पृथ्वी एवं उसकी गतियाँ
प्रश्न 1: शीला और मीरा के बीच किस बात पर चर्चा हुई और राजीव ने उन्हें क्या सिखाया?
उत्तर: शीला ने अपनी नई ड्रेस के बारे में मीरा से पूछा, लेकिन मीरा को ड्रेस पूरी तरह से दिखाई नहीं दी। राजीव ने उन्हें समझाया कि जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है, तभी वह वस्तु स्पष्ट दिखाई देती है। उन्होंने शीला को प्रकाश में जाकर घूमने को कहा, जिससे उसकी ड्रेस का वह हिस्सा, जिस पर प्रकाश पड़ा, मीरा को साफ दिखाई देने लगा।
प्रश्न 2: पृथ्वी के घूर्णन गति का क्या अर्थ है और इससे दिन और रात कैसे होते हैं?
उत्तर: पृथ्वी का घूर्णन गति का अर्थ है कि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है। पृथ्वी के जिस हिस्से पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है, वहाँ दिन होता है और जिस हिस्से पर प्रकाश नहीं पड़ता, वहाँ रात होती है। पृथ्वी को इस प्रकार का एक चक्कर पूरा करने में 24 घंटे का समय लगता है, जिससे दिन और रात होते हैं।
प्रश्न 3: राजीव ने ग्लोब के माध्यम से शीला और मीरा को पृथ्वी के घूर्णन और परिभ्रमण गति के बारे में क्या बताया?
उत्तर: राजीव ने ग्लोब के माध्यम से बताया कि पृथ्वी अपने अक्ष पर झुकी हुई है और इस पर घूर्णन करती है। ग्लोब की तरह पृथ्वी भी अपने उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के बीच काल्पनिक अक्ष पर घूमती है। घूर्णन गति के कारण दिन और रात होते हैं, और परिभ्रमण गति के कारण मौसम और ऋतुओं में परिवर्तन होता है।
प्रश्न 4: अगर पृथ्वी घूर्णन न करे तो क्या होगा?
उत्तर: अगर पृथ्वी घूर्णन न करे, तो पृथ्वी का वह हिस्सा जो सूर्य की ओर होगा, वहाँ हमेशा दिन रहेगा और लगातार गर्मी पड़ेगी। दूसरे हिस्से में हमेशा रात रहेगी और वहाँ हमेशा ठंड पड़ेगी। साथ ही, परिभ्रमण गति न होने से ऋतु परिवर्तन भी नहीं होगा।
प्रश्न 5: परिभ्रमण गति क्या है और इसका क्या प्रभाव होता है?
उत्तर: परिभ्रमण गति वह है जिसमें पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमते हुए सूर्य का एक चक्कर 365 दिन में पूरा करती है। इस वार्षिक गति के कारण पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन होते हैं। जब पृथ्वी सूर्य के सामने झुकी होती है, तो उस गोलार्द्ध में गर्मी का मौसम होता है, और जब विपरीत दिशा में होती है, तो जाड़े का मौसम होता है।
प्रश्न 6: आभासी गति किसे कहते हैं और इसका क्या कारण है?
उत्तर: आभासी गति वह है जिसमें हमें ऐसा प्रतीत होता है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर चल रहा है, जबकि वास्तव में पृथ्वी पश्चिम से पूरब की ओर घूमती है। यह हमारी नजरों का भ्रम होता है, जैसे ट्रेन के चलने पर बाहर की वस्तुएँ पीछे जाती हुई प्रतीत होती हैं।
प्रश्न 7: 21 जून और 22 दिसंबर की स्थिति में पृथ्वी और सूर्य की क्या स्थिति होती है?
उत्तर: 21 जून को पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य के सामने होता है, जिससे सूर्य की सीधी किरणें कर्क रेखा पर पड़ती हैं। इस समय उत्तरी गोलार्द्ध में दिन लंबे और रातें छोटी होती हैं, और यहाँ गर्मी का मौसम होता है। 22 दिसंबर को पृथ्वी का दक्षिणी गोलार्द्ध सूर्य के सामने होता है, जिससे सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ती हैं। इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में गर्मी और उत्तरी गोलार्द्ध में जाड़े का मौसम होता है।
प्रश्न 8: पृथ्वी की गोलाकार सतह पर सूर्य की किरणें कैसे पड़ती हैं और इसका क्या प्रभाव होता है?
उत्तर: पृथ्वी की गोलाकार सतह पर सूर्य की किरणें बीच के हिस्से में सीधी पड़ती हैं, जिससे वहाँ हमेशा गर्मी रहती है। इसे “उष्ण कटिबंध” कहते हैं। जैसे-जैसे हम उत्तर या दक्षिण की ओर बढ़ते हैं, किरणें तिरछी होती जाती हैं, जिससे तापमान कम हो जाता है। ध्रुवीय क्षेत्रों में किरणें अत्यधिक तिरछी पड़ती हैं, जिससे वहाँ की सतह गर्म नहीं हो पाती और वहाँ हमेशा बर्फ जमी रहती है। इस क्षेत्र को “शीत कटिबंध” कहा जाता है।
प्रश्न 9: मौसम परिवर्तन का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर: मौसम परिवर्तन का मुख्य कारण पृथ्वी का झुकाव और उसकी घूर्णन तथा परिभ्रमण गति है। पृथ्वी का झुकाव सूर्य की किरणों के सीधे या तिरछे पड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे विभिन्न मौसम उत्पन्न होते हैं। साथ ही, पृथ्वी की परिभ्रमण गति के कारण ऋतुएँ बदलती हैं।
प्रश्न 10: दिन के विभिन्न समयों में सूर्य की किरणों के तिरछे और सीधे पड़ने का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर: दिन के विभिन्न समयों में सूर्य की किरणों के तिरछे और सीधे पड़ने का प्रभाव यह होता है कि सुबह और शाम को किरणें तिरछी होती हैं, जिससे धूप हल्की होती है और तापमान कम होता है। दोपहर में किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे धूप तेज होती है और तापमान अधिक होता है। यही कारण है कि दोपहर के समय अधिक गर्मी महसूस होती है।
प्रश्न 11: विषुवत् रेखा के आस-पास के क्षेत्रों में वर्ष भर गर्मी का मौसम क्यों रहता है?
उत्तर: विषुवत् रेखा के आस-पास के क्षेत्रों में सूर्य की किरणें लगभग हमेशा सीधी पड़ती हैं, जिसके कारण वहाँ वर्ष भर गर्मी रहती है। यह क्षेत्र “उष्ण कटिबंध” कहलाता है, और यहाँ सूर्य की किरणों की सीधी स्थिति के कारण तापमान अधिक रहता है।
प्रश्न 12: ध्रुवीय क्षेत्रों में 6 महीने का दिन और 6 महीने की रात क्यों होती है?
उत्तर: ध्रुवीय क्षेत्रों में 6 महीने का दिन और 6 महीने की रात पृथ्वी के झुकाव के कारण होती है। जब उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर होता है, तो वहाँ 6 महीने दिन रहता है और दक्षिणी ध्रुव पर 6 महीने रात रहती है। जब पृथ्वी अपनी परिक्रमा में दूसरी स्थिति में पहुँचती है, तो स्थिति उलट जाती है। इस कारण ध्रुवीय क्षेत्रों में 6 महीने का दिन और 6 महीने की रात होती है।
प्रश्न 13: समदिवारात्रि किसे कहते हैं और इसका क्या महत्व है?
उत्तर: समदिवारात्रि वह समय है जब पृथ्वी का झुकाव न तो सूर्य की ओर होता है और न ही उसके विपरीत। इस दिन पृथ्वी के सभी अक्षांश रेखाओं पर दिन और रात की अवधि बराबर होती है। समदिवारात्रि 21 मार्च और 23 सितंबर को होती है। इस समय पृथ्वी के मध्य भाग में गर्मी होती है, जबकि उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्धों में न तो अधिक गर्मी होती है और न ही अधिक सर्दी।
प्रश्न 14: परछाइयों की लंबाई दिन के समय के अनुसार कैसे बदलती है?
उत्तर: परछाइयों की लंबाई दिन के समय के अनुसार बदलती है। सुबह के समय सूर्य की किरणें तिरछी होती हैं, जिससे परछाइयाँ लंबी होती हैं। दोपहर में, जब सूर्य सीधा ऊपर होता है, परछाइयाँ सबसे छोटी होती हैं। शाम को, सूर्य की किरणें फिर तिरछी हो जाती हैं, जिससे परछाइयाँ फिर से लंबी हो जाती हैं।
प्रश्न 15: पृथ्वी के गोलाकार होने का मौसम पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: पृथ्वी के गोलाकार होने के कारण उसके विभिन्न हिस्सों पर सूर्य की किरणें सीधी या तिरछी पड़ती हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में तापमान और मौसम बदलते रहते हैं। उष्ण कटिबंध में किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे यहाँ गर्मी होती है। शीतोष्ण कटिबंध में किरणें तिरछी पड़ती हैं, जिससे तापमान कम होता है। ध्रुवीय क्षेत्रों में किरणें अत्यधिक तिरछी पड़ती हैं, जिससे यहाँ साल भर ठंडक रहती है और बर्फ जमी रहती है।
प्रश्न 16: पृथ्वी के अक्षीय झुकाव का मौसम पर क्या प्रभाव होता है?
उत्तर: पृथ्वी के अक्षीय झुकाव का मौसम पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5° झुकी हुई है, जिससे जब यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है, तो विभिन्न समयों पर अलग-अलग गोलार्द्ध सूर्य के सामने होता है। इस झुकाव के कारण, उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्धों में विभिन्न ऋतुएँ होती हैं। जब उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर झुका होता है, तब वहाँ गर्मी का मौसम होता है, और जब दक्षिणी गोलार्द्ध सूर्य की ओर झुका होता है, तब वहाँ गर्मी का मौसम होता है।
प्रश्न 17: उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर दिन और रात की अवधि में अंतर क्यों होता है?
उत्तर: उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर दिन और रात की अवधि में अंतर पृथ्वी के अक्षीय झुकाव और उसकी परिक्रमा गति के कारण होता है। ध्रुवीय क्षेत्रों में, जब किसी एक ध्रुव पर सूर्य की सीधी किरणें पड़ती हैं, तो वहाँ 6 महीने का दिन होता है, जबकि विपरीत ध्रुव पर 6 महीने की रात होती है। जब पृथ्वी सूर्य के दूसरी ओर पहुँचती है, तो यह स्थिति उलट जाती है।
प्रश्न 18: विषुवत् रेखा पर दिन और रात की अवधि बराबर क्यों होती है?
उत्तर: विषुवत् रेखा पर दिन और रात की अवधि बराबर होती है क्योंकि यह पृथ्वी का मध्य भाग है, जहाँ सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। पृथ्वी के झुकाव के बावजूद, विषुवत् रेखा के आस-पास के क्षेत्रों में सूर्य की किरणें हमेशा सीधे पड़ती हैं, जिससे दिन और रात की अवधि लगभग बराबर होती है। इसे समदिवारात्रि कहा जाता है, जो 21 मार्च और 23 सितंबर को होती है।
प्रश्न 19: 21 मार्च और 23 सितंबर को दिन और रात की अवधि बराबर क्यों होती है?
उत्तर: 21 मार्च और 23 सितंबर को दिन और रात की अवधि बराबर होती है क्योंकि इन तिथियों पर पृथ्वी का झुकाव न तो सूर्य की ओर होता है और न ही उसके विपरीत। इस समय सूर्य का प्रकाश सभी अक्षांश रेखाओं को दो बराबर भागों में विभाजित करता है, जिससे पूरी पृथ्वी पर दिन और रात की अवधि बराबर होती है। इस स्थिति को समदिवारात्रि कहा जाता है।
प्रश्न 20: पृथ्वी के गोलाकार सतह के कारण सूर्य की किरणें किस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित होती हैं?
उत्तर: पृथ्वी के गोलाकार सतह के कारण सूर्य की किरणें विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित होती हैं। विषुवत् रेखा के आस-पास किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे वहाँ सालभर गर्मी रहती है। जैसे-जैसे हम उत्तर या दक्षिण की ओर बढ़ते हैं, किरणें तिरछी पड़ने लगती हैं, जिससे तापमान कम हो जाता है। ध्रुवीय क्षेत्रों में किरणें अत्यधिक तिरछी पड़ती हैं, जिससे वहाँ ठंडक और बर्फ जमी रहती है। इस प्रकार, पृथ्वी के गोलाकार सतह के कारण विभिन्न क्षेत्रों में मौसम और तापमान में भिन्नता होती है।
प्रश्न 21: पृथ्वी के घूर्णन और परिभ्रमण गति का संयुक्त प्रभाव क्या होता है?
उत्तर: पृथ्वी के घूर्णन और परिभ्रमण गति का संयुक्त प्रभाव दिन-रात का होना और ऋतुओं का परिवर्तन है। घूर्णन गति के कारण दिन और रात होते हैं, जबकि परिभ्रमण गति के कारण पृथ्वी पर विभिन्न ऋतुएँ आती हैं। साथ ही, पृथ्वी का अक्षीय झुकाव भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे मौसम और ऋतुओं में परिवर्तन होता है।
प्रश्न 22: उष्ण कटिबंध, शीतोष्ण कटिबंध, और शीत कटिबंध के क्षेत्रों में मौसम कैसे भिन्न होते हैं?
उत्तर: उष्ण कटिबंध क्षेत्र में, जो विषुवत् रेखा के आस-पास स्थित है, सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे यहाँ सालभर गर्मी रहती है। शीतोष्ण कटिबंध क्षेत्र, जो उष्ण कटिबंध के उत्तर और दक्षिण में स्थित है, में किरणें तिरछी पड़ती हैं, जिससे यहाँ की गर्मी उष्ण कटिबंध की तुलना में कम होती है। शीत कटिबंध क्षेत्र, जो ध्रुवों के निकट स्थित है, में किरणें अत्यधिक तिरछी पड़ती हैं, जिससे यहाँ सालभर ठंडक और बर्फ रहती है। इन क्षेत्रों में मौसम पृथ्वी के गोलाकार सतह और झुकाव के कारण भिन्न होते हैं।
प्रश्न 23: पृथ्वी के झुकाव के कारण किस प्रकार से दिन और रात की अवधि में परिवर्तन होता है?
उत्तर: पृथ्वी के झुकाव के कारण विभिन्न समयों पर दिन और रात की अवधि में परिवर्तन होता है। जब किसी गोलार्द्ध का हिस्सा सूर्य के सामने होता है, तो वहाँ दिन लंबा होता है और रात छोटी होती है। जब यह हिस्सा सूर्य से विपरीत होता है, तो वहाँ रात लंबी होती है और दिन छोटा होता है। जैसे 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध में दिन लंबा और रात छोटी होती है, जबकि 22 दिसंबर को दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन लंबा और रात छोटी होती है।
प्रश्न 24: आकाश में सूर्य की स्थिति क्यों नहीं बदलती, जबकि पृथ्वी की स्थिति बदलती रहती है?
उत्तर: आकाश में सूर्य की स्थिति स्थिर रहती है क्योंकि सूर्य अपने स्थान पर स्थिर है। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है और साथ ही अपने अक्ष पर भी घूमती है। पृथ्वी की इस गति के कारण सूर्य की स्थिति हमें बदलती हुई प्रतीत होती है, लेकिन वास्तव में यह पृथ्वी की स्थिति का परिवर्तन है, न कि सूर्य का।
प्रश्न 25: पृथ्वी के गोलाकार होने का सूर्योदय और सूर्यास्त पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: पृथ्वी के गोलाकार होने के कारण सूर्योदय और सूर्यास्त का समय विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग होता है। जब पृथ्वी के एक हिस्से में सूर्योदय होता है, तो उसी समय पृथ्वी के विपरीत हिस्से में सूर्यास्त हो रहा होता है। गोलाकार सतह के कारण, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं, जिससे तापमान कम होता है और प्रकाश का प्रभाव हल्का होता है।
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