अनुच्छेद 371: राजयपालिका विशेष उत्तरदायित्व :-
- अनुच्छेद 371 के तहत राष्ट्रपति को यह प्रावधान करने का अधिकार है कि महाराष्ट्र और गुजरात के राज्यपाल के पास निम्नलिखित के लिए विशेष जिम्मेदारी होगी;
- अलग-अलग विकास बोर्डों की स्थापना विदर्भ, मराठवाड़ा और शेष महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, कच्छ और शेष गुजरात; यह प्रावधान किया गया कि इन बोर्डों के कामकाज पर एक रिपोर्ट हर साल राज्य विधान सभा के समक्ष रखी जाएगी।
- उपर्युक्त क्षेत्रों में विकास व्यय के लिए धन का न्यायसंगत आवंटन। उपर्युक्त क्षेत्रों के संबंध में तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त सुविधाएं तथा राज्य सेवाओं में पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान करने वाली न्यायसंगत व्यवस्था।
सिक्किम के लिए प्रावधान:- 1975 के 36वें संविधान संशोधन अधिनियम ने सिक्किम को भारतीय संघ का पूर्ण राज्य बना दिया। इसमें सिक्किम के संबंध में विशेष प्रावधानों वाला एक नया अनुच्छेद 371-एफ शामिल किया गया। ये इस प्रकार हैं:
- सिक्किम विधान सभा में कम से कम 30 सदस्य होंगे ।
- लोकसभा में सिक्किम को एक सीट आवंटित की गई है और सिक्किम एक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र बनाता है
- सिक्किम की आबादी के विभिन्न वर्गों के अधिकारों और हितों की रक्षा के उद्देश्य से, संसद को सिक्किम विधान सभा में उन सीटों की संख्या के लिए प्रावधान करने का अधिकार है, जिन्हें ऐसे वर्गों से संबंधित कैडरों द्वारा भरा जा सके तथा उन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन किया जा सके, जहां से केवल ऐसे वर्गों से संबंधित उम्मीदवार ही चुनाव लड़ सकें।
- राज्यपाल के पास शांति और सिक्किम की आबादी के विभिन्न वर्गों की सामाजिक और आर्थिक उन्नति सुनिश्चित करने के लिए न्यायसंगत व्यवस्था के लिए विशेष जिम्मेदारियां होंगी।
- राष्ट्रपति भारतीय संघ के किसी राज्य में लागू किसी भी कानून को सिक्किम पर लागू कर सकते हैं।
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