- भ्रष्टाचार एक ऐसा खतरा है जिसका लोगों के मौलिक अधिकारों के साथ-साथ देश के विकास पर भी गंभीर असर पड़ता है।
- इसके अतिरिक्त यह भी कहा जाता है कि भ्रष्टाचार की व्यापकता गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने की पूरी संभावना को बाधित करती है।
- भारत में भ्रष्टाचार के उच्च स्तर को आम तौर पर शासन की गुणवत्ता में सुधार और देश के विकास को कमजोर करने में एक बड़ी बाधा के रूप में माना जाता है।
- इस सामाजिक बुराई को मिटाने के लिए भारत सरकार द्वारा कई वैधानिक निकाय स्थापित किए गए हैं, लेकिन भ्रष्टाचार की इस बुराई से निपटने के लिए कोई प्रभावी शक्तियाँ नहीं बनाई गई हैं।
- लोकपाल और लोकायुक्त की एक स्वतंत्र संस्था भारतीय राजनीति के इतिहास में एक मील का पत्थर रही है, जिसने भ्रष्टाचार के कभी न खत्म होने वाले खतरे का समाधान पेश किया।
- यह सार्वजनिक प्राधिकरण के सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय देता है।
भारत में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण तथा नागरिकों के शिकायतों के निवारण के लिए वैधानिक और संस्थागत ढाँचे के अतर्गत निम्नलिखित सम्मिलित हैं:-
- लोक सेवक जाँच अधिनियम, 1850
- भारतीय दंड संहिता, 1860
- विशेष पुलिस प्रतिष्ठान, 1941
- दिल्ली पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988
- जाँच आयोग अधिनियम, 1952 (राजनीतिक नेताओं तथा प्रमुख सार्वजनिक व्यक्तियों के लिए)
- अखिल भारतीय सेवाएँ (आचार) नियमावली, 1968
- केन्द्रीय सिविल सेवाएँ (आचार) नियमावली, 1964
- रेल सेवाएँ (आचार) नियमावली, 1966
- मंत्रालयों/विभागों, सम्बद्ध एवं अधीनस्थ कार्यालयों तथा लोक उपक्रमों में निगरानी संगठन
- केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो, 1963
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग, 1964
- राज्य सतर्कता आयोग, 1964
- राज्यों में भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो
- केन्द्र में लोकपाल (ओमबुड्समैन)
- राज्यों में लोकायुक्त (ओमबुड्समैन)
- प्रभागीय सतकता बोर्ड
- जिला सतकता अधिकारी
- राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
- सर्वोच्च न्यायालय तथा राज्यों में उच्च न्यायालय
- प्रशासनिक न्यायाधिकरण (उर्दू न्यायिक निकाय)
- कैबिनेट सचिवालय में लोक परिवाद निदेशालय, 1988
- संसद एवं इसकी समितियाँ
- केरल जैसे राज्यों में ‘”फाइल टू फिल” (खेतों तक संचिकाएँ) कार्यक्रम। इस नवाचारी योजना में प्रशासक स्वयं गाँबॉ/क्षेत्रो का दौरा करता है तथा लोगों की शिकायतें सुनता है और जहाँ कहीं संभव हो तत्काल कार्रवाई करता है।
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