नीति आयोग की भूमिकाएँ और महत्त्व:-
अपने विभिन्न कार्यों के माध्यम से, नीति आयोग देश के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाता है। भूमिकाओं के सन्दर्भ में इसके महत्त्व को निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है:
- रणनीतिक और दीर्घकालिक योजना (Strategic and Long-term Planning):-
- नीति आयोग पारंपरिक पंचवर्षीय योजनाओं के बजाय दीर्घकालिक रणनीतिक योजना पर ध्यान केंद्रित करता है। इससे देश और राज्यों को विकास एवं वृद्धि के लिए एक दूरदृष्टिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने की अनुमति मिलती है।
- सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना (Fostering Cooperative Federalism):-
- निर्णय लेने की प्रक्रिया में राज्य सरकारों को शामिल करके, नीति आयोग सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है।
- प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देना (Promoting Competitive Federalism):-
- भारतीय संघ के विभिन्न इकाइयों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर, नीति आयोग प्रतिस्पर्धी संघवाद को प्रोत्साहित करता है। यह बदले में, पूरे देश में तीव्र विकास में मदद करता है।
- नीति परामर्श (Policy Advisory):-
- प्रमुख थिंक टैंक के रूप में नीति आयोग एक नीति सलाहकार के रूप में कार्य करता है, जो सरकार को आर्थिक सुधारों से लेकर सामाजिक नीतियों तक, कई विषयों पर विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि और सिफारिशें प्रदान करता है।
- निगरानी और मूल्यांकन (Monitoring and Evaluation):-
- नीति आयोग विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और पहलों के कार्यान्वयन की निगरानी करता है, और सुधार के लिए प्रतिक्रिया और सिफारिशें भी प्रदान करता है।
- नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना (Promotion of Innovation and Entrepreneurship):-
- अपने प्रमुख उद्देश्यों में से एक के रूप में, नीति आयोग पूरे देश में नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देता है। यह बदले में रचनात्मकता और स्टार्ट-अप की संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद करता है।
- समावेशी विकास(Inclusive Development):-
- इसके कामकाज के विभिन्न स्तंभ जैसे कि शासन में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाना, महिलाओं का सशक्तिकरण आदि, देश में समावेशी विकास सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।
- रणनीतिक और दीर्घकालिक योजना (Strategic and Long-term Planning):-
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