Short Questions (with Answers)
1. दिनकर जी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर- रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 को सिमरिया, बेगूसराय (बिहार) में हुआ।
2. दिनकर जी की प्रारंभिक शिक्षा कहाँ हुई?
उत्तर- उनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव और उसके आसपास हुई।
3. दिनकर जी ने बी.ए. ऑनर्स किस विषय में किया?
उत्तर- उन्होंने 1932 में पटना कॉलेज से इतिहास में बी.ए. ऑनर्स किया।
4. दिनकर जी को कौन-कौन से सम्मान मिले?
उत्तर- उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार और भारत सरकार से पद्मविभूषण मिला।
5. दिनकर जी को किस कृति के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला?
उत्तर- उनकी कृति ‘उर्वशी’ के लिए उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।
6. कविता ‘जनतंत्र का जन्म’ का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर- यह कविता जनतंत्र की स्थापना और जनता के अधिकारों की प्रधानता पर केंद्रित है।
7. दिनकर जी को ‘राष्ट्रकवि’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर- उनकी कविताएँ राष्ट्रभक्ति, जनतंत्र और समाज सुधार पर आधारित होने के कारण उन्हें ‘राष्ट्रकवि’ कहा गया।
8. ‘जनता’ शब्द का कविता में क्या अर्थ है?
उत्तर- यह उस सामान्य जनता का प्रतीक है, जो सदा कष्ट सहती रही है और अब अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो गई है।
9. ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर- यह पंक्ति शासकों को चेतावनी देती है कि अब जनता अपने अधिकार स्वयं स्थापित करेगी।
10. ‘फावड़े और हल राजदंड बनने को हैं’ का क्या संकेत है?
उत्तर- यह पंक्ति श्रमिक वर्ग और किसानों के सशक्तिकरण को दर्शाती है।
11. दिनकर जी की काव्य शैली की विशेषता क्या है?
उत्तर- उनकी शैली ओजपूर्ण, प्रभावशाली और भावनाओं से भरपूर है।
12. ‘हूँकारों से महलों की नींव उखड़ जाती’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर- यह जनता के आक्रोश और क्रांति की शक्ति को दर्शाता है।
13. कविता में जनता के दुखों का वर्णन कैसे किया गया है?
उत्तर- जनता को जाड़े-पाले की कसक सहने वाली और दर्द को मौन में सहने वाली बताया गया है।
14. ‘भूडोल’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर- यह जनता के आंदोलन से उत्पन्न क्रांति और परिवर्तन का प्रतीक है।
15. ‘अभिषेक आज राजा का नहीं, प्रजा का है’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर- यह पंक्ति प्रजातंत्र में जनता की सर्वोच्चता का संदेश देती है।
16. ‘देवता मिलेंगे खेतों में’ का क्या संकेत है?
उत्तर- यह श्रमिक वर्ग और किसानों के महत्व को दर्शाता है।
17. दिनकर जी की गद्य रचनाओं में कौन-कौन सी कृतियाँ शामिल हैं?
उत्तर- ‘संस्कृति के चार अध्याय’, ‘मिट्टी की ओर’ और ‘काव्य की भूमिका’ उनकी प्रमुख गद्य रचनाएँ हैं।
18. ‘तैंतीस कोटि जनता’ का क्या अर्थ है?
उत्तर- यह भारत की विशाल जनसंख्या का प्रतीक है।
19. ‘मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है’ का क्या भाव है?
उत्तर- यह स्वतंत्रता के बाद भारत की नई पहचान और उसकी शक्ति का प्रतीक है।
20. ‘घर्घर नाद’ का क्या अर्थ है?
उत्तर- यह समय की गति और जन क्रांति की आवाज का प्रतीक है।
Medium Questions (with Answers)
1. कविता में ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ का क्या अर्थ है?
उत्तर- यह पंक्ति जनतंत्र की स्थापना और जनता की सर्वोच्चता को दर्शाती है। कवि का तात्पर्य यह है कि अब जनता अपने अधिकारों के लिए जागरूक हो गई है और वह किसी अन्याय को सहन नहीं करेगी। यह पंक्ति पुराने शासकों को चेतावनी देती है कि अब सत्ता जनता के हाथ में होगी।
2. कवि जनता को ‘मिट्टी की मूरत’ क्यों कहता है?
उत्तर- कवि ने जनता को ‘मिट्टी की मूरत’ इसलिए कहा क्योंकि वह सरल, सहनशील और शांत स्वभाव की प्रतीक है। जनता ने सदियों तक जाड़े-पाले और अन्याय को सहन किया, लेकिन अब वह जागरूक हो गई है। यह मूरत अब अन्याय और अत्याचार के खिलाफ खड़ी हो रही है।
3. दिनकर जी की कविता ‘जनतंत्र का जन्म’ का केंद्रीय भाव क्या है?
उत्तर- यह कविता स्वतंत्रता के बाद भारत में जनतंत्र की स्थापना का उत्सव है। कवि ने जनता की सहनशीलता और उसकी जागरूकता को केंद्र में रखते हुए प्रजातंत्र के महत्व को रेखांकित किया है। यह कविता जनता को अपनी शक्ति और अधिकारों के प्रति सचेत करने का संदेश देती है।
4. ‘हुंकारों से महलों की नींव उखड़ जाती’ का क्या अर्थ है?
उत्तर- यह पंक्ति जनता के आक्रोश और क्रांति की शक्ति को दर्शाती है। जब जनता अपने अधिकारों के लिए हुंकार भरती है, तो बड़े से बड़े शासकों के महल और सत्ता को उखाड़ फेंक सकती है। यह परिवर्तन और शक्ति का प्रतीक है।
5. ‘देवता खेतों में’ का क्या संकेत है?
उत्तर- यह पंक्ति श्रमिक वर्ग और किसानों की मेहनत और उनके महत्व को रेखांकित करती है। कवि ने संकेत दिया है कि असली देवता वे हैं, जो समाज की नींव तैयार करते हैं। यह समाज में मेहनतकश वर्ग के सम्मान और योगदान को दर्शाता है।
6. कवि के अनुसार जनता ‘फूल’ और ‘दुधमुंही बच्ची’ क्यों मानी जाती थी?
उत्तर- शासक वर्ग जनता को एक ऐसे फूल की तरह मानता था, जिसे बिना उसकी सहमति के तोड़ा जा सकता है। साथ ही, वे उसे एक दुधमुंही बच्ची समझते थे, जिसे सिर्फ खिलौनों से बहलाया जा सकता है। कवि ने इस दृष्टिकोण का विरोध करते हुए जनता की शक्ति और चेतना का चित्रण किया है।
7. ‘जनता के सपने’ कविता में कैसे दिखाए गए हैं?
उत्तर- जनता के सपने उजाले, स्वतंत्रता और अधिकारों के प्रति जागरूकता का प्रतीक हैं। कवि ने दिखाया है कि जनता ने सदियों के अंधकार के बाद अब स्वर्णिम भविष्य का सपना देखा है। यह सपने उसके साहस और संघर्ष का परिणाम हैं।
8. कविता में ‘भूडोल’ का प्रतीकात्मक महत्व क्या है?
उत्तर- ‘भूडोल’ जनता के आंदोलन और क्रांति को दर्शाता है। यह एक ऐसा परिवर्तन है, जो सत्ता के शोषणकारी ढाँचे को हिला देता है। जनता की चेतना और आक्रोश से बड़े से बड़े साम्राज्य कांप उठते हैं।
9. ‘फावड़े और हल राजदंड बनने को हैं’ का क्या संदेश है?
उत्तर- यह पंक्ति समाज के श्रमिक वर्ग और किसानों की शक्ति को दर्शाती है। फावड़ा और हल, जो खेती और मजदूरी के प्रतीक हैं, अब शासन और शक्ति के प्रतीक बन रहे हैं। यह श्रम के महत्व को रेखांकित करती है।
10. ‘तैंतीस कोटि जनता के सिर पर मुकुट’ का क्या अर्थ है?
उत्तर- यह पंक्ति भारत के प्रजातंत्र की भावना को दर्शाती है। इसमें जनता की सर्वोच्चता और उनकी सत्ता में हिस्सेदारी को महत्व दिया गया है। यह कवि का सपना है कि जनता ही देश की असली शक्ति बने।
Long Questions (with Answers)
1. कविता में जनतंत्र का स्वरूप कैसे चित्रित किया गया है?
उत्तर- दिनकर ने कविता में जनतंत्र को जनता की सर्वोच्चता के रूप में चित्रित किया है। सदियों के अन्याय और पराधीनता के बाद जनता जागरूक हो गई है। यह जनतंत्र जनता की शक्ति, उनके अधिकार और उनके निर्णय का प्रतीक है। कवि ने इसे जनता के स्वप्नों का साकार रूप बताया है। यह वह शासन है, जिसमें जनता सिंहासन पर है, न कि राजा।
2. ‘घर्घर नाद’ और ‘सिंहासन खाली करो’ का कविता में क्या महत्व है?
उत्तर- ‘घर्घर नाद’ समय की गति और क्रांति की आवाज है। यह जनता की चेतना और शक्ति को व्यक्त करता है। ‘सिंहासन खाली करो’ शासकों के लिए चेतावनी है कि अब जनता सत्ता में आएगी। यह प्रजातंत्र के उदय और जनता की स्वतंत्रता का प्रतीक है।
3. कवि ने जनता की सहनशीलता का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर- कवि ने जनता को ‘मिट्टी की मूरत’ कहा है, जो सदियों से जाड़े-पाले और अन्याय को सहन करती आ रही है। जनता ने अपने दर्द और पीड़ा को कभी प्रकट नहीं किया। लेकिन अब उसकी सहनशीलता जागरूकता में बदल गई है। वह अपनी शक्ति को पहचानकर शोषण के खिलाफ खड़ी हो रही है।
4. ‘हुंकारों से महलों की नींव उखड़ जाती’ का संदर्भ समाज में क्या है?
उत्तर- यह पंक्ति जनता की क्रांति और आक्रोश की शक्ति को दर्शाती है। जब जनता संगठित होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ती है, तो शासकों की सत्ता और उनके महल तक ढह जाते हैं। यह समाज में अन्याय और शोषण के अंत का प्रतीक है।
5. कविता में ‘देवता खेतों में’ का क्या महत्व है?
उत्तर- कवि ने असली देवता किसानों और श्रमिकों को बताया है। जो मेहनत करते हैं और समाज को आर्थिक और सामाजिक रूप से सुदृढ़ बनाते हैं। यह पंक्ति मेहनतकश वर्ग के प्रति सम्मान और उनकी शक्ति को पहचानने का संदेश देती है।
6. दिनकर जी का जनतंत्र के प्रति दृष्टिकोण क्या है?
उत्तर- दिनकर जी का दृष्टिकोण प्रजातांत्रिक और मानवतावादी है। उन्होंने जनतंत्र को जनता की शक्ति, समानता और उनके अधिकारों का प्रतीक माना है। उनकी कविताओं में जनतंत्र का चित्रण जनता की सर्वोच्चता के रूप में किया गया है।
7. ‘फावड़े और हल राजदंड बनने को हैं’ पंक्ति का सामाजिक महत्व क्या है?
उत्तर- यह पंक्ति समाज में श्रमिक वर्ग और किसानों के महत्व को रेखांकित करती है। श्रमिक वर्ग और किसान जो देश की असली शक्ति हैं, उन्हें शासन में भागीदारी देने का संदेश देती है। यह समाज में श्रम और मेहनत की महत्ता को दिखाती है।
8. ‘सदियों की ठंढी बुझी राख’ का क्या भावार्थ है?
उत्तर- यह पंक्ति सदियों तक सोई हुई जनता की स्थिति को दर्शाती है। यह राख अब धीरे-धीरे सुलग रही है और जनता जागरूक हो रही है। यह परिवर्तन और क्रांति की शुरुआत का प्रतीक है, जो अंततः जनतंत्र के रूप में सामने आती है।
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