प्रश्न 1: आरपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में ‘राजस्थान राज्य विशेष’ के संदर्भ में कितने प्रश्न पूछे जाते हैं? इसकी तैयारी कैसे करें?
उत्तर: आरपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में लगभग 55-60 प्रश्न ‘राजस्थान राज्य विशेष’ के संदर्भ में पूछे जाते हैं। ‘सामान्य ज्ञान एवं सामान्य विज्ञान’ के इस पेपर में कुल 150 प्रश्नों में से 55-60 प्रश्न केवल राजस्थान राज्य विशेष के संदर्भ में पूछे जाते हैं, इससे इस विषय का महत्व स्वयं ही स्पष्ट हो जाता है।
- ‘राजस्थान राज्य विशेष’ के संदर्भ में राजस्थान के इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत तथा राजस्थान की समसामयिक घटनाओं पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।
- इसी प्रकार, प्रारंभिक परीक्षा के सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन राजस्थान राज्य के संदर्भ में करना लाभदायक रहता है। बाजार में उपलब्ध किसी भी स्तरीय पुस्तक का अध्ययन राजस्थान राज्य विशेष के संदर्भ में किया जा सकता है।
प्रश्न 2: ‘कट-ऑफ’ क्या है? इसका निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर: ‘कट-ऑफ’ का अर्थ है वह न्यूनतम अंक जिससे कोई अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुआ है। आरपीएससी परीक्षा में हर साल प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के परिणाम में ‘कट-ऑफ’ निर्धारित किया जाता है।
- ‘कट-ऑफ’ या उससे अधिक अंक लाने वाले अभ्यर्थी सफल घोषित किए जाते हैं और शेष असफल। आरक्षण व्यवस्था के तहत यह कट-ऑफ अलग-अलग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग है।
- आर.पी.एस.सी. की प्रारंभिक परीक्षा में केवल एक पेपर ‘सामान्य ज्ञान एवं सामान्य विज्ञान’ (वस्तुनिष्ठ) होता है, जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या-150 एवं अधिकतम अंक-200 निर्धारित हैं।
- अतः इस प्रश्नपत्र में अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर ‘कट-ऑफ’ निर्धारित किया जाता है।
- कट-ऑफ की प्रकृति निश्चित नहीं है, यह हर साल बदलती रहती है। इसका निर्धारण सीटों की संख्या, प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर तथा अभ्यर्थियों की संख्या और गुणवत्ता जैसे कारकों पर निर्भर करता है।
- आर.पी.एस.सी. की प्रारंभिक परीक्षा में नकारात्मक अंकों का प्रावधान होने के कारण (प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई (1/3) अंक काटा जाता है) इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सामान्यतः 40-50% अंक प्राप्त करना आवश्यक होता है। परन्तु कभी-कभी प्रश्नों के कठिनाई स्तर को देखते हुए यह प्रतिशत कम भी हो सकता है।
- उदाहरण के लिए, वर्ष 2018 के लिए आरपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2018 का कट-ऑफ 76.6 अंक है जो 40% से कम है।
- यदि प्रश्नपत्र आसान होंगे या अभ्यर्थियों की संख्या और गुणवत्ता अधिक होगी तो कटऑफ बढ़ जाएगी और प्रतिकूल परिस्थितियों में स्वतः ही कम हो जाएगी।
प्रश्न 3: क्या सभी प्रश्नों के उत्तर ओएमआर शीट पर एक साथ भरने चाहिए या एक साथ भरने चाहिए?
उत्तर: बेहतर होगा कि 4-5 प्रश्नों के उत्तर निकालकर शीट पर भर दिया जाए। हर प्रश्न के साथ उसे ओएमआर शीट पर भरने में अधिक समय खर्च होता है। वहीं, कई बार ऐसा होता है कि कई अभ्यर्थी अंत में एक साथ ओएमआर शीट भरना चाहते हैं, लेकिन समय की कमी के कारण वे इसे नहीं भर पाते।
- ऐसी दुर्घटना से बचने का सही तरीका यह है कि 4-5 प्रश्नों के उत्तर एक साथ भरते रहें।
- चूंकि वृत्तों को काले या नीले बॉलपॉइंट पेन से भरना है, इसलिए इन्हें भरते समय विशेष सावधानी बरतें।
- कभी भी व्हाइटनर का प्रयोग न करें।
प्रश्न 4: आरपीएससी परीक्षा में समय प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है, इसके लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: पिछले प्रश्न के उत्तर में दिए गए सुझावों का पालन करें। इसके अलावा, परीक्षा से पहले मॉक टेस्ट सीरीज़ में भाग लें और प्रत्येक पेपर में यह जाँच लें कि कौन सा भाग कितने समय में पूरा हुआ। यदि आप पहले से ही अधिक समय लेने वाले प्रश्नों की पहचान कर लेंगे, तो परीक्षा में समय बर्बाद नहीं होगा। बार-बार अभ्यास करने से गति बढ़ाई जा सकती है।
प्रश्न 5: आरपीएससी कुंजी परीक्षा में ‘तार्किक तर्क और मनोमयी’ से प्रश्न पूछे जाते हैं?
उत्तर: हां, आप अवश्य सफल हो सकते हैं। आरपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में ‘लॉजिकल रीजनिंग एवं मेंटल एबिलिटी’ से लगभग 20-30 प्रश्न पूछे जाते हैं जो मुख्यतः मैट्रिक स्तर के होते हैं।
- ये प्रश्न सरल प्रकृति के होते हैं, इसलिए इन्हें थोड़े प्रयास से हल किया जा सकता है। यदि आप तार्किक तर्क में कुछ ऐसे टॉपिक तैयार करते हैं, जो आपको समझ में आते हैं और जिनसे अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं, उदाहरण के लिए, यदि आप सीरीज, कोडिंग-डिकोडिंग के टॉपिक तैयार करते हैं, तो इससे संबंधित 5-7 प्रश्न ठीक रहेंगे।
- इसी तरह, यदि सारणीयन और पाई-चित्र का अभ्यास किया जाए तो 5-8 प्रश्न अधिक सही हो जाएंगे। इसलिए, यदि आप गणित में कमजोर हैं, तो भी आप अभ्यास करके इस खंड के 50% से अधिक प्रश्नों को आसानी से हल कर सकते हैं।
प्रश्न 6: आरपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नों को किस क्रम में हल करना चाहिए? क्या किसी विशेष क्रम से लाभ होता है?
उत्तर: सभी के लिए एक ही उत्तर नहीं हो सकता। यदि आप ‘सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान’ के सभी विषयों में सहज हैं और आपकी गति भी संतोषजनक है तो आप किसी भी क्रम में प्रश्नों को हल करके सफल हो सकते हैं।
- ऐसी स्थिति में बेहतर है कि जिस क्रम में प्रश्न आते हैं, उन्हें उसी क्रम में करते हुए क्रम को बढ़ाया जाए। लेकिन अगर आपकी स्थिति इतनी सुरक्षित नहीं है तो आपको प्रश्नों के क्रम पर विचार करना चाहिए। ऐसी स्थिति में सबसे पहले उन प्रश्नों को हल करें जिनमें कम से कम समय लगता है।
- यदि आपकी राजस्थान राज्य विशेष के संबंध में अच्छी पकड़ है, तो आपको पहले उससे संबंधित 55 से 60 प्रश्न हल कर लेने चाहिए, क्योंकि इनमें समय कम लगेगा और उत्तर सही होने की संभावना अधिक होगी।
- इन 55-60 सवालों को हल करने के बाद आपकी स्थिति बहुत मजबूत हो जाएगी। उसके बाद, जल्दी से उन सवालों को पूछें जिन्हें आप समझने में सहज हैं और जो आपकी समझ से परे हैं उन्हें छोड़ दें।
- उन प्रश्नों के लिए एक चिह्न छोड़ दें जिनके बारे में आपको लगता है कि यदि आपको पर्याप्त समय मिले तो उन्हें हल किया जा सकता है।
- एक सुझाव यह भी हो सकता है कि लगातार एक ही तरह के सवाल पूछने से बचें। अगर आपको ऐसा लगता है तो बीच में ‘लॉजिकल रीजनिंग और मेंटल एबिलिटी’ के कुछ सवाल हल करें, उसके बाद दूसरे सवाल हल करें।
- सभी प्रश्नों के अंक समान होने तथा गलत उत्तरों के लिए ऋणात्मक अंकन (प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई (1/3) अंक काटा जाएगा) का प्रावधान होने के कारण अभ्यर्थियों से तुकांत विधि से बचने की अपेक्षा की जाती है। प्रश्नों को ध्यानपूर्वक हल करें।
प्रश्न 7: क्या आरपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में ‘मॉक टेस्ट’ देने से कोई फायदा है? यदि हाँ, तो क्या?
उत्तर: आरपीएससी की प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए मॉक टेस्ट देना बहुत फायदेमंद साबित होता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप परीक्षा में तनाव को नियंत्रित करना सीखते हैं, साथ ही समय प्रबंधन की क्षमता भी बेहतर होती है।
- मॉक टेस्ट देने से आपको यह पता चलता है कि आपके प्रतिस्पर्धियों की तुलना में आपका स्तर क्या है। साथ ही, विभिन्न परीक्षाओं में आप यह देखने के लिए प्रयोग कर सकते हैं कि प्रश्नों को किस क्रम में व्यवस्थित किया गया है, जिससे आपको सबसे अच्छे परिणाम मिलते हैं। इन प्रयोगों के आधार पर, आप अपनी परीक्षा की रणनीति तय कर सकते हैं।
- ध्यान रखें कि ये सभी लाभ तभी उपलब्ध होंगे जब आपने मॉक टेस्ट सीरीज़ को सावधानी से चुना होगा।
प्रश्न 8: आरपीएससी की मुख्य परीक्षा में राजस्थान राज्य विशेष प्रश्नों का क्या योगदान है? इसकी तैयारी कैसे करें?
उत्तर: RPSC की मुख्य परीक्षा में ‘राजस्थान राज्य विशेष’ के प्रश्नों का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम का अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि चारों अनिवार्य प्रश्नपत्रों में से राजस्थान के संदर्भ में सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्नपत्र, सामान्य अध्ययन द्वितीय प्रश्नपत्र तथा सामान्य अध्ययन तृतीय प्रश्नपत्र सभी महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन करना आवश्यक है। क्योंकि लगभग सभी महत्वपूर्ण प्रश्न राजस्थान के इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत से संबंधित होते हैं; भूगोल अर्थव्यवस्था, राजव्यवस्था एवं समसामयिक गतिविधियों आदि से संबंधित होते हैं।
- आरपीएससी की मुख्य परीक्षा में ‘राजस्थान राज्य विशेष’ के प्रश्नों की तैयारी के लिए किसी विशेष अध्ययन सामग्री की आवश्यकता नहीं है, लेकिन प्रारंभिक परीक्षा के दौरान तैयार किए गए प्रश्नों का विस्तार से अध्ययन करने की आवश्यकता है।
- इसके लिए ‘आपणो राजस्थान’ और ‘लक्ष्य’ पुस्तकों का अध्ययन करना लाभदायक है।
प्रश्न 9: मैं शुरू से ही अंग्रेजी में कमजोर हूं। क्या मैं आरपीएससी की मुख्य परीक्षा पास कर पाऊंगा?
उत्तर: हां, आप अवश्य सफल हो सकते हैं। मुख्य परीक्षा में चतुर्थ प्रश्नपत्र भाषा ज्ञान से संबंधित होता है, जिसमें ‘सामान्य हिंदी एवं सामान्य अंग्रेजी’ के संबंध में कुल 200 अंकों के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका उत्तर आयोग द्वारा दी गई उत्तर-पुस्तिका में लिखना होता है। इसमें 80 अंकों के प्रश्न ‘सामान्य अंग्रेजी’ के पूछे जाते हैं, जिनका स्तर सीनियर सेकेंडरी स्तर का होता है।
- इसके अंतर्गत अंग्रेजी व्याकरण, समझ, अनुवाद, सटीक लेखन, पत्र लेखन, अनुच्छेद लेखन आदि से प्रश्न पूछे जाते हैं। सच तो यह है कि अंग्रेजी में दिए गए समझ और व्याकरण के प्रश्न बहुत आसान भाषा में होते हैं और बहुत कमजोर छात्र भी इसका नियमित अभ्यास कर सकते हैं और औसत अंक प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 10: मुझे शुरू से ही हिंदी व्याकरण में असहजता महसूस होती है, क्या मैं आरपीएससी की मुख्य परीक्षा पास कर पाऊंगा?
उत्तर: हां, आप अवश्य सफल हो सकते हैं। मुख्य परीक्षा में चतुर्थ प्रश्नपत्र भाषा-ज्ञान से सम्बन्धित होता है, जिसमें ‘सामान्य हिन्दी एवं सामान्य अंग्रेजी’ के सम्बन्ध में कुल 200 अंकों के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका उत्तर आयोग द्वारा दी गई उत्तर-पुस्तिका में लिखना होता है।
- इसमें ‘सामान्य हिंदी’ के लिए 120 अंकों के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसका स्तर सीनियर सेकेंडरी स्तर का होता है। इसके अंतर्गत हिंदी व्याकरण, संक्षेपण, पत्र-लेखन और निबंध लेखन आदि से प्रश्न पूछे जाते हैं।
- सच तो यह है कि हिंदी व्याकरण के ये प्रश्न बहुत आसान हैं और बहुत कमजोर विद्यार्थी भी इसका नियमित अभ्यास कर औसत अंक प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 11: मैं शुरू से ही गणित में कमजोर हूं, क्या मैं आरपीएससी की मुख्य परीक्षा पास कर पाऊंगा?
उत्तर: हां, आप निश्चित रूप से सफल हो सकते हैं। सामान्य अध्ययन के दूसरे पेपर में ‘तार्किक योग्यता, मानसिक योग्यता और संख्यात्मकता’ पाठ्यक्रम का हिस्सा है। अंकगणित के वैचारिक पहलुओं के साथ-साथ सांख्यिकीय अवधारणाओं और प्रश्नों का अभ्यास इस खंड के लिए आवश्यक है। ये प्रश्न प्रकृति में सरल हैं, इसलिए इन्हें कम प्रयास से हल किया जा सकता है।
- पहले पूछे गए प्रश्नों को अलग-अलग खंडों में वर्गीकृत करके अभ्यास किया जा सकता है। हो सके तो गणित में कुछ ऐसे टॉपिक तैयार करें जो आपको समझ में आते हों और जिनसे अक्सर प्रश्न पूछे जाते हों।
- निरंतर अभ्यास से इस पेपर में बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है। चूंकि ‘तार्किक योग्यता, मानसिक योग्यता और संख्यात्मकता’ के प्रश्नों का सही उत्तर देने पर आपको पूरे अंक मिलते हैं। इसलिए थोड़े प्रयास से इस खंड में अच्छा प्रदर्शन करके मुख्य परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।
प्रश्न 12: RPSC द्वारा आयोजित इस परीक्षा में साक्षात्कार की क्या भूमिका है? इसकी तैयारी कैसे करें?
उत्तर: आरपीएससी द्वारा आयोजित इस परीक्षा में साक्षात्कार के लिए 100 अंक निर्धारित किए गए हैं। चूंकि अंतिम मेरिट सूची मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के योग के आधार पर तैयार की जाती है, इसलिए इस परीक्षा में अंतिम चयन और पद निर्धारण में साक्षात्कार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है, जिसमें आयोग के सदस्यों द्वारा आयोग में निर्धारित स्थान पर मौखिक प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका अभ्यर्थी को मौखिक रूप से उत्तर देना होता है।
- सामान्य परिस्थितियों में आप RPSC साक्षात्कार में न्यूनतम 40 अंक और अधिकतम 70 अंक प्राप्त कर सकते हैं। यद्यपि साक्षात्कार इस परीक्षा का अंतिम चरण है, लेकिन इसकी तैयारी शुरू से ही शुरू कर देना लाभदायक होता है। वास्तव में किसी भी अभ्यर्थी का व्यक्तित्व विकास एक सतत प्रक्रिया है।
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