खंड अ – राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य परम्परा और धरोहर
- प्रागैतिहासिक काल से 18 वीं शताब्दी के अवसान तक राजस्थान के इतिहास के प्रमुख सोपान, महत्वपूर्ण राजवंश, उनकी प्रशासनिक एवं राजस्व व्यवस्था। 19 वी -20वीं शताब्दी की प्रमुख घटनाएं: किसान एवं जनजाति आन्दोलन, राजनीतिक जागृति , स्वतन्त्रता संग्राम और एकीकरण।
- राजस्थान की धरोहर: प्रदर्शन व ललित कलाएं , हस्तशिल्प व वास्तुशिल्प , मेले , पर्व ,
- लोक संगीत व लोक नृत्य।
- राजस्थानी साहित्य की महत्वपूर्ण कृतियाँ एवं राजस्थान की बोलियाँ।
- राजस्थान के संत , लोक देवता एवं महत्वपूर्ण विभूतियाँ।
- भारतीय धरोहर : सिन्धु सभ्यता से लेकर ब्रिटिश काल तक के भारत की ललित कलाएँ , प्रदर्शन कलाएँ , वास्तु परम्परा एवं साहित्य।
- प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के धार्मिक आन्दोलन और धर्म दर्शन।
- 19वीं शताब्दी के प्रारंभ से 1965 ईस्वी तक आधुनिक भारत का इतिहास: महत्वपूर्ण
- घटनाक्रम, व्यक्तित्व और मुद्दे। भारत का राष्ट्रीय आन्दोलन – इसके विभिन्न चरण व धाराएं , प्रमुख योगदानकर्ता और देश के भिन्न भिन्न भागों से योगदान।
- 19वी -20वीं शताब्दी में सामाजिक- धार्मिक सुधार आन्दोलन।
- स्वातंत्र्योत्तर सुदृढीकरण और पुनर्गठन- देशी रियासतों का विलय तथा राज्यों का भाषायी आधार पर पुनर्गठन।
- पुनर्जागरण व धर्म सुधार।
- प्रबोधन व औद्योगिक क्रांति।
- एशिया व अफ्रीका में सामाज्यवाद और उपनिवेशवाद।
- विश्व युदों का प्रभाव।
- अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र : कृषि, उद्योग और सेवा- वर्तमान स्थिति, मुद्दे एवं पहल
- बैंकिंग : मुद्रा-पूर्ति और उच्चाधिकार प्राप्त मुद्रा की अवधारणा, केन्द्रीय बैंक एवं वाणिज्य बैंकों की भूमिका एवं कार्यप्रणाली, अनर्जक परिसंपत्ति, वित्तीय समावेशन, मौद्रिक नीतिअवधारणा, उद्देश्य और साधन।
- लोक वित्तः भारत में कर सुधार- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर, परिदान, नकद हस्तांतरण और अन्य संबंधी मुद्दे, भारत की वर्तमान राजकोषीय नीति।
- भारतीय अर्थव्यवस्था में हाल के रूझान- विदेशी पूंजी की भूमिका, बहुराष्ट्रीय कंपनियां, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, निर्यात–आयात नीति, 12″ वित्त आयोग, गरीबी उन्मूलन योजनाएं।
- वैश्विक आर्थिक मुद्दे और प्रवृत्तियाँ : विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व व्यापार संगठन की भूमिका।
- विकासशील, उभरते और विकसित देशों की संकल्पना।
- वैश्विक परिदृश्य में भारत।
- राजस्थान के विशेष संदर्भ में कृषि, बागवानी, डेयरी और पशुपालन।
- औद्योगिक क्षेत्र : संवृद्धि और हाल के रूझान।
- राजस्थान के विशेष संदर्भ में संवृद्धि, विकास और आयोजना।
- राजस्थान के सेवा क्षेत्र में वर्तमान में हुए विकास एवं मुद्दे ।
- राजस्थान की प्रमुख विकास परियोजनाएं- उनके उद्देश्य और प्रभाव।
- राजस्थान में आर्थिक परिवर्तन के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल।
- राज्य का जनांकिकी परिदृश्य और राजस्थान की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव।
- भारत में समाजशास्त्रीय विचारों का विकास
- सामाजिक मूल्य
- जाति वर्ग और व्यवसाय
- संस्कृतिकरण
- वर्ण, आश्रम, पुरूषार्थ एवं संस्कार व्यवस्था
- धर्म निरपेक्षता
- मुद्दे एवं सामाजिक समस्याएं
- राजस्थान के जनजातीय समुदाय- भील, मीणा एवं गरासिया
- प्रबंधन- क्षेत्र, अवधारणा, प्रबंधन के कार्य – योजना आयोजन. स्टाफ निर्देशन समन्वय और
- नियंत्रण, निर्णय लेना :अवधारणा प्रक्रिया और तकनीक।
- विपणन की आधुनिक अवधारणा, विपणन मिश्रण-उत्पाद मूल्य स्थान और संवर्धन
- धन के अधिकतमकरण की अवधारणा एवंम उद्देश्य वित्त के स्त्रोत – छोटी और लंबी अवधि पूंजी संरचना, पूंजी की लागत
- नेतृत्व और प्रेरणा की अवधारणा और मुख्य सिद्धांत संचार प्रक्रिया, भर्ती चयन, प्रेरण प्रशिक्षण एवं विकास और मूल्यांकन प्रणाली के मूल सिद्धांत
- वित्तीय विवरण विश्लेषण की तकनीक कार्यशील पंजी प्रबंधन के मूल सिद्धांत जवाबदेही और
- सामाजिक लेखांकन अंकेक्षण का अर्थ एवं उद्देश्य ,आंतरिक नियंत्रण सामाजिक प्रदर्शन और कार्यकुशलता अंकेक्षण।
- विभिन्न प्रकार के बजट एवं उनके मूल सिद्धांत, बजटीय नियंत्रण
- नीतिशास्त्र एवं मानवीय मूल्य- महापुरूषों, समाज सुधारकों तथा प्रशासकों के जीवन से प्राप्त शिक्षा। परिवार, सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का मानवीय मूल्यों के पोषण में योगदान।
- नैतिक समप्रत्यय- ऋत एवं ऋण, कर्त्तव्य की अवधारणा, शुभ एवं सद्गुण।
- निजी एवं सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र की भूमिका- प्रशासकों का आचरण, मूल्य
- एवं राजनैतिक अभिवृत्ति – सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार ।
- भगवद् गीता का नीतिशास्त्र एवं प्रशासन में इसकी भूमिका।
- गांधी का नीतिशास्त्र।
- भारतीय एवं विश्व के नैतिक चिंतकों एवं दार्शनिकों का योगदान।
- तनाव प्रबंधन।
- उपरोक्त विषयों पर आधारित केस अध्ययन।
- संवेगात्मक बुद्वि-अवधारणाएं एवं उनकी उपयोगिताएं।
नैनो तकनीकी-संकल्पना तथा उसके अनुप्रयोग, भारत का नैनो मिशन
- नाभिकीय तकनीकी – आधारभूत संकल्पना, रेडियोऐक्टिवता तथा उसके अनप्रयोग. विभिन्न प्रकार के नाभिकीय रिएक्टर, असैन्य तथा सैन्य उपयोग, भारत में नाभिकीय तकनीकी विकास के लिए संस्थागत संरचना।
- दूरसंचार– आधारभूत संकल्पना, आमजन के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए दूरसंचार का अनुप्रयोग, भारतीय दूरसंचार
- उद्योग – संक्षिप्त इतिहास सहित, भारतीय दूरसंचार नीति तथा टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अर्थोरटी ऑफ इण्डिया।
- विद्युतचुम्बकीय तरंगें, संचार व्यवस्था, कम्प्यूटर के आधारभूत तत्व, प्रशासन में सूचना ।
- तकनीकी, ई-गवर्नेस, ई-वाणिज्य (ई-कॉमर्स) का उपयोग।
- रक्षा- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम के संदर्भ में मिसाइल के प्रकार, विभिन्न रासायनिक और
- जैविक हथियार, DRDO की विभिन्न क्षेत्रों (हथियार के अतिरिक्त) में भूमिका।
- द्रव्य की अवस्थाएँ।
- कार्बन के अपररूप।
- pH मापक्रम तथा pH का दैनिक जीवन में महत्व।
- संक्षारण तथा उसका निवारण।
- उत्प्रेरक।
- साबुन और अपमार्जक – साबुन की शोधन क्रिया।
- बहुलक तथा उनके उपयोग।
- मानव के पाचन, श्वसन, परिसंचरण, उत्सर्जन, समन्वयन एवं जनन तंत्रों की सामान्य जानकारी।
- जैव प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग एवं उससे सम्बद्ध नीतिपरक एवं बौद्विक संपदा अधिकार से संबंधित मुद्दे।
- भोजन एवं मानव स्वास्थ्य : संतुलित एवं असंतुलित भोजन, कुपोषण ; मादक पदार्थ; रक्त, रक्त समूह एवं रोधक्षमता (प्रतिजन एवं प्रतिरक्षी), रक्ताधान; प्रतिरक्षीकरण एवं टीकाकरण; की सामान्य जानकारी।
- मानव रोग : संचरणीय एवं असंचरणीय रोग; तीव्र एवं चिरकाली रोग, संक्रामक, आनुवांशिक एवं जीवन शैली से उत्पन्न रोगों के कारण एवं निवारण।
- जल की गुणवत्ता एवं जल शोधन।
- राजस्थान राज्य के विशेष संदर्भ में सार्वजनिक स्वास्थ्य उपक्रम ।
- विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान।
- पारिस्थितिक तंत्र : संरचना एवं कार्य।
- वातावरण : संघटक एवं मूलभूत पोषण चक्र (नाइट्रोजन, कार्बन एवं जल चक्र) जलवायु परिवर्तन; नवीनीकरणीय एवं अनवीकरणीय ऊर्जा ।
- वातावरणीय प्रदूषण एवं निम्नीकरण; अपशिष्ट प्रबंधन।
- राजस्थान राज्य के विशेष संदर्भ में जैव विविधता एवं उसका संरक्षण।
- राजस्थान राज्य की पारंपरिक प्रणालियों के विशेष संदर्भ में जल संरक्षण।
- राजस्थान राज्य के विशेष संदर्भ में कृषि विज्ञान, उद्यान-विज्ञान, वानिकी, डेयरी एवं पशु पालन।
- प्रमुख भौतिक भू-आकृतियाः पर्वत, पठार, मैदान, झीलें एवं हिमनद
- भूकंप एवं ज्वालामुखीः प्रकार, वितरण एवं उनका प्रभाव
- पृथ्वी एवं भूवैज्ञानिक समय सारिणी
- समसामयिक भू–राजनीतिक समस्याएं
- प्रमुख भौतिक: पर्वत, पठार, मैदान, झीलें एवं हिमनद
- भारत के प्रमुख भू-आकृतिक प्रदेश ।
- जलवायु : मानसून की उत्पत्ति, ऋतुओं के अनुसार जलवायु दशायें, वर्षा का वितरण एवं जलवायु प्रदेश। प्राकृतिक संसाधनः
(क) जल, वन एवं मृदा संसाधन
(ख) शैल एवं खनिज-प्रकार एवं उनका उपयोग . - जनसंख्याः वृद्धि, वितरण, घनत्व, लिंगानुपात, साक्षरता, नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्या
- प्रमुख भौतिक भू-आकृतियाँ पर्वत, पठार, मैदान, नदियाँ एवं झीलें
- प्रमुख भू-आकृतिक प्रदेश
- प्राकृतिक वनस्पति एवं जलवायु
- पशुपालन, जंगली जीव-जन्तु एवं उनका संरक्षण
- कृषि- प्रमुख फसलें खनिज संसाधन-
(क) धात्विक खनिजः प्रकार, वितरण एवं उनका औद्योगिक उपयोग
(ख) अधात्विक खनिजः प्रकार, वितरण एवं उनका औद्योगिक उपयोग - ऊर्जा संसाधनः परम्परागत एवं गैर परम्परागत स्त्रोत
- जनसंख्या एवं जनजातियाँ
सामान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन इकाई
- भारतीय संविधान : निर्माण, विशेषताएँ, संशोधन, मूल ढाँचा
- वैचारिक सत्व : उद्देशिका, मूल अधिकार, राज्य नीति के निदेशक तत्व, मूल कर्तव्य
- संस्थात्मक ढाँचा I : संसदीय प्रणाली, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्री परिषद्, संसद
- संस्थात्मक ढाँचा II : संघवाद, केन्द्र-राज्य संबंध, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय,
- न्यायिक पुनरावलोकन, न्यायिक सक्रियता।
- संस्थात्मक ढाँचा III : भारत निर्वाचन आयोग, नियंत्रक एवं महा लेखा परीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग, नीति आयोग, केन्द्रीय सतर्कता आयोग , केन्द्रीय सूचना आयोग, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग राजनीतिक गत्यात्मकताएँ : भारतीय राजनीति में जाति, धर्म, वर्ग, नृजातीयता, भाषा एवं लिंग की भूमिका, राजनीतिक दल एवं मतदान व्यवहार, नागरिक समाज एवं राजनीतिक आंदोलन, राष्ट्रीय अखंडता एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, सामाजिक- राजनीतिक संघर्ष के संभावित क्षेत्र।
राजस्थान की राज्य-राजनीति : दलीय प्रणाली, राजनीतिक जनांकिकी, राजस्थान में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के विभिन्न चरण, पंचायती राज एवं नगरीय स्वशासन संस्थाएँ। शीत युद्धोत्तर दौर में उदीयमान विश्व-व्यवस्था, संयुक्त राज्य अमरिका का वर्चस्व एवं इसका प्रतिरोध, संयुक्त राष्ट्र एवं क्षेत्रीय संगठन, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद एवं पर्यावरणीय मुद्दे ।
भारत की विदेश नीति : उद्विकास, निर्धारक तत्व, संयुक्त राज्य अमरिका, चीन, रूस एवं यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंध, संयुक्त राष्ट्र, गुट निरपेक्ष आंदोलन, ब्रिक्स, जी- 20,जी-77 एवं सार्क में भारत की भूमिका।
- दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया एवं पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक एवं रणनीतिक विकास तथा उनका भारत पर प्रभाव। समसामयिक मामले : राजस्थान, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं, व्यक्ति एवं स्थान, खेलकूद से जुड़ी हाल की गतिविधियाँ।
- प्रशासन एवं प्रबंध- अर्थ, प्रकृति एवं महत्व, विकसित एवं विकासशील समाजों में लोक प्रशासन की भूमिका, एक विषय के रूप में लोक प्रशासन का विकास, नवीन लोक प्रशासन, लोक प्रशासन के सिद्धांत।
- अवधारणाएँ- शक्ति, सत्ता, वैधता, उत्तरदायित्व एवं प्रत्यायोजन।
- संगठन के सिद्धांत- पदसोपान, नियंत्रण का क्षेत्र एवं आदेश की एकता।
- प्रबंधन के कार्य- निगमित शासन एवं सामाजिक उत्तरदायित्व।
- लोक प्रबंधन के नवीन आयाम- परिवर्तन का प्रबंधन
- लोक सेवा के आधारभूत मूल्य एवं अभिवृत्ति- लोक सेवा सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, गैरपक्ष, धरता एवं समर्पण, सामान्यज्ञ एवं विशेषज्ञ संबंध।
- प्रशासन पर विधायी एवं न्यायिक नियंत्रण- विधायी एवं न्यायिक नियंत्रण की विभिन्न पद्धतियाँ एवं तकनीक।
- राजस्थान में प्रशासनिक ढाँचा एवं प्रशासनिक संस्कृति- राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रीपरिषद, राज्य सचिवालय एवं मुख्य सचिव।
- जिला प्रशासन- संगठन, जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक की भूमिका, उपखण्ड एवं
तहसील प्रशासन। प्रशासनिक विकास- अर्थ, क्षेत्र एवं विशेषताएँ राज्य मानवाधिकार आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य वित्त आयोग, लोकायुक्त, राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान लोक सेवा अधिनियम, 2011)
- राजस्थान राज्य क्रीडा परिषद।
- राष्ट्रीय खेल पुरस्कार (अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, महाराणा प्रताप पुरस्कार इत्यादि)
- सकारात्मक जीवन पद्धति – योगा।
- भारत के श्रेष्ठ खिलाडी।
- खेलों में प्राथमिक उपचार।
- भारतीय खिलाडियों की ओलम्पिक में भागीदारी एवं पैरा ओलम्पिक खेल।
- बुद्धि : संज्ञानात्मक बुद्धि, सामाजिक बुद्धि, संवेगात्मक बुद्धि, सांस्कृतिक बुद्धि और हॉवर्ड
- गार्डनर का विविध बुद्धि सिद्वान्त ।
- व्यक्तित्व : मनोविश्लेषण सिद्वान्त, शीलगुण व प्रकार सिद्वान्त, व्यक्तित्व निर्धारण के कारक और व्यक्तित्व मापन विधियाँ ।
- अधिगम और अभिप्रेरणा : अधिगम की शैलियां, स्मृति के मॉडल और विस्मृति के कारण अभिप्रेरणा के वर्गीकरण व प्रकार, कार्य अभिप्रेरणा के सिद्वान्त और अभिप्रेरणा का मापन
- जीवन की चुनौतियों का सामना करना : तनाव : प्रकृति, प्रकार कारण, लक्षण, प्रभाव, तनाव प्रबंधन और सकारात्मक स्वास्थ्य का प्रोत्साहन ।
- विधि की अवधारणा- स्वामित्व एवं कब्जा, व्यक्तित्व, दायित्व, अधिकार एवं कर्त्तव्य।
- वर्तमान विधिक मुद्दे- सूचना का अधिकार, सूचना प्रौद्योगिकी विधि साइबर अपराध सहित (अवधारणा, उद्देश्य, प्रत्याशायें), बौद्धिक सम्पदा अधिकार (अवधारणा, प्रकार एवं उद्देश्य)।
- स्त्रियों एवं बालकों के विरूद्ध अपराध- घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, लैंगिक
- अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012, बाल श्रमिकों से संबंधित विधि ।
- राजस्थान में महत्वपूर्ण भूमि विधियां:
(क) राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956
(ख) राजस्थान काश्तकारी अधिनियम,1955
सामान्य हिन्दी ईकाई-सामान्य हिन्दीः कुल अंक 120, इस प्रश्न पत्र का उद्देश्य अभ्यर्थी की भाषा-विषयक क्षमता तथा उसके विचारों की सही, स्पष्ट एवं प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति की परख करना है।
- संधि एवं संधि-विच्छेद – दिए हुए शब्दों की संधि करना और संधि-विच्छेद करना
- उपसर्ग – सामान्य ज्ञान, उपसर्गों से शब्दों की संरचना तथा शब्दों में से उपसर्ग एवं शब्द पृथक् करना। • प्रत्यय – सामान्य ज्ञान, दिए हुए प्रत्ययों से शब्द बनाना और शब्दों में से शब्द एवं प्रत्यय पृथक् करना
- पर्यायवाची शब्द
- विलोम शब्द
- समश्रुत भिन्नार्थक शब्द-दिए हुए शब्द-युग्म का अर्थ-भेद
- वाक्यांश के लिए सार्थक शब्द
- शब्द शुद्धि
- वाक्य शुद्धि
- मुहावरे- मुहावरों का वाक्य में सटीक प्रयोग
- कहावत/लोकोक्ति-केवल भावार्थ
- पारिभाषिक शब्दावली- प्रशासन से संबंधित अंग्रेजी शब्दों के समानार्थ हिन्दी
- संक्षिप्तीकरण – गद्यावतरण का उचित शीर्षक एवं लगभग एक-तिहाई शब्दों में संक्षिप्तीकरण (गद्यावतरण की शब्द सीमा लगभग 100 शब्द)
- पल्लवन – किसी सूक्ति, काव्य पंक्ति, प्रसिद्ध कथन आदि का भाव विस्तार (शब्द सीमा-लगभग 100 शब्द)
- पत्र-लेखन – सामान्य कार्यालयी पत्र, कार्यालय आदेश, अर्धशासकीय पत्र, अनुस्मारक
- प्रारूप-लेखन – अधिसूचना, निविदा, परिपत्र, विज्ञप्ति
- अनुवाद – दिए हुए अंग्रेजी अनुच्छेद का हिंदी में अनुवाद ।(शब्द सीमा-लगभग 75 शब्द)
- किसी सामयिक एवं अन्य विषय पर निबंध लेखन (शब्द सीमा लगभग-250 शब्द)
- Correction of Sentences: 10 sentences for correction with errors related to: Articles & Determiners
- Prepositions
- Tenses & Sequence of Tenses
- Modals
- Voice- Active & Passive
- Narration-Direct & Indirect
- Synonyms & Antonyms
- Phrasal Verbs & Idioms
- One Word Substitute
- Words often Confused or Misused
- Comprehension of an Unseen Passage (250 Words approximately) 05 Questions based on the passage. Question No. 05 should preferably be on vocabulary.
- Translation of five sentences from Hindi to English.
- Precis Writing (a short passage of approximately 150-200 words)
- Paragraph Writing. Any 01 paragraph out of 03 given topics (approximately 200 words)
- Elaboration of a given theme (Any 1 out of 3, approximately 150 words)
- Letter Writing or Report Writing (approximately 150 words)
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