिससे बच्चों को दिशाओं का ज्ञान हुआ।
2. उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम दिशाएँ क्यों महत्वपूर्ण मानी जाती हैं?
उत्तर: उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम दिशाएँ चार मुख्य दिशाओं के बीच की दिशाएँ हैं, जो मानचित्र और दिशा-निर्देश में सही स्थिति दिखाने में मदद करती हैं। इन दिशाओं से स्थानों की सटीकता बढ़ती है और भ्रम कम होता है।
3. किसी स्थान का मानचित्र बनाते समय दिशाओं की जानकारी क्यों जरूरी है?
उत्तर: मानचित्र बनाते समय दिशाओं की जानकारी से हम विभिन्न वस्तुओं और स्थानों को सही दिशा में अंकित कर सकते हैं। इससे मानचित्र पढ़ने और समझने में आसानी होती है और गलत दिशा का अंदेशा नहीं रहता।
4. सूर्य को देखकर कैसे दिशाओं का पता लगाया जा सकता है?
उत्तर: सूर्योदय के समय पूरब दिशा की पहचान हो जाती है, जिससे हम अन्य दिशाओं का भी अनुमान लगा सकते हैं। सूरज को देख कर पूरब का पता लगाना, दिशाओं की जानकारी का सबसे सरल तरीका है।
5. दिशाओं की समझ बच्चों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: दिशाओं की समझ बच्चों को अपने आसपास के स्थानों की पहचान करने, सही मार्ग खोजने, और मानचित्र पढ़ने में मदद करती है। इससे उनका ज्ञान बढ़ता है और वे अपने दैनिक जीवन में आत्मनिर्भर बनते हैं।
Leave a Reply