Short Questions (with Answers)
1. राष्ट्रवाद का अर्थ क्या है?
उत्तर : राष्ट्रवाद का अर्थ राष्ट्रीय चेतना का उदय है, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक एकता होती है।
2. भारत में राष्ट्रवाद का उदय कब हुआ?
उत्तर : 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में, अंग्रेजी शासन और शोषण के खिलाफ राष्ट्रीय चेतना जागृत हुई।
3. अंग्रेजी शिक्षा नीति का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर : अंग्रेजी शिक्षा ने भारतीयों को स्वतंत्रता, समानता, और मानवतावाद के विचारों से परिचित कराया।
4. बंगाल विभाजन कब हुआ और इसका क्या प्रभाव था?
उत्तर : 1905 में हुआ बंगाल विभाजन भारतीयों को एकजुट करने का कारण बना और राष्ट्रवाद को बढ़ावा मिला।
5. असहयोग आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर : असहयोग आंदोलन का उद्देश्य स्वराज प्राप्ति और ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध था।
6. चंपारण सत्याग्रह क्यों महत्वपूर्ण था?
उत्तर : यह गांधीजी का पहला सफल सत्याग्रह था, जिसने किसानों को नील खेती से मुक्ति दिलाई।
7. जालियांवाला बाग हत्याकांड कब हुआ?
उत्तर : 13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर ने शांतिपूर्ण सभा पर गोलियां चलवाईं, जिसमें हजारों मारे गए।
8. खिलाफत आंदोलन का उद्देश्य क्या था?
उत्तर : तुर्की के सुल्तान (खलीफा) के अधिकारों की रक्षा करना और मुसलमानों की भावनाओं को बचाना।
9. प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भारतीयों की स्थिति कैसी थी?
उत्तर : युद्ध के कारण महंगाई, कर वृद्धि, और बेरोजगारी से भारतीय जनता त्रस्त थी।
10. दांडी यात्रा का महत्व क्या है?
उत्तर : गांधीजी ने 1930 में नमक कानून तोड़कर सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की।
11. नेहरू रिपोर्ट क्या थी?
उत्तर : यह एक संविधान का मसौदा था, जो भारत को डोमिनियन स्टेट का दर्जा दिलाने के लिए बनाया गया था।
12. साइमन कमीशन का विरोध क्यों हुआ?
उत्तर : कमीशन में कोई भारतीय सदस्य नहीं था, जिससे भारतीयों में असंतोष बढ़ा।
13. गांधी-इरविन समझौता कब हुआ?
उत्तर : 1931 में हुआ यह समझौता सविनय अवज्ञा आंदोलन को रोकने के लिए किया गया था।
14. राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई?
उत्तर : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी।
15. रॉलेट एक्ट क्या था?
उत्तर : यह कानून बिना मुकदमा चलाए किसी को भी जेल भेजने की अनुमति देता था।
16. सविनय अवज्ञा आंदोलन का मुख्य कार्यक्रम क्या था?
उत्तर : नमक कानून तोड़ना, करबंदी और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार।
17. मोतीलाल नेहरू का योगदान क्या था?
उत्तर : उन्होंने नेहरू रिपोर्ट तैयार की और असहयोग आंदोलन में सक्रिय भाग लिया।
18. अंग्रेजी शासन के दौरान प्रेस पर क्या प्रतिबंध लगे?
उत्तर : 1878 के वर्नाक्युलर एक्ट ने भारतीय प्रेस पर कठोर प्रतिबंध लगाए।
19. प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय स्वतंत्रता पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर : युद्ध के बाद भारतीयों ने महसूस किया कि संगठित संघर्ष से ही स्वतंत्रता संभव है।
20. स्वदेशी आंदोलन का उद्देश्य क्या था?
उत्तर : स्वदेशी आंदोलन का उद्देश्य विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार और स्वदेशी वस्त्रों को बढ़ावा देना था।
Medium Questions (with Answers)
1. जालियांवाला बाग हत्याकांड के बाद ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया क्या थी?
उत्तर : जालियांवाला बाग हत्याकांड के बाद ब्रिटिश सरकार ने पंजाब में मार्शल लॉ लगाया। यह घटना पूरे देश में आक्रोश का कारण बनी। रवींद्रनाथ टैगोर ने नाइटहुड की उपाधि लौटाई और गांधीजी ने कैसर-ए-हिंद सम्मान का त्याग किया। इस घटना ने भारतीयों को अहिंसात्मक और सशस्त्र आंदोलनों की ओर प्रेरित किया और स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा प्रदान की।
2. भारत में राष्ट्रीय चेतना के सामाजिक कारण क्या थे?
उत्तर : ब्रिटिश शासन ने जातीय भेदभाव और रंगभेद को बढ़ावा दिया, जिससे भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार हुआ। भारतीयों को रेल, क्लब और होटलों में प्रवेश से वंचित रखा गया। सरकारी नौकरियों में पक्षपात ने भी असंतोष फैलाया। इन भेदभावपूर्ण नीतियों ने भारतीयों को राष्ट्रीय चेतना की ओर प्रेरित किया।
3. असहयोग आंदोलन के कारण और उद्देश्य क्या थे?
उत्तर : असहयोग आंदोलन के मुख्य उद्देश्य स्वराज की प्राप्ति, खिलाफत के मुद्दे का समर्थन और ब्रिटिश अत्याचारों का विरोध करना था। यह आंदोलन गांधीजी के नेतृत्व में शुरू हुआ, जिसमें सरकारी संस्थाओं, स्कूलों और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया गया। आंदोलन ने भारतीयों को एकजुट किया और स्वराज की मांग को मजबूती दी।
4. प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भारतीय राष्ट्रवाद को कैसे बल मिला?
उत्तर : प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों पर कर का बोझ बढ़ा दिया और उन्हें युद्ध में शामिल किया। महंगाई और बेरोजगारी से भारतीयों में असंतोष बढ़ा। इस दौरान होमरूल लीग आंदोलन और गदर पार्टी के क्रांतिकारी प्रयासों ने राष्ट्रीय आंदोलन को और तेज कर दिया।
5. चंपारण सत्याग्रह का महत्व क्या था?
उत्तर : 1917 में महात्मा गांधी ने चंपारण के नील किसानों की समस्या सुलझाने के लिए सत्याग्रह किया। यह गांधीजी का पहला सफल आंदोलन था, जिसमें किसानों को तीनकठिया व्यवस्था से मुक्ति मिली। चंपारण सत्याग्रह ने भारतीय किसानों को संगठित होने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा दी।
6. सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर : गांधीजी ने 1930 में दांडी यात्रा के माध्यम से सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की। नमक कानून तोड़ने के साथ इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार की नीतियों का विरोध किया। पूरे देश में विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार, कर न देने और शराब की दुकानों के खिलाफ धरना जैसे कार्यक्रम चलाए गए।
7. जालियांवाला बाग हत्याकांड का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर : 13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर ने जालियांवाला बाग में एक शांतिपूर्ण सभा पर गोलीबारी करवाई, जिसमें हजारों लोग मारे गए। इस घटना ने भारतीयों को झकझोर दिया। रवींद्रनाथ टैगोर और गांधीजी ने अपनी ब्रिटिश उपाधियां लौटा दीं, और यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक निर्णायक मोड़ साबित हुई।
Long Questions (with Answers)
1. भारत में राष्ट्रवाद का अर्थ और उसका महत्व क्या है?
उत्तर : राष्ट्रवाद का अर्थ है राष्ट्रीय चेतना का उदय, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भाव होता है। 19वीं शताब्दी में, भारत छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था और एक समान न्याय व्यवस्था का अभाव था। ब्रिटिश शासन की नीतियों ने भारत को एकजुट किया, जिससे स्वतंत्रता संग्राम का आधार बना। राष्ट्रवाद के उदय ने भारतीयों को स्वतंत्रता और एकता की दिशा में प्रेरित किया।
2. भारत में राष्ट्रवाद के उदय के प्रमुख राजनीतिक कारण क्या थे?
उत्तर : ब्रिटिश प्रशासन की साम्राज्यवादी नीतियों ने भारतीयों को जागरूक किया। 1878 में वर्नाक्युलर एक्ट ने प्रेस की स्वतंत्रता को सीमित किया, और 1905 में बंगाल विभाजन ने साम्प्रदायिकता को बढ़ावा दिया। इन कदमों ने भारतीयों को एकजुट किया और राष्ट्रीय चेतना को प्रेरित किया। इलबर्ट बिल और लार्ड कर्जन की नीतियों ने असंतोष को और भड़काया, जिससे राष्ट्रवादी आंदोलन तेज हुआ।
3. असहयोग आंदोलन के दौरान किए गए प्रमुख कार्य क्या थे?
उत्तर : असहयोग आंदोलन में भारतीयों ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार किया, सरकारी नौकरियों और विदेशी वस्त्रों का त्याग किया। स्वदेशी वस्त्रों को बढ़ावा दिया गया और न्यायालयों का उपयोग बंद कर पंचायती व्यवस्था अपनाई गई। गांधीजी के नेतृत्व में राष्ट्रीय विद्यालयों और चरखा-कताई को प्रोत्साहित किया गया। बड़े वकील, जैसे मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास ने अपनी वकालत छोड़ दी। यह आंदोलन स्वराज की प्राप्ति के लिए पहली जन क्रांति थी।
4. प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर प्रभाव क्या था?
उत्तर : प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों पर अतिरिक्त कर लगाया और रक्षा व्यय में वृद्धि की। महंगाई और बेरोजगारी ने भारतीय जनता को त्रस्त कर दिया। इस दौरान होमरूल लीग और गदर पार्टी जैसे आंदोलनों ने भारतीय राष्ट्रीय चेतना को प्रोत्साहन दिया। युद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार ने सुधारों के नाम पर रौलेट एक्ट लागू किया, जिससे जनता में आक्रोश और बढ़ा। यह समय गांधीजी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन की पृष्ठभूमि बना।
5. खिलाफत आंदोलन का उद्देश्य और उसका प्रभाव क्या था?
उत्तर : खिलाफत आंदोलन का उद्देश्य तुर्की के सुल्तान (खलीफा) के अधिकारों की रक्षा करना था। गांधीजी ने इस आंदोलन को हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए एक अवसर के रूप में देखा। आंदोलन ने राष्ट्रीय आंदोलन में मुसलमानों की भागीदारी बढ़ाई। हालांकि, असहयोग आंदोलन की विफलता के बाद खिलाफत आंदोलन भी कमजोर हो गया। यह भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के लिए एक बड़ी राजनीतिक शक्ति साबित हुआ।
6. दांडी यात्रा और सविनय अवज्ञा आंदोलन का महत्व क्या था?
उत्तर : 1930 में गांधीजी ने नमक कानून तोड़ने के लिए साबरमती आश्रम से दांडी तक यात्रा की। यह ब्रिटिश सरकार के अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत थी। आंदोलन में नमक सत्याग्रह, करबंदी, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार और शराबबंदी जैसे कार्यक्रम शामिल थे। इस आंदोलन ने भारतीय जनता को संगठित किया और स्वतंत्रता संग्राम को मजबूत किया।
7. भारत में राष्ट्रीय आंदोलन में धार्मिक सुधार आंदोलनों की भूमिका क्या थी?
उत्तर : राजा राममोहन राय, स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महापुरुषों ने समाज सुधार और धार्मिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाए। इन आंदोलनों ने समानता और एकता का संदेश दिया, जिससे भारतीय समाज में नई चेतना का विकास हुआ। यूरोपीय विद्वानों ने भी भारतीय धर्मग्रंथों का अंग्रेजी में अनुवाद कर भारतीय संस्कृति का महत्व बढ़ाया।
8. अंग्रेजी शिक्षा नीति ने राष्ट्रवाद के उदय में कैसे योगदान दिया?
उत्तर : अंग्रेजी शिक्षा ने भारतीयों को लोकतंत्र, स्वतंत्रता, मानवतावाद और समानता के विचारों से परिचित कराया। इससे भारतीयों में जागरूकता बढ़ी और उन्होंने अपने अधिकारों की मांग शुरू की। यूरोपीय पुनर्जागरण और फ्रांसीसी क्रांति के सिद्धांतों ने भारतीयों को संगठित आंदोलन की प्रेरणा दी। लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति ने भारतीय समाज में नई चेतना पैदा की।
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