हमारा सौरमंडल
प्रश्न 1: गोविन्द और उसके पिताजी के बीच किस विषय पर चर्चा हुई और तारों के टिमटिमाने का कारण क्या है?
उत्तर: गोविन्द और उसके पिताजी के बीच तारों के टिमटिमाने के विषय में चर्चा हुई। गोविन्द ने पिताजी से पूछा कि तारे टिमटिमाते क्यों हैं। पिताजी ने उसे तारामंडल में जाकर यह समझाया कि तारे हमसे बहुत दूर होते हैं, इसलिए वे टिमटिमाते हुए नजर आते हैं। तारों का अपना प्रकाश होता है और चूंकि वे हमसे काफी दूरी पर होते हैं, इसलिए उनकी रोशनी कमजोर पड़ती है, जिससे वे टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं।
प्रश्न 2: सौर परिवार में कौन-कौन से सदस्य होते हैं, और उनके बारे में क्या महत्वपूर्ण तथ्य दिए गए हैं?
उत्तर: सौर परिवार में सूर्य, ग्रह, उपग्रह, क्षुद्र ग्रह आदि होते हैं। सूर्य इस परिवार का मुखिया और सबसे बड़ा सदस्य है। सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं और सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। आठ प्रमुख ग्रह हैं – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण, और वरुण। प्लूटो को अब क्षुद्र ग्रह की संज्ञा दी गई है। शनि के चारों ओर छल्ले हैं और इसका ‘टाइटन’ सबसे बड़ा उपग्रह है।
प्रश्न 3: आकाशगंगा और सप्तर्षि मंडल के बारे में क्या बताया गया है?
उत्तर: आकाशगंगा असंख्य तारों की एक चौड़ी सफेद पट्टी है, जिसे आकाश में बहती हुई प्रकाश की नदी की तरह माना गया है। इसे ही आकाशगंगा कहते हैं। सप्तर्षि मंडल सात तारों का एक समूह है, जो उत्तर दिशा में नजर आता है। भारतीय विद्वानों ने इसका नामकरण ऋषियों के नाम पर किया है – ऋतु, पुलह, पुलस्त्य, अत्रि, वशिष्ठ, अंगीरा, और मरिची। यूनानी ग्रंथों में इसे अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, एपिसिलोन, एटा, और जेटा कहा जाता है।
प्रश्न 4: ग्रहों और उपग्रहों के बीच क्या अंतर है, और चंद्रमा के बारे में क्या जानकारी दी गई है?
उत्तर: ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पिंड होते हैं, जिनमें खुद का कोई प्रकाश नहीं होता है। वे सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। उपग्रह ग्रहों के चारों ओर घूमने वाले पिंड होते हैं। चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है, जो पृथ्वी के सबसे नजदीक है, इसलिए यह बड़ा दिखाई देता है। इसका प्रकाश पृथ्वी तक सवा सेकेण्ड में पहुँचता है। चंद्रमा पर जल और वायु का अभाव है, और यह दिन में बहुत गर्म और रात में बहुत ठंडा रहता है।
प्रश्न 5: तारामंडल में गोविन्द ने कौन-कौन सी नई जानकारी प्राप्त की?
उत्तर: तारामंडल में गोविन्द ने कई नई जानकारियाँ प्राप्त कीं। उसे सौर परिवार, ग्रह, उपग्रह, क्षुद्र ग्रह, और तारों के बारे में विस्तार से जानकारी मिली। उसने जाना कि तारे हमसे दूर होने के कारण टिमटिमाते हैं और सूर्य भी एक तारा है, जो पृथ्वी से नजदीक होने के कारण बड़ा दिखाई देता है। उसे यह भी पता चला कि शनि ग्रह के चारों ओर छल्ले हैं और प्लूटो को अब क्षुद्र ग्रह माना जाता है।
प्रश्न 6: ध्रुवतारा की विशेषता क्या है और इसे कैसे देखा जा सकता है?
उत्तर: ध्रुवतारा उत्तरी गोलार्द्ध में पृथ्वी के उत्तरी अक्ष पर अवस्थित एक स्थिर तारा है। इसे देखने के लिए रात में उत्तर दिशा में देखा जाता है। यह तारा हमेशा उत्तरी दिशा में दिखाई देता है और समुद्री यात्रा के दौरान यह नाविकों को उत्तर दिशा का ज्ञान कराता रहा है। ध्रुवतारे की ऊँचाई क्षितिज से जितनी डिग्री होगी, उस स्थान का अक्षांश भी उतना ही डिग्री होगा।
प्रश्न 7: नक्षत्र और उनकी अवधि के बारे में क्या बताया गया है?
उत्तर: नक्षत्र तारा समूह होते हैं जिनसे चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान गुजरना पड़ता है। नक्षत्रों की संख्या 27 है, और प्रत्येक नक्षत्र को पार करने में पृथ्वी को 14 दिन लगते हैं। इसलिए नक्षत्रों की अवधि 14 दिनों की होती है। भारतीय ज्योतिष में नक्षत्रों और मौसम के बीच गहरा संबंध माना जाता है, और एक नक्षत्र में मौसम की दशा देखकर दूसरे नक्षत्र में मौसम का पूर्वानुमान किया जाता है।
प्रश्न 8: सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी का अनुमान कैसे लगाया जा सकता है?
उत्तर: सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी का अनुमान प्रकाश की गति से लगाया जा सकता है। सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग 8 मिनट का समय लेता है। चूंकि प्रकाश की गति लगभग 299,792 किलोमीटर प्रति सेकंड होती है, इस आधार पर सूर्य और पृथ्वी के बीच की औसत दूरी लगभग 149.6 मिलियन किलोमीटर (1 खगोलीय इकाई) होती है।
प्रश्न 9: ग्रहों के बीच दूरी और उनकी चमक में क्या संबंध है?
उत्तर: ग्रहों की सूर्य से दूरी और उनकी चमक में सीधा संबंध होता है। जो ग्रह सूर्य के सबसे निकट होते हैं, उनमें चमक अधिक होती है, जैसे बुध ग्रह। इसके विपरीत, जो ग्रह सूर्य से दूर होते हैं, उनमें चमक कम होती है। यह चमक ग्रहों के सूर्य से प्राप्त प्रकाश पर निर्भर करती है, क्योंकि ग्रहों का खुद का कोई प्रकाश नहीं होता।
प्रश्न 10: तारों के टिमटिमाने का वैज्ञानिक कारण क्या है?
उत्तर: तारों का टिमटिमाना उनके प्रकाश के वायुमंडल में से होकर गुजरने के कारण होता है। तारे हमसे बहुत दूर होते हैं, और जब उनका प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है, तो हवा की विभिन्न परतों से टकराकर यह प्रकाश दिशा बदलता है, जिससे तारे टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं। यह घटना खगोलीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बताती है कि तारे पृथ्वी से कितनी दूर स्थित हैं।
प्रश्न 11: वृहस्पति और शनि ग्रहों के उपग्रहों के बारे में क्या विशेष जानकारी दी गई है?
उत्तर: वृहस्पति के 63 उपग्रह हैं और शनि के 62 उपग्रह हैं। इनमें से शनि का ‘टाइटन’ सबसे बड़ा उपग्रह है। ये उपग्रह अपने ग्रह के चारों ओर घूमते हैं और सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। वृहस्पति और शनि के इतने अधिक उपग्रह होने का कारण उनका बड़ा आकार और मजबूत गुरुत्वाकर्षण बल है, जो अधिक संख्या में उपग्रहों को अपनी ओर खींचता है।
प्रश्न 12: उल्कापिंड क्या होते हैं और वे किस प्रकार से दिखाई देते हैं?
उत्तर: उल्कापिंड पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं जो सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पिंडों से टूटकर पृथ्वी की ओर गिरते हैं। जब ये पिंड पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं, तो वायु के साथ घर्षण के कारण ये गर्म होकर जल जाते हैं, जिससे प्रकाश उत्पन्न होता है और वे टूटते हुए तारे की तरह दिखाई देते हैं। कभी-कभी ये पूरी तरह जल नहीं पाते और पृथ्वी की सतह पर गिर जाते हैं, जिससे धरातल पर गड्ढे बन जाते हैं।
प्रश्न 13: प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से क्यों हटा दिया गया है?
उत्तर: हाल के अनुसंधानों और खोजों के बाद प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से हटा दिया गया है क्योंकि यह सौर मंडल के अन्य ग्रहों के मानकों पर खरा नहीं उतरता। प्लूटो की कक्षा और आकार अन्य ग्रहों की तुलना में काफी भिन्न है, और यह ग्रहों की सामान्य परिभाषा में फिट नहीं होता। अब इसे क्षुद्र ग्रह की श्रेणी में रखा गया है।
प्रश्न 14: सप्तर्षि मंडल का भारतीय और यूनानी नामकरण क्या है?
उत्तर: भारतीय विद्वानों ने सप्तर्षि मंडल के सात तारों का नामकरण ऋषियों के नाम पर किया है – ऋतु, पुलह, पुलस्त्य, अत्रि, वशिष्ठ, अंगीरा, और मरिची। यूनानी ग्रंथों में इन तारों को अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, एपिसिलोन, एटा, और जेटा कहा जाता है। सप्तर्षि मंडल उत्तर दिशा में स्थित है और ऋतु एवं पुलह को मिलाने वाली रेखा उत्तर दिशा का सूचक है।
प्रश्न 15: ब्रह्मांड की विशालता और रहस्यों का गोविन्द पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: ब्रह्मांड की विशालता और रहस्यों ने गोविन्द पर गहरा प्रभाव डाला। तारामंडल में नई-नई जानकारियाँ प्राप्त करके वह काफी उत्साहित हुआ। उसने सौर परिवार, ग्रहों, उपग्रहों, तारों, और आकाशगंगा के बारे में जानकारियाँ हासिल कीं। गोविन्द को यह समझ में आया कि ब्रह्मांड बहुत विशाल है और उसमें अनगिनत रहस्य छिपे हुए हैं। यह अनुभव उसे ज्ञान और विज्ञान की ओर प्रेरित करने वाला था।
प्रश्न 16: ध्रुवतारा किस प्रकार से दिशा सूचक के रूप में काम करता है?
उत्तर: ध्रुवतारा उत्तरी गोलार्द्ध में पृथ्वी के उत्तरी अक्ष पर स्थित एक स्थिर तारा है, जो हमेशा उत्तर दिशा में दिखाई देता है। इस कारण, यह दिशा सूचक के रूप में काम करता है। प्राचीन समय से ही नाविक इस तारे की मदद से समुद्र में अपनी दिशा का पता लगाते थे। ध्रुवतारा की स्थिति क्षितिज से जितनी ऊँचाई पर होती है, वह उस स्थान का अक्षांश बताती है, जिससे दिशा ज्ञात होती है।
प्रश्न 17: नक्षत्र क्या हैं और उनका मौसम से क्या संबंध है?
उत्तर: नक्षत्र तारों के समूह होते हैं, जिनसे चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा करते समय गुजरना पड़ता है। नक्षत्रों की संख्या 27 है, और प्रत्येक नक्षत्र को पार करने में पृथ्वी को 14 दिन लगते हैं। भारतीय ज्योतिष में नक्षत्रों और मौसम के बीच गहरा संबंध माना जाता है। एक नक्षत्र में मौसम की दशा देखकर दूसरे नक्षत्र में मौसम का पूर्वानुमान किया जाता है। इस प्रकार, नक्षत्र भारतीय ज्योतिष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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